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डीमैट अकाउंट क्या होता है

डीमैट अकाउंट क्या होता है
जैसे जैसे टेक्नोलॉजी का विस्तार होता जा रहा है उसी प्रकार से हमारे जीवन में बहुत सारे बदलाव भी देखने को मिल रहे है कुछ समय पहले किसी भी कम्पनी में निवेश करने पर या उनके कंपनी के शेयर खरीदने पर कुछ दस्तावेज दिए जाते थे की इस कम्पनी में आपने इतना निवेश किया है इसका सबूत निवेशक के पास हो जाता था वर्तमान में वही Demat Account के रूप में जाना जाने लगा है।

डीमैट अकाउंट क्या है | What is Demat Account in Hindi !!

डीमैट अकाउंट क्या है | Demat Account In Hindi

नमस्कार दोस्तों आज हम आपको Demat Account In Hindi आर्टिकल पर डीमैट अकाउंट के बारे में आप सबको बताने वाले हैं और दोस्तों आप सब ने कई जगह इसके बारे में सुना होगा या कहीं पढ़ रखा होगा डीमेट अकाउंट के बारे में और अगर इसके बारे में डिटेल में जाने की इच्छा हो रही है तो हमारी इस लेख को पूरा ध्यान से पढियेगा

क्योंकि हम आपको सीधे और सरल शब्दों में इसके बारे में आपको बताएंगे कि डिमैट अकाउंट क्या है कैसे काम करता है कैसे खुलवाएं कहां खुलवाएं इसके लाभ इत्यादि सब कुछ तो दोस्तों चलिए जानते हैं डीमैट अकाउंट के बारे में

What is Demat Account In Hindi

दोस्तों डीमैट अकाउंट का मतलब है De-materialization यानी आसान भाषा में कहें तो बिना किसी कागज या डाक्यूमेंट्स का भौतिक रूप में ना होना यानी सिर्फ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ही सारी प्रक्रिया होना

दोस्तों पहले के समय में सब कुछ काम काज ऑफिसियल पेपर वर्क द्वारा ही किया जाता था लेकिन अब सब कुछ ऑनलाइन ही कार्य होता है दोस्तों पहले जब हम शेयर बाजार में निवेश करते थे या फिर किसी से शेयर की खरीद व बिक्री डीमैट अकाउंट क्या होता है करते थे तो यह पेपर द्वारा ही होता था

जिसमें काफी टाइम वा उबाऊ प्रोसेस से गुजरना पड़ता था इसलिए लोग ज्यादातर शेयर बाजार की तरफ जाने से भी कतराते हैं पर आज सेबी के नियमों द्वारा यह सब प्रक्रिया आसान बन गई है और अब यह सब सारा वर्क डिमैट अकाउंट द्वारा और सरल हो गया है अब आप सारा काम डीमेट अकाउंट द्वारा व एक ही ऑनलाइन प्लेटफार्म द्वारा बड़ी आसानी से कर सकते हैं पहले के समय में डाक्यूमेंट्स का खो जाने जल जाने भीग जाने का खतरा हमेशा बना रहता था जो अब ऑनलाइन प्रोसेस द्वारा खत्म हो गया

Demat Account कैसे काम करता है

  • दोस्तों आप जब डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं तो सबसे पहले KYC करानी पड़ती है जिसमें पैन कार्ड व आधार कार्ड होना अनिवार्य होता है और KYC के जरिए ही आपका डीमैट अकाउंट वेरीफाई किया जाता है
  • आपके डीमैट अकाउंट को आपके बैंक अकाउंट से सीधे जोड़ दिया जाता है ताकि आप अपने बैंक अकाउंट की राशि सीधे डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सके और उस राशि से शेयर की खरीद कर सके शेयरो को खरीदने के बाद आपके अकाउंट में ही होल्ड करके रखा जाता है और जब आप शेयरो को बेचना चाहते हैं तो उस डिमैट अकाउंट से ही बेचते है और वह शेयर कोई दूसरा व्यक्ति अपने डीमैट अकाउंट के जरिए ही खरीदता है उसे और होल्ड कर लेता है तो दोस्तों डिमैट अकाउंट इसी प्रकार वर्क करता है
  • दोस्तों जब आप अपनी शेयरो को बेच देते हैं तो पुनः आपके डीमैट अकाउंट में शेयर के बदले राशि आ जाती है आप यह राशि चाहे तो फिर से शेयर खरीद ले या फिर आप अपने बैंक अकाउंट में पुनः वापिस ट्रांसफर कर सकते हैं अपने जरूरत के हिसाब से
  • दोस्तों डीमैट अकाउंट इसी तरह काम करता है और आप भी डीमैट अकाउंट की सहायता से इसी प्रकार शेयर बाजार या कहे तो स्टॉक मार्केट में निवेश या खरीद वा बिक्री कर सकते हैं

Demat Account Meaning in Hindi – No Physical Shares in Demat

ऐसा डिजिटल खाता जिसमें कंपनियों के शेयर कोई शेयरधारक डिजिटल अवस्था में रखता है उसे Demat Account कहते हैं। इसको आसानी से ऐसे समझिये. जैसे हम आपने पैसे अपने बैंक के खाते में रखते हैं वैसे ही हम अपने शेयर डीमैट खाते में रखते हैं। जैसे हम यदि बैंक के खाते से नकदी निकलवा लें तो वह नकदी या करंसी पैसे का भौतिक रूप है। मगर जब हम अपने डेबिट कार्ड से किसी दूकानदार को पेमेंट करते हैं तो यह पैसों का इलेक्ट्रॉनिक ट्रान्सफर हुआ. इसी प्रकार यदि हमारे पास शेयर हैं तो हम या तो उन्हें किसी को गिफ्ट देंगे या बाजार में बेच देंगे, दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में इलेक्ट्रॉनिक ट्रान्सफर किया जाएगा. शेयरों को भौतिक रूप में रखने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती.

शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक्स रूप से खाते में रखने की सुविधा को डीमैट कहते हैं. भारत में शेयर और प्रतिभूतियां को इलेक्ट्रॉनिक रूप से Dematerialized डिमैटीरिलाईज्ड यानी Demat Account में रखा जाता है. शेयर धारक शेयरों को भौतिक रूप में यानी कागज़ पर छपे हुए शेयर सर्टिफिकेट नहीं रखते. इसके लिए ब्रोकर के पास जा कर Demat Account खुलवाया जाता है. सभी शेयरों के लेनदेन में डीमैट खाते का नंबर लिखा जाता है जिससे कि शेयरों की खरीद बिक्री का इलेक्ट्रॉनिक सेटलमेंट हो सके. किसी भी तरह के शेयरों के लेनदेन के लिए शेयर होल्डर के पास डीमैट खाता होना आवश्यक है.

शेयर सीधे खाते में आते हैं Keep your Shares in Demat Account

Demat Account तक पहुँचने के लिए इन्टरनेट डीमैट अकाउंट क्या होता है डीमैट अकाउंट क्या होता है पर पासवर्ड की जरूरत होती है. शेयरों की खरीद और बिक्री सौदा कन्फर्म होने पर स्वत ही हो जाती है.

जब भी कोई कंपनी बोनस अथवा राईट शेयर जारी करती है तो ये शेयर भी सीधे शेयर होल्डर के Demat Account में आ जाते हैं. आईपीओ IPO में शेयरों के आवेदन करने के लिए भी डीमैट खाते की आवश्यकता है. यदि आईपीओ में आपको शेयर मिले हैं तो वे सीधे आपके डीमैट खाते में ही आ जाते हैं.

Demat खाते के फायदे

डीमैट शेयर गुम नहीं होते, खराब नहीं हो सकते, चोरी नहीं हो सकते. इनसे सिग्नेचर ना मिलने जैसी समस्या भी नहीं होती. Demat Account की वजह से शेयरों की खरीद बिक्री में धोखा होने की संभावना भी समाप्त हो जाती है. यह बहुत ही सुविधाजनक भी है.

आप अपना Demat Account किसी दूसरे को ट्रान्सफर नहीं कर सकते मगर इसमें पड़े शेयर दूसरे को ट्रान्सफर कर सकते हैं. डीमैट खाता किसी दूसरे के साथ जॉइंट तरीके से खुलवाया जा सकता है. आप एक से अधिक डीमैट खाते भी खोल सकते हैं. अधिकतर निजी बैंक आपको डीमैट खाता खुलवाने की डीमैट अकाउंट क्या होता है सुविधा देते हैं. इसके अलावा कई निजी ब्रोकर कंपनियों के पास डीमैट खाता खुलवाया जा सकता है. इसके लिए आपको अपना पैन कार्ड की कॉपी, पते का प्रूफ देना होता है और KYC भरना पड़ता है.

Demat meaning in hindi.

Demat का फुल फॉर्म “डीमैट अकाउंट क्या होता है Dematerialize” हिंदी मीनिंग डीमैट निवेशक का पूर्ण व्यौरा होता है इस प्रकिर्या यानि शेयर या स्टॉक में निवेश की गयी राशि को भौतिक रूप में कन्वर्ट करने को “Dematerialization” कहते है।

कुछ समय पहले इन्ही प्रकिर्यो को कागज के माध्यम से पूरा किया डीमैट अकाउंट क्या होता है जाता था लेकिन जिस प्रकार दुनिया में टेक्नोलॉजी बढ़ रहा और तरक्की हो रहा है तथा कामो को आसान बना रहा है नई तकनीकों से सुविधाएं बढ़ रही है इसीलिए Physical Work को Digital Work में बढ़ला जा रहा है और यही शेयर बाजार में हुआ दस्तावेज की जगह डीमैट खाता का इस्तेमाल होने लगा।

डीमैट अकाउंट के लिए दस्तावेज।

अगर आप भी डीमैट अकाउंट ओपन करना चाहते है तो आपके पास कुछ Document होने अनिवार्य है अगर ये डॉक्यूमेंट नहीं होते है तो डीमैट खाता खोलने के लिए ये डॉक्यूमेंट बनवाने पड़ सकते है।

  • पैन कार्ड
  • आधार कार्ड
  • पासपोर्ट साइज 2 फोटो / लाइव फोटो
  • सेविंग अकाउंट पासबुक / बैंक स्टेटमेंट

इन्ही दस्तावेज के जरिये से आप डीमैट खाता के लिए अप्लाई कर सकते है और इसी डीमैट अकाउंट से ट्रेडिंग भी कर सकते है।

डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है?

जब आप किसी कम्पनी के शेयर को ब्रोकर के माध्यम से खरीदते है तो ब्रोकर डीमैट अकाउंट के साथ शेयर को आपके डीमैट खाता में जमा कर देता है तथा आपके डीमैट अकाउंट में ख़रीदे गए शेयर Digitally दिखने लगते है यही आप इंटरनेट के जरिये डीमैट अकाउंट का एक्सेस कर सकते है इसके लिए आपको पासवर्ड की ज़रुरत होती है उसे डालकर आप अपने डीमैट खाता को चेक कर सकते हो।

डीमेट अकाउंट के माध्यम से ख़रीदे हुए शेयर को बेच सकते हो लेकिन इसका विवरण आपको ब्रोकर को देने होगे बेचे गए शेयर आपके डीमैट अकाउंट से डेबिट हो जायेंगे और उसके बदले में आपको करेंसी मिल जायेगा।

उसी डीमैट अकाउंट से चाहे तो किसी कम्पनी के शेयर को आसानी से खरीद भी पाएंगे इससे चाहे तो इंट्राडे ट्रेड भी कर पाएंगे और तो और खरीदे शेयर के रेट से जागरूक रह सकते है यहाँ आप रेट से सम्बंधित समय समय पर अपडेट मिलता रहता है।

डीमैट अकाउंट के फायदे।

डीमैट अकाउंट के बहुत सारे बेनिफिटस है लेकिन कौन कौन से फायदे है ये खासकर लोगो को पता नहीं होता है तो हम निम्न फायदों पर एक नजर डाल लेते है।

  1. कुछ समय पहले शेयर खरीदने पर कम्पनी के द्वारा कुछ डीमैट अकाउंट क्या होता है कागज बनाकर निवेशक को दिया जाता था उसमे काफी समय लगता था वही दस्तावेज खोने जलने का काफी डर रहता था।
  2. पहले शेयर या स्टॉक में निवेश करने के लिए ब्रोकर खोजना पड़ता था और कई बार वहा जाना पड़ता जहा पर शेयर को ख़रीदा और बेचा जाता है वहा बैठकर शेयर की डील होती थी जिसमे काफी समय लगता था।
  3. फिजिकली शेयर को रखने की आवश्यकता नहीं होती है क्योकि Digitally सुरक्षा से जमा होता है इसमें चोरी होने और शेयर खोने की कोई संम्भावना नहीं होती है।
  4. डीमैट अकाउंट के माध्यम से घर बैठे शेयर को बेचा और ख़रीदा जा सकता है बिना किसी दुविधा के।
  5. पहले शेयर को स्थानांतरित करने डीमैट अकाउंट क्या होता है में काफी समय लग जाता था क्योकि कागजी प्रकिर्यो में काफी समय लग जाता था लेकिन अब ऐसा बिलकुल भी नहीं है।
  6. अब ख़रीदे हुए शेयर कुछ ही समय आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाते है जिसे आप सुरक्षित रख सकते हो।

डीमैट अकाउंट क्या होता है

You are currently viewing डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है !!

  • Post author: Ankita Shukla
  • Post published: March 14, 2019
  • Post category: Gyan
  • Post comments: 0 Comments

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Demat Account and Trading Account” अर्थात “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जैसा कि हम सब जानते हैं जब भी हम एक ब्रोकर के जरिये अपना डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं, तो वो साथ में ट्रेडिंग अकाउंट भी खोलते हैं. क्यूंकि बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप शेयर मार्किट में अपना काम आसानी से नहीं कर सकते हैं. लेकिन दोनों अकाउंट साथ में खुलने का अर्थ ये बिलकुल नहीं होता है कि दोनों अकाउंट समान कार्य करते हैं या ये दोनों अकाउंट समान है. दोस्तों आज हम आपको इन्ही के विषय में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है | What is Trading account in Hindi !!

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि पहले से समय में किसी भी कार्य को करने के लिए हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का साधन उपलब्ध नहीं हुआ करते थे और यह समान स्थिति शेयर मार्किट के केस में भी थी. अर्थात जब भी पहले कोई भी कंपनी के शेयर को खरीदता था, तो उसे सर्टिफिकेट के रूप में एक कागज दिया जाता था, जिसपर डीमैट अकाउंट क्या होता है व्यक्ति का नाम, शेयर की संख्या, तारीख, आदि लिखा रहता था. लेकिन अब वो समस्या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये दूर हो गयी है अर्थात अब यदि आप किसी कंपनी के शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं तो अब आपको उसके लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक नहीं होता है. बस कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से आप आसानी से शेयर को खरीद व बेच सकते हैं, लेकिन इस प्रकार के लेनदेन मतलब ट्रेडिंग के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य होता है. यदि आपको शेयर मार्किट में अपना बिज़नेस करना है या शेयर का लेनदेन करना है, तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। जिसके बिना ये संभव नहीं होता है.

डीमैट अकाउंट क्या है | What is Demat Account in Hindi !!

अब जैसा कि आपको समझ में आ गया होगा डीमैट अकाउंट क्या होता है कि ट्रेडिंग अकाउंट का क्या काम है तो बात अब डीमैट अकाउंट की करते हैं , यह अकाउंट भी शेयर मार्केट का ही एक भाग है। ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये हम शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। तब हमे उन उस खरीदे हुए शेयर को रखने के लिए भी एक एकाउंट की आवश्यकता पड़ती है, जिसे हम डीमैट अकाउंट कहते है। जब हम कोई शेयर खरीद कर अपने पास रख लेते हैं तो वह डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेव रहते है, और जब हम उन शेयर को बेचना चाहते हैं तो शेयर हमारे डीमैट अकाउंट से निकलकर ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से खरीदने वाले के पास चले जाते है।

# ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों साथ में खोले जाने वाले अकाउंट होते हैं.

# ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये शेयर को खरीदा व बेचा जाता है और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को सुरक्षित संभाल कर रखा जाता है.

क्या होता है डीमैट और ट्रेडिंग खाता

आपने जिन शेयरों या सिक्योरिटीज (बांड्स, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड यूनिट्स इत्यादि) में निवेश किया है, उन्हें डिजिटल मोड में डीमैट खाते में रखा जाता है. इसके विपरीत ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही डीमैट खाते में रखे सिक्योरिटीज की बिक्री की जा सकती है. ट्रेडिंग खाते के जरिए ही स्टॉक एक्सचेंज पर आप शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए पोजिशंस ले सकते हैं. ब्रोकरेज फर्म अकाउंट ओपनिंग्स के लिए शुल्क लेती हैं.

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