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तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है

तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है
द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में नागासाकी और हिरोशिमा पर अमेरिकी बमबारी और यूक्रेन में 1986 के चेर्नोबिल हादसे के मामले से इस बात की गंभीरता को अच्छी तरह समझा जा सकता है. हमले तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है के बाद के महीनों में, नागासाकी में करीब 60 से तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है 80 हजार और हिरोशिमा में 70 हजार से लेकर 1,35,000 लोग मारे गए.

परिसंप​त्ति प्रबंधन कंपनियों के लिए नए नियम

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने परिसंप​त्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) को लेकर जो नए दिशानिर्देश दिए हैं वे बड़े बदलाव के वाहक बन सकते हैं। ये कंपनियां फंसे हुए कर्ज को खरीदने और उनकी वसूली करके धनार्जन का काम करती हैं। ऐसी कुल 29 बड़ी, मझोली और छोटी कंपनियां हैं।

नियामक का ध्यान मुख्य तौर पर संचालन और पारदर्शिता पर केंद्रित है। किसी एआरसी के बोर्ड की बैठकों में शामिल होने वाले तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है कम से कम आधे निदेशकों का स्वतंत्र निदेशक होना जरूरी है। इससे भी अहम बात यह है कि एक एआरसी के चेयरमैन का स्वतंत्र निदेशक होना जरूरी है, न कि नामित निदेशक।

जबकि अ​धिकांश स्वामित्व आधारित एआरसी में इसका उलट होता है। इससे बोर्ड का प्रोफाइल बदल जाता है और कुछ एआरसी के संचालन को लेकर रिजर्व बैंक का सारग​र्भित नजरिया बनता है। आश्चर्य नहीं कि उन्हें बोर्ड के तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है अंकेक्षण, नामांकन और मेहनताना समिति का गठन करना पड़ता है और इनके संचालन के बाकायदा नियम हैं।

क्या होती है DNA जांच. ब्लड, मुंह की लार, बाल के अलावा शरीर के और किन हिस्सों से लिया जाता हैं सैंपल?

By: ABP Live | Updated at : 19 Nov तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है 2022 06:45 PM (IST)

डीएनए विश्लेषण क्या है

What is DNA Analysis: दिल्ली में हुए श्रद्धा वॉकर के मर्डर केस में अब DNA जांच की जाएगी. जिसमें लगभग दो हफ्तों का वक्त लगेगा. आरोपी तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है आफताब पूनावाला ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है थे. फॉरेंसिक एक्सपर्ट का कहना है कि शरीर के अलग-अलग हिस्सों की DNA सैम्पलिंग काफी चुनौती भरी रहेगी, क्योंकि इन हिस्सों को काफी समय हो चुका है. सवाल यह बनता है कि इस जांच में इतना समय क्यों लगता है? यह जांच कैसे की जाती है और इस जांच के लिए शरीर के किन-किन हिस्सों की जांच की जाती है. आइए जानते हैं.

क्यों होता है DNA एनालिसिस?
डीएनए इंसानी शरीर की एक बहुत ही जटिल संरचना होती है. यह हमें हमारे माता-पिता, पूर्वजों से विरासत में मिलता है. हर इंसान का DNA कई मामलोंं में बिल्कुल यूनिक होता है. किसी इंसान के DNA से उसकी पिछली पीढ़ी की जानकारी मिलती है. इसके सैंपल को मैच करके इंसानों के संबध की जानकारी मिलती है. श्रद्धा के डीएनए सैंपल को भी उसके माता पिता के डीएनए से मैच तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है किया जाएगा. इसके अलावा, लोग अन्य कई मामलों में भी डीएनए टेस्ट करवाते हैं. आपने फिल्मों में भी देखा होगा कि अपनी पत्नी पर शक होने पर उसका पति बच्चे के पिता की जानकारी निकालने के लिए डीएनए टेस्ट करवाता है. क्राइम सीन पर क्रिमिनल की पहचान के लिए भी डीएनए टेस्ट की ही मदद ली जाती है.

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अपना शुद्ध और सही जन्म कुंडली बनायें अभी।

आपके जन्म समय और जन्म तिथि के समय आकाश में स्थित ग्रहों का संयोजन एक विशेष चक्र के रुप में करना कुंडली चक्र या लग्न चक्र कहलाता है। कुंडली, विशेष रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित रहता है। व्यापक अर्थ में, ग्रहो की स्थिति, दशा विश्लेषण, कुंडली में बनने वाले दोष एवं उनके उपाय, पत्रिका में विशेष योगों का संयोजन, ग्रहों का शुभाशुभ विचार इत्यादि का समावेश सम्पूर्ण जन्म कुंडली में किया जाता है। कुंडली को जन्म कुंडली या जन्मपत्रिका भी कहते हैं।

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टाइफाइड बुखार के लक्षण

टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है, यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होता है! यह साल्मोनेला पैराटाइफी बैक्टीरियम से भी फैलता है! यह बैक्टीरिया पानी और खाने के जरिए लोगों के अन्दर जाता है और इसके द्वारा बहुत से लोगों में तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है यह फ़ैल जाता है!

टाइफाइड को दूषित पानी या भोजन को जीतने वाले बैक्टीरिया को पीने या खाने से अनुबंधित किया जाता है। तीव्र बीमारी वाले लोग मल के माध्यम से आसपास के पानी की आपूर्ति को संभावित रूप से दूषित कर सकते हैं, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया की उच्च एकाग्रता होती है। बैक्टीरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं।

टाइफाइड के लिए ऊष्मायन अवधि लगभग 1-2 सप्ताह है और बीमारी लगभग 3-4 सप्ताह तक रहती है। टाइफाइड के लक्षणों में शामिल हैं:

  • सरदर्द
  • १०४ डिग्री तक बुखार
  • शरीर में दर्द
  • बिगड़ी हुयी भूख
  • जी मिचलाना
  • दस्त और कब्ज
  • पेट दर्द
  • कफ

हथियार के मुताबिक तय होता है असर

परमाणु हमले के असर की भविष्यवाणी करना कठिन है, क्योंकि यह इस बात पर ज्यादा निर्भर करता है कि किसी हथियार का इस्तेमाल कैसे और कहां किया जाता है.

अमेरिका स्थित यूनियन ऑफ कंसर्नड साइंटिस्ट्स (यूसीएस) में ग्लोबल सिक्योरिटी प्रोग्राम के वरिष्ठ वैज्ञानिक डिलन स्पाउल्डिंग ने कहा कि तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है हवा में विस्फोट करने और जमीन पर विस्फोट करने वाले हथियारों की मारक क्षमता अलग-अलग होती है.

स्पाउल्डिंग ने कहा, "जमीन पर विस्फोट करने वाले हथियार के मामले में आपको हमले के लंबे समय तक पड़ने वाले असर को लेकर ज्यादा चिंता करनी होगी, क्योंकि आप रेडियोधर्मी रूप से पृथ्वी को सक्रिय कर रहे होते हैं. जबकि, हवा में विस्फोट होने वाले हथियार का लंबे समय तक इस तरह का ज्यादा असर नहीं होता है.”

ज्यादा घातक हैं मौजूदा परमाणु हथियार

हथियार विशेषज्ञ सामरिक (टेक्टिकल) और रणनीतिक परमाणु हथियारों के बीच अंतर करते हैं. वे कहते हैं कि सामरिक हथियार कुछ ही दूरी तक मार कर सकते हैं और लड़ाई जीतने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. वहीं, रणनीतिक हथियार लंबी दूरी तक मार कर सकते हैं तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है और युद्ध जीता सकते हैं.

हिरोशिमा और नागासाकी में इस्तेमाल किए गए बमों को उस समय का रणनीतिक हथियार माना गया था. इन हथियारों की बदौलत युद्ध जीता गया. हालांकि, स्पाउल्डिंग ने कहा कि हाल के दशकों में परमाणु हथियारों की क्षमता इस हद तक बढ़ गई है कि द्वितीय विश्वयुद्ध को खत्म करने के लिए जिस रणनीतिक हथियार का इस्तेमाल किया गया था उसकी तुलना में आज के सामरिक हथियार ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं.

परमाणु युद्ध के खिलाफ अभियानतस्वीर: Takuya Yoshino/AP/picture alliance

खाद्य आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से मारे जाएंगे लाखों लोग

न्यू जर्सी स्थित स्टीवंस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में विज्ञान और परमाणु हथियारों के इतिहासकार एलेक्स वेलरस्टीन ने असर की तुलना के लिए न्यूकेमैप नामक एक वेबसाइट बनाई है. यहां जमीन पर और आकाश में किए जाने वाले विस्फोट के असर की तुलना की गई है.

इसके बाद, नेचर फूड पत्रिका में अगस्त महीने में छपे एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है कि अगर अमेरिका और रूस के बीच एक सप्ताह के लिए रणनीतिक परमाणु हथियारों का युद्ध छिड़ जाता है, तो पर्यावरण, जनसंख्या और वैश्विक खाद्य आपूर्ति पर क्या असर होगा.

अध्ययन के लेखकों के अनुमान के मुताबिक, 36 करोड़ लोग तुरंत मारे जाएंगे. युद्ध के दो साल बाद, पांच अरब लोग भूख से मर जाएंगे. विस्फोट की वजह से काफी ज्यादा कार्बन उत्सर्जन होगा और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह बाधित हो जाएगी.

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