व्यापार घाटा

देश के शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा. सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच विदेशी कोषों का निवेश बढ़ने तथा व्यापार घाटा कम होने से बाजार में तेजी रही.
' व्यापार घाटा'
व्यापार घाटा अगर बढ़ता जाएगा तो रूपए भी कमजोर होने लगेंगे. रिकॉर्ड के लिए, जुलाई में भारतीय रुपया पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण 80 के स्तर से नीचे फिसल गया क्योंकि कड़े ग्लोबल सप्लाई के बीच कच्चे तेल की ऊंची कीमतों ने अमेरिकी डॉलर की मांग को बढ़ा दिया.
सरकार की तरफ व्यापार घाटा से सोमवार को जारी शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, मई की तुलना में जून में निर्यात वृद्धि धीमी पड़ी. मई, 2022 में देश का निर्यात 20.55 प्रतिशत की दर से बढ़ा था.एक साल पहले जून 2021 में वृद्धि दर 48.34 प्रतिशत रही थी
2022-23 की अप्रैल-मई अवधि में आयात 42.35 प्रतिशत बढ़कर 120.81 अरब डॉलर का हो गया. इसके अलावा चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 43.73 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 21.82 अरब डॉलर था.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले साल द्विपक्षीय व्यापार 88 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था. इस बार पहले नौ महीनों में 90 बिलियन यूएस डॉलर है. लेकिन दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा एक चिंता का विषय है
व्यापार घाटा बढ़कर 28.68 अरब डॉलर पर पहुंचा, अगस्त में 33 अरब डॉलर का निर्यात
वाणिज्य मंत्रालय के शनिवार को जारी प्रारंभिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली। एक साल पहले अगस्त 2021 में व्यापार घाटा 11.71 अरब डॉलर रहा था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2022 में देश का आयात एक साल पहले की तुलना में 37 प्रतिशत बढ़कर 61.68 अरब डॉलर हो गया है। हालांकि वाणिज्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश का कुल निर्यात 450 अरब डॉलर के पार जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्पाद निर्यात में हम इस वित्त वर्ष में 450 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लेंगे।’’ चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान देश का निर्यात 17.12 फीसदी बढ़कर 192.59 व्यापार घाटा अरब डॉलर हो गया, वहीं आयात 45.64 फीसदी बढ़कर 317.81 अरब डॉलर हो गया। इसी अवधि में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 125.22 अरब डॉलर हो गया जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 53.78 अरब डॉलर था। अगस्त में तेल व्यापार घाटा आयात 86.44 फीसदी बढ़कर 17.6 अरब डॉलर हो गया जबकि सोने का आयात 47.54 फीसदी गिरकर 3.51 अरब डॉलर हो गया।
क्या होता है व्यापार घाटा, कैसे करता है अर्थव्यवस्था को प्रभावित?
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आयात और निर्यात के अंतर को व्यापार संतुलन कहते हैं। जब कोई देश निर्यात की व्यापार घाटा तुलना में आयात अधिक करता है तो उसे ट्रेड डेफिसिट (व्यापार घाटा) कहते हैं। इसका मतलब यह है कि वह देश अपने यहां ग्राहकों की जरूरत को पूरा करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं का पर्याप्त उत्पादन नहीं कर पा रहा है, इसलिए उसे दूसरे देशों से इनका आयात करना पड़ रहा है। इसके उलट जब कोई देश आयात की तुलना में निर्यात अधिक करता है तो उसे ट्रेड सरप्लस कहते हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 में भारत ने लगभग 238 देशों और शासनाधिकृत क्षेत्रों के साथ कुल 769 अरब डॉलर का व्यापार (303 अरब डॉलर निर्यात और 465 अरब डॉलर आयात) किया। इस तरह इस अवधि में भारत का व्यापार घाटा 162 अरब डॉलर रहा। इनमें से 130 देशों के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस था जबकि करीब 88 देशों के साथ ट्रेड डेफिसिट (व्यापार घाटा) रहा। भारत का सर्वाधिक व्यापार घाटा पड़ोसी देश चीन के साथ 63 अरब डॉलर है। इसका मतलब यह है कि चीन के साथ व्यापार भारत के हित में कम तथा इस पड़ोसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए अधिक फायदेमंद है। चीन की तरह स्विट्जरलैंड, सऊदी अरब, इराक, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, ईरान, नाइजीरिया, कतर, रूस, जापान और जर्मनी जैसे देशों के साथ भी भारत का व्यापार घाटा अधिक है।
पहली छमाही में बढ़ा भारत का व्यापार घाटा, 149.47 अरब डॉलर पहुंचा; जानिए सितंबर के आंकड़े
भारत का निर्यात पिछले साल के सितंबर महीने के 33.81 अरब डॉलर की तुलना में 3.52 फीसद घटकर इस साल सितंबर में 32.62 अरब डॉलर का रह गया जबकि व्यापार घाटा बढ़कर 26.72 अरब डॉलर हो गया। वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को इस संबंध में प्राथमिक आंकड़ा जारी किया।
मंत्रालय के अनुसार, हालांकि देश का आयात पिछले साल के सितंबर माह के 56.29 अरब डॉलर से 5.44 प्रतिशत बढ़कर इस साल सितंबर में 59.35 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
आयात में 5.44 फीसदी का उछाल
देश का आयात पिछले साल के सितंबर माह के 56.29 अरब डॉलर से 5.44 फीसदी बढ़कर इस साल सितंबर में 59.35 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल-सितंबर के दौरान निर्यात 15.54 फीसदी बढ़कर 229.05 अरब डॉलर हो गया. इस अवधि में आयात 37.89 फीसद बढ़कर 378.53 अरब डॉलर हो गया. मंत्रालय के अनुसार, इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में व्यापार घाटा बढ़कर 149.47 अरब डॉलर हो गया जबकि अप्रैल-सितंबर, 2021-22 में यह 76.25 अरब डॉलर था.
बीते महीने इंजीनियरिंग गुड्स, ऑर्गेनिक और इन-ऑर्गेनिक केमिकल्स, फार्मास्युटिकल्स, रेडीमेड गारमेंट, कॉटन यार्न और चावल के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई. वहीं, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, जेम्स एंड ज्वैलरी, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और मरीन प्रोडक्ट्स के निर्यात में उछाल दर्ज किया गया.