सकल आय गठन

रंजीत घुमन के अनुसार, एक ज़माने में अमीर राज्य कहा जाने वाला पंजाब अब अमीर नहीं रहा. वो कहते हैं, "हमारी प्रति व्यक्ति आय 28 राज्यों में 19वें नंबर पर है. हम अब अमीर नहीं हैं."
भारत की राष्ट्रीय आय का प्रमुख स्रोत क्या सकल आय गठन है
भारत की राष्ट्रीय आय का प्रमुख स्रोत सेवा क्षेत्र है.2016 में भारत की प्रति व्यक्ति आय (नाममात्र) $ 1670 थी, विश्व बैंक द्वारा 164 देशों में से 112 वें स्थान पर थी, जबकि क्रय शक्ति समानता (पीपीपी) आधार पर प्रति व्यक्ति आय 5,350 अमेरिकी डॉलर थी, और 106 वें स्थान पर थी. प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय और सकल घरेलू उत्पाद के लिए अन्य अनुमान स्रोत द्वारा भिन्न होते हैं. उदाहरण के लिए, 200 9 में पीपीपी आधार पर भारत की औसत जीडीपी प्रति व्यक्ति, अर्थशास्त्री के अनुसार, 5,138 अमेरिकी डॉलर थी, जिसमें इसके राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वपूर्ण बदलाव आया था. गोवा में 14 9 0 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति पीपीपी सकल घरेलू उत्पाद था, जबकि बिहार सबसे कम प्रति व्यक्ति पीपीपी जीडीपी 2015 के मुकाबले 682 अमेरिकी डॉलर था रुपये के मुताबिक, भारत की प्रति व्यक्ति आय 10.4% बढ़कर 2013-09 में 74,920 रुपये हो गई.
राष्ट्रीय आय की गणना विधि – GDP, NDP
किसी अर्थव्यवस्था में आय – व्यय बिन्दुओं में होने वाले उपभोग व्यय का योग को ही राष्ट्रीय आय कहते है । भारत में लेनदेन बिना बिल के ही ज्यादातर किये जाते है जिससे यह विधि का प्रयोग भारत में एक समस्या है ।
3. उत्पादन विधि – Value Added Method
अंतिम उत्पादित वस्तु या सेवा का मौद्रिक मूल्य ही मूल राष्ट्रीय आय है । इसे वस्तु या सेवा विधि भी कहा जाता है ।प्राथमिक ( Primary ) एवं द्वितीयक ( Secondory ) क्षेत्र के उत्पादन में यही विधि ज्यादा उपयोगी होती है तथा तृतीयक क्षेत्र के लिए आय-व्यय विधि का उपयोग होता है ।
(A) GDP – Gross Domestic Product ( सकल घरेलु उत्पाद ) – किसी अर्थव्यवस्था में किसी वित्तीय वर्ष में उसकी घरेलु सीमा में अंतिम उत्पादित वस्तु या सेवा का मौद्रिक मूल्य है ।
(B) GNP – Gross National Product ( सकल राष्ट्रीय उत्पाद ) – राष्ट्रिय आय की गणना में NFIFA ( Net Factor Income For Abrode – विदेशों से प्राप्त शुद्ध कारक आय ) की गणना जरुरी है ।
NFIFA – 1. भारतियों द्वारा विदेशों से अर्जित आय – भारत में आएगा 2. विदेशियों द्वारा भारत में अर्जित आय – भारत से बाहर जायेगा । ये सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों हो सकता है ।
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दो राज्य या केंद्र व राज्य के बीच संबंध -अंग्रेज़ी भाषा में रह सकती है । परन्तु दो राज्य आपस में नियम बनाकर -हिंदी में व्यवहार (अनुवाद अंग्रेज़ी में ) करेंगे । […]
मानव अधिकार (राज्य ) आयोग का गठन मानव संरक्षण अधिकार अधिनियम 1993, के आधार पर राज्य स्तर पर किया गया है। राज्य मानव अधिकार आयोग राज्य सूची सकल आय गठन और समवर्ती सूची के अंतर्गत शामिल विषयों से संबंधित मानव अधिकारों के उल्लंघन की जांच कर सकता है। […]
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत 12 अक्टूबर, 1993 को की गई थी एवं एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है। […]
वर्ष 1950 में भारत में एक चुनाव आयोग का गठन किया गया था जिसका उद्देश्य चुनावों की निष्पक्षता को सुनिश्चित करना था । यह राज्य सभा, लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और. […]
वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद को कैसे मापा जाता है?
Explanation : वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद मूल्यह्रास को घटाकर मापा जाता है। किसी भी वस्तु के उत्पादन एवं उपभोग के दौरान उसका मूल्यह्रास होता है। यह मूल्यह्रास एक तरह से पूँजी स्टॉक की खपत होती है। जब सकल आय में से मूल्यह्रास को घटाया जाता है, तो निवल अथवा शुद्ध राशि प्राप्त होती है। वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Real Gross Domestic Product, GDP) सकल घरेलू उत्पाद (Net: National Product, NNP) का एक सही माप है, जिसमें मूल्यह्रास को घटाकर सकल आय गठन माप लिया जाता है।. अगला सवाल पढ़े
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प्रति व्यक्ति आय क्या है इसकी गणना का सूत्र लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंप्रति व्यक्ति आय (पीसीआई) या कुल आय एक निर्दिष्ट वर्ष में किसी दिए गए क्षेत्र (शहर, सकल आय गठन क्षेत्र, देश, आदि) में प्रति व्यक्ति अर्जित औसत आय को मापता है। इसकी गणना क्षेत्र की कुल आय को उसकी कुल जनसंख्या से विभाजित करके की जाती है। प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय आय है जिसे जनसंख्या के आकार से विभाजित किया जाता है
इसे सुनेंरोकेंIndia Per Capita Income: मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान देश की प्रति व्यक्ति आय एक साल पहले के मुकाबले 6
राष्ट्रीय आय की गणना कब की जाती है?
इसे सुनेंरोकेंइसके बाद वैज्ञानिक आधार पर सर्वप्रथम 1931-32 में VKRV Rao ने सकल आय गठन राष्ट्रीय आय की गणना कर बताया कि भारत की प्रति व्यक्ति सकल आय गठन आय 62 रु/ वर्ष है. आजादी के बाद 1949 में राष्ट्रीय आय की गणना के किये राष्ट्रीय आय समिति का गठन किया गया . बाद में 02 मई 1951 में CSO की स्थापना कर दी गयी जो तत्कालीन समय में भी कार्यरत है .
प्रति व्यक्ति आय को और कौन से रूप में जाना जाता है?
इसे सुनेंरोकेंअनौपचारिक बोलचाल में प्रति व्यक्ति आय को औसत आय (average income) भी कहा जाता है और आमतौर पर अगर एक राष्ट्र की औसत आय किसी दूसरे राष्ट्र से अधिक हो, तो पहला राष्ट्र दूसरे से अधिक समृद्ध और सम्पन्न माना जाता है।
इसे सुनेंरोकेंकिसी देश की उत्पादन व्यवस्था से अंतिम उपभोक्ता के हाथों में जाने वाली वस्तुओं या देश के पूँजीगत साधनों के विशुद्ध जोड़ को ही राष्ट्रीय आय कहते हैं। किसी देश के नागरिकों का सकल घरेलू एवं विदेशी आउटपुट सकल राष्ट्रीय आय कहलाता है। समस्या – वाही पर लागु हो सकता था , जहाँ उत्पादक कारक ज्ञान है .
जीडीपी का अर्थ क्या है?
इसे सुनेंरोकेंGDP (सकल घरेलू उत्पाद) वह राशि है जो एक देश उत्पादन करता है। इसमें अन्य राष्ट्रों के उपभोग के लिए तैयार किया गया माल और सेवाएं भी शामिल हैं, इसलिए निर्यात को जोड़ा जाता है। M (आयात) सकल आयात है।
क़र्ज़ में डूबे भारत के राज्य क्या 'मिनी श्रीलंका' बन जाएंगे?
पंजाब के आर्थिक हालात को अगर आंकड़ों के ज़रिए समझा जाए तो राज्य का ऋण, सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में 53 फ़ीसद है. ये भारत के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज़्यादा है.
राज्य पर तीन लाख करोड़ का क़र्ज़ है यानी तीन करोड़ की आबादी वाले इस राज्य का हर नागरिक एक लाख रुपए के क़र्ज़ के नीचे दबा हुआ है.
बेरोज़गारी की बात की जाए तो ये 25 फ़ीसद है. हालांकि राज्य ने साल 2021 में 75,000 करोड़ रुपए की कमाई की, लेकिन ये आंकड़ा भी लक्ष्य से 20,000 करोड़ रुपए से पीछे रह गया.
इसके बावजूद पंजाब में सत्ता में आई नई आम आदमी पार्टी की सरकार ने चुनावी वायदे को पूरा करने के उद्देश्य से ये घोषणा की कि एक जुलाई से राज्य सरकार लोगों को हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ़्त देगी. इससे सरकार पर हर साल 5,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.