स्टॉक ट्रेडिंग

Trading क्या है – Trading कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग किसे कहते है
बाज़ार में कम समय के अन्दर मुनाफा कमाने के लिए लोग ट्रेडिंग करते है और यह Trading कई प्रकार कि चीजों पर कि जाती है. मुख्य रूप से ट्रेडिंग में लोग सबसे ज्यादा शेयर पर ट्रेडिंग करते है और स्टॉक पर ट्रेडिंग करके एक ही दिन में लाखों और हजारों रूपये कमा लेते है.
अगर आप भी ट्रेडिंग कि मदद से हजारों और लाखों रूपये कमाना चाहते है तो उसके लिए आपको ट्रेडिंग को समझना होगा तो चलिए जानते है Trading Kya Hai और Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai है.
Trading Kya Hai और Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai
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Trading Kya Hai
ट्रेडिंग क्या है: Trading में हम शेयर मार्केट से शेयर को खरीदने और बेचने का काम करते है. जहाँ हम शेयर को stock exchange से कम price पर buy कर लेते है और उस शेयर की price high होने पर उसे sell कर देते है. इस प्रक्रिया को हम ट्रेडिंग कहते है.
ट्रेडिंग का मुख्य मकसद किसी भी वास्तु या सेवा को खरीद व बैच कर कम समय में लाभ कमाना होता है. यही कारण है कि Trading Share Market में सबसे ज्यादा कि जाती है और लोग हर रोज शेयर पर ट्रेडिंग करके हजारों और लाखों रूपये कमा लेते है.
Trading Kya Hoti Hai
What Is Trading in Hindi: Trading का मतलब Buy और Sell करना होता है जहाँ हम किसी भी चीज को कम भाव में खरीद लेते है और उसके बाद जब उसका भाव बढ़ जाता है तो उसे बैच देते है.
इस प्रकार कम पैसे में खरीदी गई चीज़ को जब ज्यादा दम में बेचा जाता है तो हमे उस पर कुछ पैसों का मुनाफा होता है जिसे हम ट्रेडिंग कहते है.
तो अगर आप Share पर ट्रेडिंग करके पैसे कमाना चाहते है तो सबसे पहले आपको शेयर मार्केट ट्रेडिंग को समझना होगा चलिए जानते है शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है ?.
Share Market Trading Kya Hai
शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है: शेयर मार्केट ट्रेडिंग, शेयर पर होने वाली ट्रेडिंग को कहते है. जब सुबह 9:15 AM पर शेयर मार्केट खुलती है तब ट्रेडर कम दाम में शेयर को खरीद लेते है.
और दोपहर के 3:30 PM के पहले शेयर को बेच देते है . क्योंकि शेयर मार्केट सुबह 9:15 AM पर खुलती है और 3:30 PM पर बंद हो जाती है. इस बीच ट्रेडर अपने ख़रीदे हुए शेयर पर अनुमानित मुनाफे को देख कर शेयर को बेच के मुनाफा कमा लेते है.
लेकिन शेयर मार्केट में ट्रेडिंग अलग-अलग प्रकार कि होती है और ट्रेडर अपनी सुविधा और जोखिम के अनुसार ट्रेडिंग करते है.
Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं: Trading तीन प्रकार की होती है जिसे हम Intraday Trading, Scalping Trading, Swing Trading कहते है. शेयर मार्केट में लोग इन्ही तीनो ट्रेडिंग स्टॉक ट्रेडिंग की मदद से शेयर बाज़ार में पैसा लगाते है और रोज हजारों रूपए कमाते है.
Types of Trading
- Intraday Trading
- Scalping Trading
- Swing Trading
Intraday Trading Kya Hai
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है: शेयर मार्केट के खुलने से लेकर उसके बंद होने के पहले शेयर को खरीद कर बेचने को Intraday Trading कहते है.
इसमें ट्रेडर 9:15 AM से 3:30 PM के बीच शेयर को खरीदता और बेचता है. जिससे उसे एक ही दिन में शेयर पर ट्रेडिंग करने पर मुनाफा मिलता है और इसी तरह इंट्राडे ट्रेडिंग की जाती है.
Intraday Trading के बारे में और भी अधिक जानने के लिए आप हमारी पोस्ट पड़ सकते है जिसमे इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है.
Scalping Trading Kya Hai
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या है: सकैलपिंग ट्रेडिंग भी शेयर मार्केट के खुलने से उसके बंद होने के बीच में कि जाती है. लेकिन Scalping Trading में पुरे दिन ट्रेडिंग नहीं कि जाती.
यह ट्रेडिंग ज्यादा से ज्यादा पैसों के साथ कुछ ही मिनट या घंटे के लिए कि जाती है. जैसे 9:15 AM पर शेयर को खरीद कर 10:05 AM पर ही शेयर बेच कर मुनाफा कमा लेना.
Scalping Trading के बारे में और भी अच्छे से जानने के लिए आप हमारी टॉप क्लास स्काल्पिंग ट्रेडिंग की पोस्ट पढ़े उसमे आपको विस्तार से जानकरी मिलेगी.
Swing Trading Kya Hai
स्विंग ट्रेडिंग क्या है: Swing Trading बाकि दोनों सकैलपिंग, ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग से अलग है यह कुछ दिन और हफ़्तों के लिए की जाती है. लेकिन इसमें भी शेयर को खरीदना और बेचना का काम शेयर मार्केट के खुलने और बंद होने के बीच ही किया जाता है .
स्विंग ट्रेडर पहले शेयर मार्केट में कम दाम पर शेयर खरीद लेते है और फिर उन्हें hold करके रख लेते है. उसके बाद जब कुछ दिन या हफ्ते में उनके शेयर कि price ज्यादा हो जाती है. तो उन्हें बेच कर मुनाफा कमा लेते है.
Swing Trading के बारे में और भी विस्तार से जानने के लिए आप हमारी स्विंग ट्रेडिंग पर लिखी पोस्ट को पड़े इसमें आपको विस्तार से जानकारी मिलेगी स्विंग ट्रेडिंग के बारे में.
Trading Kise Kahate Hain
Trading को समझना बहुत ही आसान है हम नीचे एक उदहारण की मदद से ट्रेडिंग को समझेंगे.
उदहारण: मान लेते है आप शेयर बाज़ार में शेयर मार्केट में से SBI का 1 share खरीदना चाहते है. मार्केट के 9:15 AM पर खुलते ही शेयर की कीमत 99 रूपए रहती है और दिन में 1 PM तक शेयर की price 100 रूपए हो जाती है.
अब ऐसे में अगर आप शेयर को सुबह खरीद लेते तो 99 रूपए का आपको 1 शेयर मिलता जिसे आप 100 रूपए में बैच सकते थे. अगर आप ऐसा करते तो आपको 1 रूपए का मुनाफा होता जिसे हम profit कहते है और इस पूरी प्रोसेस को हम ट्रेडिंग कहते है.
Trading Account Kya Hai
Trading account वह account होता है जिसकी मदद से आप शेयर मार्केट में शेयर की ट्रेडिंग करते है और स्टॉक ट्रेडिंग शेयर को ख़रीदे और बेचने का काम करते है.
बिना ट्रेडिंग account के आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते न ही आप किसी शेयर पर buy का order लगा सकते और न ही sell का.
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए सबको अपना एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है जो की वह अपने demat account broker से भी खुलवा सकते है.
ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में और आधिक जानने के लिए आप हमारी ट्रेडिंग अकाउंट की पोस्ट पढ़े जिसमे हम ने ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले इसके बारे में पूरी जानकारी स्टॉक ट्रेडिंग दी है.
Trading Ke – FAQs
Trading का मतलब हिंदी में “व्यापार” होता है. आसान भाषा में कहे तो Trading Meaning in Hindi = खरीदने और बेचने का व्यापार .
Trading का मतलब (Buy & Sell) होता है जिसे हम खरीदना और बेचना भी कहते है.
अब आप जान गए है Trading Kya Hai और Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai . इस जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ शेयर करे.
अगर आपके मन में कोई सवाल है ट्रेडिंग क्या होती है से लेकर तो आप नीचे अपना सवाल पोस्ट करे हम आपके सभी सवालों के जबाब देंगे.
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स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते समय इन कुछ बातों का ज़रूर रखें ध्यान
स्टॉक मार्केट में निवेश से मिलनेवाले ऊंचे रिटर्न्स की वजह से लोग हमेशा से ही स्टॉक मार्केट की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन इक्विटीज़ में पैस बनाना कभी-भी आसान नहीं होता. इसके लिए रिसर्च के साथ-साथ मार्केट की समझ होना भी ज़रूरी है, जिसके लिए बहुत धीरज और अनुशासन की ज़रूरत होती है.
नीचे हम कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में ट्रेडिंग करने से पहले आपको ज़रूर ध्यान देना चाहिए:
1. ट्रेडिंग कॉस्ट
ट्रेडिंग कॉस्ट में ब्रोकरेज, टैक्स और मार्जिन फ़ंड कॉस्ट तीनों ही शामिल होते हैं. इन तीनों में से ब्रोकरेज का हिस्सा बड़ा होता है. यदि ब्रोकरेज की राशि में बचत की जा सके तो ट्रेडिंग कॉस्ट कम हो जाती है और लाभ बढ़ जाता है.
मंथली अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लान्स में ग्राहकों की ब्रोकरेज पर सबसे ज़्यादा बचत होती है. इस प्लान में ग्राहकों को एक सेग्मेंट के लिए अनलिमिटेड संख्या में ट्रेड्स के लिए एक निश्चित मासिक शुल्क देना होता है.
एक इन्ट्राडे ट्रेडर एक दिन में औसतन 20 ट्रेड्स करता है और 15 रु प्रति ट्रेड ब्रोकरेज के हिसाब से एक महीने में 6000 रुपए के ब्रोकरेज का भुगतान करता है. वहीं अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लान्स लगभग 899 रुपए प्रति माह पर ही मिल जाते हैं, जिससे आपकी बड़ी बचत होती है.
2. रिसर्च और ऐनालिसिस टूल्स
लाभ को बनाए रखने के लिए एक ट्रेडर को रिसर्च और ऐनालिसिस करने के लिए अच्छे ट्रेडिंग टूल्स की ज़रूरत होती है. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस किसी भी ट्रेडर के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. ऐड्वांस चार्ट्स, रिपोर्ट्स और टैक्स स्टेटमेंट ग्राहकों का समय बचाने का काम करते हैं.
3. ऑनलाइन ट्रेड में आसानी के लिए
ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए ग्राहक को एक आसान से यूज़र इन्टरफ़ेस की ज़रूरत होती है. इससे ट्रेंडिंग तेज़ी से होती है, असमंजस नहीं होता और ग़लतियां कम होती हैं.
4. जोखिम कम करने के लिए
स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा है. इस जोखिम को कम करने के लिए जोखिम को समझने और उसका समंजन करने की ज़रूरत होती है.
बाज़ार में निवेश करने के लिए सबसे ज़रूरी बात ये है कि सारा निवेश केवल एक ही जगह न करें. फिर चाहे लार्ज-कैप और मिड-कैप के बीच चुनाव हो या ग्रोथ और इनकम स्टॉक्स के बीच में. जोखिम को नियंत्रण में रखने की इस सलाह पर ज़रूर अमल करें. साथ, ही, थोड़े से रिसर्च से आप ऐड्वांस ऑर्डर टाइप्स ढूंढ़ सकते हैं, जो आपके जोखिम को एक तरह से सीमित कर देंगे.
मोटे स्टॉक ट्रेडिंग तौर पर इन ऐड्वांस ऑर्डर टाइप्स को दो भागों में बांटा जा सकता है- कंडिशनल ऑर्डर्स, ये ऐसे ऑर्डर्स होते हैं जिन्हें किसी निश्चित ट्रिगर पर भरना होता है; जबकि ड्यूरेशनल ऑर्डर्स को निश्चित समय सीमा में एग्ज़ेक्यूट किया जाता है. उदाहरण के लिए स्टॉप लिमिट ऑर्डर ग्राहकों के बीच हिट हुआ है- यह प्राइज़ रेंज सेट करने की सुविधा देता है; ऐसा बिंदु जहां से ऑर्डर ट्रिगर होगा और वह लिमिट प्राइज़, जिस पर ऑर्डर को एग्ज़ेक्यूट किया जाएगा. यहां बाज़ार की हलचल के छूट जाने की कमी तो रह जाएगी, लेकिन यह जोखिम को एक हद तक सीमित कर देगा.
5. ग्राहक सेवा
स्टॉक्स में ट्रेड करना एक इंटरैक्टिव प्रक्रिया है. ब्रोकर और ग्राहक के बीच लगातार संवाद होना ज़रूरी है. जहां अधिकतर ट्रेडिंग प्लैटफ़ॉर्म्स ग्राहक को अपनी सेवाएं फ़ोन, ईमेल, ऑनलाइन हेल्प डेस्क वगैरह के ज़रिए देते हैं, यह महत्वपूर्ण है कि अपने निवेश के लिए ट्रेडिंग पार्टनर चुनने से पहले आप इस बात की जांच कर लें कि आपको यह सेवाएं किस तरह मिलेंगी.
अपना फ़ैसला लेने से पहले हर ट्रेडर को अपनी उम्मीद और उपलब्ध विकल्पों के बीच सही स्टॉक और ब्रोकर को ध्यान से शॉर्टलिस्ट कर लेना चाहिए. ट्रेडिंग कॉस्ट, प्लैटफ़ॉर्म के फ़ीचर्स, मार्जिन और लीवरेज सुविधा, ग्राहक सेवा और रिसर्च एम्पावरमेंट वगैरह, कुछ ऐसे मुख्य बिंदु हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए. सार यह है कि सही इन्वेस्टमेंट इन्स्ट्रुमेंट के साथ साथ एक सशक्त ब्रोकर या ट्रेडिंग प्लैटफ़ॉर्म का चुनाव आपको अपने ट्रेडिंग के लक्ष्यों तक ज़रूर पहुंचा देगा.
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साल 2021 में किस-किस दिन स्टॉक मार्केट में रहेगी छुट्टी?
नया साल जल्द शुरू होने जा रहा है. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 में शेयर बाजार में कुल 14 मौकों पर छुट्टी रहेगी.
दिवाली के मौके पर बाजार एक घंटे के लिए खुलता है. उस दिन शाम में मुहुर्त ट्रेडिंग सत्र का आयोजन होता है. मुहुर्त ट्रेडिंग के समय की जानकारी बीएसई बाद में जारी करेगा.
साल 2020 के दौरान बीएसई में सिर्फ 12 अवकाश थे. मगर इस दौरान नौ लंबी छुट्टियां थीं. नए साल में बाजार की सबसे लंबी छुट्टी दिवाली के दौरान होगी. साल 2021 की पहली छुट्टी 26 जनवरी को होगी, जब बाजार गणतंत्र दिवस के मौके पर बंद रहेंगे.
इस साल स्टॉक ट्रेडिंग फरवरी और जून महीने में बाजार में एक भी छुट्टी नहीं है. मार्च में बाजार दो दिन बंद रहेंगे. 11 मार्च को महाशिवरात्री और 29 मार्च को होली के मौके पर बाजार बंद रहेंगे. 29 मार्च को शुक्रवार है.
अप्रैल में तीन दिन बाजार बंद रहेंगे. 2 अप्रैल को गुड फ्राइडे, 14 अप्रैल को बाबा साहेब अंबेडकर जयंती और 21 अप्रैल को राम नवमी के मौके पर बाजार बंद रहेंगे. मई में 13 तारीख को ईद-उल-फितर, फिर 21 जुलाई को बकरी ईदी और 19 अगस्त को मुहर्रम के मौके पर भी बाजार में कारोबार नहीं होगा.
10 सितंबर को गणेश चतुर्थी और 15 अक्टूबर को दशहरा के मौके पर भी बाजार में कारोबार नहीं होगा. 4 नवंबर को गुरुवार को दिवाली के दिन महुर्त ट्रेडिंग का आयोजन होगा. 5 नवंबर को दिवाली बलिप्रतिपदा के मौके पर बाजार बंद रहेगा, जो शुक्रवार को होगा.
19 नवंबर को गुरुनानक जयंती के मौके पर भी बाजार बंद रहेंगे, जो शुक्रवार है. अगले साल क्रिसमिस शनिवार को पड़ेगा. शनिवार को बाजार में छुट्टी रहती है. भारत में एक जनवरी को शेयर बाजार खुला रहेगा.
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आज हम बात करेंगे STOCK MARKET TRADING और INVESTING क्या होता है,
STOCK MARKET में कोई भी PERFECT नहीं होता है, हर किसी से गलतिया हो जाया करती है, और गलतियों का मतलब यहाँ LOSS होता है , और यहाँ आप गलतियों के बदले पैसे गवाते है, इसलिए आपको STOCK MARKET में फायदे के लिए गलतियों को सुधारना होगा , गलतियों से निरंतर सीखना होगा और सिखने के लिए भी आपको TIME देना होगा,
यानी आपको सिर्फ STOCK TRADING के लिए नहीं बल्कि STOCK MARKET LEARNING के स्टॉक ट्रेडिंग लिए भी समय देना होगा,
STOCK MARKET TRADING
STOCK MARKET में हमारे लिए क्या सही है, यानी हम कैसे जाने की हमारे लिए TRADING सही है या नहीं , ये जानने के लिए आपको खुद से कुछ प्रश्न पूछने होंगे, और उन प्रश्नों के जवाब का विश्लेषण कर आप समझ सकते है की आपको क्या करना चाहिए-
प्रश्न -1 , T RADING के लिए आप कितना समय दे सकते है ?
अगर आप STOCK MARKET में TRADING करना चाहते है तो आप जितना समय दे सकते है,उस के अनुसार ही TRADING के विकल्पों से चुनाव करना होगा, जैसे की स्टॉक ट्रेडिंग आपको INTRA DAY TRADING करना है या SCAPLING TRADING, इन दोनों तरह की TRADING के लिए आपको जिस दिन भी TRADE करना चाहते है, उस दिन आपको दिन भर का समय देना पड़ेगा,
अगर सीधा सीधा कहा जाये तो , INTRA DAY TRADING का मतलब सुबह 9:15 से 3.30 बजे के बिच 6 घंटे 15 मिनट के MARKET टाइम के अनुसार आपको समय निकालना होगा और फिर आप अपने INTRA DAY TRADING पे सही तरह से काम कर सकते है, MARKET शुरू होने से पहले और बंद होने के बाद भी आपको अपने अगले TRADE के बारे में RESEARCH करना होगा, ताकि आप अच्छे TRADE यानि सौदे ले सके.
और अगर आप SWING TRADING करना चाहते है तो आप इसे अपनी सुविधानुसार किसी दिन समय निकालकर अपने सौदे को चुन कर आप TRADE ले सकते है, और उसके बाद बस आपको उस TRADE में हो रहे फायदे और नुकसान को आसानी से DAILY या WEEKLY थोडा समय निकाल कर CHECK कर सकते है,
प्रश्न -2 , TRADING के लिए आप कितना RISK ले सकते है ?
STOCK MARKET में INTRADAY TRADING को सबसे ज्यादा RISK TRADE माना जाता है, और SWING TRADING को थोडा सुरक्षित माना जाता है, और LONG TERM INVESTMENT यानी TRADE को ज्यादा सुरक्षित और कम RISK वाला माना जाता है,
STOCK MARKET में TRADE या INVEST से पहले आपको आपकी अपनी RISK लेने की क्षमता को जानना बहुत जरुरी है, अगर आप सही तरह से जान लेते है की आपकी RISK क्षमता क्या है , तो आप अपनी TRADING STYLE को भी चुन सकते है ,
STOCK MARKET में TRADING या INVESTING एक RISK SUBJECT है, इसीलिए सबसे पहले आप को ये तय करना होगा की आप के पास जो भी पैसे है, उसमे से आप कितने पैसे का RISK उठा सकते है, और कितने समय के लिए आप ये RISK उठा सकते है,
और इस तरह अपनी रिस्क क्षमता के अनुसार आप ये निर्णय ले सकते है की आपको “TRADING” करना चाहिए या नहीं.
प्रश्न -3 , TRADING के पीछे आपका मकसद (GOAL) क्या है ?
STOCK MARKET TRADING करने का कारण और लाभ की अपेक्षित लाभ की मात्रा जानने से आप RISK CONTROL कर सकते है और अपने लिए सबसे बेहतर TRADING का विकल्प भी चुन सकते है ,
ये भी एक महत्वपुर्ण प्रश्न है, TRADING करने के पीछे का कारण क्या है – आप TRADING से कितना लाभ स्टॉक ट्रेडिंग कमाना चाहते है, आपके TRADING करने का REASON पता होने पर आपको ये तय करने में मदद मिलती है आपको कौन सा TRADING STYLE चुनना चाहिए और आप जो RISK उठाना चाहते है , उस रिस्क को कैसे कम से कम कर सकते है,
STOCK MARKET INVESTING
STOCK MARKET में INVESTMENT का अर्थ LONG TERM में WEALTH CREATE करना होता है, आप अपने फाइनेंसियल गोल्स के अनुसार LONG TERM INVESTMENT कर सकते है, LONG TERM से हमारा मतलब कम से कम 1 साल से ज्यादा के लिए INVESTMENT,
ऐसा माना जाता है की LONG TERM में MARKET में INVESTMENT से लाभ होता है, हालाँकि ऐसा जरुरी नहीं है, लेकिन अगर आप LONG TERM INVESTOR है तो MARKET में होने वाले छोटे मोटे उतार चढाव की चिंता से बच सकते है, और स्टॉक ट्रेडिंग इस तरह आप LONG TERM INVESTMENT से RISK CONTROL कर सकते है,
आप को STOCK MARKET में INVESTING या TRADING दोनों में क्या करे ये समझने के लिए अपने फाइनेंसियल गोल्स और अपनी स्टॉक ट्रेडिंग KNOWLEDGE के साथ साथ रिस्क लेने की क्षमता को समझना होगा..
फिर आप आसानी से TRADING या INVESTING का निर्णय ले सकते है कि आपको STOCK MARKET TRADING या INVESTING आखिर क्या करना चाहिए