अध्ययन का सामग्री

शेयर मार्केट डाउन क्यूँ होता है?

शेयर मार्केट डाउन क्यूँ होता है?
हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिएयहां क्लिक करें.

Paytm Share Hits New All Time Low, Stock Slump To New Low

'सेंसेक्स गिरा'

शुक्रवार को सेंसेक्स 30.81 अंक या 0.05 फीसदी की गिरावट के साथ 58,191.29 पर बंद हुआ था. निफ्टी 17.15 अंक या 0.10 फीसदी टूटकर 17,314.65 पर बंद हुआ.

सेंसेक्स की कंपनियों में सबसे अधिक 1.34 फीसदी की गिरावट टेक महिंद्रा में हुई. इसके अलावा नेस्ले इंडिया, मारुति, इंफोसिस, अल्ट्राटेक सीमेंट, टीसीएस और सन फार्मा भी शुरुआती कारोबार में नुकसान में रहे.

Stock Markets Update: ओपनिंग में बीएसई सेंसेक्स लगभग 300 अंकों की उछाल लेकर खुला. एनएसई निफ्टी भी 16,200 के ऊपर था. वहीं, रुपया शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले आज फिर गिरा और 12 पैसे के नुकसान के साथ 79.25 रुपये पर आ गया.

30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 10: 12 बजे 319 अंक फिसलकर 55,606.21 पर बंद हुआ और जबकि एनएसई निफ्टी 66 अंक गिरकर 16,595.25 पर कारोबार कर रहा था.

वैश्विक बाजारों से कमजोर संकेत मिलने के बाद घरेलू बाजार में भी इसका असर दिखा. ओपनिंग के बाद दोनों बेंचमार्क इंडेक्स बड़े झटके के साथ नीचे आए. बीएसई सेंसेक्स जहां 1,000 अंकों से नीचे की गिरावट देख रहा था. वहीं, निफ्टी भी 300 अंकों से शेयर मार्केट डाउन क्यूँ होता है? ज्यादा का नुकसान उठा रहा था.

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों होता है?

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों होता है?

अब हम आपको बताते हैं कि किस वजह से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आता है और शेयरों के भाव चढ़ते-गिरते हैं:
आम समझ यह है कि जब किसी कंपनी के शेयरों को खरीदने वाले लोग अधिक हों और उसके कम शेयर मार्केट डाउन क्यूँ होता है? शेयर बिक्री के लिए उपलब्ध हों, तो शेयरों का भाव बढ़ जाता है. इसके साथ ही कई अन्य वजहें भी हैं, जिनकी वजह से शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव आता है.

यदि दो देशों के बीच कारोबारी और रणनीतिक संबंध बेहतर बनने की उम्मीद हो तो अर्थव्यवस्था की तरक्की के हिसाब से निवेशक शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं.

मसलन भारत-चीन के बीच बेहतर कारोबारी संबंध से अमेरिकी या यूरोपीय निवेशकों को भारत की ग्रोथ रेट बेहतर होने की उम्मीद बढ़ जाती है. वे भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना शुरू करते हैं.

Stock Market: तीन दिनों में 1800 अंक क्यों गिरा शेयर बाजार, जानिए कब रहेगी ये मंदी

BSE सेंसेक्स पिछले तीन दिनों में 1835 अंक गिर चुका है. Nifty 50 की बात करें तो 550 अंक टूट गया है.

BSE सेंसेक्स पिछले तीन दिनों में 1835 अंक गिर चुका है. Nifty 50 की बात करें तो 550 अंक टूट गया है.

Why Share Market Is Falling : भारतीय शेयर बाजारों में शेयर मार्केट डाउन क्यूँ होता है? लगातार तीसरे दिन बड़ी गिरावट आई है. BSE सेंसेक्स पिछले तीन दिनों में 1835 अंक गिर चुका है. Nifty 50 की बात करें तो 550 अंक टूट गया है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : January 20, 2022, 17:19 IST

नई दिल्ली. Why Share Market Is Falling: भारतीय शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन बड़ी गिरावट आई है. गुरुवार को वीकली एक्सपायरी थी और निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी दोनों में एकतरफा गिरावट देखी गई. BSE सेंसेक्स पिछले तीन दिनों में 1835 अंक गिर चुका है. Nifty 50 की बात करें तो 550 अंक टूट गया है. इसी तरह बाकी इंडेक्स भी लाल रंग में ही चल रहे हैं. इसकी वजह मुनाफावसूली के साथ-साथ मिडल ईस्ट में राजनीतिक तनाव के चलते ऑयल मार्केट्स में भय और FIIs द्वारा पैसा निकालना बताया जा रहा है.

विदेशी बाजारों में भी गिरावट देखी जा रही है. अब देखने वाली बात ये है कि क्या ये सब फैक्टर भारतीय बाजार को भी बुरी तरह से प्रभावित करेंगे या नहीं. उधर, अमेरिकी बेंचमार्क का 10-वर्षीय नोट यील्ड बुधवार को बंद होने से पहले 1.902 फीसदी बढ़कर दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.

अलग तरह की मंदी

इकॉनोमिक्स टाइम्स के अनुसार, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के वी के विजयकुमार (V K Vijayakumar) ने अमेरिकी बाजार में एक अलग तरह की मंदी की प्रवृत्ति देखी है. इसमें नैस्डैक कंपोजिट (Nasdaq Composite) नवंबर 2021 के उच्चतम स्तर से 10.7 प्रतिशत नीचे चल रहा है, जबकि इसका ब्रॉडर बाजार Russel 2000 52-सप्ताह के निचले स्तर पर खड़ा है.

विजयकुमार ने हालांकि कहा कि जरूरी नहीं कि भारत में भी ऐसा ही देखने को मिले, लेकिन निवेशकों को सावधान रहना होगा. सावधान इसलिए, क्योंकि वैश्विक मुद्रास्फीति बढ़ रही है और मौद्रिक स्तर पर सरकारों की सख्ताई की हवा निवेशकों के सामने उसी तरह का काम करेगी, जैसे सामने से चल रही तेज हवा. ये स्थिति साल के दूसरे हाफ (Second Half) में थोड़ी ठीक हो सकेगी, वह भी तब जबकि सल्पाई के व्यवधान (Supply Disruptions) कम होते हैं और मुद्रास्फीति की दर में कमी आती है.

Share Market Crash: जानें क्‍यों भड़भड़ाकर गिर रहे हैं भारतीय शेयर बाजार, क्‍या हैं इसके कारण

अमेरिकी महंगाई दर को लेकर जहां बाजार का अलुमान था कि या 8.3 प्रतिशत पर रहेगा वहीं यह 8.6 प्रतिशत आया। इसे देखते हुए अमेरिकी फेडरल रिजर्व हॉकिश रुख अपना सकता है। ऐसी परिस्थिति इक्विटी जैसे रिस्‍की एसेट्स के लिए शेयर मार्केट डाउन क्यूँ होता है? नकारात्‍मक है

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। पिछले कुछ हफ्तो से भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है। विदेशी संस्‍थागत निवेशक लगातार अपने पैसे भारतीय पूंजी बाजार से निकाल रहे हैं। सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान बीएसई का सेंसेक्‍स 1568.02 अंक टूट गया और 52734.98 के स्‍तर पर आ गया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्‍वेस्‍टमेंट स्‍ट्रेटजिस्‍ट वी के विजयकुमार के अनुसार, अल्‍पावधि के बाजार रुझान कमजोर नजर आ रहे हैं। अमेरिकी महंगाई दर को लेकर जहां बाजार का अनुमान था कि शेयर मार्केट डाउन क्यूँ होता है? या 8.3 प्रतिशत पर रहेगा, वहीं यह 8.6 प्रतिशत आया। इसे देखते हुए अमेरिकी फेडरल रिजर्व हॉकिश रुख अपना सकता है। ऐसी परिस्थिति रिस्‍की एसेट्स जैसे इक्विटी के लिए नकारात्‍मक है। खास तौर से तक जब वैश्विक ग्रोथ में गिरावट देखी जा रही हो। भारतीय शेयर बाजार में स्थिरता तभी आएगी जब अमेरिकी शेयर बाजार स्थिर होते हैं।

Share Market Update: 4 दिन में निवेशकों के 8 लाख करोड़ डूबे, जानें क्यों लगातार गिर रहा है शेयर मार्केट

Share Market Update: 4 दिन में निवेशकों के 8 लाख करोड़ डूबे, जानें क्यों लगातार गिर रहा है शेयर मार्केट

Share Market Update । शेयर बाजार के लिए बीता सप्ताह काफी नुकसानदायक साबित हुआ है। बीते 4 दिनों में शेयर मार्केट में काफी तेज गिरावट देखने को मिली है। शेयर मार्केट डाउन क्यूँ होता है? इस दौरान सेंसेक्स 2500 अंक की गिरावट झेल चुका है। साथ निफ्टी 700 अंक नीचे चला गया। शेयर मार्केट से जुड़े जानकारों शेयर मार्केट डाउन क्यूँ होता है? का मानना है कि कमजोर रुपया और भारतीय बाजारों से पैसा निकालने वाले एफआईआई ट्रेंड रिवर्सल के चलते बाजार में गिरावट आई है। साथ कई कंपनियों का प्रदर्शन भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है।

4 दिन में निवेशकों को 8 लाख करोड़ का घाटा

रेटिंग: 4.34
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 871
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *