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क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन?

क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन?
क्रिप्टो बिल का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक बड़ी खबर है. सरकार का इस बजट सत्र में भी क्रिप्टो पर बिल लाना टलता दिख रहा है, लेकिन आखिर क्या है वजह इसकी? जान लीजिए-@manuiimc @bulandvarun pic.twitter.com/uGUYyK2Jks — Money9 (@Money9Live) January 18, 2022

डिजिटल करेंसी को भी 'बैंक नोट' की तरह देखा जाए- RBI ने कानून में संशोधन का दिया प्रस्ताव

Cryptocurrency in India : रिजर्व बैंक का प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को भी बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए यानी डिजिटल करेंसी को भी 'बैंक नोट' की तरह देखा जाए. इसके लिए RBI ने अक्टूबर में कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया था.

RBI ने डिजिटल करेंसी को लेकर सरकार को दिया था प्रस्ताव. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

केंद्रीय रिजर्व बैंक ने देश में डिजिटल करेंसी के विनियमन को लेकर सरकार को एक अहम प्रस्ताव दिया है. रिजर्व बैंक का प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को भी बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए यानी डिजिटल करेंसी को भी 'बैंक नोट' की तरह देखा जाए. इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. सरकार ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है. सरकार की ओर से बताया गया है कि आरबीआई ने अक्टूबर में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency-CBDC) का प्रस्ताव रखा था. CBDCs- डिजिटल या वर्चुअल करेंसी- मूलत: फिएट करेंसी यानी ट्रेडिशनल करेंसी का डिजिटल रूप हैं.

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सोमवार को वित्त मंत्रालय की ओर से लोकसभा में एक लिखित जवाब डाला गया है, जिसमें मंत्रालय ने कहा है कि 'CBDC के आने से कई फायदे होंगे, जैसे कि लोगों की कैश पर निर्भरता घटेगी, ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम होने से अधिकार बढ़ेगा, सेटलमेंट रिस्क भी कम होगा.'

मंत्रालय ने इस बयान में कहा कि इससे ज्यादा मजबूत, सक्षम, विश्वसनीय नियमित और लीगल टेंडर पर आधारित पेमेंट ऑप्शन तैयार होगा. हालांकि, मंत्रालय ने अपने जवाब में आगे यह भी कहा है कि 'इससे जुड़े कुछ रिस्क भी हैं, जिनका संभावित फायदों की तुलना में आकलन किया जाना जरूरी है.' इसके अलावा एक अलग जवाब में केंद्र ने कहा है कि उसके पास 'देश में बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा दिए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.'

बता दें कि इस साल फरवरी में NDTV ने खबर दी थी कि RBI एक डिजिटल करेंसी लाना चाहती है, जिसका जिक्र क्रिप्टोकरेंसी पर कैबिनेट के नोट में था.

वैसे अभी इसी महीने प्रधानंमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरबीआई के अधिकारियों, वित्त मंत्रालय और बाजार नियामक संस्था सेबी के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक उच्चस्तरीय बैठक की थी. आरबीआई ने लगातार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता जाहिर की है और कहा है कि इस पूरे सिस्टम से कई खतरे जुड़े हैं, जिनका आकलन किया जाना जरूरी है.

क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन की दुविधाओं के चलते क्रिप्टो बाजार लगातार उतार-चढ़ाव देख रहा है. संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है, क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? ऐसे में इसी हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी बिल लाकर सरकार निवेशकों की उलझन को शांत कर सकती है.

Video : कॉफी एंड क्रिप्टो- क्रिप्टो को रेगुलेट करने के लिए बिल ला रही सरकार

क्रिप्टो बिल पर सरकार की कोडिंग गड़बड़ाई, यहां समझिए आखिर कहां क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? आ रही है दिक्कतें

क्रिप्टो पर कानून बनाना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. ये मसला बेहद उलझाऊ है और क्रिप्टो के लिए कानून बनाने की कवायद में सरकार को कई मौजूदा कानूनों में भी फेरबदल करना पड़ेगा.

क्रिप्टो बिल पर सरकार की कोडिंग गड़बड़ाई, यहां समझिए आखिर कहां आ रही है दिक्कतें

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया

Updated on: Jan 19, 2022 | 6:10 AM

भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य कैसा होगा, इसे लेकर अभी कुछ भी साफ नहीं हो पा रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना सख्त और स्पष्ट संकेत दे चुका है. क्रिप्टो बिल का बेसब्री से इंतजार क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? कर रहे लोगों के लिए एक बड़ी खबर है. सरकार (Government of India) का इस बजट सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? भी क्रिप्टो पर बिल लाना टलता दिख रहा है, लेकिन आखिर क्या है वजह इसकी? अगर आप भी इस दोराहे पर खड़े हैं कि क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाएं या नहीं? या आपने पैसा लगा रखा है और आप इस उलझन में नया निवेश नहीं कर रहे हैं कि पता नहीं सरकार क्रिप्टो पर क्या फैसला लेने वाली है – तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है.

क्रिप्टो बिल का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक बड़ी खबर क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? है. सरकार का इस बजट सत्र में भी क्रिप्टो पर बिल लाना टलता दिख रहा है, लेकिन आखिर क्या है वजह इसकी? जान लीजिए-@manuiimc @bulandvarun pic.twitter.com/uGUYyK2Jks

— Money9 (@Money9Live) January 18, 2022

बजट सत्र में भी क्रिप्टो पर नहीं आएगा बिल?

तो मसला ये है कि सरकार शायद संसद के बजट सत्र में भी क्रिप्टोकरेंसी पर अपना बिल नहीं ला पाएगी. खबरों के मुताबिक, सरकार अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर और राय-मशविरा करना चाहती है और इस पर एक आम सहमति से ही कानून बनाना चाहती है. इसका सीधा मतलब ये है कि फिलहाल तो क्रिप्टो पर बिल आना मुश्किल ही है. माना जा रहा है कि सरकार पहले रिजर्व बैंक की लॉन्च की जाने वाली डिजिटल करेंसी के पायलट लॉन्च को भी देखना चाहती है.

सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा क्रिप्टो बिल

क्रिप्टो पर कानून बनाना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. ये मसला बेहद उलझाऊ है और क्रिप्टो के लिए कानून बनाने की कवायद में सरकार को कई मौजूदा कानूनों में भी फेरबदल करना पड़ेगा. यही वजह है कि सरकार इस मसले से जुड़े सभी पक्षों के साथ रायशुमारी करना चाहती है और उसके बाद ही इस पर कानून लाना चाहती है.

क्रिप्टो पर कानून बनने क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? के लिए करना होगा लंबा इंतजार

अब अगर आप ये सोच रहे थे कि सरकार फटाफट कानून लाए और क्रिप्टो में निवेश को लेकर तस्वीर साफ हो…तो आपका ये इंतजार अभी लंबा चलने वाला है. मनी9 भी आपको यही सलाह देता आ रहा है कि जब तक क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार कोई कानून नहीं ले आती तब तक आम लोगों के लिए इसमें निवेश से बचना ही सही रणनीति रहेगी.

Cryptocurrency Update : रिजर्व बैंक क्रिप्‍टो पर लगाना चाहता है प्रतिबंध, पढ़ें वित्‍तमंत्री ने क्‍या दिया जवाब?

क्रिप्‍टोकरेंसी को आरबीआई ने इकॉनमी के लिए खतरा बताया है.

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सरकार ने एक बार फिर क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर अपना रुख जता दिया है. सीतारमण ने संसद में कहा कि रिजर्व बैंक इस करेंसी पर प . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 18, 2022, 15:40 IST

हाइलाइट्स

बिना ग्‍लोबल व्‍यवस्‍था के क्रिप्‍टो को किसी सीमा के भीतर रोक पाना मुमकिन नहीं है.
संसद के मानसून सत्र में क्रिप्‍टो को लेकर सरकार बिल पेश कर सकती है.
सरकार संसद में बिल रखने से पहले परामर्श पत्र लेकर आएगी, जो मई में तैयार हो गया है.

नई दिल्‍ली. वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर एक बार फिर सख्‍त बयान दिया है. उन्‍होंने संसद में कहा है कि क्रिप्‍टो पर प्रतिबंध लगाने के लिए दुनियाभर के देशों का सहयोग चाहिए.

वित्‍तमंत्री ने कहा, रिजर्व बैंक काफी समय से क्रिप्‍टो के खिलाफ रहा है. उसकी मंशा क्रिप्‍टो के खिलाफ सख्‍त नियम बनाने और इसे प्रतिबंध‍ित करने की है. आरबीआई क्रिप्‍टोकरेंसी को मौद्रिक नीति और राजकोषीय स्थिरता के खतरा बता रहा है. उसने इस सेक्‍टर के लिए सरकार से कानून बनाने की सिफारिश की है और क्रिप्‍टो पर रोक लगाने की भी मांग की है. आरबीआई के सुझावों पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.

प्रतिबंध लगाना चुनौतीपूर्ण काम
वित्‍तमंत्री ने कहा कि क्रिप्‍टोकरेंसी का सीमारहित व्‍यापार इस पर प्रतिबंध लगाने की राह में सबसे बड़ी बाधा है. लिहाजा इसके लिए अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग बहुत जरूरी है. क्रिप्‍टो पर कोई कानून तभी प्रभावी हो सकता है जब इसे कॉमन टैक्‍सोनॉमी और स्‍टैंडर्ड के साथ सभी देशों का सहयोग प्राप्‍त हो. बिना ग्‍लोबल व्‍यवस्‍था के क्रिप्‍टो को किसी सीमा के भीतर रोक पाना मुमकिन नहीं है.

बिल पेश करने से पहले पेपर लाएगी सरकार
केंद्र सरकार क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर कानून बनाना चाहती है और इस पर विचार विमर्श भी चल रहा है. ऐसा अनुमान है कि संसद के मानसून सत्र में क्रिप्‍टो को लेकर सरकार बिल पेश कर सकती है. हालांकि, अभी तक तैयार प्रस्‍तावित विधेयकों में इसका नाम नहीं है. माना जा रहा है कि सरकार संसद में बिल रखने से पहले परामर्श पत्र लेकर आएगी, जिससे क्रिप्‍टो को लेकर सरकार की मंशा भी स्‍पष्‍ट हो जाएगी. परामर्श पत्र जल्‍द जारी होने से सबकुछ सामने आ जाएगा.

उहापोह की स्थिति में है सरकार
अभी तक सरकार खुलकर क्रिप्‍टो को लेकर अपना रुख नहीं बता रही है. सरकार की उलझन ये है कि क्रिप्‍टो को फाइनेंशियल एसेट माना जाए या अन्‍य किसी कैटेगरी में रखा जाए. सरकार लंबे समय से क्रिप्‍टो पर किसी ग्‍लोबल एक्‍शन के पक्ष में रही है. हालांकि, इस बीच रिजर्व बैंक ने अपनी डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा कर दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि आरबीआई की करेंसी आने के बाद क्रिप्‍टो का वजूद खत्‍म हो जाएगा.

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क्रिप्टो को करेंसी की बजाए एसेट के रूप में मान्यता दे पर क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? विचार कर सकती है सरकार, जानिए आप पर पड़ेगा क्या असर

क्रिप्टो पर जारी असमंजस के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए स्थिति स्पष्ट की है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: December 06, 2021 10:23 IST

क्रिप्टो को करेंसी. - India TV Hindi

Photo:AP

क्रिप्टो को करेंसी की बजाए एसेट के रूप में मान्यता दे सकती है सरकार, जानिए आप पर पड़ेगा क्या असर

Highlights

  • केंद्रीय केबिनेट इसी हफ्ते क्रिप्टो को लेकर तैयार कानून पर चर्चा कर सकती है
  • सरकार इसका नाम और उपयोग बदलकर क्रिप्टो एसेट करने पर विचार कर रही है
  • कैबिनेट की मंजूरी के बाद बिल मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बीतेे महीने से जारी उलझन जल्द सुलझ सकती है। केंद्रीय केबिनेट इसी हफ्ते क्रिप्टो को लेकर तैयार कानून पर चर्चा कर सकती है। शुरुआत में जब क्रिप्टो पर बैन लगाने की बात सामने आई थी। उसके बाद से बिटकॉइन समेत सभी प्रमुख क्रिप्टो करेंसी की कीमतें धड़ाम हो गई थीं। हालांकि अब पता चला है कि सरकार का क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है। सरकार इसका नाम और उपयोग बदलकर क्रिप्टो एसेट करने पर विचार कर रही है। इसका मतलब यह है कि यह किसी मुद्रा के रूप में ट्रांजेक्शन के रूप में काम नहीं आएगी, बल्कि इसे एक एसेट माना जाएगा, जिसमें आप पैसा निवेश कर सकते हैं। इसे सेबी द्वारा विनियमित किया जाएगा।

क्रिप्टो पर जारी असमंजस के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए स्थिति स्पष्ट की है। राज्यसभा में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद क्रिप्टो करेंसी सम्बन्धी बिल मौजूदा शीतकालीन सत्र के तीसरे सप्ताह में पेश किया जाएगा। यह एक जोखिम भरा क्षेत्र है जो पूर्ण क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? नियामक ढांचे में नहीं है। इसलिए इस पर रोक लगाने का कोई फैसला नहीं लिया गया, बल्कि आरबीआई और सेबी के माध्यम से जनजागरूकता पैदा करने के लिए कतिपय कदम उठाए जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में सरकार जल्द ही एक क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? विधेयक पेश करेगी।

क्रिप्टो पर प्रतिबंध की गुंजाइश नहीं

सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के बजाय एक नियामक ढांचे के तहत लाने का फैसला किया है। इस बाबत प्रस्तावित एक कानून के तहत डिजिटल मुद्रा क्रिप्टो करेंसी का नाम बदलकर क्रिप्टो-एसेट कर दिया जाएगा और इसे सेबी के नियामक दायरे में लाया जाएगा। वहीं, इस मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के बजाय एक नियामक ढांचे के तहत लाने का सही फैसला किया है, जिससे कि ऐसी संपत्तियों पर चीन जैसी किसी कार्रवाई की आशंकाओं को शांत किया जा सके।

क्रिप्टो करेंसी नहीं ऐसेट होगी

प्रस्तावित कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी का नाम बदलकर क्रिप्टो-एसेट किया जाएगा और इसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियामक दायरे में लाया जाएगा। बता दें कि क्रिप्टो करेंसी पर सरकारी प्रतिबंध के बारे में छा चुकी आशंकाओं के कारण स्थानीय एक्सचेंजों पर भी कारोबार की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में गिरावट आई। आलम यह है कि क्रिप्टो करेंसी पर बिल पेश करने के बारे में जारी एक सरकारी अधिसूचना के बाद, बिटकॉइन भारतीय एक्सचेंज साइट वज़ीरएक्स पर 13 प्रतिशत से अधिक गिर गया, जबकि शीबा इनु और डॉगकोइन दोनों 15 प्रतिशत से अधिक गिर गए।

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