स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है?

Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है
जब भी नए लोग शेयर मार्केट में आते है। उसके मन में ये सवाल जरूर आता ही हैं। Trading और Investing क्या है इन दोनों में क्या अंतर होते हैं। ये सवाल मन में आना जायज भी हैं। जब तब नए लोगो को ये समझ नहीं आते उसे कैसे पता लगेगा उसका जोखिम क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से, Trading और Investing में उसके लिए किया बेहतर होगा। आज हम जानेंगे Trading और Investing होता क्या है, दोनों में क्या अंतर हैं, Trading कितने तरह की होते हैं। साथ ही साथ जानेंगे कि ट्रेडिंग से हर रोज कमाई कर सकते है या नहीं।
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Trading क्या होता है:-
जब भी आप शेयर को खरीदते हो और उस दिन ही बेच देते हो। तब इसे Trading कहते हैं। मतलब आप Stock Trading में ज्यादा समय तक शेयर को अपने पास नहीं रख सकते हो। मान लीजिए आप एक शेयर खरीदा 200 रुपये में प्रॉफिट होने पर आपने उस दिन ही 220 रुपये में बेच दिया। इसी प्रोसेस को कहते है ट्रेडिंग। स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? Trading करते वक्त Trader हमेशा Technical Analysis के साथ चलते हैं। जिससे उस कंपनी के शेयर प्राइस को कुछ समय आगे का शेयर प्राइस अंदाजा हो जाता हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कंपनी क्या काम करती है, भविष्य की योजना क्या हैं। सिर्फ ये देखा जाएगा शेयर प्राइस किस तरफ जा रही है। Trading करते समय न्यूज़ पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता हैं. क्युकी कोई अच्छी खबर किसी भी शेयर को ऊपर ले जा सकती हैं। और बुरी खबर एकदम से नीचे भी ला सकती हैं।
Trading के प्रकार (Types of Trading):-
बहुत सारे Types of Trading होते है मुख्य रूप से 5 तरह का होता है। जिससे ट्रेडर ट्रेडिंग करके पैसा कमाई कर सके।
- Day Trading:- इसमें ट्रेडर को जिस दिन खरीदा उस दिन ही शेयर को बेचना पड़ता हैं। उस स्टॉक को कुछ समय के लिए होल्ड कर सकता है। मार्केट बंद होने से पहले ही ट्रेडर को शेयर बेचना ही पड़ता हैं। इसमें छोटे छोटे पल स्टॉक में होने वाले ऊपर नीचे से Traders अपना प्रॉफिट कर सकते हैं।
- Scalping Trading:- Day Trading और Scalping दोनों एक ही तरह का होता हैं। इस ट्रेडिंग में खरीद बेच होते है लेकिन दिन में कही बार ये ट्रेंड किया जा सकता हैं। आपको प्रॉफिट भी हो सकता है और नुकसान भी, इस पर निर्भर करता है कि आपने किस प्रकार का ट्रेंड किया हैं।
- Swing Trading:- इस ट्रेडिंग में आप खरीद और बेच तो सकते हो। अगर आपको खरीदा हुआ दिन नुकसान हो रहा है तो आप उस दिन शेयर को ना बेचकर कुछ दिनों तक होल्ड भी कर सकते हो। फिर जब प्रॉफिट आ जाता है तब बेचकर मुनाफा कमाई कर सकते हैं।
- Momentum Trading:- इस Trading को ट्रेंडर तब प्रयोग करता है जब कोई शेयर ऊपर जाता दिखता हैं। तब खरीदारी कर लेता है जैसे ही कोई उस शेयर का खराब न्यूज़ आता है तब तुरंत बेच देते हैं। जिससे Trader कुछ समय में ही अच्छी मुनाफा कमाई कर लेते हैं। लेकिन इसके लिए न्यूज़ के साथ अपडेट रहना बहुत जरुरी हैं। अगर सही समय पर शेयर को नहीं बेचा तो बहुत ज्यादा नुकसान भी हो सकता हैं।
- Position Trading:- इस तरह का ट्रेडिंग में आप कुछ दिनों के लिए ट्रेडिंग कर सकते हैं। ये Trading उन लोगों के लिए है जो लोग नियमित रूप से मार्केट में नहीं आते। खरीद कर कुछ दिनों के बाद मुनाफा आते ही बेच कर निकल जाते। इसी तरह का ट्रेडर को कहते हैं Position Trading।
Investing क्या होता है:-
जब कोई शेयर आज खरीद के बहुत साल बाद बेच देते है तब इसे Investing कहते हैं। इन्वेस्टिंग में आप बहुत लंबे समय के शेयर को अपने Demat Account में रखते हो। कंपनी के वित्तीय विवरण, पिछले प्रदर्शन, भविष्य में होने वाले ग्रोथ को देखते हुए ही किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करता हैं। Investing में Fundamental Analysis करना बहुत जरुरी हैं। जिससे आपको कंपनी के बारे अच्छी नॉलेज होगा और भविष्य में अच्छा रितर्न कमाके देगा।
Investing के प्रकार (Types of Investing):-
मुख्य रूप से इन्वेस्टिंग दो तरह का होता हैं। जिससे आपको लंबे समय में जबरदस्त मुनाफा कमाई करके देगा।
- Value Investing:- इस तरह का इन्वेस्टिंग में आप अच्छी कंपनी का शेयर प्राइस स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? जब नीचे आता है। तब आपको उसमे इन्वेस्ट करना चाहिए। Value Investing में इन्वेस्टर शेयर का विश्लेषण करके देखता है कि कौन सा शेयर कम दाम में मिल रहा हैं। फिर उसमे लंबे समय तक निवेश करता हैं।
- Growth Investment:- जो कंपनी भविष्य में ग्रोथ की संभावना देखता है उसी शेयर में इन्वेस्टर लंबे समय के लिए निवेश करता है। इसी स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? को Growth Investment कहते हैं। इससे Investor उस कंपनी में ज्यादा इन्वेस्ट करता है जो कंपनी Fundamentally बहुत मजबूत हैं।
Trading और Investing में अंतर क्या है (Difference between Trading and Investing):-
- Trading कम समय के लिए होता हैं।
- Investing लंबे समय के लिए होता हैं।
- इसमें Technical Analysis का इस्तेमाल करते हैं।
- Investing में Fundamental Analysis का इस्तेमाल करते हैं।
- Trading में कम समय में बहुत ज्यादा पैसा कमाई कर सकते हैं।
- इसमें आपका कमाई करने के लिए बहुत ज्यादा समय लगता हैं।
- ट्रेडिंग करने से ब्रोकर का शुल्क बहुत ज्यादा होता हैं।
- इन्वेस्टिंग में ब्रोकर का शुल्क ना के बराबर होता हैं।
- Trading जुआ की तरह होता हैं सोचने समझने के लिए समय नहीं मिलता।
- Investing में आप सोच समझकर निवेश कर सकते हैं।
क्या Trading से रोज पैसा कमाई कर सकते है:-
जी बिल्कुल आप ट्रेडिंग से हर रोज पैसा कमाई कर सकते हो। लेकिन जैसा कि हम जानते है Share Market रिस्क भी होता हैं। जिस तरह आप रेगुलर कमाई कर सकते है ठीक उसी तरह नुकसान भी हो सकता हैं। लाभ और नुकसान निर्भर करता है आपके ट्रेडिंग रणनीति के ऊपर। कब आप कौन सा ट्रेड ले रहे हो और आप कितना सही हो। जहा लोग बहुत कम समय में लाखो रूपया कमा लेते है वही कुछ लोग कम समय में लाखों रुपये का नुकसान भी कर लेते हैं।
अगर आप नए निवेशक हो तो आपको सबसे पहले Investing की तरफ जाना चाहिए। क्युकी अच्छा शेयर कम समय में नीचे भी आ सकता हैं। लेकिन लंबे समय में वो शेयर जरूर ऊपर जाएगा ही। आपको एसी शेयर में निवेश करना चाहिए जो शेयर भबिस्य में बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं।
आशा करता हु आपको Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है, कितने Types के होते है आपको अच्छी तरह से समझमे आ गया होगा । इससे जुड़ी कोई सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट के बारे में बिस्तार से जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
ट्रेडिंग क्या है?- Trading कितने प्रकार की होती है
दोस्तों अगर आप शेयर मार्केट यानी स्टॉक मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हों तो आपको शेयर बाजार में निवेश करने से पहले शेयर मार्केट के बारे में सारी जानकारी पता होनी चाहिए तभी आप शेयर मार्केट में निवेश कर अच्छा खासा पैसा बना पायेगे अगर आप बिना Share Market की जानकारी के शेयर बाजार में निवेश करते हों तो आपका पैसा डूब सकता है, शेयर मार्केट में आपने Trading शब्द जरुर सुना होगा लेकिन अगर आप ट्रेडिंग के बारे में नहीं जानते तो चलो आपको आज इस ब्लॉग पोस्ट में बताते है की आखिर ट्रेडिंग क्या है? ( trading kya hai ) ओर ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है.
ट्रेडिंग क्या है?
किसी वस्तु या सेवा को अच्छे दाम में खरीदना तथा कुछ ही समय में जब उस वस्तु या सेवा का दाम खरीदे गये दाम से ऊपर चले जाये उसे बेच देना ट्रेडिंग कहलाती है,
ट्रेडर्स का ट्रेडिंग करने का मुख्य मकसद किसी वस्तु या सेवा को खरीद कर कम समय में लाभ कमाना होता है. इसलिए आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है, बहुत सारे ट्रेडर्स शेयरों पर ट्रेडिंग कर हजारों से लेकर लाखों रुपये रोजाना कमा लेते है.
Types of Trading |
ट्रेडिंग को हिन्दी में क्या कहाँ जाता है?
ट्रेडिंग को हिन्दी भाषा में 'व्यापार ' कहते है यानी आसान भाषा में कहे तो खरीदने ओर बेचने का व्यापार.
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? ( Types of Trading )
शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट में वैसे तो ट्रेडिंग बहुत प्रकार की होती है, लेकिन ज्यादातर ट्रेडर्स चार- पाँच प्रकार की ट्रेडिंग करना ही पसंद करते है , जो निम्न है
- Scalping Trading
- Intraday Trading
- BTST और STBT Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
1- Scalping Trading
वह trade जो कुछ मिनटो के अंदर - अंदर कर दी जाती है मतलब आसानी से समझें तो इस ट्रेड में ट्रेडर्स कुछ ही मिनट के भीतर शेयर बिक्री कर तथा उसे बेच मुनाफा कमा लेते है ऐसी ट्रेड को Scalping Trading कहते है, ओर इस ट्रेडिंग में trade कर रहे ट्रेडर्स को Scalpers कहाँ जाता है, इस ट्रेडिंग को बहुत रिस्की माना जाता है, क्योंकि इसमें आपको कुछ ही मिनटो के अंदर अपने अनुमान, सूझ - बूझ के चलते शेयर पर ट्रेडिंग कर उससे मुनाफा निकालना पड़ता है |
2- Intraday Trading
वह ट्रेड जिसको एक दिन के लिए ट्रेड किया जाता है उसे Intraday Trading कहते है, मतलब आसानी से समझें तो इस ट्रेड में ट्रेडर्स सुबह मार्केट खुलने ( 9:15 am ) के बाद शेयर खरीद लेते है, ओर शाम को मार्केट बंद ( 3:30 pm ) होने से पहले शेयर को बेच कर मुनाफा कमाते है, इस प्रकार के ट्रेडर्स को Intraday Traders कहते है, Intraday ट्रेडिंग भी Scalping ट्रेडिंग के समान ही होती है लेकिन इसमें Scalping ट्रेडिंग से कम रिस्क होता है क्योंकि इसमें ट्रेडर्स शेयर को तभी खरीदता है जब शेयर के दाम कम हों ओर उसको लगता है, की उस शेयर के दाम कुछ मिनटो या घंटो में ऊपर जाने वाले है, ओर जैसे ही शेयर के दाम ऊपर जाते है, वह उसे बेच मुनाफा कमा स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? लेता है|
3- BTST और STBT Trading
BTST का फुल फॉर्म होता है, BUY TODAY SELL TOMORROW जिसका हिन्दी में मतलब होता है आज खरीदे कल बेचे यानी इस ट्रेडिंग में ट्रेडर्स आज इस उम्मीद के साथ शेयर खरीदता है, की कल उस शेयर की कीमत बढ़ जायेगी ओर जैसे ही अगले दिन मार्केट खुलता है ट्रेडर्स अपने ट्रेड किये गये शेयर को बेच कर मुनाफा कमा लेता है, इसमें ये होता है की ट्रेडर्स आज मार्केट बंद होने से पहले मार्केट को देखता है ओर उसको अगर लगता है की कल मार्केट में इन शेयर में उछाल देखने को मिलेगा तो वो शेयर buy कर लेता है ओर जब दूसरे दिन मार्केट खुलती है तो वो शेयर को Sell कर मुनाफा कमा लेता है |
STBT का फुल फॉर्म होता है, SELL TODAY BUY TOMORROW जिसका हिन्दी में मतलब होता है आज बेचे कल खरीदे यानी यह ट्रेडिंग ठीक BTST के उलट होती है, इसमें आज सेल करना होता है, और अगले दिन शेयर की कीमत जब ओर गिर जाये तब उसे buy किया जाता है तथा Sell और Buy के बीच के अंतर को प्रॉफिट में गिना जाता है |
4- Swing Trading
वह trade जिसमें ट्रेडर्स शेयर को कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक के लिए खरीद कर होल्ड रखते है, तथा ग्रोथ दिखने पर बेच कर मुनाफा कमाते है, स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? इसमें ट्रेडर्स एक अच्छे शेयर को देख उसमे trade करते है, जो ट्रेड दिनों से लेकर हफ्तों तक की होती है ओर जैसे ट्रेड में थोड़ा सा उछाल देखने को मिलता है ट्रेडर्स शेयर को बेच मुनाफा बना लेते है |
5- Positional Trading
पोजीशनल ट्रेडिंग में ट्रेडर्स, trade को महीनो तक होल्ड करके रखते है, तथा जब उस ट्रेड में जब अच्छा उछाल देखने को मिलता है उसे बेच कर मुनाफा कमाते है,
आसानी से समझें तो इस ट्रेडिंग में ट्रेडर्स किसी कंपनी के शेयर को एक महीने से एक साल तक होल्ड करके रखता है, तथा जब उस शेयर में अच्छा उछाल देखने को मिलता है, तब ट्रेडर्स उस शेयर को बेच कर अच्छा मुनाफा कमा लेता है|
स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के क्या नियम हे ?
share market investing aur trading ke niyam
stock-market-investment-trading-rules
स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट करने से पाहिले किन बातो का ध्यान रखना चाहिए।और ट्रेडिंग के कुछ नियम होते हे जो की एक सफल ट्रेडर अच्छे से जानता हे तो में आपको इन्ही नियमो के बारे में आज बताने वाला हूँ।
चलो दोस्तों आज हम देखंगे की स्टॉक मार्किट में लोग क्यू नुकसान करते हे। और इन्वेस्टिंग के क्या नियम हे ,और साथ ही ट्रेडिंग के भी नियम होते जो हम अगर सिख गए तो हम भी ट्रेडिंग में माहिर हो सकते हे। आपको अगर interday trading kya hota he के बारे में पता नहीं हे,तो आप हमारा पिछले पोस्ट देख सकते हे। हमने उसने ट्रेडिंग क्या होता हे सविस्तार में बताया हे। और अगर पोस्ट अच्छी लगे तो इसे अपने फॅमिली या दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगे।
Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार से की जाती है? जानिए
Types of Trading in India: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)
Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट ट्रेडिंग में रुचि रखने वालों के लिए अवसरों का सागर है। यह बहुत ही आकर्षक है अगर ट्रेडिंग में सही रणनीति का पालन किया जाए तो आप खूब सारा पैसा बना सकते है। लेकिन एक बात आपको समझना चाहिए कि आप किस प्रकार की रणनीति से स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते है। दरअसल शेयर market में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके मौजूद है। तो अगर शेयर मार्केट में आप भी निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)
Types of Share Trading in India
1) इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
यह व्यापारियों द्वारा शेयर मार्केट में प्रचलित सबसे सामान्य प्रकार का व्यापार है। इंट्राडे ट्रेडिंग एक ही दिन के व्यापार को संदर्भित करता है। व्यापारियों को बाजार बंद होने से पहले उसी दिन अपने स्टॉक को बेचना और खरीदना या खरीदना और बेचना होता है। इस स्टाइल को "व्यापार बंद करना" के रूप में भी जाना जा सकता है। यह किसी भी अन्य फॉर्मेट की तुलना में हाई ROIs चाहने वालों के लिए सबसे एग्रेसिव प्रकार के व्यापार में से एक है।
2) स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
यह एक प्रकार का शार्ट टर्म ट्रेडिंग है जो आम तौर पर 2 दिनों से 2 सप्ताह के बीच रहता है। जब कोई स्टॉक या ऑप्शन में निवेश करना चाहता है तो स्विंग ट्रेडिंग एक अच्छा विकल्प है। टेक्निकल ट्रेडर्स और चार्टिस्ट जो टेक्निकल टूल का उपयोग करके शार्ट टर्म प्राइस मोमेंटम का निरीक्षण करना पसंद करते हैं, इस कैटेगरी में आते हैं। ओवरनाइट ट्रेडों में अधिक मार्जिन के कारण यहां आवश्यक पूंजी दिन के कारोबार की तुलना में अधिक है।
3) आर्बिट्रेज ट्रेडिंग (Arbitrage Trading)
आर्बिट्रेज ट्रेडिंग एक ऐसी शैली है जो दो या दो से अधिक बाजारों या एक्सचेंजों में मूल्य अंतर का लाभ उठाती है। यह केवल एक विशाल नेटवर्क वाली प्रमुख ट्रेडिंग फर्मों के लिए रिजर्व्ड है क्योंकि इसके लिए कई एनालिटिकल स्किल की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन अधिक नेटवर्क स्पीड की आवश्यकता होती है।
4) पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
यह एक लंबी अवधि की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है। पोजीशनल ट्रेडर बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उनकी दीर्घकालिक दृष्टि चीजों को सुलझाती है। व्यापारी हमेशा कंपनी के भीतर बड़े गेम चेंजर की तलाश में रहते हैं ताकि उन्हें उनका वांछित रिटर्न मिल सके, इसलिए होल्डिंग पीरियड सबसे महत्वपूर्ण चिंता का विषय नहीं है।
5) ऑप्शन स्ट्रेटेजीज (Options Strategies)
ऑप्शन ट्रेडिंग के स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? लिए एक ऑब्जेक्टिव और मैथमेटिकल टाइप की सोच की आवश्यकता होती है। चूंकि रणनीति बनाना एक कठिन खेल है, इसलिए किसी को अपनी रणनीति बनाने और उन्हें लागू करने में अच्छा बनने के लिए थोड़ा अभ्यास और समय की आवश्यकता हो सकती है। भारत में, बहुत कम ऑप्शन ट्रेडर्स हैं, ज्यादातर जागरूकता की कमी ऐसा नहीं कर पाते।
6) ट्रेड युसिंग टेक्निकल एनालिसिस (Trade using Technical Analysis)
स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडिंग की किसी भी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है। स्टॉक टेक्निकल एनालिसिस टूल का उपयोग आपको शेयर बाजार की मांग और आपूर्ति में निकट परिवर्तनों के बारे में बेहतर जानकारी दे सकता है। एक स्किल के रूप में टेक्निकल एनालिसिस होने से व्यापारियों को सफल दिन के व्यापारी, स्थितीय या यहां तक कि स्विंग व्यापारी बनने में मदद मिलती है।
7) मनी फ्लो बेस्ड ट्रेडिंग (Money Flow Based Trading)
Money Flow Based Trading ओपन इंटरेस्ट एनालिसिस, प्रमोटर डील, स्टेक सेल्स, ग्रॉस डिलीवरी डेटा, एफआईआई इनफ्लो और डीआईआई फ्लो इन और स्टॉक से बाहर पर निर्भर करती है। बाजार में आने वाले रुझानों की पहचान करने के लिए ऐसा डेटा आवश्यक है। यदि आपके पास पैसे के प्रवाह का विश्लेषण करने के लिए एक प्रवृत्ति है, तो यह आपके लिए सही प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति है।
8) ट्रेड ड्रिवेन बाई इवेंट्स (Trade Driven by Events)
इवेंट स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? बेस्ड ट्रेडिंग एक कॉर्पोरेट इवेंट का लाभ उठाता है जो घटित हुई है या होने वाली है। यह विलय और अधिग्रहण, दिवालियेपन, कमाई कॉल आदि के समय बाजार की कीमतों में बदलाव का फायदा उठाने का प्रयास करता है। इस ट्रेडिंग स्टाइल को यह समझने के लिए टेक्निकल एनालिसिस स्किल की आवश्यकता होती है कि इस तरह के परिवर्तन किसी घटना के होने से पहले बाजार को कैसे प्रभावित करते हैं।
9) हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (High Frequency Trading)
हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग स्पीड के बारे में है। निवेश बैंक, संस्थागत व्यापारी, हेज फंड आदि हाई स्पीड वाले कंप्यूटरों का उपयोग हाई स्पीड पर बड़े आर्डर का लेन-देन करने के लिए करते हैं। चूंकि सब कुछ कंप्यूटर आधारित है, इसलिए एनालिसिस के लिए कोई जगह नहीं है और निष्पादन के लिए केवल क्विक कॉल है। इस प्रकार के व्यापार की सलाह व्यक्तियों को नहीं दी जाती है, लेकिन यदि आप रुचि रखते हैं, तो आप अपना स्वयं का फंड शुरू कर सकते हैं या इसके प्रोग्रामर के रूप में एक फंड में शामिल हो सकते हैं।
10) क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग (Quantitative Trading)
क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग क्वांटिटेटिव एनालिसिस पर आधारित है। यह क्वांट फाइनेंस का एक बहुत ही जटिल क्षेत्र है। Statistical या Mathematical बैकग्राउंड के बहुत से लोग कंप्यूटर एनालिसिस और नंबर क्रंचिंग का उपयोग करके अपना स्थान पाते हैं। एक इच्छुक व्यक्ति के पास अच्छी प्रोग्रामिंग और मैथमेटिकल स्किल होना चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि आप इस स्टाइल को अपनाने से पहले रिसर्च करें।
शेयर बाजार में लगाए गए पैसे से हर निवेशक की अलग-अलग जरूरतें और मांगें होती हैं। शेयर बाजार में कोई निर्णायक बेस्ट ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी नहीं है क्योंकि सफलता उन्हें मिलती है जो अपनी शैली में इक्का-दुक्का होते हैं।