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बिटकॉइन में सुरक्षित रूप से निवेश कैसे करें?

बिटकॉइन में सुरक्षित रूप से निवेश कैसे करें?
जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर बिटकॉइन में सुरक्षित रूप से निवेश कैसे करें? क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

निवेश का नया विकल्प: क्रिप्टो FD में मिल सकता है तगड़ा रिटर्न, जानें ये कितना सुरक्षित और आम स्कीम्स से कैसे अलग?

बाजार में निवेशकों के लिए कई तरह की सेविंग स्कीम्स मौजूद है। इसमें सबसे कॉमन स्कीम फिक्स्ड डिपॉजिट है जो अब तक फिएट करेंसी में ही उपलब्ध थी। फिएट करेंसी यानी रुपए, डॉलर, यूरो जिस पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल होता है। अब बाजार में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ऐसे प्रोडक्ट आ गए हैं जो फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह निश्चित रिटर्न का वादा कर रहे हैं। कुछ एक्सचेंज अपने इसे प्रोडक्ट को फिक्स्ड डिपॉजिट बता कर बेच रहे हैं तो कुछ इसे क्रेडिट मार्केट प्रोडक्ट बता रहे हैं।

भारत में आम फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स में जहां आपको 5%-7% का एनुअल रिटर्न मिलता है, तो वहीं किप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में स्कीम के आधार पर 10-40% तक का एनुअल रिटर्न देने का वादा किया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी जैसे वोलेटाइल (बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव होना) एसेट में फिक्स्ड रिटर्न के वादे पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल लगता है। ऐसे में सवाल उठता है कि किप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना कितना सुरक्षित है? इसके क्या रिस्क है? ये आम फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स से कैसे अलग है?

क्रिप्टोकरेंसी फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी फिक्स्ड डिपॉजिट ऑफर करने वाली एक कंपनी है बिटबन्स (Bitbns)। बिटबन्स के हेड गौरव दहाके बताते हैं कि एक्सचेंज पर पहले से ही ट्रेडर्स के लिए एक ऑप्शन मौजूद था जिसमें वो उधार ले सकते थे और अपने टोकन उधार दे सकते थे। उधार लेने वालों को अपेक्षित रिटर्न के आधार पर उधार देने वालों को निश्चित ब्याज का भुगतान करना पड़ता था। इसी प्रोडक्ट को अब सुविधाजनक बनाकर फिक्स्ड डिपॉजिट नाम दिया गया है। इस प्रोडक्ट के बिटकॉइन में सुरक्षित रूप से निवेश कैसे करें? तहत कलेक्ट किए गए टोकन उन लोगों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं जो उन्हें निश्चित ब्याज पर उधार लेना चाहते हैं।

एक्सचेंज ब्याज का भुगतान कैसे सुनिश्चित करता है?
दहाके ने कहा कि जो भी टोकन उधार लेता है उससे टोकन के बदले में कोलेटरल लिया जाता है। कोलेटरल यानी ऐसा एसेट जो उधार लेने वाले को सिक्योरिटी के रूप में देना होता है। बिटबन्स से टोकन उधार लेने वालों को 110% कोलेटरल मेंटेन करना होता है। कोलेटरल की वैल्यू 110% से नीचे आने पर प्रिंसिपल और इंटरेस्ट सुनिश्चित करने के लिए एक्सचेंज इसे लिक्विडेट कर देता है। यानी उसे बेच देता है। इससे फिक्स्ड डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों को समय पर ब्याज समेत उनके टोकन देने में परेशानी नहीं आती। वहीं एक और एक्सचेंज वॉल्ड भी इसी तरह का एक प्रोडक्ट ऑफर करता है। वॉल्ड से उधार लेने वालों को 150% का कोलेटरल मेंटेन करना होता है।

अगर क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कम हो गई तो क्या होगा?
क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही ज्यादा वोलेटाइल है। रोजाना इसमें बड़ा उतार-चढ़ाव होता है। इसलिए क्रिप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने से पहले इससे जुड़े जोखिम की जानकारी जरूरी है। क्रिप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में क्या जोखिम है इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए की आपने एक बिटकॉइन का 30 दिनों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट किया। इस पर आपको 12% के एनुअल रिटर्न का वादा किया गया है। निवेश करते समय बिटकॉइन की वैल्यू रुपए में 50,00000 थी। यदि बिटकॉइन की कीमतें मैच्योरिटी तक 20% गिर जाती है तो आपको फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया बिटकॉइन और रिटर्न तो मिलेगा, लेकिन रुपए के हिसाब से कीमत कम हो जाएगी।

एक्सचेंज के पास आपके टोकन कितने सुरक्षित है?
क्रिप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में दूसरी चिंता टोकन की कस्टडी को लेकर है। यानी अगर कोई एक्सचेंज रातो-रात टोकन लेकर फरार हो गया तो क्या होगा? इसे लेकर दहाके ने कहा, 'बिटबन्स भारत में कस्टोडियन सर्विस के लिए फिडेलिटी डिजिटल एसेट्स के साथ बात कर रहा है। फिडेलिटी अमेरिका में ऐसी सर्विस प्रदान करती है। भारत में इस सर्विस के आने के बाद टोकन की सुरक्षा से जुड़ी चिंता कम हो जाएगी। वहीं एक और एक्सचेंज वॉल्ड बिटगो नाम के एक कस्टोडियन के साथ काम करता है। बिटगो टोकन की सुरक्षित कस्टडी के लिए ग्लोबल लेवल पर अपनी सर्विस ऑफर करता है।

क्या इस प्रोडक्ट को फिक्स्ड डिपॉजिट कहना सही है?
वॉल्ड के को-फाउंडर दर्शन भटीजा इसे क्रेडिट मार्केट प्रोडक्ट के रूप में देखते हैं। ये वैसा ही है जैसे पैसों को घर में रखने के बजाए यील्ड अर्निंग इंस्ट्रूमेंट में लगाना। यील्ड का मतलब एक निश्चित अवधि के लिए किए निवेश पर मिला रिटर्न है। ये प्रतिशत में होता है। क्रिप्टो के मामले में भी आप अपने टोकन को वॉलेट में रखने के बजाय यील्ड अर्निंग इंस्ट्रूमेंट में लगाते हैं। यहां जो आय अर्जित होती है वह पूरी तरह से बाजार में टोकन की मांग और आपूर्ति पर आधारित है। बिटकॉइन में सुरक्षित रूप से निवेश कैसे करें? यह अलग-अलग टोकन के लिए अलग-अलग है। यानी ऐसा हो सकता है कि बिटकॉइन पर आपको ज्यादा डिमांड वाले टोकन की तुलना में कम यील्ड मिले।

फिएट करेंसी FD में आपको कितना ब्याज मिलता है?
अलग-अलग टर्म और स्कीम्स के हिसाब से बैंक और पोस्ट ऑफिस आपको FD पर अलग-अलग इंटरेस्ट रेट ऑफर करते हैं। यहां आपको औसत 5%-7% का एनुअल रिटर्न मिलता है। इन स्कीम्स में सीनियर सिटीजन्स को ज्यादा इंटरेस्ट रेट ऑफर किया जाता है। जैसे पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में अभी 7.4% का ब्याज मिल रहा है।

वहीं अगर पोस्ट ऑफिस के 15 साल के पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) की बात करें तो इसमें फिलहाल 7.1% का ब्याज मिल रहा है।

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश की योजना बना रहे हैं तो इनकी ट्रेडिंग के लिए लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

एक्सचेंज फीस

  • क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
  • फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.

नेटवर्क फीस

  • क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
  • आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.

वॉलेट फीस

  • क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
  • क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
    (Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
    (स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

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भारत के दिग्गज क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स | What are some of the crypto trading platforms in India

भारत के दिग्गज क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2018 में भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया बिटकॉइन में सुरक्षित रूप से निवेश कैसे करें? था। हालांकि, पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा दिया था। यह भारतीय निवेशकों खासकर डिजिटल रूप से कुशल लोगों के लिए स्वागत योग्य कदम था। क्रिप्टो बाजार में निवेश और व्यापार में व्यस्त भारतीयों के साथ साथ क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और बिटकॉइन एक्सचेंजों की बढ़ती संख्या इस बात की गवाही देती है।

बिनेंस एक्सचेंज को दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो प्लेटफॉर्म माना जाता है, लेकिन भारत बिटकॉइन में सुरक्षित रूप से निवेश कैसे करें? में भी कुछ लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं।

  • वज़ीरएक्स एक भारतीय बिटकॉइन और क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज है जहां आप इथीरियम, रिप्पल, लिटकॉइन और बिटकॉइन में ट्रेडिंग कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको स्पॉट प्लेटफॉर्म पर 0.2% चार्ज देना होगा। वज़ीरएक्स के दावों की मानें तो इसकी प्रमुख विशेषताओं में शामिल है इसका इस्तेमाल करना आसान है, लेन-देन तेजी के साथ होता है और विश्वस्तरीय सुरक्षा इंतजाम है। वज़ीरएक्स पी2पी ट्रांजैक्शन की भी सुविधा प्रदान करता है।
    भारत में शीर्ष क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल है, खासकर नौसिखिये लोगों के लिए। आप इसके ग्राहकों के अनुकूल प्लेटफॉर्म पर तत्काल लेनदेन के माध्यम से अपना क्रिप्टो पोर्टफोलियो बना सकते हैं। विशेषज्ञ ट्रेडर कॉइन डीसीएक्स का उपयोग बिटकॉइन में सुरक्षित रूप से निवेश कैसे करें? सिंगल एक्सेस के माध्यम से और बहुत कम स्प्रेड के साथ कर सकते हैं। उपयोगकर्ता 0.1% ट्रेडिंग शुल्क देकर 250 से बिटकॉइन में सुरक्षित रूप से निवेश कैसे करें? अधिक क्रिप्टोकरेंसी में इसके स्पॉट ट्रेडिंग, मार्जिन और फ्यूचर प्लेटफॉर्म पर खरीद और बिक्री कर सकते हैं। आप इसकी विकेन्द्रीकृत उधार सेवा में भी निवेश कर सकते हैं। का उपयोग 15 लाख से अधिक लोग करते हैं और यह भारत में सबसे पुराने क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म में से एक है। यह ऑफलाइन डेटा स्टोरेज और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के साथ सुरक्षा का भरोसा देता है। यूपीआई और बैंक हस्तांतरण की भी अनुमति है। हालांकि, बिटकॉइन ट्रेडिंग चार्ज 0.7% वसूला जाता है जो कि काफी अधिक है।
    नौसिखियों के लिए एक अन्य लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। यह ग्रेड-ए सुरक्षा का दावा करता है और ऑफ़लाइन कोल्ड स्टोरेज में 95% स्टोरेज के अभ्यास का पालन करता है। बिटबन्स बिटकॉइन बेचने और खरीदने के लिए यूपीआई और बैंकिंग हस्तांतरण की सुविधा देता है और साथ ही पी2पी जमा भी स्वीकार करता है। इसका ट्रेडिंग शुल्क 0.03% से 0.25% तक है। क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षित रूप से भेजने और प्राप्त करने के लिए एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो कि वॉलेट सेवा भी प्रदान करता है। यह 2014 से क्रिप्टोकरेंसी बाजार में है बिटकॉइन में सुरक्षित रूप से निवेश कैसे करें? और इसने 30 लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान की है। एक अतिरिक्त सुरक्षा सुविधा के रूप में ज़ेबपे में आउटगोइंग लेनदेन को अक्षम करने की सुविधा है। बनाने वाले पर ट्रेडिंग शुल्क 0.15%, लेने वाले पर 0.25% और इंट्राडे पर 0.1% है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2018 में भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा दिया था। यह भारतीय निवेशकों खासकर डिजिटल रूप से कुशल लोगों के लिए स्वागत योग्य कदम था। क्रिप्टो बाजार में निवेश और व्यापार में व्यस्त भारतीयों के साथ साथ क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और बिटकॉइन एक्सचेंजों की बढ़ती संख्या इस बात की गवाही देती है।

बिनेंस एक्सचेंज को दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो प्लेटफॉर्म माना जाता है, लेकिन भारत में भी कुछ लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं।

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