विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण

डॉक्टर इस बात से खासे नाराज हैं कि राजपक्षे सरकार लोगों की सेहत के तकाजों की लगातार उपेक्षा कर रही है। उसके नजरिए की आलोचना करते हुए आलोचकों ने ध्यान दिलाया है कि इस समय देश में स्वास्थ्य मंत्री का पद खाली है।
Prepaid Forex Travel Card
थॉमस कुक के सीमाहीन प्रीपेड मल्टी करेंसी कार्ड स्मार्ट कार्ड के रूप में आपकी विदेशी मुद्रा संबंधी सारी जरूरतों को पूरा करते हैं। यह एक साधारण कार्ड है जो बड़ी आसानी से आपकी जेब में आ जाता है और आपको एक यात्री के रूप में खर्च करने की ताकत देता है। इससे कोई अंतर नहीं होता कि आप किस देश कि यात्रा कर रहे हैं, इस कार्ड कि मदद से आप न विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण केवल अपनी मांसपसंद ख़रीदारी कर सकते हैं बल्कि एटीएम से पैसा भी निकाल सकते हैं। इस कार्ड से ख़रीदारी करते समय आपको बिलकुल अपने घर जैसा आराम से काम कर सकते हैं। फोरेक्स कार्ड कि सुविधाओं विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण में इस कार्ड का आप घर बैठे खरीद सकते हैं और यह आपके घर पर पहुंचाना भी शामिल है। या फिर आप थॉमस कुक कि किसी नजदीकी ब्रांच में जाकर ज़रूरी जानकारी देकर भी यह प्राप्त कर सकते हैं।
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वन करेंसी कार्ड
वन करेंसी कार्ड आपको बढ़ी हुई दर पर मुद्रा कनवर्ज़न चार्ज से सुरक्शित करते हैं। विदेश यात्रा पर जाते समय यदि होटल और फ्लाइट पर अच्छी डील मिल जाती है तो विदेश यात्रा कि लागत कम हो जाती है। इस लागत को आप विदेशी मुद्रा विनिमय पर भी बचा सकते हैं। थॉमस कुक ने मास्टर कार्ड के साथ मिलकर सस्ती दर पर यात्रा करेंसी कार्ड कि व्यवस्था करता है जिससे आपकी यात्रा बिना परेशानी के सम्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही यह कार्ड आपको विदेश यात्रा करते समय विभिन्न देशों में जाने पर मुद्रा विनिमय शुल्क से भी बचाव करता है जो सामान्य रूप में 3% से 4% तक हो सकता है। थॉमस कुक का वर्षों का अनुभव विश्व स्तर कि विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण सुविधाएं देने में दक्ष हो गया है। तो बिना देर किए अपनी यात्रा के अनुभव को सुखमय बनाएँ और थॉमस कुक के साथ फोरेक्स कार्ड लेकर अपने आनंद को दुगुना कर दें। विदेश यात्रा को सुखमय बनाने के लिए उपयोगी टिप्स ज़रूर पढ़ें।
सीमाहीन प्रीपेड कार्ड के लाभ
स्मार्ट
- एक ही कार्ड में नौ करेंसी तक लोड करी जा सकती हैं
- 35.2 लाख व्यावसायिक संस्थानों और 2.2 लाख एटीएम में प्रयोग किए जा सकता है
- एक ट्रिप का बचा हुआ फंड दूसरे ट्रिप में इस्तेमाल करें या विदेश में कैश की कमी होने पर एटीएम से फंड निकाल लें
- पहले से ही करेंसी को लोड करवाने से करेंसी के उतार-चड़ाव से पूरी तरह से अप्रभावित
सुरक्शित:
- चिप और पिन द्वारा सुरक्शित
- आपके बैंक एकाउंट से लिंक नहीं
- कार्ड के खोने या विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण चोरी होने पर मुफ्त रिप्लेस्मेंट
- एसएमएस और ईमेल अलर्ट
सुविधाजनक
- ज़ीरो शुल्क पर बैकअप कार्ड मिल सकता है
- कार्ड के खोने और चोरी होने पर कार्ड की रिप्लेस्मेंट मुफ्त
- भारत में बैलेंस जानने की सुविधा
- ऑल पॉइंट नेटवर्क एटीएम में कोई सरचार्ज नहीं
- 10,000 अमरीकी डॉलर तक बीमा सुविधा
- जेट एयरवेज और ताज इनर सर्किल में लोयल्टी प्रोग्राम को रीडिम करने की सुविधा
- बैलेंस चेक करना, स्टेटमेंट देखना, पिन चेक करना या विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण कार्ड को ब्लॉक करने के लिए कस्टमर पोर्टल की सुविधा
श्रीलंका संकट: दवाओं विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण की कमी से बन रहे हैं मेडिकल इमरजेंसी के हालात, विदेशी मुद्रा की कमी की इसकी बड़ी वजह
श्रीलंका का आर्थिक संकट अब जानलेवा विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण बनने के मुकाम पर पहुंच गया है। अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी हो गई है। अस्पतालों के मुताबिक उन्हें उन उपकरणों की भी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिनकी आपातकालीन इलाज में जरूरत पड़ती है। इस अभाव का सीधा कारण देश में विदेशी मुद्रा की कमी है। इस कारण दवाओं और जरूरी उपकरणों का आयात नहीं पा रहा है।
श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को कर्ज डिफॉल्ट करने का फैसला किया। यानी उसने एलान कर दिया कि वह तय समयसीमा के अंदर कर्ज और ब्याज को नहीं चुका पाएगी। जानकारों का कहना है कि इस फैसले के बाद श्रीलंका के लिए विदेशी मुद्रा हासिल करना और कठिन हो जाएगा। टीवी चैनल अल-जजीरा के मुताबिक अब श्रीलंका सरकार ने अपनी सारी उम्मीदें चीन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पर टिका दी हैं, लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि अब आईएमएफ बेहत सख्त शर्तों पर ही कर्ज देने को राजी होगा।
विस्तार
श्रीलंका का आर्थिक संकट अब जानलेवा बनने के मुकाम पर पहुंच गया है। अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी हो गई है। अस्पतालों के मुताबिक उन्हें उन उपकरणों की भी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिनकी आपातकालीन इलाज में जरूरत पड़ती है। इस अभाव का सीधा कारण देश में विदेशी मुद्रा की कमी है। इस कारण दवाओं और जरूरी उपकरणों का आयात नहीं पा रहा है।
श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को कर्ज डिफॉल्ट करने का फैसला किया। यानी उसने एलान कर दिया कि वह तय समयसीमा के अंदर कर्ज और ब्याज को नहीं चुका पाएगी। जानकारों का कहना है कि इस फैसले के बाद श्रीलंका के लिए विदेशी मुद्रा हासिल करना और कठिन हो जाएगा। टीवी चैनल अल-जजीरा के मुताबिक अब श्रीलंका सरकार ने अपनी सारी उम्मीदें चीन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पर टिका दी हैं, लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि अब आईएमएफ बेहत सख्त शर्तों पर ही कर्ज देने को राजी होगा।
विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए समान बैंकिंग कानून की मांग, हाईकोर्ट में याचिका दायर
बीजेपी नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका में कहा है कि भारतीय बैंकों में विदेशी पैसा जमा करने के लिए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण NEFT) और इंस्टेंट मनी पेमेंट सिस्टम (IMPS) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इसे सुनिश्चित किया जाए। इनके माध्यम से न केवल देश के विदेशी मुद्रा भंडार को नुकसान हो रहा है, बल्कि अलगाववादियों, कट्टरपंथियों, नक्सलियों, माओवादियों, आतंकवादियों, देशद्रोही, धर्मांतरण माफिया, सिमी और पीएफआई जैसे कट्टरपंथी संगठनों तक भी विदेशी धन पहुंच रहा है।
अपनी मांग के समर्थन में उपाध्याय ने विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण याचिका में तर्क दिया है कि वीजा के लिए आव्रजन नियम समान हैं, चाहे विदेशी यात्री बिजनेस क्लास में यात्रा करें या इकोनॉमी क्लास में। चाहे वह एयर इंडिया का इस्तेमाल करता हो या ब्रिटिश एयरवेज का या फिर चाहे वह अमेरिका से आता हो या युगांडा से।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) देश की मौद्रिक व्यवस्था का प्रबंध कैसे करती है?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम,1934 के प्रावधानों के अनुसार की गई थी. RBI को नोट जारी करने और उन्हें वाणिज्यिक बैंकों की मदद से देश की अर्थव्यवस्था में पहुँचाने का काम करती है. नोटों को जारी छापने के लिए रिजर्व बैंक; न्यूनतम रिजर्व प्रणाली (Minimum Reserve System) को अपनाता है.
RBI का संक्षिप्त इतिहास
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार की गई थी। रिजर्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय शुरुआत में कलकत्ता में खोला गया था लेकिन 1937 में इसे स्थायी रूप से बॉम्बे ले जाया गया.
आरबीआई देश की सर्वोच्च मौद्रिक संस्था है, यह नोटों (एक रुपये को छोड़कर) का मुद्रण करती है और देश के वाणिज्यिक बैंकों को वितरित करती है। इसलिए आर. बी. आई. पूरी अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति का निर्णय करती है.
विदेशी मुद्रा लिंक और उपकरण