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भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी

भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 08, 2022 11:30 IST

सरकार, रिजर्व बैंक की वजह से वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो में गिरावट के असर से अछूता रहा भारत

नई दिल्ली। विश्व में क्रिप्टो करेंसी में आई बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है, वहीं भारत में इसका ख़ास असर नहीं हुआ है। इसका श्रेय सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सतर्क रुख को जाता है। आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है और उसने इसमें लेनदेन को लेकर आगाह भी किया है।

वहीं सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन की मांग को कम करने के लिए कर का रास्ता चुना है। क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 2021 में तीन हजार अरब डॉलर था, जिसका कुल बाजार मूल्य अब एक हजार अरब डॉलर से भी कम रह गया है। हालांकि, भारतीय निवेशक इससे काफी हद तक बचे रहे हैं जबकि बहामास का एफटीएक्स बाजार लोगों द्वारा बिकवाली के बाद दिवालिया हो गया है। भारत में आरबीआई पहले दिन से ही क्रिप्टोकरेंसी का विरोध कर रहा है, जबकि सरकार शुरू में एक कानून लाकर ऐसे माध्यमों को विनियमित करने का विचार कर रही थी। हालांकि, सरकार बहुत विचार-विमर्श के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वर्चुअल मुद्राओं के संबंध में वैश्विक सहमति की आवश्यकता है क्योंकि ये सीमाहीन हैं और इसमें शामिल जोखिम बहुत अधिक हैं।

आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली से बचकर निकल जाने के लिए विकसित किया गया है और यह उनके साथ सावधानी बरतने के लिए पर्याप्त कारण होना चाहिए। उद्योग का अनुमान है कि भारतीय निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश केवल तीन प्रतिशत है। वैश्विक क्रिप्टो बाजार में गिरावट के बावजूद, भारत की क्रिप्टोकरेंसी कंपनियां अभी तक किसी जल्दबाजी भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी में नहीं हैं।

भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स और जेबपे का परिचालन जारी है। सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ केंद्रीय बैंक के सतर्क रुख की वजह से भारत में क्रिप्टो का बड़ा बाजार नहीं खड़ा हो सका। अगर भारतीय संस्थाएं क्रिप्टो में शामिल हो गई होतीं, तो देश में कई लोगों के पैसे डूब जाते।

एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह के अनुसार, आरबीआई और सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देने के लिए उठाए गए कदम इस समय उचित हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जून में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी को ‘स्पष्ट खतरा’ बताया था।

RBI के डिप्टी गवर्नर का बड़ा बयान, कहा- डिजिटल करेंसी आने के बाद क्रिप्टोकरेंसी का मामला 'खत्म' हो जाएगा

RBI Take on Cryptocurrency: रिजर्व बैंक ने एक बार फिर अपने उस रुख को दोहराया है जिसमें वो कई बार कह चुका है कि इन तरह की 'करेंसी' का कोई अंतनिर्हित मूल्य नहीं है, इसकी प्रकृति 'सट्टेबाजी' की है.

By: ABP Live | Updated at : 03 Jun 2022 02:15 PM (IST)

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया

RBI Governor on Cryptocurrency: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा है कि जल्द पेश की जाने केंद्रीय बैंक (आरबीआई) की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी- CBDC) से प्राइवेट डिजिटल करेंसी जैसे बिटकॉइन (Bitcoin) को लेकर जो थोड़ा बहुत भी मामला बनता है, वह खत्म हो जाएगा. सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर परामर्श पत्र (डिस्कशन पेपर) लाने की तैयारी कर रही है और इसको लेकर सुगबुगाहट जारी है कि क्या देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता दी जाएगी.

स्टेबल कॉइन पर भी जताई आपत्ति
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने ‘स्टेबल कॉइन’ पर भी आपत्ति जताई है जिसे एक प्रकार की मुद्रा कहा जाता है. शंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "हमारा मानना है कि निजी क्रिप्टोकरेंसी का जो भी मामला है, वह सीबीडीसी के आने के साथ समाप्त हो जाएगा."

क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
रिजर्व बैंक बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का पुरजोर विरोध करता रहा है. केंद्रीय बैंक का मानना है कि इन तरह की 'करेंसी' का कोई अंतनिर्हित मूल्य नहीं है, इसकी प्रकृति 'सट्टेबाजी' की है. रिजर्व बैंक इस बारे में अपना रुख सार्वजनिक कर चुका है. हालांकि सरकार ने अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है.

सरकार जल्द लाने वाली है डिस्कशन पेपर
इससे पहले वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग ने इसी हफ्ते में कहा कि वह निजी क्रिप्टोकरेंसी पर जल्द परामर्श पत्र लेकर आएगा. सरकार ने कंसलटेशन पेपर ( Consultation Paper) तैयार भी कर लिया है. वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry) में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने इस बात की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वैश्विक सहमति होना बेहद जरुरी है और भारत सरकार दूसरे देशों में जो रेग्युलेशन है उसे ध्यान में रखते हुए क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने पर विचार करेगी.

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क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं पर लगता है टैक्स
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है लेकिन इस वर्ष 2022-23 से क्रिप्टोकरेंसी को होने भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी वाले इनकम पर 30 फीसदी टैपिटल गेन टैक्स लगाने का फैसला किया है. साथ क्रिप्टो के लेन देन पर 1 फीसदी टीडीएस का भी भुगतान करना होगा जो एक जुलाई से लागू होने जा रहा है. आपको बता दें जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा.

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Published at : 03 Jun 2022 02:15 PM (IST) Tags: Cryptocurrency Reserve Bank of India Bitcoin RBI RBI Deputy Governor हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

RBI के डिप्टी गवर्नर ने कहा- क्रिप्टोकरेंसी पोंजी स्कीम्स से भी खराब हैं, इन पर बैन लगाने की जरूरत

RBI On Cryptocurrency: रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाना इसलिए जरूरी है क्योंकि ये पोंजी स्कीम से भी ज्यादा खतरनाक और बुरी हैं.

By: ABP Live | Updated at : 15 Feb 2022 01:52 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

क्रिप्टोकरेंसी (फाइल फोटो)

RBI on Cryptocurrency: भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने सोमवार को क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने की वकालत करते हुए कहा कि यह पोंजी योजनाओं से भी बुरा है. उन्होंने ये भी कहा कि इससे देश की वित्तीय संप्रुभता को खतरा है. शंकर ने कहा कि क्रिप्टो-प्रौद्योगिकी सरकारी नियंत्रण से बचने के दर्शन पर आधारित है, उसे विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली को दरकिनार करने के लिये विकसित किया गया है.

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाना सबसे उचित विकल्प- टी रवि शंकर
शंकर ने भारतीय बैंक संघ के 17वें वार्षिक बैंक प्रौद्योगिकी सम्मेलन और पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इन सभी कारकों को देखते यह निष्कर्ष निकलता है कि क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाना शायद भारत के लिए सबसे उचित विकल्प है.’ उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी मुद्रा प्रणाली, मौद्रिक प्राधिकरण, बैंक प्रणाली और सामान्य तौर पर सरकार की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने की क्षमता को नष्ट कर सकती है.

आरबीआई का डिजिटल रुपया जल्द आएगा
बता दें कि आरबीआई का डिजिटल रुपया लाने पर बजट में मुहर लग चुकी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार 1 फरवरी भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी को अपनी बजट स्पीच में जानकारी दी थी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी डिजिटल करेंसी वित्त वर्ष 2023 में लाएगा. इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से आई आमदमी पर 30 फीसदी का टैक्स लगाया जाएगा.

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क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय मान्यता देने पर वित्त मंत्री ने बताई ये बात
हालांकि इससे ये संभावना जताई जाने लगी कि क्रिप्टोकरेंसी को देश में मान्यता दी जा रही है लेकिन हाल ही में संसद में वित्त मंत्री ने इस बात को साफ कर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय मान्यता नहीं दी जा रही है. कल ही आरबीआई गवर्नर ने शक्तिकांत दास ने भी बताया कि सरकार और आरबीआई के बीच क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर चर्चा चल रही है.

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Published at : 15 Feb 2022 08:50 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Reserve Bank of India Bitcoin RBI crypto ban Ponzi Schemes हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Digital Currency: इस साल लॉन्च होगी डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी से कई मायनों में होगा अलग

Digital Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि 2022-23 के दौरान सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को लॉन्च किया जाएगा।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 08, 2022 11:30 IST

Digital Currency - India TV Hindi News

Photo:FILE Digital Currency

Highlights

  • डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक और सरकार से मान्यता प्राप्त होगी
  • डिजिटल करेंसी के मूल्य में बदलाव नहीं होगा, यानी मूल्य स्थिर बना रहेगा
  • डिजिटल करेंसी आने से लेनदेन की लागत कम हो जाएगी

Digital Currency: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने बताया है कि केंद्रीय बैंक इस साल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा। इंडिया आइडियाज समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) सीमा पार भुगतान के लिए सबसे कुशल प्रणाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि 2022-23 के दौरान सीबीडीसी को लॉन्च किया जाएगा। हालांकि, रबी शंकर ने दोहराया कि आरबीआई कैशलेस समाज का लक्ष्य नहीं बना रहा है, बल्कि ग्राहकों को व्यवहार्य विकल्प देने का इच्छुक है। शंकर ने आगे कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई के और अधिक अंतर्राष्ट्रीयकृत होने की संभावना है।

क्रिप्टो से कितना अलग होगा डिजिटल रुपया

  1. डिजिटल करेंसी को उस देश भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी का केंद्रीय बैंक जारी करता है। भारत में इसे आरबीआई ही जारी करेगा। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के जरिए तैयार की जाती है।
  2. डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक और उस देश की सरकार से मान्यता प्राप्त होती है। वहीं, क्रिप्टोकरंसी के पास केंद्रीय बैंक या सरकार की मान्यता नहीं है।
  3. डिजिटल करेंसी के मूल्य में बदलाव नहीं होगा। यानी उसका मूल्य स्थिर बना रहेगा जैसा अभी रुपया है। क्रिप्टोकरंसी की वैल्यू में बहुत उतार-चढ़ाव होता है।
  4. आरबीआई जिस डिजिटल करेंसी को लॉन्च करेगा उसे आप भारतीय मुद्रा में बदल पाएंगे। क्रिप्टोकरंसी में ऐसा नहीं कर सकते हैं।

डिजिटल रुपया आने से आपको क्या फायदा मिलेगा?

  1. डिजिटल करेंसी आने से लेनदेन की लागत कम हो जाएगी
  2. आप अपने रिश्तेदारों को बिना ज्यादा शुल्क दिए पैसे भेज सकेंगे
  3. अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7% से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है
  4. इससे पेमेंट्स सिस्टम से लेनदेन रियल टाइम में और कम लागत में होगा

डिजिटल करेंसी कितना सुरक्षित होगा

चूंकि, इसे आरबीआई जारी करेगा तो क्रिप्टो के मुकाबले यह काफी सुरक्षित भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी होगा। इसमें फर्जीवाड़ा या धोखाधड़ी की संभावना न के बराबर होगी।

छूने का अहसास कर पाएंगे या नहीं

डिजिटल करेंसी में आप छूने का अहसास नहीं कर पाएंगे जो अभी प्रचलन में मुद्रा के साथ कर पाते हैं। यानी आप डिजिटल करेंसी को घर या पर्स में नहीं रख पाएंगे। इसे वॉलेट, बैंक खाते या ऑनलाइन ही रख पाएंगे।

डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़ रहा

उन्होंने बताया कि आरबीआई हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के अनुसार डिजिटल भुगतान पर नीति को जांचने की कोशिश कर रहा है। देश में डिजिटल भुगतान खंड के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डालते हुए, शंकर ने कहा कि यह प्रति वर्ष 40 से 50 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर नेबताया कि केंद्रीय बैंक डिजिटल बुनियादी ढांचे के दायरे में डेटा गोपनीयता की रक्षा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे की तकनीकी स्थिरता को बढ़ाने पर भी काम कर रहा है। इस संबंध में, शंकर ने कहा कि आरबीआई धोखाधड़ी प्रबंधन को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।

RBI ने लॉन्च किया ‘डिजिटल रुपया’ (e₹), समझिए क्या होंगे इसके फायदे

RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज 1 नवंबर को अपनी डिजिटल करेंसी ‘डिजिटल रुपया’ को लॉन्च कर दिया है। केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) जारी किया है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। शुरुआती दौर में डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

Key Points

– भारत सरकार ने 01 फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की
– 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की
– 01 नवंबर, 2022 को होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (e₹) लांच

पायलट प्रोजेक्ट

इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा। आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है।

आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे।

डिजिटल करेंसी में 9 बैंक शामिल

थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं। ये बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।

क्या है CBDC

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।

दो तरह की होगी CBDC

– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है

पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।

RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।

डिजिटल करेंसी के फायदे

देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे

बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी जाएगा आसान।

CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा

चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी मिलेगा।

पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी

CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी या फाड़ा नहीं जा सकता है

अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।

अर्थव्यवस्था को होगा फायदा

भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।

डिजिटल रुपया (e ₹) प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, जिसका बड़ा सकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा।

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