MFI की गणना कैसे करें

आजीविका माइक्रोफाइनेंस योजना (एएमवाई)
एनएसएफडीसी की पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले चुनिंदा एनबीएफसी-एमएफआई को चयनित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में एनएसएफडीसी के चैनलाइजिंग एजेंसी (सीए) के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त किया जा सकता है। एनएसएफडीसी और एनबीएफसी-एमएफआई के बीच संबंध पूर्णत: एनएसएफडीसी ऋण नीति तथा समझौता-करार के निबंधनों और शर्तों के अनुसार दोनों पक्षों के मध्य हस्ताक्षरित एक करार द्वारा संविदात्मक संबंध के रूप में शासित एवं निर्देशित होंगे ।
प्रतिभूति (सिक्युरिटी)
एनएसएफडीसी से संवितरण लेते समय, एनबीएफसी-एमएफआई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की बैंक गारंटी प्रदान करेगा अथवा उस पर ब्याज सहित इस करार के अंतर्गत मंजूर ऋण का समय पर भुगतान के लिए एनएसएफडीसी को प्रतिभूति के रूप में उन्हें संवितरित राशि के बराबर "एनबीएफसी-एमएफआई अकाउंट एनएसएफडीसी" के नाम पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की सावधि जमा राशि प्रदान करेगा । एनएसएफडीसी की सभी बकाया राशि का पूरा भुगतान अथवा एनबीएफसी-एमएफआई से पूरी तरह से अदायगी किए जाने तक बैंक गारंटी/ सावधि जमा की वैधता अवधि जारी रहेगी । यदि एनबीएफसी-एमएफआई, एनएसएफडीसी को सावधि जमा उपलब्ध कराता है तो उस पर प्राप्त ब्याज एनबीएफसी-एमएफआई को देय होगा।
एनबीएफसी-एमएफआई द्वारा चूक की स्थिति में इस करार के अंतर्गत दिए गए अग्रिम की पूर्ण या आंशिक राशि के लिए एनएसएफडीसी द्वारा बैंक गारंटी जब्त कर ली जाएगी/ सावधि जमा को भुना लिया जाएगा ।
इकाई लागत
परियोजना की इकाई लागत रू.60,000/- से अधिक नहीं होगी ।
सहायता की प्रमात्रा
एनएसएफडीसी का अंश परियोजना लागत का 90% तक हो सकता है। शेष 10% अंश का योगदान एनबीएफसी-एमएफआई और/अथवा लाभार्थियों को करना होगा।
ब्याज दर
योजना के अंतर्गत ब्याज प्रभारित करने की पद्धति;
एनएसएफडीसी से एनबीएफसी-एमएफआई
एनबीएफसी-एमएफआई को ब्याज का विस्तार
एनबीएफसी-एमएफआई से लाभार्थियों को
लक्ष्य समूह वार्षिक आधार पर देयों की समय से पूरी चुकौती करने पर एनएसएफडीसी से 2% वार्षिक की दर से ब्याज में छूट पाने के पात्र होंगे । एनएसएफडीसी द्वारा ऋण राशि, एनबीएफसी-एमएफआई से लाभार्थी द्वारा त्वरित भुगतान की जानकारी मिलने के बाद प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) द्वारा लाभार्थी के लेखे में सीधे अंतरित किया जाएगा बशर्ते कि एनबीएफसी-एमएफआई द्वारा पूरी चुकौती की गई हो।
चुकौती अवधि
ऋण को 3 माह की अधिस्थगन काल सहित प्रत्येक संवितरण की तारीख से अधिकतम तीन वर्षों की अवधि के अंदर तिमाही किस्तों में चुकाना होगा। इसके अलावा, निधि उपयोग के लिए राज्य चैनलाइजिंग एजेंसी को 90 दिनों की अवधि अनुमत्य है। ब्याज के भुगतान के लिए कोई अधिस्थगन काल नहीं होगा ।
द्वितीय ऋण
पूर्व ऋण की चुकौती के बाद, पात्र लाभार्थी एनबीएफसी - एमएफआई अथवा एनएसएफडीसी की अन्य चैनलाइजिंग एजेंसियों से एनएसएफडीसी की योजनाओं के अंतर्गत दुबारा ऋण लेने के पात्र हो सकते हैं
EPF खाते में कैसे बढ़ रहा है आपका पैसा? आसान तरीके से कर सकते हैं ब्याज कैलकुलेट
How to Calculate EPF Interest: ईपीएफ खाते में जमा पैसे पर ब्याज की गणना हर महीने जमा राशि के आधार पर की जाती है लेकिन आमतौर पर इसे चालू MFI की गणना कैसे करें वित्त वर्ष के आखिरी दिन जमा किया जाता है.
पीएफ खाते से जो राशि पेंशन फंड में जाती है, उस पर ब्याज का कैलकुलेशन नहीं होता है.
How to Calculate EPF Interest: आप आप नौकरीपेशा हैं तो आपका ईपीएफ अकाउंट भी होगा. इसमें कर्मी या नियोक्ता द्वारा जितनी राशि जमा होती है, उस पर ब्याज मिलता है. हर साल आपके ईपीएफ खाते में ब्याज के तौर पर रिटर्न मिलता है. ब्याज की गणना ईपीएफ खाते में जमा पैसे पर हर महीने जमा राशि के आधार पर की जाती है. लेकिन आमतौर पर इसे चालू वित्त वर्ष के आखिरी दिन जमा किया जाता है. ईपीएफओ के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के दौरान अगर कोई राशि निकाली गई हो तो उसे घटाकर 12 महीने के ब्याज का आकलन किया जाता है.
ईपीएफ पर ब्याज दर की हर साल घोषणा की जाती है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी की ब्याज दर निर्धारित किया गया है. इसे वित्त मंत्रालय की सलाह से ईपीएफओ की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज निर्धारित करती है. एक खास बात और है कि जो राशि ईपीएस खाते में जमा होती है, उस पर ब्याज नहीं मिलता है यानी जो राशि पेंशन फंड में जाती है, उस पर ब्याज का कैलकुलेशन नहीं होता है.
इस तरह होती है ब्याज की गणना
एक उदाहरण से हम समझ सकते हैं कि ईपीएफ खाते में ब्याज की गणना कैसे की जाती है.
Bank RD vs Post Office RD: 10 साल में जमा करना है 10 लाख, हर महीने कितना करें निवेश, ये हैं बेस्ट आरडी प्लान
LIC New Endowment Plan: एलआईसी के इस प्लान में रोज बचाएं सिर्फ 71 रुपये, मैच्योरिटी पर मिलेंगे 48.75 लाख रुपये
- कर्मी का मूल वेतन (बेसिक सैलरी) + महंगाई भत्ता (डीए) = 15 हजार रुपये
- ईपीएफ में एम्प्लॉयी का योगदान = 15 हजार रुपये का 12% = 1800 रुपये
- एम्प्लॉयर्स का ईपीएफ में योगदान = 15 हजार रुपये का 3.67 फीसदी = 550.5
- एम्प्लॉयर्स का ईपीएस में योगदान = 15 हजार रुपये का 8.33 फीसदी= 1249.5 रुपये
- ईपीएफ खाते में कुल योगदान= 1800+550.5= 2350.5 रुपये
- हर महीने होने ईपीएफ खाते में योगदान= 1800+550.5 =2350.5 रुपये
- यह राशि हर महीने ईपीएफ खाते में जमा होगी और इस पर निर्धारित ब्याज दर (वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सालाना 8.5 फीसदी) से ब्याज खाते में क्रेडिट होगा.
- 8.5 फीसदी की सालाना ब्याज दर के मुताबिक हर महीने 0.708 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा लेकिन यह वित्त वर्ष के आखिरी दिन क्रेडिट होगा.
- अब मान लेते हैं कि आपने अप्रैल 2019 में ऑफिस जॉइन किया है तो अप्रैल में जो राशि ईपीएफ खाते में जमा हुई है, उस पर ब्याज नहीं मिलेगा.
- मई 2019 में आपके खाते में 4701 रुपये (2350.5+2350.5) होंगे और उस पर 4701*0.71%=33.38 रुपये ब्याज मिलेगा. इसी तरह अन्य महीने के ब्याज की गणना कर सकते हैं.MFI की गणना कैसे करें
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House Tax Calculation : क्या अभी खरीदे हैं नया घर? यहां जानें कैसे की जाती है हाउस टैक्स की गणना और कहां पर होता है जमा?
House Tax Calculation : House Tax Calculation : अगर आपने अभी हाल ही में नया घर खरीदा है तो उसकी मरम्मत पर होने वाले खर्च के साथ-साथ हाउस टैक्स आदि के बारे में भी होने वाले खर्च के बारे में जानकारी होना आवश्यक है.
Updated: November 10, 2022 9:51 AM IST
House Tax Calculation : संपत्ति की ख़रीदारी करना काफी जटिल प्रक्रिया है. इसमें MFI की गणना कैसे करें काफी बड़ी पूजी की जरूरत पड़ती है. किसी को बड़ी रकम निवेश करने की आवश्यकता होती है. इतना ही नहीं, जब आप नए घर के मालिक बन जाते हैं, तो उसके बाद भी घर को अच्छे से बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण राशि खर्च करनी पड़ती है. इसमें पेंट से लेकर या छत के वॉटरप्रूफ कराने तक का खर्च शामिल होता है.
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इसके अलावा, घर के मालिक को नगरपालिका या प्राधिकरण या क्षेत्र के निगम को संपत्ति कर या गृह कर के रूप में भुगतान करना पड़ता है.
जानें- क्या होता है हाउस टैक्स?
स्थानीय नगरपालिका प्राधिकरण अन्य सुविधाओं के साथ-साथ पार्क, सीवर सिस्टम, सड़क और स्ट्रीट लाइट जैसी नागरिक सुविधाओं और सेवाओं को बनाए रखने के लिए संपत्ति कर एकत्र किया जाता है.
खाली पड़े भूखंड पर नहीं लगाया जाता टैक्स
यह टैक्स संपत्ति के मालिक से वसूला जाता है. भारत में, बिना किसी निर्माण के खाली भूखंडों पर टैक्स नहीं लगाया जाता है.
स्थानीय अधिकारी हाउस टैक्स जमा करते हैं. इसकी दर अलग-अलग राज्यों, शहरों और क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकती है.
कैसे की जाती है हाउस टैक्स की गणना?
विभिन्न नगरपालिका अधिकारियों के लिए हाउस टैक्स की गणना करने का तरीका अलग-अलग होता है. इसके लिए तीन पद्धतियां हैं, जिनके माध्यम से हाउस टैक्स एकत्र किया जाता है.
सालाना रेंट प्राइस सिस्टम
इसके जरिए हाउस टैक्स की गणना संपत्ति के वार्षिक किराया मूल्य के आधार पर की जाती है. यह संपत्ति पर एकत्रित वास्तविक MFI की गणना कैसे करें किराए की राशि को संदर्भित नहीं करता है.
इसके बजाय, यह नगरपालिका प्राधिकरण द्वारा तय किया गया निश्चित किराये का मूल्य है, जो घर के स्थान, आकार या स्थिति जैसे कारकों पर निर्भर करता है.
कैपिटल प्राइस सिस्टम
नगरपालिका प्राधिकरण उस पर लगाए जाने वाले टैक्स की गणना करने के लिए संपत्ति के बाजार मूल्य को ध्यान में रखता है.
संपत्ति की कीमत सरकार तय करती है. संपत्ति के स्थान के आधार पर इसमें सालाना MFI की गणना कैसे करें संशोधित किया जाता है.
यूनिट वैल्यू सिस्टम
इस प्रणाली में संपत्ति के बिल्ट-अप या कारपेट एरिया के प्रति यूनिट मूल्य पर संपत्ति कर लगाना शामिल है.
जमीन की कीमत, उपयोग और स्थान के आधार पर संपत्ति से अपेक्षित रिटर्न के आधार पर इसकी कीमत तय की जाती है.
कहां जमा करें हाउस टैक्स?
कोई भी व्यक्ति क्षेत्र में स्थानीय नगर निगम के कार्यालय या नगर पालिका द्वारा नामित बैंकों में जाकर हाउस टैक्स जमा कर सकता है.
जिस संपत्ति पर आप कर का भुगतान करना चाहते हैं, उसकी पहचान करने के लिए किसी को संपत्ति कर संख्या या खाता संख्या प्रदान करनी होगी.
मालिक अपने हाउस टैक्स का भुगतान संबंधित राज्य MFI की गणना कैसे करें सरकार या स्थानीय नगरपालिका की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी कर सकते हैं.
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मुद्रा लोन कहां मिलता है? जानिए मुद्रा लोन बैंक लिस्ट
अक्सर एमएसएमई कारोबारी यह जानना चाहते हैं कि मुद्रा लोन बैंक लिस्ट क्या है? मुद्रा लोन किस बैंक से मिलता है? इस आर्टिकल में यह पता चलेगा कि मुद्रा लोन किस बैंक से मिलता है और मुद्रा लोन बैंक लिस्ट में कितने बैंक और कंपनी आती हैं।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर के कारोबार यानी छोटे और मध्यम बिजनेस लोन के रुप में आर्थिक मदद करने के उद्देश्य अप्रैल 2015 में मुद्रा यानी Micro Units Development and Refinance Agency Limited (MUDRA) योजना शुरु की गई है।
मुद्रा योजना का पूरा नाम – Full Form of मुद्रा योजना- माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) है। यह एक गैर-बैकिंग वित्तिय संस्थान यानी MFI की गणना कैसे करें नॉन बैकिंग फाइनेंशियल कंपनी है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि एमएसएमई बिजनेस का विस्तार करने के लिए देश की प्रमुख एनबीएफसी ZipLoan से 7.5 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन, बिना कुछ गिरवी रखे, सिर्फ 3 दिन* में मिलता है।
मुद्रा लोन योजना के तहत एमएसएमई सेगमेंट में नया कारोबार शुरु करने के लिए और पुराने बिजनेस का विस्तार करने के लिए बिना कुछ गिरवी रखे अधिकतम 10 लाख रुपये तक बिजनेस लोन, तीन कैटेगरी में प्रदान किया जाता है।
- शिशु लोन – 50 हजार रुपये तक का लोन
- किशोर लोन – 50 हजार से 5 लाख रुपये तक का लोन
- तरुण लोन – 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का लोन
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मुद्रा योजना के तहत कितने बैंक से लोन कैसे ले सकते हैं?
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत देश में 27 सरकारी बैंक, प्राइवेट सेक्टर के 17 बैंक, 31 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, 4 सहकारी बैंक, 36 माइक्रो फाइनेंस संस्थान और 25 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से मुद्रा लोन ले सकते है।