चैनल संकेतक

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा के संबंध में गठित कोष प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित, कई अहम प्रस्तावों पर को मिली मंजूरी
लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा के संबंध में गठित कोष प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान किया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सड़क निर्माण एजेंसियों के साथ एक सप्ताह का अभियान चलाया जाये। अभियान के दौरान सड़कों पर साइनेज, ट्रैफिक कांबिंग मेजर्स, लेन मार्किंग, जेब्रा क्रॉसिंग, स्पीड लिमिट के साइनेज का मौके पर सत्यापन कर रिपोर्ट तैयार करें, जिसके आधार पर सुधार की कार्यवाही की जाये। सड़कों के किनारे अवैध ढाबा के संचालन हेतु रेगुलेशन पॉलिसी बनाएं।
उन्होंने कहा कि नगर निकायों में जेब्रा क्रासिंग, #यातायात संकेतक बोर्ड व मार्गों पर प्रकाश की व्यवस्था की जाये। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये सभी जिलों में चिन्हित ब्लैक स्पॉट तथा मरम्मत योग्य अथवा चैनल संकेतक पुनर्निर्माण योग्य संकीर्ण पुलों के सुधारीकरण के कार्य में तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों, सोशल मीडिया एवं रेडियो चैनल आदि विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाये। इसके अलावा त्रैमासिक सड़क सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों में पोस्टर, निबंध, भाषण, रंगोली, डिजिटल कोलाज, क्विज के माध्यम से जागरूक करें। यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिये एनसीसी कैडट्स, एनएसएस, स्काउट गाइड्स, रेंजर रोवरस आदि स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है।
बैठक में यूपीएसआरटीसी की 10 हजार बसों में रेट्रोरेफलेक्टिव टेप एवं 12 पब्लिसिटी वैन में आउटडोर एलईडी स्क्रीन लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त ड्रंकन ड्राइविंग के प्रभावी प्रवर्तन हेतु 116 प्रवर्तन दल के लिए प्रति दल ब्रेथ एनालाइजर तथा 19 संभागों में प्रति संभाग 02 इण्टरसेप्टर ब्रेथ एनालाइजर एवं स्पीड लेजर गन सहित क्रय करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया।
इसके अलावा वर्ष 2022-23 हेतु यातायात निदेशालय के लिए ब्रेथ एनालाइजर विद प्रिण्टर, स्मार्ट फोन, बैरियर आयरन, फोल्डिंग बैरियर आयरन, फ्लोरोसेण्ट सेफ्टी जैकेट, सोलर डेलीनेटर, रेनकोट, हेल्मेट, मास्क, स्प्रिंग पोस्ट क्रय करने के लिये 8 करोड़ 50 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण एवं यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार, जनपदों में यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार हेतु रिफ्लेक्टिव साइनेज बोर्ड, मोबाइल में इण्टरनेट की व्यवस्था, यातायात उपकरणों की एएमएसी, ई-चालान व्यवस्था के संचालन हेतु पेपर, कार्टेज व अन्य हेतु 2 करोड़ 50 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन एल. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, एडीजी ट्रैफिक एवं रोड सेफ्टी अनुपम कुलश्रेष्ठ, सचिव लोक निर्माण अजय चौहान सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
अतीत में लिए फैसलों की काली छाया से भयभीत बीजेपी, पीएम मोदी तक अपनी राजनीतिक पूंजी का जिक्र करने से कर रहे परहेज
केंद्र में अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल में बीजेपी और पीएम मोदी ने जो राजनीतिक पूंजी कमाई थी, वह सब खर्च हो चुकी है। हालत यह है कि अतीत में लिए फैसलों का जिक्र तक करने से बीजेपी परहेज कर रही है। उसे इन फैसलों की काली छाया डरा रही है।
बीजेपी सरकार 2019 के चुनावों में जबरदस्त ऊर्जा और गतिमान शक्ति के साथ उतरी थी। मई 2019 में उसे मिली जीत न सिर्फ निर्णायक थी बल्कि 2014 के मुकाबले प्रधानमंत्री को अधिक सीटें हासिल हुईं। इसी जनादेश के दम पर और इस विचार के साथ कि बदलाव के लिए लोग उनके साथ हैं, प्रधानमंत्री ने इतने वर्षों में कमाई अपनी राजनीतिक पूंजी खर्च करना शुरु कर दी। करीब एक साल तक यानी जून 2020 तक यह पूंजी खर्च होती रही और इसके बाद यह हवा हो गई।
इन 12 महीनों के दौरान काफी कुछ हुआ और इसके परिणाम और प्रभाव आज भी देश पर हावी हैं। आइए देखते हैं कि कैसे क्या-क्या हुआ।
25 जुलाई को लोकसभा में तीन तलाक बिल पास हुआ। वैसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही तीन तलाक को अवैध घोषित कर चुका था, लेकिन इस बिल के जरिए इसे अपराध बना दिया गया। इसके साथ ही कई बीजेपी शासित राज्यों ने फ्रीडम ऑफ रिलीजन (धार्मिक स्वतंत्रता) कानून बनाकर हिंदू और मुसलमानों के बीच अंतरधार्मिक विवाह पर पाबंदी लगा दी। इसे एक तरह से कथित लव जिहाद के खिलाफ कदम बताया गया।
कुछ दिनों बाद 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया। चैनल संकेतक बीजेपी के लिए यह एक अहम लम्हा था। 31 अगस्त को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनपीआर) को असम में प्रकाशित किया गया और इसके साथ ही उन लोगों को जेल में डालने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई जो लोग यह साबित नहीं कर पाए कि उनके पुरखे 1971 से पहले ही असम चैनल संकेतक में रह रहे थे।
कुछ सप्ताह बाद ही 9 नवंबर को बीजेपी के लिए एक और उत्साही क्षण आया। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन मंदिर को सौंप दी और बीजेपी के तीन दशक पुराने आंदोलन का पटाक्षेप कर दिया।
अगले महीने ही 9 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लोकसभा से पास कर दिया गया। पाठकों को याद होगा कि किस तरह केंद्रीय गृहमंत्री ने इसकी क्रोनोलॉजी समझाते हुए कहा था कि पहले सीएए आएगा और उसके बाद देशव्यापी एनआरसी लागू होगा।
इसके बाद बीजेपी की कथित उपलब्धियों का चरम उस समय हुआ जब कुथ सप्ताह बाद ही तब के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी स्टेडियम के उद्घाटन में पहुंचे। और शायद इसके साथ ही बीजेपी के तरकश के सारे तीर खत्म हो चुके थे।
सीएए के खिलाफ देश भर में आंदोलन हुए और विश्व स्तर पर इसके खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान ही दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़के और साफ हो गया कि बीजेपी का व्यवस्था पर दिल्ली तक में पूर्ण नियंत्रण नहीं है।
इसके अगले महीने ही देश भर में कोविड के नाम पर लॉकडाउन लगा दिया गया। इसके बारे में आम धारणा यह रही कि यह दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन था। लेकिन लॉकडाउन के बावजूद कोविड संक्रमण की रफ्तार में कोई कमी नहीं आई। कुछ ही ही सप्ताह बाद लद्दाख में चीन के साथ भीषण लड़ाई हुई जिसमें हमारे 20 सैनिकों की शहादत हुई। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भारत के नजरिए में बड़ा बदलाव आया और फोकस परंपरागत रूप से पश्चिम और पाकिस्तान से हटकर पूर्व की तरफ हो गया। हमें आज तक नहीं पता है, यहां तक कि विदेश मंत्री भी नहीं समझा पाए कि आखिर चीन ने ऐसा किया क्यों था।
उसी साल 5 जून को, यानी सरकार की सत्ता में वापसी के एक साल बाद एक बड़ा कदम उठाते हुए कृषि कानूनों का अध्यादेश ले आया गया। इसके खिलाफ किसानों के आंदोलन ने सरकार की गतिशीलता को विराम दे दिया।
कश्मीर में यूं तो अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया गया लेकिन बीजेपी को नहीं पता था कि इसके बाद क्या करना है। और उसे अभी भी शायद ही समझ आ रहा है कि क्या किया जाए। दक्षिण एशिया में शायद कश्मीर ही ऐसी जगह है जहां कोई चुनी हुई सरकार नहीं है। अनुच्छेद 370 हटने के तीन साल और विधानसभा भंग किए जाने के 4 साल बाद भी अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडित उस रवैये के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जो उनके साथ किया जा रहा है।
अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले कानून भी पचड़े में पड़े हुए क्योंकि उन्हें बनाने और लागू करने से पहले शायद दिमाग लगाया ही नहीं गया। इसी महीने कानूनी खबरों की जानकारी देने वाली एक वेबसाइट की हेडलाइन थी, “मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम: हाईकोर्ट ने अंतर-धार्मिक जोड़ों को कलेक्टर के सामने धर्मांतरण की घोषणा करने के प्रावधान को 'प्रथम दृष्टया असंवैधानिक' पाया”। गुजरात हाईकोर्ट ने भी इस कानून के खिलाफ ऐसा ही आदेश सुनाया।
इसी तरह विवादित कृषि कानूनों को भी प्रधानमंत्री ने माफी मांगते हुए तब वापस लेने की घोषणा की जब देश भर में इन कानूनों के खिलाफ किसान लामबंद होकर सड़को पर उतर आए। सीएए को भी तीन साल हो गए हैं, लेकिन सरकार किसी न किसी कारण से इसे लागू करने से बचती रही है। देशव्यापी एनआरसी की तो अब कोई चर्चा तक नहीं होती।
आखिर में, अर्थव्यवस्था की बात करें तो, इस अवधि के दौरान इस बारे में कुछ अच्छी बात करने को है ही नहीं। सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि नौ तिमाहियों से देश की जीडीपी धीमी हो गई है, यानी जनवरी 2018 के शुरु होकर अगले करीब सवा दो साल तक। कोविड महामारी ने अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंची और अर्थव्यवस्था को पहले से हो रहे नुकसान पर पड़े पर्दे को नोंच कर फेंक दिया। प्रति व्यक्ति जीडीपी में बांग्लादेश हमसे आगे निकल गया तो इसका कारण सिर्फ कोविड महामारी के दौरान कुप्रबंधन नहीं था। बल्कि हमारा पड़ोसी तो 2015 से ही हमसे होड़ लेकर काफी मेहनत से आगे बढ़ रहा था, और संकेत मिलने लगे थे कि अगर हमने होश नहीं संभाला तो जिस वक्र रेखा पर वह आगे बढ़ रहा है वह हमें पीछे छोड़ ही देगा। और ऐसा ही हुआ। सरकारी आंकड़ों से मिला बेरोजगारी का आंकड़ा बताता है कि देश में इस दौरान बिना काम के लोगों की संख्या 4 साल के सर्वाधिक स्तर पर थी।
2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के घोषणा प्तर में कहा गया था कि सरकार के सुशासन का बड़ा संकेतक यह है कि वह विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस (पहले इसे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस कहा जाता था) की रैंकिंग में भारत की स्थिति सुधरी है। लेकिन जब सामने आया कि कुछ देश अपनी स्थिति को बेहतर दर्शाने के लिए प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं तो दुर्भाग्य से 2020 में इस रैंकिंग को बंद कर दिया गया।
उस एक साल की कथित तीव्रगामी रफ्तार के अलावा शासन के स्तर पर दिखाने के लिए कुछ और है नहीं। कोविड की दूसरी लहर ने उस विश्वसनीयता को भी बट्टा लगा दिया जो इसने इस साल कमाई थी, और शायद यही कारण था कि प्रचार और पब्लिसिटी के बिना सांस तक न लेने वाले प्रधानमंत्री पूरे 20 दिन तक लोगों के सामने ही नहीं आ पाए।
यही वे सारे कारण हैं कि राजनीतिक प्रचार अभियानों में सरकार के शासन और प्रदर्शन की चर्चा के बजाए सिर्फ करिश्मे पर भरोसा कर रही है बीजेपी। अतीत में जो कुछ हुआ वह चैनल संकेतक चैनल संकेतक बहुत पुराना तो नहीं है, लेकिन उसका जिक्र भी नहीं किया जा रहा। यहां तक कि नोटबंदी तक पर अब सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरु कर दी है, हालांकि बीजेपी चाहती है कि इसे भुला ही दिया जाए।
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UP News Today: सड़क दुर्घटनाओं में आएगी कमी, बसों में लगेंगे रेट्रोरेफलेक्टिव टेप और LED स्क्रीन
UP News: सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए चिन्हित ब्लैक स्पॉट की होगी मरम्मत, बसों में लगेंगे रेट्रोरेफलेक्टिव टेप और एलईडी स्क्रीन
UP News Today: प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (State Chief Secretary Durga Shankar Mishra) की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा के संबंध में गठित कोष प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई अहम प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सड़क निर्माण एजेंसियों के साथ एक सप्ताह का अभियान चलाया जायेगा। अभियान के दौरान सड़कों पर साइनेज, ट्रैफिक कांबिंग मेजर्स, लेन मार्किंग, जेब्रा क्रॉसिंग, स्पीड लिमिट के साइनेज का मौके पर सत्यापन कर रिपोर्ट तैयार करें, जिसके आधार पर सुधार की कार्यवाही की जाये। सड़कों के किनारे अवैध ढाबा के संचालन हेतु रेगुलेशन पॉलिसी बनाएं।
उन्होंने कहा कि नगर निकायों में जेब्रा क्रासिंग, यातायात संकेतक बोर्ड व मार्गों पर प्रकाश की व्यवस्था की जाये। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये सभी जिलों में चिन्हित ब्लैक स्पॉट तथा मरम्मत योग्य अथवा पुनर्निर्माण योग्य संकीर्ण पुलों के सुधारीकरण के कार्य में तेजी लायी जाये।
यातायात नियमों के प्रति जागरूकता फैलाएं- दुर्गा शंकर मिश्र
दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि समाचार पत्रों, सोशल मीडिया एवं रेडियो चैनल आदि विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाये। इसके अलावा त्रैमासिक सड़क सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों में पोस्टर, निबंध, भाषण, रंगोली, डिजिटल कोलाज, क्विज के माध्यम से जागरूक करें। यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिये एनसीसी कैडट्स, एनएसएस, स्काउट गाइड्स, रेंजर रोवरस आदि स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है।
बैठक में यूपीएसआरटीसी की 10 हजार बसों में रेट्रोरेफलेक्टिव टेप एवं 12 पब्लिसिटी वैन में आउटडोर एलईडी स्क्रीन लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त ड्रंकन ड्राइविंग के प्रभावी प्रवर्तन हेतु 116 प्रवर्तन दल के लिए प्रति दल ब्रेथ एनालाइजर तथा 19 संभागों में प्रति संभाग 02 इण्टरसेप्टर ब्रेथ एनालाइजर एवं स्पीड लेजर गन सहित क्रय करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया।
जनपदों में यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार हेतु रिफ्लेक्टिव साइनेज बोर्ड
इसके अलावा वर्ष 2022-23 हेतु यातायात निदेशालय के लिए ब्रेथ एनालाइजर विद प्रिण्टर, स्मार्ट फोन, बैरियर आयरन, फोल्डिंग बैरियर आयरन, फ्लोरोसेण्ट सेफ्टी जैकेट, सोलर डेलीनेटर, रेनकोट, हेल्मेट, मास्क, स्प्रिंग पोस्ट क्रय करने के लिये 8 करोड़ 50 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण एवं यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार, जनपदों में यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार हेतु रिफ्लेक्टिव साइनेज बोर्ड, मोबाइल में इण्टरनेट की व्यवस्था, यातायात उपकरणों की एएमएसी, ई-चालान व्यवस्था के संचालन हेतु पेपर, कार्टेज व अन्य हेतु 2 करोड़ 50 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन एल वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, एडीजी ट्रैफिक एवं रोड सेफ्टी अनुपम कुलश्रेष्ठ, सचिव लोक निर्माण अजय चौहान सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा के संबंध में गठित कोष प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित, कई अहम प्रस्तावों पर को मिली मंजूरी
लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा के संबंध में गठित कोष प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान किया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सड़क निर्माण एजेंसियों के साथ एक सप्ताह का अभियान चलाया जाये। अभियान के दौरान सड़कों पर साइनेज, ट्रैफिक कांबिंग मेजर्स, लेन मार्किंग, जेब्रा क्रॉसिंग, स्पीड लिमिट के साइनेज का मौके पर सत्यापन कर रिपोर्ट तैयार करें, जिसके आधार पर सुधार की कार्यवाही की जाये। सड़कों के किनारे अवैध ढाबा के संचालन हेतु रेगुलेशन पॉलिसी बनाएं।
उन्होंने कहा कि चैनल संकेतक नगर निकायों में जेब्रा क्रासिंग, #यातायात संकेतक बोर्ड व मार्गों पर प्रकाश की व्यवस्था की जाये। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये सभी जिलों में चिन्हित ब्लैक स्पॉट तथा मरम्मत योग्य अथवा पुनर्निर्माण योग्य संकीर्ण पुलों के सुधारीकरण के कार्य में तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों, सोशल मीडिया एवं रेडियो चैनल आदि विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाये। इसके अलावा त्रैमासिक सड़क सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों में पोस्टर, निबंध, भाषण, रंगोली, डिजिटल कोलाज, क्विज के माध्यम से जागरूक करें। यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिये एनसीसी कैडट्स, एनएसएस, स्काउट गाइड्स, रेंजर रोवरस आदि स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है।
बैठक में यूपीएसआरटीसी की 10 हजार बसों में रेट्रोरेफलेक्टिव टेप एवं 12 चैनल संकेतक पब्लिसिटी वैन में आउटडोर एलईडी स्क्रीन लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त ड्रंकन ड्राइविंग के प्रभावी प्रवर्तन हेतु 116 प्रवर्तन दल के लिए प्रति दल ब्रेथ एनालाइजर तथा 19 संभागों में प्रति संभाग 02 इण्टरसेप्टर ब्रेथ एनालाइजर एवं स्पीड लेजर गन सहित क्रय करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया।
इसके अलावा वर्ष 2022-23 हेतु यातायात निदेशालय के लिए ब्रेथ एनालाइजर विद प्रिण्टर, स्मार्ट फोन, बैरियर आयरन, फोल्डिंग बैरियर आयरन, फ्लोरोसेण्ट सेफ्टी जैकेट, सोलर डेलीनेटर, रेनकोट, हेल्मेट, मास्क, स्प्रिंग पोस्ट क्रय करने के लिये 8 करोड़ 50 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण एवं यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार, जनपदों में यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार हेतु रिफ्लेक्टिव साइनेज बोर्ड, मोबाइल में इण्टरनेट की व्यवस्था, यातायात उपकरणों की एएमएसी, ई-चालान व्यवस्था के संचालन हेतु पेपर, कार्टेज व अन्य हेतु 2 करोड़ 50 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन एल. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, एडीजी ट्रैफिक एवं रोड सेफ्टी अनुपम कुलश्रेष्ठ, सचिव लोक निर्माण अजय चौहान सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।