क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है

क्या भारत में बिटकॉइन वैध है?
किसी भी देश में बिटकॉइन की वैधता का पता लगाना बहुत मुश्किल है। लेकिन जब आप पहली बार इसमें कदम रख रहे हों तो कुछ ऐसे काम होते हैं जो इसमें कोई भी निवेश करने से पहले किए जाना जरूरी है। हो सकता है ये आपके देश में कानूनी हो, लेकिन मुद्दा केवल बिटकॉइन के वैद्य होने का नहीं है, बल्की यह भी पता होना चाहिए कि आपके देश में बिटकॉइन को कौन से नियम नियंत्रित करते हैं।
नीचे कुछ अहम प्रश्न दिए गए हैं जो भारत में बिटकॉइन के व्यापार से संबंधित हैं:
क्या बिटकॉइन भारत में वैद्य/legal है?
भारत में बिटकॉइन का विनियमन उद्यमियों और निवेशकों के लिए अभी भी एक संदिग्ध क्षेत्र है। लेकिन यह सच है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने नागरिकों को बिटकॉइन में लेनदेन करने पर चेतावनी दे रखी है। इसने आगाह क्या है कि बिटकॉइन या कोई अन्य आभासी मुद्रा कानूनी निविदा नहीं है और इसे एक मुद्रा के रूप में संचालित करने के लिए कोई नियामक अनुमति नहीं है।
क्या आप भारत में बिटकॉइन खरीद सकते हैं?
यदि आप भारत में बिटकॉइन खरीदना चाहते हैं, तो आपको बिटकॉइन एक्सचेंज पर अपना पंजीकरण कराना होगा। ये एक्सचेंज आपको भारतीय रुपये के साथ बिटकॉइन खरीदने/बेचने की अनुमति देते हैं।
अभी तक, WazirX सबसे लोकप्रिय एक्सचेंजों में से एक है जहाँ आप INR के साथ बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं।
भारत में बिटकॉइन बेचने का क्या तारीका है?
यदि आप भारत में बिटकॉइन बेचना चाहते हैं, तो आपको अपने बिटकॉइन को बिटकॉइन एक्सचेंज पर जमा करके इसे INR में परिवर्तित करना होगा। ऐसा करने के लिए आप रूपया अपने बैंक खाते में भी जमा कर सकते हैं।
क्या भारत में Bitcoin ATM मौजूद है?
भारत में बिटकॉइन ATM के बारे में जानकारी के लिए ज्यादा विश्वसनीय स्रोत नहीं मिलते। लेकिन यह कहना सुरक्षित होगा कि अभी तक ऐसे कोई ATM यहाँ मौजूद नहीं हैं।
क्या भारत में बिटकॉइन खरीदना या बेचना सुरक्षित है?
हालांकि बिटकॉइन का समर्थन करने वाला कोई प्राधिकरण नहीं है, बिटकॉइन का व्यापार करने के लिए किसी भी तारीके का उपयोग करने से पहले उस पर शोध करना चाहिए और सावधान रहना चाहिए क्योंकि आपके ऑनलाइन खाते पर किसी भी हैकिंग घटना के लिए एक्सचेंज जिम्मेदार नहीं होगा।
अगर इसके लिए कानून हैं, तो उन्हें लागू कौन करता है?
एक नई वास्तविकता होने के नाते अभी तके बिटकॉइन को नियंत्रित करने वाला कोई कानून नहीं है।
बिटकॉइन पर करों या कानूनी निविदा के बारे में खबर क्या है?
हालांकि बिटकॉइन के लिए कोई कानूनी निविदा नहीं है, आप जो लाभ कमाएं, उस पर आपको कर देना होगा। इसके अलावा, हमें बिटकॉइन को पूंजीगत संपत्ति के रूप में देखना चाहिए, जिसपे विभिन्न देशों में अलग-अलग कर लगाया जा सकता है।
चूंकि RBI ने सार्वजनिक रूप से घोषित किया है कि किसी भी एक्सचेंज या आभासी मुद्राओं के व्यापारियों को संचालन के लिए कोई नियामक अनुमति या license नहीं दिए गऐ हैं, इस वक्त किसी के लिए भी क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर कर चुकाना बहुत मुश्किल होगा।
क्या भारत में बिटकॉइन एक्सचेंज हैं?
भारत में कुछ शीर्ष क्रिप्टो एक्सचेंज हैं – WazirX, Zebpay, CoinDCX, Coinswitch Kuber और Unocoin– उपयोगकर्ताओं को अपने केवाईसी के साथ साइन अप करना होगा, ऐप डाउनलोड करना होगा और क्रिप्टोकरेंसी खरीदना होगा।
ध्यान रहे कि बिटकॉइन बहुत जोखिम भरे और अस्थिर आभासी वस्तुएं हैं जो भारत में अनियमित हैं।
आइये कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करते हैं:
1. भारत में बिटकॉइन कानूनी निविदा नहीं हैं। यह किसी भी कर प्राधिकरण या बैंक द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है।
2. बिटकॉइन एक अनियमित मुद्रा है जिसका RBI जैसी किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा बीमा नहीं किया जाता है। इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।
3. किसी भी बैंक के प्राधिकारी का क्रिप्टो मार्केट में आने वाले पैसे पर कोई नियंत्रण नहीं होता है।
4. RBI ने चेतावनी दी है की बिटकॉइन उनके या किसी वित्तीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं है। यह बिटकॉइन के व्यापार में शामिल लोगों के लिए एक जोखिम होगा।
5. हालांकी RBI ने हमें 2018 से पहले से कई बार इसके बारे में चेतावनी दी है, इसके बावजूद भारत में अभी तक निजी मुद्राओं के संबंध में कोई कानून नहीं है।
6. भारत सरकार ने 2017 से अबतक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि बिटकॉइन भारत में वैध है या अवैध।
7. भारत के किसी भी जगह बिटकॉइन के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
8. भारत में कोई भी व्यक्ति किसी भी विकेंद्रीकृत मुद्रा क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है के साथ या उसके बिना बिटकॉइन का उपयोग कर सकता है।
9. हाल की खबरों के अनुसार, भारती सरकार बिटकॉइन को विनियमित करने के लिए कुछ सटीक नियमों की तलाश कर रही है। इस पर अभी विभिन्न सरकारी अधिकारियों के बीच कई बैठकें हो रही हैं।
10. सरकार अभी भी इस बात से चिंतित है कि अपराधी अपना धन शोधन करने के लिए कई तारीकों से बिटकॉइन का उपयोग कर सकते हैं।
11. इस के बावजूद कि आपको भारत में बिटकॉइन खरीदने या बेचने की अनुमति नहीं है, उन्हें एक्सचेंज के माध्यम के रूप में उपयोग करना अवैध नहीं है।
12. भारत में बिटकॉइन को कानूनी रूप से प्राप्त करने का एकमात्र तरीका क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के माध्यम से है। कई कंपनियां ऐसी सेवाएं प्रदान करती हैं जैसे आपकी स्थानीय मुद्रा को बिटकॉइन में परिवर्तित करना, अन्य क्रिप्टोकरेंसी के साथ विनिमय करना या इन डिजिटल मुद्राओं का उपयोग करके बैंकिंग की सेवाएं प्रदान करना।
13. धन शोधन और आतंकवादियों की मदद के लिए बिटकॉइन का उपयोग होना शायद जल्द ही सरकार के बिटकॉइन दृष्टिकोण को बदल देगा।
निष्कर्ष
ऐसे कई देश हैं जिन्होंने अभी तक बिटकॉइन के बारे में कोई बयान नहीं दिया है। वे अभी भी इस पर सोच विचार कर रहे हैं। इसका उपयोग करने वाले लोग भी अभी ज्यादा नहीं हैं। लेकिन आने वाले दिनों में यह और अधिक लोकप्रिय होगा, इसलिए भी की इसे कुछ देशों में वैधीकरण हासिल हो चुकी है। किसी भी संजीदा निवेश करने से पहले अपने देश के कानूनों के बारे में सब कुछ जानना महत्वपूर्ण है।
बिटकॉइन कैसे काम करता है, इसके बारे में अधिक पढ़ने के लिए आप यह लेख देख सकते हैं । आशा है कि पाठक अब इसकी वैधता के साथ स्पष्ट हैं। और अगर आप बिटकॉइन में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार होगा।
Author
रोहित कुमार onastore.in के लेखक और संस्थापक हैं। इन्हे इंटरनेट पर ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीकों और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित जानकारियों के बारे में लिखना अच्छा लगता है। जब वह अपने कंप्यूटर पर नहीं होते हैं, तो वह बैंक में नौकरी कर रहे होते हैं। वैकल्पिक रूप से [email protected] पर उनके ईमेल पर संपर्क करने की कोशिश करें।
Cryptocurrency: भारत की संसद में क्रिप्टोकरेंसी क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है पर नकेल कसने की तैयारी, बैन लगाने का विधेयक पेश होगा, इसके पहले ही धराशायी हुई कई करेंसी
Cryptocurrency News in Hindi Today: भारत की मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने की तैयारी में है. संसद में इसे बैन करने का विधेयक पेश किया जाएगा.
Cryptocurrency News in Hindi Today: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालो के लिए बुरी खबर है. पहली बुरी खबर तो यह कि कई क्रिप्टो कॉइन के रेट धराशाई हो चुके हैं, दूसरी यह कि भारत में मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन कराने के लिए संसद में विधेयक पेश करने जा रही है.
दुनिया भर में तहलका मचाने वाली क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बैन करने का मूड मोदी सरकार ने बना लिया है. 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र क्रिप्टोकरेंसी को बैन कराए जाने के लिए सरकार 'क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021' पेश करने जा रही है. इसके पहले बुधवार को होने वाली केबिनेट बैठक में इस पर फैंसला लिया जाएगा.
बता दें सरकार के इस कदम से पहले क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट (Cryptocurrency Market) में 15 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है. कई क्रिप्टो कॉइन (Crypto Coin) बुरी तरह से टूट चुके हैं और अधिकाँश निवेशकों (Cryptocurrency Investor) को भारी नुकसान हुआ है.
मीडिया की खबरों के मुताबिक़, वर्चुअल दुनिया की क्रिप्टोकरेंसी पर भारत सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाने की तैयारी को देखकर मंगलवार को बिटकॉइन में करीब 15 फीसदी, इथेरियम में करीब 12 फीसदी, टीथर में करीब 6 फीसदी और यूएसडी क्वाइन में करीब 8 फीसदी गिरावट देखी गई. वहीं, भारत में बिकॉइन (BitCoin Rate Today in INR) 15 फीसदी गिरकर 40,28,000 रुपये, इथेरियम 3,05,114 रुपये, टीथर की कीमत करीब 76 रुपये और कारडानो की कीमत 137 रुपये तक पहुंच गई.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है क्या कहा था पीएम मोदी ने
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने चेतावनी दी थी. पीएम मोदी ने कहा था कि, देश के लोगों को यह तय करना होगा कि क्रिप्टो किसी ग़लत हाथ में ना पड़े, वरना हमारे युवाओं को यह तबाह कर देगा, पहला मौका था जब पीएम क्रिप्टो (Crypto) को लेकर कुछ कहा है.
पीएम मोदी के कहा कि हम बदलाव के वक़्त में चल रहे हैं, डिजिटल युग हमारे आसपास की हर चीज़ को बदल रहा है, डिजिटलाइज़ेशन इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन, सत्ता, लीडरशिप को नया अकार दे रही है लेकिन इसके साथ हम नए तरह के खतरों और विवादों का भी सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक लोकतंत्र और डिटिटल लीडर के रूप में भारत अपनी साझा समृद्धि और सुरक्षा के भागीदारों करने के लिए तैयार है.
संसद में पेश होगा 'क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021'
पीएम मोदी के बयान के बाद यह तो साफ़ हो गया था कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी (PM Modi on Cryptocurrency) को लेकर कुछ सख्त एक्शन लेने वाली है. अब मीडिया ख़बरों के अनुसार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में भारत सरकार क्रिप्टो को लेकर 'क्रिप्टो करेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021' पेश करने के मूड में है.
इस विधेयक के जरिए सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन कराने का पक्ष रखेगी. हांलाकि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी तक किसी भी देश में कोई क़ानून नहीं है. न ही देशों ने इसे कानूनी रूप से वैध किया है और न ही अवैध. फिलहाल भारत में भी ऐसा ही है, भारत में भी न तो क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध है और न ही इसे वैध किया गया है. अब आगे की स्थिति कुछ ही दिनों में सामने आ जाएगी.
क्या क्रिप्टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब
Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्पष्ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।
1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की घोषणा
सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की भी घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल मुद्रा में लेनदेन के विवरण को कैप्चर करना है। विभिन्न बाजार विश्लेषकों ने डिजिटल परिसंपत्तियों पर कर लगाने को क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक दर्जा मिलने की प्रस्तावना के रूप में देखा। हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले लाभ पर कर लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके नियमन या वैधता पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
RBI की नज़र में यह आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा
केंद्र सरकार भले ही इस करेंसी को लेकर अभी बंदिशें नहीं लगा रही हो लेकिन आरबीआई की नज़र में यह देश की माली हालत के लिए ठीक नहीं है। फरवरी माह में ही मौद्रिक नीति की घोषणाओं के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि "निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं, साथ ही आरबीआई की इससे निपटने की क्षमता भी है। निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे क्रिप्टोकरेंसी में क्या निवेश कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इन क्रिप्टोकरेंसी में कोई संपत्ति नहीं है।
सरकार चाहती है सामूहिक प्रयास हों
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है क्योंकि तकनीक लगातार विकसित और बदल रही है। बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो विनियमन पर परामर्श चल रहा है और नियामक दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद क्या कानूनी है, क्या स्पष्ट नहीं होगा।
बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के लिए राह मुश्किल
दूसरी तरफ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना था कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेगी। सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगी। हम डिजिटल रुपये के साथ गैर-डिजिटल संपत्ति खरीद सकते हैं जैसे हम अपने वॉलेट या यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं।
सरकार नहीं कर सकती मूल्य को अधिकृत
सोमनाथन के अनुसार क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।"
क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री ने कही यह बड़ी बात, आप भी जाने.
रूसी सरकार ने वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के आधार पर बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की अवधारणा को मंजूरी दी थी।
नई दिल्ली। रूस जल्द या बाद में भुगतान के साधन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को वैध कर देगा। रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री, डेनिस मंटुरोव, एक शैक्षिक कार्यक्रम में मंच पर आए, जिसमें कहा गया कि सरकार और केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में अपने लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों को हल करने के करीब जा सकते हैं। देश के वित्त मंत्रालय ने फरवरी की शुरुआत में एक विधायी प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जो देश में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के केंद्रीय बैंक के अनुरोध के खिलाफ क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है था।
रूसी राज्य समाचार एजेंसी TASS की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पूछे जाने पर कि क्या रूस बिटकॉइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी को वैध करेगा या नहीं, मंटुरोव ने कहा, "सवाल यह है कि यह कब होगा, यह कैसे होगा और इसे कैसे विनियमित किया जाएगा। अब सेंट्रल बैंक और सरकार दोनों इसमें सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।"
जैसे ही चीजें खड़ी होती हैं, रूसी अधिकारी क्रिप्टोकरेंसी और खनन के भविष्य पर चर्चा कर रहे हैं। बिटकॉइन को अपनाने की रूस की स्पष्ट प्रेरणा के बावजूद, बैंक ऑफ रूस ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया, क्योंकि यह रूसी वित्तीय प्रणाली को कमजोर कर सकता है। ऐसा लगता है कि धुन बदल गई है क्योंकि कठोर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने रूस की अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया है, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वित्तीय नियामकों से अनुरोध किया है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है डिजिटल मुद्राओं को कैसे विनियमित किया जाना चाहिए।
"लेकिन हर कोई समझता है कि यह समय की एक प्रवृत्ति है, और जल्दी या बाद में, एक प्रारूप या किसी अन्य में इसे किया जाएगा," कार्यक्रम में मंटुरोव क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है ने कहा। "लेकिन, एक बार फिर, यह तैयार किए जाने वाले नियमों के अनुसार कानूनी, सही होना चाहिए।"
पिछले फरवरी में, रूसी सरकार ने वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के आधार पर बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की अवधारणा को मंजूरी दी थी। इसी महीने के दौरान वित्त मंत्रालय ने भी एक बिल पेश किया।
वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि इस साल बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने वाला कानून पेश किया जाएगा और यह कर संग्रह पर भी काम कर रहा है क्योंकि यह क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित है।
क्या सरकार अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने के बारे में सोच रही है?
सरकार बिटकॉइन समेत किसी प्रकार की निजी डिजिटल करेंसी के पक्ष में नहीं है मगर एक सरकारी समिति ने एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी की जरूरत बताई है.
जून में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा एक मसौदा पेश किया था, जिसके तहत क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, बनाने, खरीदने, बेचने, खत्म करने, इस्तेमाल करने या सौदा करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान था.
हाइलाइट्स
- केंद्र सरकार की अंतर-मंत्रालयी समिति ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है. क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है
- अभी तक दुनिया भर में कुल 2,116 क्रिप्टोकरेंसी हैं, जिनका कुल बाजार पूंजीकरण $119.46 अरब का है.
- क्रिप्टोकरेंसी न तो लीगल टेंडर के समान हो सकती है और न ही इसे ऐसा समझा जाना क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है चाहिए.
गौरतलब है कि इस समिति का गठन 2 नवंबर 2017 को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मामलों के अध्ययन के लिए किया गया था. इस समिति को इस बारे में रूपरेखा बनाने के लिए भी कहा गया था. इसने निजी क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपना फैसला दिया है. सरकार का तर्क है कि वह निवेशकों के पैसों को जोखिम में नहीं डाल सकती.
मगर आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई वाली एक अन्य सरकारी समिति ने एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी की जरूरत बताई है. उसका कहना है कि इसे लीगल टेंडर माना जा सकता है. इस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नियंत्रण होगा. इस पैनल में इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्रालयों के सचिव, सेबी प्रमुख और RBI के डिप्टी गवर्नर भी शामिल थे.
अभी तक दुनिया भर में कुल 2,116 क्रिप्टोकरेंसी हैं, जिनका कुल बाजार पूंजीकरण $119.46 अरब का है. GREX और RealX के सीईओ मनीष कुमार ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि समिति ने सिर्फ निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा है.
उन्होंने कहा, "इस समिति ने क्रिप्टोकरेंसी की अवधारणा को खारिज नहीं किया है. इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि किप्टो-तकनीक के दूसरे प्रयोगों को हरी झंडी दिखाई गई है." GREX एक निजी मार्केट प्लेटफॉर्म है, जो कंपनियों को वित्तीय प्रोडक्ट्स तक पहुंच बनाने में मदद करता है.
कुमार ने क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है कहा, "जो हम समझ पा रहे हैं, उसके मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी की अवधारणा पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. इस समिति का मानना है कि निजी उद्यमों के बजाय सिर्फ सरकार के पास ही क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के अधिकार होने चाहिए."
उधर, अंतर-मंत्रालय समिति ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वह स्थाई समिति के रूप में अपने पक्ष पर दोबारा विचार करने के लिए तैयार है. सुप्रीम कोर्ट की वकील और साइबर लॉ विशेषज्ञ एनएस नप्पिनई ने कहा कि सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पेश करने का विचार एक गलत धारणा है.
उन्होंने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी न तो लीगल टेंडर (सरकार द्वारा जारी मुद्रा) के समान हो सकती है और न ही इसे ऐसा समझा जाना चाहिए. भले ही यह कागज पर हो या डिजिटल रूप में. सरकार द्वारा जारी डिजिटल करेंसी वैध करेंसी होगी."
उन्होंने कहा कि अभी तक यह भी साफ नहीं है कि सरकार क्यों अपनी डिजिटल करेंसी पेश करने के बारे में सोच रही है. उनके अनुसार, "यदि सरकार इसे जारी करती है, जो इसकी वैल्यूएशन रुपये के सामने आंकी जाएगी. इसकी वैल्यू घरेलू करेंसी से अधिक या कम नहीं हो सकती है."
नप्पिनई ने बताया कि सरकार को इस मंशा के पीछे के मकसद का आंकलन करना होगा. उन्होंने कहा, "अपनी अलग डिजिटल करेंसी पेश करने की कवायद में लगने से पहले सरकार को भी कई सवालों के जवाब देने होंगे." क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध लगाने से बेहतर होगा उसके लिए कानून पेश हो.
मौजूदा समय में भारत में डिजिटल करेंसी पर प्रतिबंध नहीं है. मगर नियामक प्राधिकरणों ने कारोबारियों और यूजर्स को इससे जुड़े जोखिम के विषय में बार बार सावधान किया है. साथ ही वे उन्हें इस प्रकारण के कृत्रिम उपकरणों की खरीद-फरोख्त से दूर रहने की भी सलाह देते रहे हैं.
साल 2018 के आम बजट में तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने साफ किया था कि क्रिप्टोकरेंसी लीगल टेंडर (वैध पैसा) नहीं है. उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार इन्हें वित्तीय प्रणाली से हटाने के सभी संभव प्रयास करेगी. उन्होंने 'भुगतान या उस प्रणाली के अंश के लिए अवैध वित्तीयकरण' में इनका इस्तेमाल रोकने की बात भी कही थी.
जून में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा एक मसौदा पेश किया था, जिसके तहत क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, बनाने, खरीदने, बेचने, खत्म करने, इस्तेमाल करने या सौदा करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान था. नप्पिनई का मानना है कि वे 'निजी क्रिप्टोकरेंसी' के भविष्य को लेकर संशय में हैं.
उन्होंने कहा, "आखिरकार, फेसबुक के ऐलान के बाद भारत भी इस दिशा में कदम बढ़ान के लिए जाग गया. फेसबुक ने अपनी कृत्रिम करेंसी 'लिब्रा' लॉन्च करने का ऐलान किया है. मगर सरकार का सबसे बड़ा डर है कि इनका इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने या मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हो सकता है."
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