आरओआई क्या है

ROI Full Form in Hindi – ROI का फुल फॉर्म क्या है?
ROI Ka Full Form के साथ – साथ रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट से जुड़ी अन्य जानकारी भी देने वाले है, तो चलिए सबसे पहले जानते है की ROI का फुल फॉर्म और ROI Meaning in Hindi क्या होता है?
Table of Contents
ROI Full Form in Hindi
ROI का फुल फॉर्म रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट ( ROI – Return on Investment ) होता है। जिसका मतलब आर्थिक क्षेत्र में निवेश पर लाभ होता है | रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट किस निवेश से कितना प्रतिशत लाभ हो रहा है, उसकी गणना करने का एक तरीका है |
ROI Full Form in Hindi | Return on Investment ( रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट ) |
ROI क्या है?
रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI) के जरिए हम किसी निवेश के लाभ का मूल्यांकन करते है | और यह जानते है की किस निवेश से कितना प्रतिशत का लाभ हो रहा है या होगा है |
इसके अलावा इसका उपयोग जैसे किसी व्यवसाय में निवेश से होने वाले लाभ तथा किसी अन्य व्यवसाय में निवेश के लाभ के बीच के प्रॉफिट का भी मूल्यांकन कर तुलना के लिए कर सकते है |
ROI का मतलब है?
ROI का पूरा नाम रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट होता है, जिसका मतलब निवेश और आर्थिक क्षेत्र में निवेश से होने वाला लाभ होता है | इसका उपयोग किसी निवेश में होने वाले लाभ के प्रतिशत की गणना करने के लिए किया जाता है |
ROI की गणना कैसे करते हैं?
दोस्तों, ROI यानि रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट की गणना पुरे साल में किसी निवेश से मिलने आरओआई क्या है आरओआई क्या है वाले लाभ को प्रतिशत के रूप में निकाला जाता है | ROI की गणना दो तरीको से किया जाता है, जिसमें – (1). ABSOLUTE RETURN ( पूर्ण वापसी ) और (2). COMPOUND ANNUAL GROWTH RATE ( चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर ) होता है |
ROI Formula in Hindi
[Ending Period Value / Starting Period Value – 1]*100 यह फार्मूला Absolute Return मेथड का है, जिसमें गणना करने पर लाभ को आमतौर पर साधारण लाभ की तरह से निकाला जाता है और इसके अंदर समय को महत्व नहीं दिया जाता है। जिससे इसमें निवेश से मिलने वाले लाभ को प्रतिशत के रूप में दिखा दिया जाता है।
ROI Full Form in Banking
Banking के क्षेत्र में ROI का फुल फॉर्म रेट ऑफ़ इंटरेस्ट ( ROI – Rate of Interest ) होता है। जिसका मतलब ब्याज की दर होता है | ब्याज दर वह राशि है, जो एक ऋणदाता के द्वारा उधारकर्ता से लिया जाता है, जिसे आमतौर पर मूलधन के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
ROI Full Form in Banking | Rate of Interest |
ROI Full Form in Digital Marketing
Digital Marketing में ROI का फुल फॉर्म रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट ( ROI – Return on Investment ) होता है। इसमें उस लाभ की गणना किया जाता है, जो डिजिटल मार्केटिंग Campaign से प्राप्त होता है और अभियान को बनाने और रन करने में कितना खर्च हुआ है |
ROI Full Form in Digital Marketing | Return on Investment |
ROI Full Form in Medical
Medical में ROI का फुल फॉर्म रीजन ऑफ़ इंटरेस्ट ( ROI – Region-of-Interest ) होता है।
ROI Full Form in Medical | Region-of-Interest |
Q : ROI Meaning in Hindi.
Ans – ROI का मतलब आर्थिक क्षेत्र में “निवेश पर लाभ” होता है |
Q : ROI Full Form in English.
Ans- Full Form of ROI – Return on Investment.
Q : आरओआई का फुल फॉर्म क्या होता है?
Ans – आरओआई का फुल फॉर्म Return on Investment (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) होता है |
Q : ROI का मतलब क्या होता है?
Ans – ROI का मतलब निवेश पर लाभ (Return on Investment) होता है |
तो दोस्तों इस पोस्ट में हमने जाना कि ROI क्या होता है?, ROI का फुल फॉर्म क्या होता है?,ROI Full Form in Hindi क्या होता है? आदि। हमने आपको ROI की पूरी जानकारी देने की कोशिश की है।
उम्मीद करते है इस पोस्ट से आपके सवालों के जवाब मिले होंगे | अगर आपके मन में इस पोस्ट से जुडी कोई भी सवाल या सुझाव हो तो निचे कमेंट बॉक्स में जरुर लिखें |
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ASKFULLFORMS
दोस्तों, askfullforms.com एक ऐसा ऑनलाइन वेब पोर्टल है, जहाँ पर हिंदी पाठकों के लिए फुल फॉर्म तथा उसके के बारे में समझने योग्य पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। हमारा मुख्य उद्देश्य हमारे हिंदी पाठकों के लिए किसी भी विषय पर बेहतर समझ को बनाना है, ध्यान रहे - साईट से कोई भी जानकारी का उपयोग करने से पहले उस टॉपिक से जुड़े विभाग की ऑफिसियल साईट पर एक बार जरुर चेक करें, हम साईट पर किसी भी डाटा या लेख का सत प्रतिशत सत्य होने की पुष्टि नहीं करतें |
ROI Full Form Hindi
सूचना जारी करना (आरओआई) किसी व्यक्ति या संस्था को संरक्षित स्वास्थ्य सूचना (पीएचआई) तक पहुंच प्रदान करने की प्रक्रिया है जो इसे प्राप्त करने या इसकी समीक्षा करने के लिए अधिकृत है। यह उपभोक्ता को यह तय करने की अनुमति देता है कि वे अपनी फ़ाइल से कौन सी जानकारी जारी करना चाहते हैं, वे कौन चाहते हैं कि यह कब तक जारी हो, आप कब तक उस जानकारी को जारी कर सकते हैं और यह किस क़ानून और दिशानिर्देश के तहत जारी किया जाता है।
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ROI Full Form Hindi in Business Terms
Definition | : | Return On Investment |
ROI Meaning Hindi (Business)
रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (आरओआई) एक लाभप्रदता उपाय है जो निवेश से प्रदर्शन या संभावित रिटर्न का मूल्यांकन करता है। आरओआई निवेश की गई राशि के प्रतिशत के रूप में किए गए लाभ का अनुपात है। यह एक निवेश से अर्जित लाभ का एक उपाय है, एक उच्च आरओआई का अर्थ है कि निवेश एक अनुकूल लाभ प्राप्त करता है।
ROI Full Form Hindi in Imaging & Printing
Definition | : | Region Of Interest |
ROI Meaning Hindi (Technology)
रीजन ऑफ इंटरेस्ट (ROI) किसी विशेष उद्देश्य के लिए डेटासेट या छवि के भीतर नमूनों का एक चयनित सबसेट है।
ROI Full Form Hindi in Countries
Definition | : | Republic of Ireland |
ROI Meaning Hindi (Regional)
आयरलैंड, जिसे रिपब्लिक ऑफ़ आयरलैंड (ROI) भी कहा जाता है, उत्तर-पश्चिमी यूरोप का एक देश है।
ROI Full Form Hindi in Airport Codes
Definition | : | Roi Et Airport |
ROI Meaning Hindi (Transport & Travel)
रूई एट एयरपोर्ट (IATA कोड: ROI, ICAO: VTUV) थाईलैंड के रोई एट में एक सार्वजनिक हवाई अड्डा है।
RoI Full Form Hindi in Banking
Definition | : | Rate of Interest |
RoI Meaning Hindi (Business)
ब्याज दर (आरओआई) वह ब्याज प्रतिशत है जो एक बैंक या अन्य वित्तीय कंपनी आपसे पैसे उधार लेते समय वसूलती है, या जब आप किसी खाते में पैसा रखते हैं तो यह ब्याज प्रतिशत आपको भुगतान करता है।
ROI Full Form Hindi in Regional Organizations
Definition | : | Royal Institute of Oil Painters |
ROI Meaning Hindi (Associations & Organizations)
रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑयल पेंटर्स (आरओआई) लंदन, इंग्लैंड, यूनाइटेड किंगडम में चित्रकारों का एक संघ है।
ROI Full Form Hindi in Countries
Definition | : | Republic of India |
ROI Meaning Hindi (Regional)
भारत, जिसे भारत गणराज्य (ROI) के रूप में भी जाना जाता है, दक्षिण एशिया का एक देश है।
RoI Full Form Hindi in Countries
Definition | : | Republic of Indonesia |
RoI Meaning Hindi (Regional)
इंडोनेशिया, आधिकारिक तौर पर इंडोनेशिया गणराज्य (RoI), दक्षिण पूर्व एशिया का एक देश है।
शिक्षा ऋण योजना
बैंक ऑफ महाराष्ट्र कभी भी फोन कॉल/ई-मेल/एसएमएस के माध्यम से किसी भी उद्देश्य हेतु बैंक खाते के ब्यौरे नहीं मांगता।
बैंक सभी ग्राहकों से अपील करता है कि ऐसे किसी भी फोन कॉल/ई-मेल/एसएमएस का उत्तर न दें, और किसी से भी, किसी भी उद्देश्य हेतु अपने बैंक खाते के ब्यौरे साझा न करें। किसी से भी अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड का सीवीवी/पिन साझा न करें।
सरकारी बैंक ने होम-कार समेत अन्य लोन किए सस्ते, ब्याज दर में 2.45% तक की कटौती, आज से लागू हो रही नई दरें
जहां एक तरफ आरबीआई द्वारा रेपो रेट में वृद्धि किए जाने के कारण बैंकों ने लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं तो दूसरी और बैंक ऑफ महाराष्ट्र अपना लोन सस्ता कर दिया है. बैंक ने फेस्टिव सीजन को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरें घटाई हैं.
- News18Hindi
- Last Updated : October 17, 2022, 09:32 IST
हाइलाइट्स
बैंक ने होम लोन की ब्याज दर 0.30 फीसदी घटाकर इसे 8 फीसदी कर दिया है.
पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट 2.45 फीसदी घटाकर 9 फीसदी से नीचे किया गया.
बैंक ने इससे पहले होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस हटाने का ऐलान किया था.
नई दिल्ली. फेस्टिव सीजन में घर-कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अपनी ब्याज दरों को 0.30 फीसदी घटाकर 8.30 से 8 फीसदी कर दिया है. नई दरें 17 अक्टूबर यानी आज से ही लागू हो गई हैं. इतना ही नहीं पर्सनल लोन के ब्याज में 2.45 फीसदी की बड़ी कटौती करते हुए इसे 9 फीसदी से भी नीचे कर दिया है.
बैंक का पर्सनल लोन अब 11.35 फीसदी की बजाय 8.9 फीसदी की ब्याज दर पर उपलब्ध होगा. गौरतलब है कि आपका क्रेडिट स्कोर, इनकम सोर्स समेत अन्य कारक ब्याज दर को प्रभावित कर सकते हैं. बैंक ने रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए (कार्यरत व रिटायर्ड दोनों) बैंक 8 फीसदी के आरओआई पर होम लोन दे रहा है. रक्षा क्षेत्र में पैरामिलिट्री बल भी शामिल हैं. इससे पहले बैंक ‘दिवाली धमाका’ के तहत पहले ही गोल्ड, होम लोन और कार लोन पर प्रोसेसिंग फीस को पूरी तरह से हटाने का ऐलान कर चुका है.
बैंक ने क्या कहा?
बता दें कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर्सनल व होम लोन समेत अन्य खुदरा लोन पर सबसे कम ब्याज दरें देने वाले बैंकों में शामिल है. बैंक ने एक बयान जारी कर कहा, “एक तरफ जहां नीतिगत दरों में इजाफे के साथ हर तरफ लोन की ब्याज दरें बढ़ रही हैं, बैंक (ऑफ महाराष्ट्र) खुदरा लोन सस्ता कर फेस्टिव सीजन में लोगों के बीच खुशियां बांटना चाहता है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि ग्राहक इस छूट का बेहतर इस्तेमाल करेंगे.”
अन्य बैंक भी दे रहे ऑफर
केवल बैंक ऑफ महाराष्ट्र ही नहीं कुछ अन्य बैंक भी फेस्टिव सीजन में ग्राहकों को लुभान के लिए ऑफर दे रहे हैं. एसबीआई होम लोन की ब्याज दर पर 0.25 फीसदी की छूट दे रहा है. इसके अलावा टॉप-अप लोन्स पर बैंक 0.15 फीसदी की छूट दे रहा है. फेस्टिव बोनाजा डील के तहत अगर आप बैंक से प्रॉपर्टी पर लोन लेते हैं तो आपको ब्याज दर में 0.30 फीसदी की छूट मिलेगी. बैंक ने 31 जनवरी 2023 तक होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस को हटाकर इसे और आकर्षक बना दिया है. इसके अलावा बैंक ऑफ आरओआई क्या है बड़ौदा ने भी इसी तरह का कदम उठाया है. बैंक होम लोन पर 7.95 फीसदी की ब्याज दर से लोन दे रहा है. साथ ही कार लोन भी बैंक 795 फीसदी आरओआई क्या है की ब्याज दर पर ही दे रहा है. यह छूट बैंक के वार्षिक फेस्टिव कैंपेन ‘खुशियों का त्योहार’ के तहत दिया जा रहा है.
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सीजेआई के दफ्तर में भी लागू होगा आरटीआई, क्या है सूचना का अधिकार और इसका इतिहास
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश के दफ्तर को भी सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे में ला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि मुख्य न्यायाधीश (सीजीआई) का दफ्तर सार्वजनिक कार्यालय है, इसलिए यह आरटीआई के दायरे में आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जज किसी कानून से ऊपर नहीं हो सकते।
आरटीआई का इतिहास?
सूचना का अधिकार कानून यानी आरटीआई का इतिहास काफी पुराना है। आरटीआई के लिए तमाम संगठनों की लंबी लड़ाई के बाद यूपीए-1 की सरकार ने सूचना के अधिकार को हरी झंडी दिखाई। 2005 में इस कानून को लागू कर दिया गया। आरटीआई के तहत कोई भी भारतीय नागरिक राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संस्थानों से जानकारी हासिल कर सकता है।
वो जानकारी जो देश या राज्य के हितों के खिलाफ नहीं है उसे आवेदनकर्ताओं को मुहैया कराया जा सकता है। भारत की सर्वोच्च अदालत इसके दायरे से बाहर है। लेकिन सीजेआई का दफ्तर अब आरटीआई के दायरे में आ गया है।
क्या है सूचना का अधिकार?
आरटीआई एक ऐसा कानून है जो देश की जनता को सूचना पाने का अधिकार देता है। 15 जून 2005 को इसे अधिनियमित किया गया और पूर्णतया 12 अक्तूबर 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू कर दिया गया था।
देशवासी सरकार को किसी न किसी माध्यम से टैक्स देते हैं। यही टैक्स देश के विकास और व्यवस्था की आधारशिला को लगातार स्थिर रखता है। जनता को यह जानने का पूरा हक है कि उसके द्वारा दिया गया, पैसा कब, कहां, और किस प्रकार खर्च किया जा रहा है ? यह कानून जनता को ये जानकारी पाने का अधिकार देता है।
- प्रिंट आउट, डिस्क, फ्लॉपी, टेप, वीडियो कैसेटो के रूप में या कोई अन्य इलेक्ट्रानिक रूप में जानकारी लेना।
- कार्यों, दस्तावेजों, रिकार्डो का निरीक्षण और दस्तावेज या रिकार्डों की प्रस्तावना।
- सारांश, नोट्स व प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करना और आरओआई क्या है सामग्री के प्रमाणित नमूने लेना।
- समस्त सरकारी विभाग, पब्लिक सेक्टर यूनिट, किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता से चल रहीं गैर सरकारी संस्थाएं व शिक्षण संस्थान की जानकारी लेना।
- प्रत्येक सरकारी विभाग में एक या एक से अधिक जनसूचना अधिकारी बनाए गए हैं, जो आरटीआई आवेदन स्वीकार करते हैं। मांगी गई सूचनाएं एकत्र करते हैं और उसे आवेदनकर्ता को उपलब्ध कराते हैं।
- जनसूचना अधिकारी को 30 दिन और जीवन व स्वतंत्रता के मामले में 48 घंटे के अंदर (कुछ मामलों में 45 दिन तक) मांगी गई सूचना देनी पड़ती है।
- जनसूचना अधिकारी द्वारा आवेदन न लेने पर, तय समय सीमा में सूचना नहीं देने पर और गलत या भ्रामक जानकारी देने पर उसके वेतन से 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 25000 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
- लोक सूचना अधिकारी आवेदनकर्ता से सूचना मांगने का कारण नहीं पूछ सकता।
- लोक सूचना अधिकारी यदि आवेदन लेने से इंकार करता है या परेशान करता है तो उसकी शिकायत सीधे सूचना आयोग से की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश के दफ्तर को भी सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे में ला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि मुख्य न्यायाधीश (सीजीआई) का दफ्तर सार्वजनिक कार्यालय है, इसलिए यह आरटीआई के दायरे में आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जज किसी कानून से ऊपर नहीं हो सकते।
आरटीआई का इतिहास?
सूचना का अधिकार कानून यानी आरटीआई का इतिहास काफी पुराना है। आरटीआई के लिए तमाम संगठनों की लंबी लड़ाई के बाद यूपीए-1 की सरकार ने सूचना के अधिकार को हरी झंडी दिखाई। 2005 में इस कानून को लागू कर दिया गया। आरटीआई के तहत कोई भी भारतीय नागरिक राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संस्थानों से जानकारी हासिल कर सकता है।
वो जानकारी जो देश या राज्य के हितों के खिलाफ नहीं है उसे आवेदनकर्ताओं को मुहैया कराया जा सकता है। भारत की सर्वोच्च अदालत इसके दायरे से बाहर है। लेकिन सीजेआई का दफ्तर अब आरटीआई के दायरे में आ गया है।
क्या है सूचना का अधिकार?
आरटीआई एक ऐसा कानून है जो देश की जनता को सूचना पाने का अधिकार देता है। 15 जून 2005 को इसे अधिनियमित किया गया और पूर्णतया 12 अक्तूबर 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू कर दिया गया था।
देशवासी सरकार को किसी न किसी माध्यम से टैक्स देते हैं। यही टैक्स देश के विकास और व्यवस्था की आधारशिला को लगातार स्थिर रखता है। जनता को यह जानने का पूरा हक है कि उसके द्वारा दिया गया, पैसा कब, कहां, और किस प्रकार खर्च किया जा रहा है ? यह कानून जनता को ये जानकारी पाने का अधिकार देता है।