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आरओआई क्या है

आरओआई क्या है

आरटीआई आवेदनों के उत्तर

बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र कभी भी फोन कॉल/ई-मेल/एसएमएस के माध्‍यम से किसी भी उद्देश्‍य हेतु बैंक खाते के ब्‍यौरे नहीं मांगता।
बैंक सभी ग्राहकों से अपील करता है कि ऐसे किसी भी फोन कॉल/ई-मेल/एसएमएस का उत्‍तर न दें, और किसी से भी, किसी भी उद्देश्‍य हेतु अपने बैंक खाते के ब्‍यौरे साझा न करें। किसी से भी अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड का सीवीवी/पिन साझा न करें।

ऑनलाइन आरटीआई कैसे करें

भारत सरकार द्वारा देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने के लिए वर्ष 2015 में एक अधिनियम लागू किया है,जिसे सूचना का अधिकार (RTI) के नाम से जाना जाता है | यह अधनियम मुख्य रूप से भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए पारित किया गया है | RTI के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी विभाग से किसी भी प्रकार की जानकारी को प्राप्त कर सकता है | व्यक्ति द्वारा सूचना प्राप्त करने के लिए सूचना के अधिकार के अंतर्गत पूछे जाने वाले सभी जानकारी तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए | इस अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति अपने क्षेत्र में हो रहे विकास कार्य में होने वाले खर्च और स्थान के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकता है |

इसमें आप अपने क्षेत्र के राशन की दुकान में आने वाले राशन की जानकारी, स्कूल, कालेज, हॉस्पिटल तथा अन्य कार्यो में खर्च होने वाले रुपये की जानकारी इस तरह के सभी सवालो के जवाब सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त कर सकते है | यदि आप RTI से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो यहाँ पर आपको rtionline.up.gov.in, ऑनलाइन आरटीआई कैसे करें, UP RTI Registration Portal Login के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है |

आरटीआई क्या है (Right to Information Act) ?

Table of Contents

यह एक सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) है जिसे केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया है | इस अधिनियम का मुख्य कार्य देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है | इसमें कोई भी साधारण व्यक्ति घर बैठे इंटरनेट का इस्तेमाल कर ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से किसी भी तरह की जानकारी प्राप्त कर सकता है तथा केंद्रीय सूचना आयोग में शिकायत भी कर सकता है | इसके अलावा शिकायतकर्ता अपनी शिकायत अथवा अपील की वर्तमान स्थिति को भी जांच सकता है |

इससे वह यह पता किया जा सकता है कि उसकी शिकायत पर कार्यवाही की गयी है या नहीं | इससे पहले ऐसी शिकायतों को करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे | वही अब कोई भी व्यक्ति बिना किसी दफ्तर के चक्कर लगाए बहुत ही आसानी से शिकायत या अपील कर सकता है तथा केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा जानकारी भी प्राप्त कर सकता है |

RTI से प्राप्त लाभ (Benefits of RTI Right to Information)

भारत सरकार द्वारा लागू किये गए इस सूचना अधिनियम से आरओआई क्या है देश के नागरिक इस तरह के लाभ प्राप्त कर सकते है:-

  • देश का कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी विभाग से किसी भी तरह की मान्य जानकारी प्राप्त कर सकेगा |
  • एक आम नागरिक के पास यह सभी अधिकार होंगे जो सरकार और प्रशासन के काम में पारदर्शिता लाने में सहयोग करेगा |
  • देश की सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया यह एक बड़ा कदम है |

rtionline.up.gov.in, ऑनलाइन RTI में आवेदन प्रक्रिया (Application Process)

  • सबसे पहले आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट https://rtionline.up.gov.in/ को ओपन करना होगा |
  • वेबसाइट खोलते ही आपके सामने इस तरह का होम पेज खुल कर आ जायेगा |

  • नए आवेदन के लिए होम पेज पर SUBMIT REQUEST टैब पर क्लिक करना होगा |
  • इसके बाद आप एक नए पेज पर पहुंच जायेंगे जहा पर आपको कुछ गाइड लाइन लिखी हुई दिखेंगी |

  • इन्हे अच्छी तरह से पढ़ कर सबसे निचे बने एक बॉक्स में टिक कर दे |

  • यहाँ पर आपके सामने एक नया पेज खुल कर आ जायेगा |
  • इसमें आपको अपना Email और मोबाइल नंबर डालना होगा | यह ईमेल और मोबाइल नंबर हमेशा एक्टिव होना चाहिए क्योकि इसी के जरिये आपको SMS अलर्ट द्वारा जानकारी प्राप्त होगी |
  • इसके बाद नीचे दिए गए कैप्चा कोड को भर कर Submit Button पर क्लिक करे |
  • आपके सामने RTI Request Form खुल कर आ जायेगा,फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियों को सावधानी पूर्वक भरना होगा |

  • वह कॉलम जिनके सामने * का चिह्न बना हो उन्हें भरना अनिवार्य है |
  • RTI आवेदन में केवल 3,000 शब्द तक ही सिमित है जिनमे आप A-Z, a-z, 0-9 और स्पेशल आरओआई क्या है कैरेक्टर का भी इस्तेमाल कर सकते है |
  • इसके बाद यदि आप गरीबी रेखा से ऊपर है तो सम्बंधित कॉलम में NO तथा नीचे है तो कॉलम में YES चुनना होगा |

  • जिनके पास BPL कार्ड नहीं है उनके लिए 10 रूपए आवेदन शुल्क पेय होगा, तथा BPL कार्ड धारको को किसी भी तरह का शुल्क देय नहीं होगा |

  • आवेदन करने वाले आवेदक को BPL कार्ड की प्रति अपलोड करनी होगी |
  • अपलोड करने में डॉक्यूमेंट पीडीऍफ़ फाइल में तथा साइज 1 MB तक ही किया जा सकता है |
  • इसके अतिरिक्त यदि कोई डॉक्यूमेंट की प्रति है तो उसे अपलोड कर सबमिट बटन पर क्लिक कर दे |
  • इस तरह से आपकी आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी |

आरटीआई शिकायत की स्थिति जानने के लिए | RTI Online Status Check

  • आवेदन की स्थिति को जानने के लिए आपको इस वेबसाइट https://rtionline.gov.in/request/status.php को खोलना होगा |
  • आपके सामने एक पेज खुल कर आ जायेगा |

  • इस पेज में आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर तथा Email ID को डालना होगा और दिए गए कैप्चा कोड को भरे फिर SUBMIT BUTTON पर क्लिक कर दे |
  • आपके सामने आपके आवेदन की स्थिति खुलकर आ जाएगी और आपके आवेदन में क्या कार्यवाही हुई है, उसका पूरा डाटा आपको प्रदान हो जायेगा
  • इस प्रक्रिया के माध्यम से आप सरलता से आप आटीईआआई (RTI) दाखिल कर सकते है |

आरटीआई सहायता नम्बर (RTI Helpline Number)

RTI से सम्बंधित अन्य जानकारीके लिए पोर्टल पर जारी हेल्पलाइन नम्बर की भी सहायता लें सकते है | इसकी जानकारी इस प्रकार है:-

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005

भारत सरकार ने सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम की जगह ‘सूचना का अधिकार अधिनियम 2005’ अधिनियमित किया है। किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए, यह अधिनियम नागरिकों को सामान्य प्रकृति की सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है। इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक “सार्वजनिक प्राधिकरण” हैं।

अधिनियम के तहत उपलब्ध सूचना

जहां तक ​​बैंकों का संबंध है, संबंधित प्रावधान यथा धारा 4(1), 5(1) और 5(2) पहले ही लागू हो चुके हैं। सूचना के अधिकार के तहत उस सूचना को प्राप्त किया जा सकता है जो सार्वजनिक प्राधिकरण के रूप में बैंक के पास या उसके नियंत्रण में है तथा इसमें कार्य, दस्तावेज, अभिलेखों का निरीक्षण करने, टिप्पणियों, दस्तावेजों/अभिलेखों के उद्धरणों या प्रमाणित प्रतियों और तथ्यों के प्रमाणित नमूने लेने तथा इलेक्ट्रॉनिक रूप में भी संग्रहीत सूचना को प्राप्त करने का अधिकार शामिल है।

सूचना के प्रकट किए जाने से छूट

अधिनियम के धारा 8 और 9 के तहत कुछ निश्चित श्रेणियों की सूचना को नागरिकों को प्रकट किए जाने से छूट प्राप्त है। सूचना के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत करने से पहले जनता अधिनियम के संबंधित खंडों का भी संदर्भ ग्रहण करें।

सूचना कैसे प्राप्त करें?

कोई भी नागरिक लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रधान कार्यालय, इंडियन बैंक, नंबर 66, राजाजी सालै, चेन्नै – 600 001 में पदस्थ लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) को आवेदन पत्र प्रस्तुत करके सूचना के लिए अनुरोध कर सकता है। इसे बैंक की किसी शाखा/अंचल कार्यालय में भी जमा किया जा सकता है।

नागरिक https://rtionline.gov.in लिंक का उपयोग कर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में आरटीआई शुल्क का ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता है और आवेदन जमा करने पर आवेदनकर्ता को पंजीकरण संख्या मिलती है जिससे वह आवेदन को ट्रैक कर सकता है।

आवेदन का निपटान आरटीआई अधिनियम की धारा 7 के अनुसार किया जाएगा।

1 अप्रैल 2020 से इलाहाबाद बैंक के इंडियन बैंक में समामेलन होने पर बैंक का प्रतिनिधित्व, व्यवसाय और ग्राहकों का विस्तार देश भर में हो गया। बैंक ने चार स्तरीय संगठनात्मक व्यवस्था को अपनाया है जिसमें सिंगापुर और श्रीलंका में स्थित 3 विदेशी शाखाओं के अलावा कॉर्पोरेट कार्यालय, 14 क्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यालय, 78 अंचल कार्यालय और पूरे देश में फैले 5754 शाखाएं (31.12.2021 तक) शामिल हैं।

यथास्थिति 31.12.2021 को इक्विटी पूंजी का 79.86% भारत सरकार की थी और शेष 20.14% आम जनता की थी।

बैंक की गतिविधियां बैंकिंग विनियमन अधिनियम और समय-समय पर जारी आरबीआई के निर्देशों के अनुरूप संचालित की जाती हैं।

शाखाओं का लोकेशन और पता जानने के लिए => शाखा नेटवर्क पर क्लिक करें

इसके अलावा बैंक पूरे देश में फैले एटीएम के माध्यम से 24×7 बैंकिंग सेवा प्रदान करता है। एटीएम का लोकेशन और पता जानने के लिए एटीएम नेटवर्क पर क्लिक करें।

बैंक की 3 विदेशी शाखाएं हैं – एक सिंगापुर में, विवरण के लिए सिंगापुर पर क्लिक करें और 2 श्रीलंका में है। विवरण के लिए कोलंबो और जाफना पर क्लिक करें।

बैंक की दो सहायक कंपनियां हैं: 1. इंडबैंक मर्चेंट बैंकिंग सर्विसेज लिमिटेड, विवरण के लिए इंडबैंक मर्चेंट बैंकिंग सर्विसेज लिमिटेड पर क्लिक करें।

2. इंडबैंक हाउसिंग लिमिटेड

बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए गैर-जीवन बीमा उत्पादों के विपणन के लिए यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उद्यम भी कर रहा है।

हालांकि, जमा, ऋण और अन्य उत्पादों, योजना दिशानिर्देशों, पात्रता आदि के बारे में कुछ जानकारी नीचे दिए गए लिंक पर उपलब्ध हैं।

जमाएँ ऋण अन्य गतिविधियां
बचत बैंक खाता कृषि वित्तीय समावेशन
चालू खाता निजी/व्यक्तिगत सेवा शुल्क
मियादी जमाएँ एमएसएमई बीमा सेवाएं
एनआरआई खाते शिक्षा म्यूचुअल फंड
जमा दर कॉर्पोरेट नीतियाँ
ऋण दर निविदाएं / नीलामी
लेखा परीक्षक
करियर
विप्रेषण
शिकायत

केंद्र और राज्य सरकार के प्रायोजन विभाग ऐसे कार्यक्रमों के लाभार्थियों को सूचीबद्ध करते हैं और परिचालन से संबंधित क्षेत्र में बैंकों में आवंटित करते हैं। सब्सिडी केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित प्रायोजन विभागों द्वारा प्रबंधित की जाती है।

जनता को दिये जानेवाले बैंक के विभिन्न ऋण उत्पाद हैं। विवरण के लिए ऋण मेन्यू का चयन करें।

बचत बैंक जमा के लिए स्टाफ/पात्र सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्यों को 1.00% प्रति वर्ष का अतिरिक्त ब्याज प्रदान किया जाता है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹10 करोड़ तक की राशि तक की घरेलू सावधि जमा के लिए देय अतिरिक्त ब्याज दर 0.50% प्रति वर्ष होगी। अल्पावधि जमा, सावधि जमा और धन गुणक जमा योजनाओं के संबंध में कार्ड दर से 7 दिन से 10 वर्ष तक की जमा राशि पर अतिरिक्त दर प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार, आवर्ती जमा खातों के लिए अतिरिक्त ब्याज दर 6 महीने से 120 महीने (3 महीने के गुणक में) की अवधि के लिए पात्र होगी। उपरोक्त उच्चतम सीमा एक या एक से अधिक शाखाओं में प्रधान खाता धारक के रूप में वरिष्ठ नागरिक के नाम पर जमा सभी प्रकार की सावधि जमाओं पर लागू होती है। तथापि, एकल सीआईएफ के अंतर्गत ₹10 करोड़ की समग्र सीमा के भीतर एक दिन में ₹2 करोड़ से अधिक के लिए कोई एकल जमा खाता नहीं खोला जा सकता है।

पूंजीगत लाभ योजना टाइप बी (सावधि जमा) 1988 योजना के तहत खोले गए वरिष्ठ नागरिकों की जमा खाता इस लाभ के लिए पात्र नहीं है। इसी प्रकार एचयूएफ के नाम पर सावधि जमा के मामले में एचयूएफ का कर्ता उच्च ब्याज दर के लिए पात्र नहीं है, भले ही वह एक वरिष्ठ नागरिक हो, क्योंकि जमा का लाभार्थी स्वामी एचयूएफ है, न कि व्यक्तिगत रूप से एचयूएफ का कर्ता।

आरटीआई के तहत प्राप्त आवेदन और प्रदान की गई सूचना का विवरण:

प्राप्त और निपटाए गए आरटीआई आरओआई क्या है आवेदनों का विवरण:

वर्ष प्राप्त आरटीआई आवेदन आरटीआई आवेदनों का निपटान
2020-21 4851 4686
2021-22 4725 4788

प्राप्त अपीलों और जारी आदेश का विवरण:

वर्ष प्राप्त अपील आवेदन अपीलों का निपटान
2020-21 800 768
2021-22 871 883

सीपीआईओ/एपीआईओ का प्रशिक्षण

सार्वजनिक सूचना: शिकायतों का निवारण आरटीआई अधिनियम के दायरे से बाहर है।

सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 4(2) के अनुसार, बैंक ने निम्नलिखित सूचना का प्रकटीकरण किया: विवरण के लिए लिंक पर क्लिक करें।

आरटीआई क्या है अधिकार के तहत प्रदान की गई प्रक्रियाओं और दंड की व्याख्या करें सूचना अधिनियम 2005?

आरटीआई क्या है अधिकार के तहत प्रदान की गई प्रक्रियाओं और दंड की व्याख्या करें सूचना अधिनियम 2005?

इसे सुनेंरोकें15 जून 2005 को इसे अधिनियमित किया गया और पूर्णतया 12 अक्टूबर 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू कर दिया गया। सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू इन्फाॅरमेशन। सूचना का अधिकार का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार, जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है।

सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 8 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) के अंतर्गत धारा 8 कुछ ऐसे विषय को उल्लेखित करती है जिन पर मांगी गई सूचनाओं को नहीं दिया जा सकता है। ऐसे विषय देश हित में और किसी व्यक्ति के हित में होते हैं जिन से संबंधित सूचनाओं को नहीं दिया जा सकता।

इसे सुनेंरोकेंपरिभाषा इसके लिए यह जरूरी है कि सूचना को जनता के समक्ष रखने एवं जनता को प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया जाए, जो एक कानून द्वारा ही सम्भव है। सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू इन्फाॅरमेशन। सूचना का अधिकार का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार, जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है।

आरटीई एक्ट 2009 के तहत शिक्षाओं के लिए प्रति सप्त न्यूनतम कितने कार्य के घंटे निर्धारित किए गए हैं?

इसे सुनेंरोकेंअब 45 घंटे पढ़ाई आरटीई के मानक के अनुसार पहली से पांचवीं कक्षा के लिए वर्ष में 800 घंटे पढ़ाई अनिवार्य है। यानी सप्ताह में 45 घंटे पढ़ाई होनी चाहिए।

आपके विचार में शिक्षा के अधिकार के कानून में किन किन बातों को शामिल करना चाहिए और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंमेरे विचार में शिक्षा के अधिकार के कानून में हर वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा तक मुफ्त शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए । ऐसा इसलिए कि शिक्षा ही राष्ट्र के सम्मान को बढ़ाती है। शिक्षित समाज ही विकसित समाज होता है। अतः सभी बच्चों को शिक्षा पाने का अधिकार होना चाहिए और शिक्षा जगत में छोटे-बड़े का भेद नहीं होना चाहिए।

जानने का अधिकार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआरटीआई का अर्थ है सूचना का अधिकार और इसे संविधान की धारा 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है। धारा 19 (1), जिसके तहत प्रत्‍येक नागरिक को बोलने और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता दी गई है और उसे यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है, इसकी क्‍या भूमिका है, इसके क्‍या कार्य हैं आदि।

आरटीआई कैसे लिखे?

इसे सुनेंरोकेंसूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें। हस्ताक्षर………………. ये सब लिखने के बाद अपने हस्ताक्षर कर दें। ⇒अब मित्रो केंद्र से सूचना मांगने के लिए आप 10 रु देते है और एक पेपर की कॉपी मांगने के 2 रु देते है।

आरटीआई कार्यकर्ता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंये सूचना के अधिकार से जुड़े संगठनों के कार्यकर्ता हैं या ऐसे व्यक्ति हैं जो सूचना के अधिकार को समझते हैं और उन्होंने लोगों की मदद के लिए आपनी सेवाएं देने की पेशकश की है। ये आपको नि:शुल्क सूचना के अधिकार अधिनियम के नियमों और प्रावधानों की पूरी जानकारी दे सकते है। और इसके इस्तेमाल में आपकी मदद कर सकते हैं।

सूचना आयोग क्या दंड दे सकता है?

इसे सुनेंरोकेंस्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार कोई क़ानून किसी अधिकारी की अकर्मण्यता/लापरवाही के प्रति जवाबदेही तय करता है और इस क़ानून में आर्थिक दंड का भी प्रावधान है. यदि संबंधित अधिकारी समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराता है तो उस पर 250 रु. प्रतिदिन के हिसाब से सूचना आयुक्त द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है.

RTE 2009 के अनुसार बालक को TC कितने दिन की समय सीमा में देनी पड़ती है?

इस संशोधन के तहत संविधान में एक नया अनुच्छेद 21 A जोड़ा गया ,45 अनुच्छेद में संशोधन किया गया।…RTE ACT 2009 COMPLETE NOTES FOR CTET & ALL TET.

1. बाल विकास एवं शिक्षा मनोविज्ञान के महत्वपूर्ण सिद्धांत Click Here
9. शिक्षण कौशल के नोट्स Click Here

2009 का कौन सा अधिनियम 6 से 14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है?

इसे सुनेंरोकेंनि:शुल्‍क और अनिवार्य बाल शिक्षा (आरटीई) अधिनियम, 2009 में बच्‍चों का अधिकार, जो अनुच्‍छेद 21क के तहत परिणामी विधान का प्रतिनिधित्‍व करता है, का अर्थ है कि औपचारिक स्‍कूल, जो कतिपय अनिवार्य मानदण्‍डों और मानकों को पूरा करता है, में संतोषजनक और एकसमान गुणवत्‍ता वाली पूर्णकालिक प्रांरभिक शिक्षा के लिए प्रत्‍येक बच्‍चे का …

आर्टिकल 45 क्या कहता है?

इसे सुनेंरोकें”45. छह वर्ष से कम आयु के बालकों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-रेख और शिक्षा का उपबंध–राज्य सभी बालकों के लिए छह वर्ष की आयु पूरी करने तक, प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-रेख और शिक्षा देने के लिए उपबंध करने का प्रयास करेगा।” ।

आरटीआई अनुभाग

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सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (2005 की संख्या 22) की धारा 5(1) के साथ पठित धारा 2(सी) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने रोजगार महानिदेशालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्री सतपाल शर्मा, उप सचिवकोइस निदेशालय के संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के उद्देश्य के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया हैऔर इस डीजीई के तहत अधीनस्थ कार्यालयों और लोक प्राधिकरणों द्वारा की गई सभी कार्रवाईयों का समन्वय भी करेंगे तथा इस निदेशालय के तत्वावधान में लोक प्राधिकरणों और उक्त अधिनियम के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सीपीआईओ को नामित करने के संबंध में रोजगार महानिदेशालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत लोक प्राधिकरणों द्वारा की गई सभी कार्रवाइयों का समन्वय भी करेंगे।

श्री सतपाल शर्मा , उप सचिव ,

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय , कमरा नं. 327, श्रम शक्ति भवन , रफी मार्ग , नई दिल्ली- 110001

दूरभाष नं. 0112371890

अपेक्षित शुल्क के साथ आरटीआई आवेदन प्राप्त करने के लिए आरटीआई के लिए नोडल अधिकारी।

उचित रसीद के माध्यम से नकद के रूप में या पीएओ , रोजगार महानिदेशालय को देय डिमांड ड्राफ्ट या भारतीय पोस्टल ऑर्डर द्वारा दस रुपये ( 10/-) का शुल्क।

निम्नलिखित अधिकारियों को रोजगार महानिदेशालय , श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में उन केसं बंधित सौंपे गए कार्य के संदर्भ में आरटीआई आवेदनों / अपीलों पर विचार करने और उन का निपटान करने के लिए सीपीआईओ / अपीलीय प्राधिकारी के रूप में नामित किया गया है।

क्र.सं.

सीपीआईओ का नाम , पदनाम और टेलीफोन नंबर

अपीलीय प्राधिकारी का नाम , पदनाम और दूरभाष संख्या

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