शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है

Equity और Commodity क्या होती है ? इनमें क्या अंतर है ?
What is The Deference Between Equity and Commodity in Hindi:- नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम इक्विटी और कमोडिटी के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इक्विटी क्या होती है ? कमोडिटी क्या होती है ? और इनके बीच में क्या अंतर होता है ?
अगर आप अक्सर इंटरनेट चलाते हैं और शेयर मार्केट से जुड़ी हुई जानकारियां पढ़ते हैं ? तो आपने Equity और Commodity शब्द को बहुत बार सुना होगा या पढ़ा होगा। लेकिन अगर आप इनके बारे में विस्तार से नहीं जानते हैं ? तो कोई बात नहीं। क्योंकि यहां पर हम आपको इक्विटी और कमोडिटी के बारे में काफी आसान शब्दों में बताने वाले हैं। इसलिए इस लेख को पढ़ने के बाद इक्विटी और कमोडिटी से संबंधित आपके मन में जितने भी सवाल है वह सभी क्लियर हो जाएंगे।
इक्विटी क्या होती है ? What is Equity in Hindi ?
आपको यह तो पता ही होगा कि शेयर मार्केट क्या होता है ? अगर आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नही है, तब भी आप ये तो जानते ही होंगे कि शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां पर हम हमारे देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं और बाद में जब चाहे तब वापस बेच बेच सकते हैं। तो बस इसी को इक्विटी कहते हैं।
अगर आप शेयर मार्केट के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस पर हमने एक आर्टिकल लिखा है। आप वह पढ़ सकते हैं।
लेकिन फिलहाल यहां पर हम इक्विटी के बारे में चर्चा कर रहे हैं। तो इक्विटी को हम कुछ इस प्रकार से समझ सकते हैं कि शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयर्स को खरीदने और बेचने को ही इक्विटी कहते हैं। आपको बता दे कि भारत मे NSE और BSE मुख्यरूप से यही दो स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफार्म है, जिनके द्वारा आप स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीद और बेच सकते है।
इक्विटी की सबसे अच्छी बात यह है कि अगर आपके पास पैसे कम है ? तो आप किसी भी कंपनी का सिर्फ 1 शेयर भी खरीद सकते हैं। इक्विटी में शेयर्स खरीदने और बेचने की क्वांटिटी पर कोई भी लिमिट नहीं होती है। साथ ही इसकी कोई एक्सपायरी भी नहीं होती है। जैसे कि मान लीजिए आप किसी कंपनी के 10 शेयर आज खरीदते हैं, तो इसके बाद आप जब चाहे तब उन शेयर्स को वापस बेच सकते हैं। आप पर कोई समय सीमा लागू नहीं होती है।
हालांकि अगर आप Intraday में शेयर खरीदते हैं तो आपको एक ही दिन में शेयर खरीद कर वापस बेचने पड़ते हैं। लेकिन इंट्राडे में रिस्क बहुत ज्यादा होता है। इसलिए बहुत ही कम लोग इंट्राडे करते हैं। ज्यादातर लोग डिलीवरीडे में ही शेयर खरीदना पसंद करते हैं।
आपको बता दें कि इक्विटी में इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स दो तरीकों से पैसे कमाते हैं। पहला वह कम कीमत पर कंपनी के शेयर खरीदते हैं। उसके बाद जब उन शेयर्स की कीमत बढ़ जाती है तब वह उनको वापस बेच कर पैसे कमाते हैं। दूसरा स्टॉक मार्केट की ज्यादातर कंपनियां डिवीन्डेड भी देती है, जो कि डायरेक्ट शेरहोल्डर्स के बैंक अकाउंट में जमा होते हैं। डिवीन्डेड को आप कुछ ऐसे समझ सकते हैं कि कंपनियां अपने शेरहोल्डर्स को इनाम के रूप में कुछ एक्स्ट्रा पैसे देती है जिन्हें वह डायरेक्ट शेरहोल्डर्स के बैंक अकाउंट में जमा कर देती है।
हम आपको बताना चाहेंगे कि जब भी आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरहोल्डर बन जाते हैं। यानी कि आपके पास उस कंपनी के जितने शेयर है आप उस कंपनी के उतने हिस्से के मालिक बन जाते हैं। अगर हम इक्विटी के रिस्क की बात करें तो इक्विटी में रिस्क तो होता है, लेकिन कमोडिटी के मुकाबले इसमें कम रिस्क होता है।
कमोडिटी क्या होती है ? What is Commodity in Hindi ?
जिस प्रकार से इक्विटी में कंपनियों के शेयर को खरीदा और बेचा जाता है ठीक उसी प्रकार से कमोडिटी में Raw Material, Gold, Silver, Natural Gas, Crude Oil आदि को खरीदा और बेचा जाता है। हालांकि इसमें फिजिकल मटेरियल की खरीदी और बिक्री नहीं होती है बल्कि इसके स्थान इन मैटेरियल्स के कॉन्ट्रैक्ट तैयार किए जाते हैं, जिनकी एक्सपायरी भी होती है। आपको बता दे कि कमोडिटी में आप इक्विटी की तरह सिर्फ एक शेयर नही खरीद सकते है, इसमे आपको कम से कम एक लॉट खरीदना पड़ता है। एक लॉट में कितने भी शेयर हो सकते हैं। यह इस पर डिपेंड करता है कि आप कौनसे शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है मटेरियल का लॉट खरीद रहे हैं।
चलिए इसको एक उदाहरण से समझते हैं। जैसे कि मान लीजिए आप Gold का एक लॉट खरीदना चाहते हैं। किंतु गोल्ड के एक लॉट में 100 शेयर्स हैं, और एक शेयर की कीमत ₹50 है, तो अभी अगर आप गोल्ड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपको कम से कम एक लॉट यानी की 100 शेयर्स एक साथ खरीदने पड़ेंगे। आप इससे कम शेयर नहीं खरीद सकते है। इसके अलावा अगर आप को इससे ज्यादा शेयर खरीदने हैं तो आपको दो लॉट यानी कि 200 शेयर खरीदने पड़ेंगे। आपको बता दे कि सभी कमोडिटी मटेरियल की लॉट साइज अलग-अलग होती है।
इसके अलावा कॉमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट की वैलिडिटी भी होती है, इसकी वैलिडिटी 1 सप्ताह, 2 सप्ताह, 1 महीना, 2 महीने, 3 महीने ऐसे करके कितनी भी हो सकती है।
इस एक्सपायरी से पहले पहले ही आप कमोडिटी के कॉन्ट्रैक्ट को खरीद और बेच सकते हैं। हम आपको बताना चाहेंगे कि कमोडिटी में वोलेटिलिटी काफी ज्यादा होती है, जिसके मुख्य रूप से दो कारण हैं एक तो कमोडिटी की खरीदी और बिक्री दुनिया भर में की जाती है, दूसरा इसकी एक वैलिडिटी होती है।
अगर आपको कमोडिटी में ट्रेड करना है तो आप BSE, ICXL, XIMC, XNCD जैसे प्लेटफॉर्म की मदद से कर सकते है। इन शब्दों को पढ़कर आपको ज्यादा कंफ्यूज नहीं होना है। बस आप इतना जान लीजिए कि अगर आपने इक्विटी यानी कि शेयर मार्केट मैं पैसे लगाने के लिए जिस ब्रोकर के यहां अपना डिमैट अकाउंट खुलवा रखा है, वही ब्रोकर आपको कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का भी ऑप्शन देता है। तो आप सिंपली वहां पर अपना कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट भी बना सकते हैं। जो कि बिल्कुल डिमैट अकाउंट की तरह ओपन हो जाता है।
आपको बता दें कि जितने भी पॉपुलर ब्रोकर्स है जैसे Groww, Angle One, Zerodha, Upstox आदि। लगभग यह सभी अपने कस्टमर्स को इक्विटी और कमोडिटी दोनों में ट्रेडिंग करने के फीचर्स देती हैं।
Equity और Commodity में क्या अंतर है ?
ऊपर हम आपको इन दोनों के बारे में विस्तार से बता चुके हैं। लेकिन फिर भी अगर हम संक्षिप्त में इनके बीच का अंतर जाने, तो हम इसको कुछ इस प्रकार से समझ सकते हैं कि इक्विटी में हम किसी भी कंपनी के जितने चाहे उतने से शेयर खरीद सकते हैं। शेयर खरीदने के बाद हम उस कंपनी के उतने शेयर्स के मालिक बन जाते हैं। इसके बाद जब उन शेयर्स की कीमत बढ़ जाये या जब हमारा मन करे तब हम उन शेयर्स को वापस बेच सकते हैं।
वहीं अगर हम कमोडिटी की बात करें तो इसमें हमें कम से कम एक लॉट खरीदना पड़ता है। जिसकी एक निश्चित एक्सपायरी होती है। उस एक्सपायरी से पहले पहले ही हमें उस लॉट को खरीदना और बेचना होता है। हम आपको बताना चाहेंगे कि कमोडिटी में वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है। यानी कि इसमें रिस्क ज्यादा होता है, वही इक्विटी में रिस्क कम होता है।
आप किसी भी ब्रोकर के यहां अपना अकाउंट खुलवा कर इन दोनों में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
तो दोस्तों हमें उम्मीद है कि अभी आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा कि Equity kya hai ? Commodity kya hai ? Equity aur Commodity me kya antar hai ? अगर आपको जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरूर शेयर करें। इसके अलावा अगर आपके मन में अभी भी ऐसा कोई शब्द हो जिसके बारे में आप नहीं जानते तो आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं। हम आप को उसके बारे में भी बता देंगे।
पहली बार शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखें
अगर आप स्टॉक मार्केट में पहली बार इंवेस्ट करने जा रहे हैं तो आपके लिए ये जानकारी काफी मुफीद साबित हो सकती है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज। (Source Express Photo/Amit Chakravarty)
शेयर बाजार क्या होता है ? शेयर्स की खरीद-फरोख्त कैसे होती है ? शेयर्स क्या होते हैं ? ऐसे ही कई सारी बातें आपके दिमाग में धूमती होंगे और आप सोचते होंगे कि इस बाजार में व्यापार कैसे किया जाए! आइए जानते हैं इस सभी बातों के बारे में कि शेयर बाजार क्या होता है और अगर आप पहली बार इसमें कदम रखने जा रहे हैं तो आपकों किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या होता है शेयर बाजार
शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियों के शेयर को खरीदा-बेचा जाता है। इसे आसान भाषा में समझने के लिए आप यह माने की आप किसी कंपनी में पैसा लगा रहे हैं और उस पैसा लगाने के बदले आपको जो चीज मिलती है उसे शेयर कहते हैं। शेयर शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है एक कंपनी में आपके पैसा लगाने का एक हिस्सा है। भारत में शेयर बाजार को नियंत्रित करने का काम सेबी यानी की सिक्योरिटीस एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (एसईबीआई) का होता है।
पहली बार कैसे करें शेयर बाजार में निवेश
अगर आप शेयर बाजार में पहली बार कदम रखने जा रहे हैं तो कई सावधानियां बरतना जरूरी है। क्योंकि पहली बार निवेश कर रहे हैं तो आपको शुरुआत कम पूंजी से करें निवेश करें और थोड़ा अनुभव लें। पहली बार निवेश करने वालों के लिए अनुभव लेना जरूरी है। बाजार में कई तरह के रिस्क होते हैं और उन्हें आप बेहतर ढंग से अपने अनुभवों से ही समझ सकते हैं। एकदम से बड़ी रकम दांव पर न लागाएं।
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पढ़िए और जानकारी लें
शेयर बाजार में अगर पहली बार निवेश कर रहे हैं तो जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है। खुद को बाजार के बारे में शिक्षित करें, शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी अच्छी पुस्तकें पढ़ें। एक्सपर्ट्स की राय जानिए और खुद को तैयार करें। जानकारी के लिए कंपनी की बैलेंस शीट और नतीजों को पढ़ना और समझना सीखें। बिजनेस अखबारों और बिजनेस न्यूज चैनलों पर अपनी नजर रखिए।
कई तरह के निवेश के बारे में जानकारी लें
शेयर बाजार में सिर्फ शेयर ही नहीं बल्कि म्यूचुअल फंड्स, बॉन्ड्स जैसी टर्म्स की भी खरीद-फरोख्त होती है। ऐसे में उनके बारे में भी जानकारी जुटाएं और फिर उनमें इंवेस्ट करें। अलग-अलग तरह के निवेश में अपना अनुभव लें और बेहतर कमाई करें।
रिस्क लीजिए
हम सभी जानते हैं कि हर तरह के कारोबार में कई तरह के रिस्क होते हैं। शेयर बाजार भी कई तरह के रिस्क्स से भरा है। ऐसे में आप समय के साथ रिस्क लेना भी शुरु करें और अपने निवेश को बढ़ाएं। वहीं कई बार लोग भेड़ चाल में शामिल हो जाते हैं। इससे बचें और खुद दिमाग लगा कर बेहतर ऑप्शन्स खोजें। रिस्क लीजिए लेकिन संभलकर लें।
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stock market : Share Market क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी
stock market का अर्थ हिन्दी मे share market (शेयर बाजार ) होता है जोकी अपने बहुत लोगों के मुहू से सुना होगा की मे शेयर मार्केट मे अपने पेसे investment या trading करता हु जिससे बहुत पैसे हर रोज कमाता हु तो आपको बात दु की आपको इस आर्टिकल मे stock market या share market की सम्पूर्ण जानकारी मेलेगी
हम आज जानेगे share market के बारे मे
- शेयर मार्केट क्या होता है
- शेयर कितने प्रकार के होते है
- शेयर मार्केट कैसे काम करता है
- आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
Table of Contents
stock market शेयर बाजार क्या होता है ?
Stock Market या Share Market वह जगह होती हैं जहाँ पर Equity, Debentures, Mutual Funds, Derivatives और अन्य प्रकार की Securities (प्रतिभूतियों) को Stock Exchange के माध्यम से ख़रीदा और बेचा जाता हैं|
आसान शब्दों मे बोला जाए stock market शेयर मार्केट जो शेयर का मतलब होता है हिस्सा. बाजार उस जगह को कहते हैं जहां आप खरीद-बिक्री कर सकें आपको यह जानना जरूरी है की
भारत मे दो सबसे बड़े stock exchanger है
-
(Bombay Stock Exchange) (National Stock Exchange)
BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.
स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.
शेयर कितने प्रकार के होते है
- Equity Share (इक्विटी शेयर)
- Preference Share (परेफरेंस शेयर )
- DVR Share (डी वी आर शेयर )
Equity Share (इक्विटी शेयर)
स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनी जब अपना शेयर इशू करती है तो उन शेयर को equity share कहा जाता है .
बंकि अन्य शेयर कि तुलना में equity share सबसे ज्यादा ट्रेड किये जाते है क्योंकि यह शेयर लगभग सभी कंपनी के द्वारा इशू किये जाते है .
स्टॉक एक्सचेंज में लोग सबसे ज्यादा इक्विटी शेयर्स पर ही इन्वेस्ट और ट्रेडिंग करते है इस कारण से इन्हें लोग इक्विटी शेयर कि जगह सिर्फ शेयर कहना पसंद करते है .
Preference Share (परेफरेंस शेयर )
शेयर बाजार में इक्विटी शेयर के बाद परेफरेंस शेयर का नाम बहुत चलता है , परेफरेंस शेयर और इक्विटी शेयर इन दोनों में ज्यादा अंतर नहीं है .
क्योंकि यह दोनों है तो शेयर ही , लेकिन कुछ बाते है जो इक्विटी शेयर से परेफरेंस शेयर को अलग बनती है .
जैसे कि परेफरेंस शेयर होल्डर कभी भी कंपनी कि मीटिंग में वोटिंग नहीं कर सकता . क्योंकि परेफरेंस शेयर होल्डर के पास इसका अधिकार नहीं होता .
और परेफरेंस शेयर होल्डर को कंपनी से मिलने वाला मुनाफा पहले ही तय कर दिया जाता है जो कि उसे साल के अंत में मिलने वाला है, इस प्रकार से परेफरेंस शेयर इक्विटी से अलग है .
DVR Share (डी वी आर शेयर )
DVR Share Full Form is : Share With Differential Voting Rights.
डी वी आर शेयर इक्विटी और परेफरेंस शेयर से अलग है ये इस लिए अलग है कि डी वी आर शेयर होल्डर को इक्विटी शेयर कि तरह लाभ तो मिलता है लेकिन उसकी तरह वोटिंग राइट्स नहीं मिलते .
ऐसा नहीं है कि डी वी आर शेयर होल्डर वोटिंग नहीं कर सकता , डी वी आर होल्डर वोटिंग कर सकता है लेकिन उसके voting rights सुनिश्चित होते है . यही कि उसको जहाँ वोटिंग करने का अधिकार दिया जाएगा वही डी वी आर शेयर होल्डर वोटिंग कर पायेगा .
शेयर मार्केट कैसे काम करता है
शेयर मार्केट क्या है यह समझने के बाद जानते है की यह कैसे काम करता है|
यह बड़ा ही आसान है आपको इन चार चीजो को समझना होगा –
- लिस्टेड कम्पनियां
- शेयर धारक
- डिमांड और सप्लाई
- मार्केट की परिस्थिति आदि
इसे सरल तरीके से एक एक करके समझते है >>>
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.
कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.
ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.
किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.
Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.
प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है
कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.
इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.
शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.
शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.
बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.
इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.
शेयर मार्केट क्या है – What Is Share Market ?
हम इस Article में जानेंगे कि Share Market क्या होता है, Share वास्तव में क्या होता है, और साथ ही साथ जानेंगे Share Market क्या होता है?
आइये पहले देखते है-
शेयर क्या है ?
शेयर्स को कुछ दुसरे नामो से भी जाना जाता है – जैसे
STOCK -स्टॉक, और
EQUITY -एकुइटी,
STOCK, SHARE, या EQUITY तीनो एक ही होता है ,
शेयर – Meaning of Share
“Share का मतलब ,किसी कंपनी की पूंजी को, छोटे-छोटे बराबर हिस्से में बांटने पर, जो पूंजी का सबसे छोटा हिस्सा आता है , उस हिस्से को शेयर (SHARE) कहते है .”
जैसे – एक ABC कंपनी की कुल पूंजी 1 करोड़ है, और कंपनी अपनी 1 करोड़ की पूंजी को, 1 लाख अलग-अलग, बराबर मूल्य के हिस्से में बाँट देती है, अब बांटा गया हर एक हिस्सा, कंपनी की पूंजी का एक सबसे छोटा भाग है जिसकी कीमत अब 100 रूपये है, पूंजी के इसी छोटे भाग को ही SHARE कहा जाता है,
इस तरह ABC कंपनी की पूंजी SHARE में बाँट दिए जाने पर अब कंपनी की पूंजी SHARE CAPITAL कहलाएगी, जो इस प्रकार से होगी –
TOTAL NO of SHARE X SHARE PRICE = SHARE CAPITAL
1,00,000 (एक लाख SHARE) X 100 (एक शेयर) = 1,00,00,000 (1 करोड़ कुल शेयर कैपिटल)
शेयर – कंपनी की पूंजी का एक हिस्स्सा
अब आप समझ गए की SHARE का अर्थ है, कंपनी की पूंजी का एक भाग , यानी जब भी आप SHARE खरीदते है, और पैसे चुकाते है, तो आप SHARE खरीद कर उस कंपनी को ख़रीदे गए SHARE के मूल्य के बराबर पूंजी दे रहे है,
और BUSINESS में पूंजी लगाने वाला BUSINESS का मालिक होता है,इस तरह आपके पास किसी कंपनी के जितने शेयर होते है, आप उन SHARES की कीमत के बराबर ,उस कंपनी में मालिक बन जाते है,
जैसे –
अगर आपके पास State Bank of India का 100 शेयर है और एक शेयर की कीमत अगर 300 रूपये है तो इसका अर्थ है की आपने State Bank of India में 100 शेयर X 300 = 30,000 /- (तीस हजार रूपये ) पूंजी के रूप में दिया हुआ है, और इस 30 हजार रूपये के ऊपर होने वाले लाभ और हानी में आप हिस्सेदार है,
यानी आप 30 हजार रूपये के बराबर State Bank of India में मालिक है.
SHARE से लाभ –
आइये ये भी जाने की शेयर खरीदने और बेचने से किस तरह लाभ कमाया जाता है-
SHARE से पैसे बनाने के दो मुख्य तरीके है, वे है लाभांश (Dividend) कमाना, और Shares की कीमत बढ़ जाने पर उसे बेच कर लाभ कमाना यांनी Value Growth Income,
1. लाभांश – DIVIDEND
किसी भी BUSINESS में दो स्थिति हो सकती है लाभ और हानी, आपके पास जिस कंपनी के SHARE है, वो कंपनी भविष्य में जितना लाभ कमाएगी, उस लाभ यानी PROFIT में , कंपनी के मैनेजमेंट निर्णय के अनुसार, आपको लाभ के हिस्से के रूप में, लाभांश (DIVIDEND) प्राप्त होगा, और इस तरह आप कंपनी के SHARES में INVEST करके आप लाभांश के रूप में INCOME कम सकते है.
2. SHARE VALUE GROWTH
अगर कंपनी लगातार अच्छा BUSINESS कर रही है और लाभ कमा रही है तो इस से कंपनी की कुल वैल्यू बढ़ जाती है और इस तरह उस के पूंजी बढ़ने से SHARES की कीमत भी बढ़ जाती है और हानि की स्थिति में कंपनी की कुल कीमत में कमी आने की वजह से आपके SHARES की कीमत भी कम हो जाती है, और आप SHARE के भाव बढ़ जाने पर SHARES को STOCK MARKET में बेच कर आप SHARE VALUE बढ़ने से लाभ कमा सकते है.
SHARE एक प्रमाण पत्र Certificate होता है,
Share एक प्रमाण पत्र है , SHARES वास्तव में हमारे द्वारा पूंजी के रूप में कम्पनी को दिए गए AMOUNT का प्रमाण पत्र होता है , हम शेयर्स को शेयर्स सर्टिफिकेट भी कह सकते है .
पूंजी को छोटे छोटे हिस्से यानी Share में बांटे से सबसे बड़ा लाभ ये होता है, कि जिसके पास बहुत कम पैसे है वो भी कुछ SHARE खरीद सकता है और इस तरह कंपनी को आम जनता से पैसा मिल जाता है,
आइए अब देखते है,
मार्केट क्या है ?
हम सभी मार्केट शब्द से अच्छी तरह से परिचित है, हिंदी में मार्केट को बाजार कहते है ,
मार्केट ऐसी जगह है जहा कुछ ख़रीदा और बेचा जाता है , जहा कई तरह के दूकानदार अपना – अपना सामान अपने दुकान पे लेके बैठे रहते है और खरीददार अपनी जरुरत का सामान खरीदने के लिए बाजार में आता है और दुकानदार से मोल भाव करके खरीदता है,
जैसे – आपके शहर या गाँव या गली का बाजार,
मार्केट में दो लोगो का होना जरुरी है ,
पहला – खरीदने वाला , दूसरा – बेचने वाला
आइये अब देखते है-
SHARE MARKET या STOCK MARKET क्या है?
बि लकुल आसन शब्दों में कहा जाये तो STOCK MARKET एक ऐसा MARKET PLACE है जहा SHARES की खरीद और बिक्री होती है,
SHARE MARKET एक ऐसा MARKET PLACE है जहां शेयरों के खरीदार और विक्रेता एक साथ, PHYSICAL या VIRTUAL रूप से SHARES खरीदने और बेचने आते हैं,
निवेशक कोई भी शेयर BUY या SELL के ORDERS एक सिस्टम दारा STOCK EXCHANGE को देते हैं, और STOCK MARKET खरीद या बिक्री के ORDERS को पूरा कर देता है।
आज सभी ORDERS COMPUTERIZED SYSTEM से ही पुरे किये जाते है और सभी ORDERS को BEST POSSIBLES OFFERS से MATCH किया जाता है और TRADE को कम्पलीट किया जाता है.
STOCK TRADING की यह ELECTRONIC SYSTEM प्रणाली अधिक पारदर्शिता प्रदान करती है क्योंकि यहाँ सभी BUY और SELL ORDERS को COMPUTER SCREEN पे दिखाती है।
भारतीय शेयर बाजार , (INDIAN SHARE MARKET)
पुराने ज़माने में शेयर्स की खरीद और बिक्री प्रत्यक्ष रूप से MARKET में जाकर की जाती थी, लेकिन अभी COMPUTERS आने के बाद सब कुछ INTERNET द्वारा घर या कही भी बैठे-बैठे कर लिया जाता है, आज SHARES की सभी खरीद और विक्री द्वारा ऑनलाइन ही की जाती है,
आपको SHARE खरीदने या बेचने जाने के लिए मुंबई जाने की कभी जरूरत नहीं होती , आप अपने ऑनलाइन बैंकिंग और किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास शेयर्स को कैसे खरीदा और बेचा जाता है एक ट्रेडिंग और DEMAT ACCOUNT की मदद से दुनिया के किसी भी कोने से आप बैठ कर SHARES खरीद और बेच सकते है,
आशा है आप समझ पाए होंगे की शेयर क्या है, और शेयर मार्केट क्या होता है ,
आगे हम SHARE के बारे में कुछ और INTERESTING बात करेंगे और आप SHARE कैसे खरीद और बेच सकते है, इन सबके बारे में भी बात करेंगे,
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