क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट

FTX और बाइनेंस क्या हैं?
FTX और बाइनेंस क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट एक्सचेंज हैं। यानी वे ग्राहकों को डिजिटल करेंसी में ट्रेडिंग करेने की सुविधा देते हैं। इंडस्ट्री डेटा ट्रैकर कॉइन मार्केट कैप के अनुसार, ये दोनों एक्सचेंज दुनिया के सभी क्रिप्टो ट्रेडों में से ज्यादातर को प्रोसेस करते हैं।
'Currency market'
Dollar vs Rupee: दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 105.87 आ क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट गया.
Dollar vs Rupee Rate: रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट श्रीराम अय्यर ने कहा कि फेडरल रिजर्व के बयान के बीच डॉलर के मजबूत होने के कारण सोमवार सुबह रुपये की शुरुआत कमजोर नोट पर हुई. उन्होंने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक की नवीनतम बैठक से बाजार को दिशा मिलेगी.
शुक्रवार सुबह के सत्र में भारतीय रुपये में 80.75 प्रति डॉलर की दर से कारोबार हो रहा था. शुक्रवार को रुपया 80.6888 पर खुला, जबकि पिछले सत्र में यह 81.8112 पर बंद हुआ था.
कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर (Dollar) सूचकांक में मजबूती से अमेरिकी मुद्रा (American ) के मुकाबले रुपया गुरुवार को 55 पैसे गिरकर 82.17 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया.
Cryptocurrency इनवेस्टर्स में डर का माहौल! Bitcoin और Dogecoin में 10% तक गिरावट
पिछले कुछ दिनों से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट का दौर जारी है। निवेशकों के बीच असमंजस की स्थिति के कारण अधिकतर बड़ी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) गिरावट के साथ ट्रेड कर रही हैं। क्रिप्टो मार्केट की सबसे बड़ी और चर्चित करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) में बुधवार क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट को गिरावट देखी गई है। पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन में 5 पर्सेंट की गिरावट आई है और अभी यह 16,103 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। वहीं क्रिप्टो मार्केट की दूसरी बड़ी करेंसी एथेरियम ब्लॉकचेन की ईथर (Ether) में भी सोमवार को गिरावट आई है। पिछले 24 घंटे में ईथर 6 पर्सेंट की गिरावट के साथ 1,191 डॉलर पर ट्रेड कर रही है।
RBI और सरकार की वजह से वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो में गिरावट के असर से कैसे अछूता रहा भारत?
Crypto News: विश्व में क्रिप्टो करेंसी में आयी बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है, वहीं भारत में इसका खास असर नहीं हुआ है. इसका श्रेय सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सतर्क रुख को जाता है. आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है और उसने इसमें लेनदेन को लेकर आगाह भी किया है. वहीं सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन की मांग को कम करने के लिए कर का रास्ता चुना है.
क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 2021 में तीन हजार अरब डॉलर था, जिसका कुल बाजार मूल्य अब एक हजार अरब डॉलर से भी कम रह गया है. हालांकि, भारतीय निवेशक इससे काफी हद तक बचे रहे हैं जबकि बहामास का एफटीएक्स बाजार लोगों द्वारा बिकवाली के बाद दिवालिया हो गया है. भारत में आरबीआई पहले दिन से ही क्रिप्टोकरेंसी का विरोध कर रहा है, जबकि सरकार शुरू में एक कानून लाकर ऐसे माध्यमों को विनियमित करने का विचार कर रही थी.
Crypto Crash: क्रिप्टो एक्सचेंज में इतनी बड़ी गिरावट की क्या है वजह? जानिए
हालांकि, सरकार बहुत विचार-विमर्श के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वर्चुअल मुद्राओं के संबंध में वैश्विक सहमति की आवश्यकता है क्योंकि ये सीमाहीन हैं और इसमें शामिल जोखिम बहुत अधिक हैं. आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली से बचकर निकल जाने के लिए विकसित किया गया है और यह उनके साथ सावधानी बरतने के लिए पर्याप्त कारण होना चाहिए. उद्योग का अनुमान है कि भारतीय निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट निवेश केवल तीन प्रतिशत है.
वैश्विक क्रिप्टो बाजार में गिरावट के बावजूद, भारत की क्रिप्टोकरेंसी कंपनियां अभी तक किसी जल्दबाजी में नहीं हैं. भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स और जेबपे का परिचालन जारी है. सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ केंद्रीय बैंक के सतर्क रुख की वजह से भारत में क्रिप्टो का बड़ा बाजार नहीं खड़ा हो सका. अगर भारतीय संस्थाएं क्रिप्टो में शामिल हो गई होतीं, तो देश में कई लोगों के पैसे डूब जाते. एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह के अनुसार, आरबीआई और सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देने के लिए उठाये गए कदम इस समय उचित हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जून में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी को 'स्पष्ट खतरा' बताया क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट था.
दिवालिया हुई क्रिप्टो कंपनी FTX: CEO बैंकमैन की नेटवर्थ 16 बिलियन डॉलर से 0, किसी बिजनेसमैन की वेल्थ में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट
क्रिप्टो कंपनी FTX ट्रेडिंग लिमिटेड के को-फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड की 16 बिलियन डॉलर की वेल्थ महज कुछ दिनों में जीरो हो गई। यह इतिहास में किसी बिजनेसमैन की वेल्थ में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। एक समय सैम बैंकमैन की नेटवर्थ 26 बिलियन डॉलर पर पहुंच क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट गई थी। नेटवर्थ में गिरावट का कारण लिक्विडिटी क्रंच के बाद FTX ट्रेडिंग लिमिटेड का दिवालिया होना है।
FTX दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एफिलिएटेड क्रिप्टो ट्रेडिंग कंपनी थी। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स अब FTX के अमेरिकी कारोबार की वैल्यू 0 दिखा रहा है। जनवरी में फंड रेजिंग राउंड के बाद इसकी वैल्यू 32 बिलियन डॉलर पहुंच गई थी। 30 साल के सैम बैंकमैन अब कंपनी में अपने CEO पद से इस्तिफा दे चुके हैं। उनकी जगह जॉन जे रे III CEO पद संभालेंगे।
क्रिप्टो कीमतों में आई है भारी गिरावट:
पूरे क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का वैल्यूएशन बीते कुछ दिनों में काफी नीचे आया है. बिटकॉइन ने 14 अप्रैल को अपना 64,850 डॉलर का उच्चतम स्तर हासिल किया था. कॉइनमार्केटकैप वेबसाइट के अनुसार रविवार सुबह बिटकॉइन इस स्तर से करीब 42% नीचे रहकर 37,500 डॉलर के करीब व्यापार कर रहा है. बीते एक हफ्ते में ही इस क्रिप्टोकरेंसी के भाव में करीब 22% की बड़ी कमी आई है.
इथेरियम केवल आखिरी 7 दिनों में लगभग 40% टूटकर 2300 डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा है. 12 मई को इथेरियम ने अपना 4,362 का शिखर स्तर बनाया था.
बाइनेंस कॉइन अब क्रिप्टो बाजार में मार्केट कैप के अनुसार तीसरे की जगह पांचवें स्थान पर आ गया है. 10 मई को 690 डॉलर का रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद इस क्रिप्टोकरेंसी का भाव अब 57% नीचे रहकर 300 डॉलर के करीब है. एक हफ्ते में बाइनेंस कॉइन 48% कमजोर हुआ है.