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अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें

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Foreign exchange reserves declined by more than one billion dollars

Forex Reserve: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर, 7.941 अरब डॉलर घटकर 553.105 अरब डॉलर हुआ

विदेशी मुद्रा भंडार में FCA का सबसे बड़ा हिस्सा होता है। इसके पहले 26 अगस्त 2022 को खत्म हुए हफ्ते भारत का FCA 498.645 अरब डॉलर था

6 सितंबर को जारी अपने नोट में जेफरीज ने कहा है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर रखने की जरूरत है

02 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 560 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली है। अगस्त महीने में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी आई है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से निपटने के लिए आरबीआई ने बड़ी मात्रा में डॉलर की बिक्री है जिसके चलते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट आई अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें है।

02 सितंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 महीने के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इस हफ्ते अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार के सभी घटकों में गिरावट में देखने को मिली और इसमें भी फॉरेन करेंसी एसेट में सबसे ज्यादा कमी देखने को मिली। आरबीआई द्वारा उपलब्ध कराए गए ताजे आंकड़ों क मुताबिक 2 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 553.105 अरब डॉलर था। इसमें साप्ताहिक आधार पर 7.941 अरब डॉलर की कमी आई थी।

02 सितंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 09 अक्टूबर 2020 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर था। वहीं 26 अगस्त 2022 को खत्म हुए हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 561.046 अरब डॉलर पर था। इसके साथ ही 02 सितंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में FCA (फॉरेन करेंसी एसेट) में 6.527 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली और यह 492.117 अरब डॉलर पर रहा।

Foreign Currency Reserve: फिर हुई विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, जानें कितना रह गया

अपने विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Asset) में एक बार फिर से कमी आई है। चार नवंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में यह 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया। इसका कारण स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) में आई भारी गिरावट है।

विदेशी मुद्रा भंडार में एक अरब डॉलर से भी ज्यादा की गिरावट

Foreign exchange reserves declined by more than one billion dollars

हाइलाइट्स

  • देश के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर कमी आई है
  • चार नवंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में यह 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया
  • इसका कारण स्वर्ण भंडार में आई भारी गिरावट है

क्यों आ रही है विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है। खुले बाजार में भी रुपये की कीमत थामने के लिए डॉलर की बिक्री करनी पड़ रही है। इसी वजह से डॉलर का भंडार कम हो रहा है।

एफसीए में भी कमी
रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, चार नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गयीं। डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है।

स्वर्ण भंडार और एसडीआर में भी कमी
आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में देश का स्वर्ण भंडार 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (SDR) 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है।

आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में रखा देश का मुद्राभंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया।

भारत अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें का विदेशी मुद्रा भंडार 6 अरब डॉलर गिरा, अक्टूबर 2020 के बाद से सबसे कम

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया है.

Published: August 27, 2022 8:52 PM IST

RBI

मुंबई: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया है. प्रभुदास लीलाधर में अर्थशास्त्री और क्वांट विश्लेषक ऋतिका छाबड़ा ने कहा, “भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को घटकर 564 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो अक्टूबर 2020 के बाद सबसे कम है. आरबीआई (Reserve Bank of India) के साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों से पता चलता है कि 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया. इस गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मौजूदा परिसंपत्तियों में गिरावट है, जिसका उपयोग आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये में गिरावट को कम करने के लिए कर रहा है.”

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इससे पहले के सप्ताह में 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह के अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रह गया था. जुलाई के अंतिम सप्ताह में वृद्धि को छोड़कर हर एक सप्ताह में रिजर्व में गिरावट आई है. फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से यह 26 सप्ताहों में से 20 के लिए गिर गया है.

समीक्षाधीन सप्ताह में एफसीए 5.779 अरब डॉलर गिरकर 501.216 अरब डॉलर हो गया. आगे बढ़ते हुए, छाबड़ा ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार निकट अवधि में दबाव में रहने की संभावना है क्योंकि डीएक्सवाई जुलाई के मध्य में अपने उच्च स्तर पर वापस आ गया है और तेल की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है.

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करेंसी स्वैप किसे कहते हैं और इससे अर्थव्यवस्था को क्या फायदे होंगे?

करेंसी स्वैप का शाब्दिक अर्थ होता है मुद्रा की अदला बदली. जब दो देश/ कम्पनियाँ या दो व्यक्ति अपनी वित्तीय जरूरतों को बिना किसी वित्तीय नुकसान के पूरा करने के लिए आपस में अपने देशों की मुद्रा की अदला बदली करने का समझौता करते हैं तो कहा जाता है कि इन देशों में आपस में करेंसी स्वैप का समझौता किया है.

Currency Swap

विनिमय दर की किसी भी अनिश्चित स्थिति से बचने के लिए दो व्यापारी या देश एक दूसरे के साथ करेंसी स्वैप का समझौता करते हैं.

विनिमय दर अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें का अर्थ: विनिमय दर का अर्थ दो अलग अलग मुद्राओं की सापेक्ष कीमत है, अर्थात “ एक मुद्रा के सापेक्ष दूसरी मुद्रा का मूल्य”. वह बाजार जिसमें विभिन्न देशों की मुद्राओं का विनिमय होता है उसे विदेशी मुद्रा बाजार कहा जाता है.

वर्ष 2018 भारत और जापान ने 75 अरब डॉलर के करेंसी स्वैप एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये हैं जिससे कि दोनों देशों की मुद्राओं में डॉलर के सापेक्ष उतार चढ़ाव को कम किया जा सके.

इस एग्रीमेंट का मतलब यह है कि भारत 75 अरब डॉलर तक का आयात जापान से कर सकता है और उसको भुगतान भारतीय रुपयों में करने की सुविधा होगी. ऐसी ही सुविधा जापान को होगी अर्थात जापान भी इतने मूल्य की वस्तुओं का आयात भारत से येन में भुगतान करके कर सकता है.

आइये इस लेख में जानते हैं कि करेंसी स्वैप किसे कहते हैं?

करेंसी स्वैप का शाब्दिक अर्थ होता है "मुद्रा की अदला बदली". अपने अर्थ के अनुसार ही इस समझौते में दो देश, कम्पनियाँ और दो व्यक्ति आपस में अपने देशों की मुद्रा की अदला बदली कर लेते हैं ताकि अपनी अपनी वित्तीय जरूरतों को बिना किसी वित्तीय नुकसान के पूरा किया जा सके.

करेंसी स्वैप को विदेशी मुद्रा लेन-देन माना जाता है और किसी कंपनी के लिए कानूनन जरूरी नहीं है कि वह इस लेन-देन को अपनी बैलेंस शीट में दिखाए. करेंसी स्वैप एग्रीमेंट में दो देशों द्वारा एक दूसरे को दी जाने वाली ब्याज दर फिक्स्ड और फ्लोटिंग दोनों प्रकार की अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें हो सकती है.

करेंसी स्वैप से भारतीय अर्थव्यवस्था को क्या लाभ होंगे?

1. मुद्रा भंडार में कमी रुकेगी: डॉलर को दुनिया की सबसे मजबूत और विश्वसनीय मुद्रा माना जाता है यही कारण है कि पूरे विश्व में इसकी मांग हर समय बनी रहती है और कोई भी देश डॉलर में पेमेंट को स्वीकार कर लेता है.

डॉलर की सर्वमान्य स्वीकारता के कारण जब भारत से विदेशी पूँजी बाहर जाती है या विदेशी निवेशक अपना धन वापस निकलते हैं तो वे लोग डॉलर ही मांगते हैं जिसके कारण भारत के बाजार में डॉलर की मांग बढ़ जाती है जिसके कारण उसका मूल्य भी बढ़ जाता है. ऐसी हालात में RBI को देश के विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर निकालकर मुद्रा बाजार में बेचने पड़ते हैं जिससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती है.

यदि भारत का विभिन्न देशों के साथ करेंसी स्वैप एग्रीमेंट है तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में (डॉलर के साथ विनिमय दर में परिवर्तन होने पर) कमी बहुत कम आएगी.

2. करेंसी स्वैप का एक अन्य लाभ यह है कि यह विनिमय दर में परिवर्तन होने से पैदा हुए जोखिम को कम करता है साथ ही यह ब्याज दर के जोखिम को भी कम कर देता है. अर्थात करेंसी स्वैप समझौते से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुद्रा की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से राहत मिलती है.

3. वित्त मंत्रायल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत और जापान के बीच हुए करेंसी स्वैप समझौते से भारत के कैपिटल मार्केट और विदेशी विनिमय को स्थिरता मिलेगी. इस समझौते के बाद से भारत जरूरत पड़ने पर 75 अरब डॉलर की पूंजी का इस्तेमाल कर सकता है.

4. जिस देश के साथ करेंसी स्वैप एग्रीमेंट होता है संबंधित देश सस्ते ब्याज पर कर्ज ले सकता है. इस दौरान इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उस वक्त संबंधित देश की करेंसी का मूल्य क्या है या दोनों देशों के बीच की मुद्राओं के बीच की विनिमय दर क्या है.

आइये करेंसी स्वैप एग्रीमेंट को एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं;

मान लो कि भारत में व्यापार करने करने वाले व्यापारी रमेश को 10 साल के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की जरूरत है. रमेश किसी अमेरिकी बैंक से 1 मिलियन डॉलर का लोन लेने का प्लान बनाता है लेकिन फिर उसे याद आता है कि यदि उसने आज की विनिमय दर ($1 = रु.70) पर 7 करोड़ का लोन ले लिया और बाद में रुपये की विनिमय दर में गिरावट आ जाती है और यह विनिमय दर गिरकर $1 = रु.100 पर आ जाती है तो रमेश को 10 साल बाद समझौते के पूरा होने पर 7 करोड़ के लोन के लिए 10 करोड़ रूपये चुकाने होंगे. इस प्रकार रमेश को लोन लेने पर बाजार में उतार चढ़ाव के कारण 3 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है.

लेकिन तभी रमेश को एक फर्म से पता चलता है कि अमेरिकी व्यापारी अलेक्स को 7 करोड़ रुपयों की जरूरत है. अब रमेश और अलेक्स दोनों करेंसी स्वैप का एग्रीमेंट करते हैं जिसके तहत रमेश 7 करोड़ रुपये अलेक्स को दे देता है और अलेक्स 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर रमेश को. दोनों के द्वारा समझौते की राशि का मूल्य $1 =रु.70 की विनिमय दर के हिसाब से बराबर है.

अब रमेश, अलेक्स को अमेरिका के बाजार में प्रचलित ब्याज दर (मान लो 3%) की दर से 1 मिलियन डॉलर पर ब्याज का 10 साल तक भुगतान करेगा और अलेक्स, रमेश को भारत के बाजार में प्रचलित ब्याज दर (मान लो 6%) के हिसाब से 7 करोड़ रुपयों के लिए ब्याज देगा.

समझौते की परिपक्वता अवधि (date of maturity) पर रमेश, अलेक्स को 1 मिलियन डॉलर लौटा देगा और अलेक्स भी रमेश को 7 करोड़ रुपये लौटा देगा. इस प्रकार के आदान-प्रदान के लिए किया गया समझौता ही करेंसी स्वैप कहलाता है.

इस प्रकार करेंसी स्वैप की सहायता से रमेश और अलेक्स दोनों ने विनिमय दर के उतार चढ़ाव की अनिश्चितता से बचकर अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर लिया है.

समय की जरुरत को देखते हुए भारत ऐसी ही समझौते अन्य देशों के साथ करने की तैयारी कर रहा है. भारत, कच्चा टेल खरीदने के लिए ईरान के साथ ऐसा ही समझौता करने की प्रोसेस में है. अगर भारत और ईरान के बीच यह समझौता हो जाता है तो भारत हर साल 8.5 अरब डॉलर बचा सकता है.

उम्मीद है कि ऊपर दिए गए विश्लेषण और उदाहरण की सहायता से आप समझ गए होंगे कि करेंसी स्वैप किसे कहते हैं और इससे किसी अर्थव्यवस्था को क्या फायदे होते हैं.

Forex Reserve: विदेशी मुद्रा अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें भंडार 2.67 अरब डॉलर घटकर 593.279 अरब डॉलर रहा, जानिए क्यों हुआ ऐसा

Forex Reserve Decreased: 6 मई को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 596 अरब डॉलर था जो वर्ष 2022-23 के लगभग 10 महीने के अनुमानित आयात के बराबर था. वहीं 13 मई को विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 593.279 अरब डॉलर रहा.

By: ABP Live | Updated at : 20 May 2022 09:51 PM (IST)

विदेशी मुद्रा भंडार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Forex Reserve Decreased: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13 मई को खत्म हफ्ते में 2.676 अरब डॉलर घटकर 593.279 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को अपने आंकड़ों में यह जानकारी दी. इससे पूर्व के हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 1.774 अरब डॉलर घटकर 595.954 अरब डॉलर रह गया था.

आरबीआई के बुलेटिन में मिली जानकारी
रिजर्व बैंक के मई बुलेटिन में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रकाशित एक लेख के अनुसार, 6 मई को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 596 अरब डॉलर था जो वर्ष 2022-23 के लगभग 10 महीने के लिए अनुमानित आयात के बराबर था.

फॉरेन करेंसी ऐसेट्स में आई कमी
समीक्षाधीन सप्ताह में विदे्शी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें आस्तियों में आई कमी है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक होता है. आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.302 अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें अरब डॉलर घटकर 529.554 अरब डॉलर रह गयीं. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

सोने के भंडार का मूल्य भी घटा
आंकड़ों के मुताबिक 13 मई को खत्म हुए हफ्ते में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 1.169 अरब डॉलर घटकर 40.57 अरब डॉलर रह गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 16.5 करोड़ डॉलर घटकर 18.204 अरब डॉलर रह गया. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 3.9 करोड़ डॉलर घटकर 4.951 अरब डॉलर रह गया.

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Published at : 20 May 2022 09:49 PM (IST) Tags: Rupee dollar forex reserve Forex Currency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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