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आगे का निवेश

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कैसे होता इनका कैलकुलेशन
इसका एक तय फॉर्मूला है. (100- खरीद कीमत)/ खरीद कीमत*(365 दिन/91 दिन)*100. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. खरीद कीमत यहां कट ऑफ प्राइज है जो आरबीआई तय करता है. 91 दिन के ट्रेजरी बिल की फेस वैल्यु 100 रुपये है और कट ऑफ प्राइज 98.4178 है इसे अब फॉर्मूले में डालते हैं. [(100-98.4178) ÷ 98.4178]* (365/91)×100. इसका हल करीब 6.45 फीसदी होगा.

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G-20 की बैठक में विदेशी निवेश लाने पर होगा जोर, चीन से भी आगे निकलेगा भारत; यह है पीएम मोदी का मास्टर प्लान

जी-20 की बैठक में पीएम मोदी के भाषण में भारत में एफडीआइ लाने पर जोर होगा। पहली बार इस साल 100 अरब डॉलर से ज्यादा का एफडीआइ आने की संभावना है। बैठक में भारत को आकर्षक निवेश स्थल के तौर पर पेश करने पर जोर आगे का निवेश दिया जाएगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले हफ्ते दुनिया में आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे सक्षम 19 देशों के मुखियाओं के समक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को सबसे आकर्षक निवेश स्थल के तौर पर पेश करेंगे। बाली में 15-16 नवंबर को आर्थिक तौर पर 20 शीर्ष संपन्न देशों के मुखियाओं की बैठक में पीएम मोदी इस खास एजेंडे के साथ हिस्सा लेंगे।

जी-20 से आर्थिक फायदा लेना चाहता है भारत

दरअसल, यह एजेंडा सिर्फ बाली बैठक का ही नहीं होगा, बल्कि अगले वर्ष जी-20 संगठन का अगुवाई कर रहे भारत की आगे का निवेश मंशा है कि इस आयोजन का पूरा फायदा आर्थिक तौर पर उठाने की कोशिश हो। ऐसे में इस जी-20 के तत्वाधान में जितनी बैठकें भारत में होंगी, उसमें से अधिकांश में भारत को एक आकर्षक व बेहद संभावनाओं वाले निवेश स्थल के तौर पर मार्केटिंग की जाए।

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भारत को अपनी क्षमता दिखाने का मिला है बेहतरीन मौका

भारत की इस रणनीति के बारे में अधिकारियों ने बताया है कि हाल के समय में जब विश्व बैंक व अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसी एजेंसियां मान रही हैं कि वर्ष 2023 में भारत की आर्थिक विकास दर पहली बार चीन की विकास दर से काफी ज्यादा रहेंगी तो हमें आर्थिक तौर पर संपन्न देशों के बीच अपनी क्षमता दिखाने का इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा।

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छोटी अवधि में सुरक्षित निवेश के साथ जबरदस्त रिटर्न के मामले में सबसे आगे हैं टी-बिल, कैसे करें इनमें निवेश?

टी-बिल में कम से कम आपको 25,000 रुपये लगाने होते हैं. (फोटो- न्यूज18)

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : November 29, 2022, 08:25 IST

हाइलाइट्स

टी-बिल तीन तरह के होते हैं. 91 दिन, 182 दिन और आगे का निवेश 364 दिन के टी-बिल.
सरकार को दिए कर्ज को आरबीआई बॉन्ड और बिल के रूप में नीलाम करता है.
सरकार और आरबीआई के हस्तक्षेप के कारण ये बेहद सुरक्षित निवेश विकल्प हैं.

नई दिल्‍ली. अगर आप शॉर्ट टर्म में ज्‍यादा रिटर्न पाना चाहते हैं तो ट्रेजरी बिल आपके लिए फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट से बेहतर विकल्प हो सकते हैं. एफडी पर 1-2 साल के टर्म में जहां आपको 6.1 फीसदी ब्‍याज मिलता है वहीं 364 दिन के ट्रेजरी बिल की यील्ड 6.94 फीसदी है. बता दें कि अब इसमें खुदरा निवेशक भी पैसा लगा सकते हैं. पहले टी-बिल में केवल बैंक या बड़े वित्तीय संस्थान ही निवेश कर सकते थे.

जब सरकार किसी जरूरत के समय आरबीआई से कर्ज लेती है तो केंद्रीय बैंक इस कर्ज को बॉन्ड या ट्रेजरी बिल के रूप में नीलाम करता है. इसे आप खरीदते हैं और सरकार को कर्ज देते हैं. जिस तरह से कर्ज लेने के लिए आपको बैंक को ब्याज देना पड़ता है उसी तरह कर्ज देने के लिए यील्ड के रूप में आपको ब्याज मिलता है. सरकार 1 साल के अंदर जितना कर्ज वापस करती है उसे ट्रेजरी बिल कहा जाता है.

हम क्यों निवेश करते हैं

2013 में उस भावना को उठाते हुए, बोर्ड ने एक सावधानीपूर्वक प्रक्रिया शुरू की, जिसमें पूछा गया: वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के आगे का निवेश लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार के हमारे मिशन को आगे बढ़ाने के लिए और क्या कर सकते हैं?

2014 में, McKnight Foundation ने ऐसी रणनीतियों में $ 200 मिलियन (इसके $ 2 बिलियन की बंदोबस्ती का 10 प्रतिशत) का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध किया जो McKnight के मिशन के साथ संरेखित हुई। ये निवेश वित्तीय प्रतिफल उत्पन्न करते हैं, हमारे मिशन को आगे बढ़ाते हुए, सभी को हमारी कर्तव्यनिष्ठा और ड्राइव प्रोग्राम लर्निंग से मिलते हैं। हम एक ट्रिपल बॉटम लाइन जनरेट करना चाहते हैं।

वित्तीय रिटर्न

प्रत्येक निवेश में एक लक्षित वित्तीय रिटर्न होता है जो हमारे वित्तीय मानकों को पूरा करता है। हमारे प्रभाव निवेश पोर्टफोलियो का आधा मानक बाजार के विस्तार के अनुरूप होना आगे का निवेश चाहिए; एक और तिमाही धीरे-धीरे अधिक जोखिम लेगी, और शेष तिमाही कार्यक्रम-संबंधित निवेश (पीआरआई) में होगी, जो आईआरएस द्वारा एक धर्मार्थ उद्देश्य के साथ गैर-वाणिज्यिक निवेश के रूप में परिभाषित की जाती है।

प्रत्येक निवेश प्रेरणादायक तरीकों से सामाजिक और / या पर्यावरणीय चुनौतियों को हल करने में योगदान देता है। हम निवेश की तलाश करते हैं जो किफायती आवास बनाते हैं, हमारे मेट्रो क्षेत्र की स्थिरता का निर्माण करने में मदद करते हैं, ऊर्जा दक्षता में वृद्धि करते हैं, बिजली की वितरित पीढ़ी को बढ़ावा देते हैं, वाणिज्यिक कृषि में रासायनिक आदानों को कम करते हैं, या घास के मैदान और आर्द्रभूमि को संरक्षित करते हैं।

Zomato: स्‍टॉक 4% से ज्‍यादा टूटा; आगे कैसे बनाएं निवेश स्‍ट्रैटजी? इस साल 55% टूट चुका है शेयर

Zomato Share Price: जोमैटो के को-फाउंडर मोहित गुप्‍ता के इस्‍तीफे के बाद शेयर पर दबाव देखा जा रहा है. साथ ही कंपनी में 3 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की खबर है. इस डेवलपमेंट के बाद फूड डिलिवरी प्‍लेटफॉर्म के शेयर का सेंटीमेंट कमजोर है.

Zomato Share Price: ऐप बेस्‍ड फूड डिलिवरी कंपनी Zomato और उसके स्‍टॉक में इन दिनों काफी उथल-पुथल देखी जा रही है. कंपनी का आगे का निवेश शेयर सोमवार (21 नवंबर 2022) को 4 फीसदी से ज्‍यादा टूट गया. बीते 5 ट्रेडिंग आगे का निवेश आगे का निवेश सेशन में शेयर में 8 फीसदी से ज्‍यादा की गिरावट देखने को मिली. दरअसल, जोमैटो के को-फाउंडर मोहित गुप्‍ता (Mohit Gupta) के इस्‍तीफे के बाद शेयर पर दबाव देखा जा रहा है. साथ ही कंपनी में 3 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी होने जा रही आगे का निवेश है. इससे करीब 3800 कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है. इस डेवलपमेंट के बाद फूड डिलिवरी प्‍लेटफॉर्म के शेयर का सेंटीमेंट कमजोर है. इस अपडेट के बाद ग्‍लोबल ब्रोकरेज हाउसेस ने जोमैटो के शेयर पर निवेश की जारी की है.

Zomato: शेयर में आगे क्‍या करें?

ग्‍लोबल ब्रोकरेज जेफरीज (Jefferies) ने जोमैटो पर खरीदारी की सलाह बरकरार रखी है. प्रति शेयर टारगेट प्राइस 100 रुपये रखा है. ब्रोकरेज का कहना है कि को-फाउंडर मोहित गुप्‍ता कंपनी छोड़ने जा रहे हैं. कंपनी के फाउंडर एवं सीईओ दीपेंदर गोयल फूड डिलिवरी बिजनेस को लीड कर सकते हैं. इससे लीडरशिप की चिंताओं दूर हो सकती है. कंपनी का फोकस ग्रोथ को रफ्तार देने पर हो सकता है. इनमें से कुछ दिखाई दे रहा है. मैनेजमेंट अब ग्रोथ और मार्जिन में संतुलन बनाएगा.

मॉर्गन स्‍टैनली (Morgan Stanley) ने जोमैटो पर 'ओवरवेट' की राय बरकरार रखी है. टारगेट प्रति शेयर 92 रुपये रखा है. मैक्‍वायरी (Macquarie) ने जोमैटो पर 'न्‍यूट्रल' की रेटिंग बनाए रखी है. प्रति शेयर टारगेट 60 रुपये रखा है. 18 नवंबर 2022 को स्‍टॉक का भाव 67 रुपये पर बंद हुआ था.

CEO से को-फाउंडर बने थे मोहित

Zomato ने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि कंपनी के को-फाउंडर मोहित गुप्ता (Mohit Gupta) ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. गुप्ता करीब साढ़े चार साल पहले जोमैटो में शामिल हुए थे. उन्हें फूड डिलीवरी बिजनेस के CEO पोस्ट से आगे बढ़ाकर को-फाउंडर तक प्रमोट किया गया था. कंपनी की ओर से एक्‍सचेंज को दी गई जानकारी गुप्ता का लेटर शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा, "Zomato से आगे बढ़ने का फैसला कर रहे हैं, ताकि अन्य अज्ञात मौकों की तलाश कर सकें, जो उन्हें जिंदगी में मिलती है."

Zomato लिमिटेड के स्टॉक की शेयर बाजार में लिस्टिंग 23 जुलाई 2021 को हुई थी. आईपीओ के लिए इश्यू प्राइस 76 रुपये था, जबकि यह 115 रुपये पर लिस्ट हुआ. वहीं, लिस्टिंग के दिन यह 66 फीसदी प्रीमियम के साथ 126 रुपये के भाव पर बंद हुआ. लिस्ट होने के बाद 16 नवंबर 2021 में यह शेयर 169 रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया. हालांकि, उसके बाद से इसमें करेक्शन है. NSE पर 27 जुलाई 2022 को स्‍टॉक 40.60 रुपये के ऑल टाइम लो बनाया. इस साल अब तक शेयर करीब 55 फीसदी टूट चुका है.

रिटायरमेंट की चिंता या बच्चे की पढ़ाई… जानिए कहां-कहां निवेश कर रहे भारतीय ?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित गुप्ता

Updated on: Nov 27, 2022, 8:00 AM IST

देश में म्‍यूचुअल फंड पर भरोसा करने वालों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है. बैंक बाजार का हालिया सर्वे कहता है, देश में 57 फीसदी लोग निवेश के लिए म्‍यूचुअल फंड को चुन रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह भी रही है कि अब भारतीयों को निवेश के लिए सरकारी योजनाएं आकर्षित नहीं कर रहीं. आंकड़ों से समझ‍िए किन राज्‍य के लोगों को म्‍यूचुअल फंड पर सबसे जयादा भरोसा और आखिर किस लिए भारतीय निवेश कर रहे हैं…

देश में म्‍यूचुअल फंड पर भरोसा करने वालों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है. बैंक बाजार का हालिया सर्वे कहता है, देश में 57 फीसदी लोग निवेश के लिए म्‍यूचुअल फंड को चुन रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह भी रही है कि अब भारतीयों को निवेश के लिए सरकारी योजनाएं आकर्षित नहीं कर रहीं. आंकड़ों से समझ‍िए किन राज्‍य के लोगों को म्‍यूचुअल फंड पर सबसे जयादा भरोसा और आखिर किस लिए भारतीय निवेश कर रहे हैं…

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