अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए?

तथ्य- अंतरराष्ट्रीय बाजार में किसी भी वस्तु की खरीद बिक्री डॉलर में ही होती है! डॉलर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा है!
Share Market Next Week: जानिए क्यों निफ्टी इंडेक्स में आ सकती है 20 फीसदी की तेजी!
Market Update: विदेशी निवेशकों ने 5 अरब डॉलर की बिक्री की है जिसमें से 25 फीसदी देर सबेर वापस आना तय है.
By: ABP Live | Updated at : 15 Oct 2022 06:47 AM (IST)
Share Market Update: बीते नौ महीने से लगातार अमेरिका से ये बयान सुनने को मिला है कि वे मंदी की ओर जा रहे हैं. लगातार हम मंदी की बाते सुन रहे हैं. लेकिन सच्चाई ये कि अर्थव्यवस्था में जोश है, रोजगार के अवसर नहीं घट रहे. 300 बेसिस प्वाइंट ब्याज दरें बढ़ाने के बावजूद मंदी के 2023 की दूसरी छमाही में आने की बात की जा रही है. इससे एक बात साफ है कि जब हर तरफ मायूसी है तो अगला बुल रन यानि बाजार में तेजी आने को है. क्योंकि अगर कोई देश मंदी में जा रहा है तो वहां के करेंसी को गिरना चाहिए. पर डॉलर लगातार मजबूती दिखा रहा है.
ब्याज दरें बढ़ाने के बाद भी नगदी की प्रवाह थमने वाली नहीं है. मॉनिटरी पॉलिसी से अकेले महंगाई काबू में नहीं आ सकती है. मुझे ये देखकर खुशी हो रही है कि जो लोग निवेश कर रहे या ट्रेडिंग कर रहे वे अर्थव्यवस्था को बेहतर समझने लगे हैं.
भारत में हमें ना तो कारों के सेल्स में कमी दिख रही है और ना खपत में कमी देखने को मिल रही. टैक्स कलेक्शन लगातार बढ़ता जा रहा है. जीएसटी कलेक्शन 7 महीनों से 1.4 लाख करोड़ रुपये के ऊपर बना हुआ है. 7 फीसदी के दर से भारत आर्थिक विकास करेगा. हालांकि आईएमएफ ने जीडीपी का ग्रोथ रेट घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. बेहतर मानसून ने खरीफ फसलों की मदद की है. इससे कृषि उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है. रूस यूक्रेन विवाद के बाद भारत सरकार सप्लाई को सुधारने में जुटी है. मेरा मानना है कि जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी बढ़ने वाली है. भारत सरकार सर्विसेज को भी जीडीपी में शामिल करने जा रही है जो सकारात्मक कदम है.
मेरा मानना है कि निफ्टी के वैल्यूएशन को 17100 पर स्वीकार किया जा चुका है. 35 अरब डॉलर की बिक्री की है जिसमें से 25 फीसदी देर सबेर वापस आना तय है. इसलिए यहां से निफ्टी इंडेक्स में 20 फीसदी अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? की तेजी आ सकती है. बाजार में नई तेजी आ सकती है. आईटीसी 210 रुपये पर टिके रहने के बाद 50 फीसदी ऊपर ट्रेड कर रहा है. जिन लोगों ने डर से स्टॉक बेच दिया उन्होंने इसे गंवा दिया. हम भेल, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनैंस में भी यहीं देख रहे हैं. केवीबी में भी यही देखने को मिला. ये 50 रुपये के पार नहीं जा रहा था. इन चारों स्टॉक्स को सीएनआई ने चूना था. अगर आपके पास 2 से 3 साल तक का धैर्य नहीं है तो लार्ज कैप भी आपको पैसा बना के नहीं दे सकते. सीएनआई अब माइक्रो कैप पर जोर दे रहा है.
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हमने दिवाली पर स्टॉक्स चूना है. जिसमें लार्ज कैप, स्मॉल कैप और माइक्रो कैप शामिल है. जिन माइक्रो कैप को हमने चुना है वो अगली दिवाली पर स्मॉल कैप बन चुके होंगे. हमने Cera, Vishnu Vip, Sandur, Oriental Aromatics को रिपोर्ट मे शामिल किया है. Arbindo 1200 से 500 के लेवल पर आ चुका है. डेल्टा कोर्प ने शानदार नतीजे घोषित किए हैं. ये शानदार स्टॉक है पर हमारे लिए नहीं. हम दूसरे डेल्टा में यकिन रखते हैं जो 2300 से 3000 रुपये 5 वर्षों में जा सकता है. हमारे मल्टीबैगर आइडिया से आप 2 या तीन स्टॉक का चुनाव कर सकते हैं.
( ये लेखक के निजी विचार हैं)
किशोर पी ओस्टवाल
सीएमडी, सीएनआई रिसर्च
Published at : 15 Oct 2022 06:47 AM (IST) Tags: sensex nifty Market Update Share Market Next Week हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
क्या आपने भी खरीदा था 2010 में बिटकॉइन? जानिए कितना दे चुकी है रिटर्न
2017 से अब तक बिटकॉइन दुनिया की दूसरी क्रिप्टोकरेंसी मुकाबले काफी ज्यादा उतार-चढाव देखने को मिल चुका है। बीते चार महीने की बात करें तो 53 फीसदी टूटने के बाद एक हफ्ते में 32 फीसदी का उछाल किसी से छिपा नहीं है।
बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में रिकवरी देखने को मिल रही है। आज बिटक्वाइन की कीमत में 16 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )
बीते कुछ समय से बिटकॉइन फिर से फोकस में है। 16 अप्रैल से 21 जुलाई के बीच अपने चरम से करीब 53 फीसदी गिरने के बाद महज एक हफ्ते में इसकी कीमतों में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दुनिया की सबसे बडी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमतें अत्यधिक अस्थिर रही हैं। 2009 में पहली बार लॉन्च होने के बाद से इसमें कई उतार-चढ़ाव आए हैं। बिट्कॉइन की लांचिंग से बने रहने वाले निवेशकों ने अब तक अविश्वसनीय लाभ प्राप्त किया है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 2010 के मध्य में बिटकॉइन में निवेश किया था, तो आपका रिटर्न अरबों में हो सकता है, क्योंकि बिटकॉइन का शुरुआती मूल्य 0 डॉलर के करीब था।
देर से निवेश करने वालों को भी मिला बडा रिटर्न : यदि आपने बिटकॉइन में थोड़ी देर बाद निवेश करने का फैसला किया है, उदाहरण के लिए तीन या पांच साल बाद, और कीमतों में उतार-चढ़ाव इसी तरह से जारी रहा तो आपको क्रमशः 174 प्रतिशत और 224 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न अर्जित होगा। वहीं आपने अगर और देर बाद बिटकॉइन में निवेश किया है, यानी पिछले ही आपने इसमें कदम रखा है तो भी आपको एक साल में 411 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न हासिल अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? किया है।
पिछले साल बिटकॉइन की कीमतें क्यों बढ़ीं? : बिटकॉइन के उछाल के पीछे एक मुख्य कारण पिछले साल आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। दूसरा कारण यह था कि कुछ बड़े संस्थानों ने बिटकॉइन का समर्थन करना शुरू कर दिया था। उदाहरण के लिए, पेपाल अब अपने उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। यह अपने ग्राहकों को बिटकॉइन में भुगतान करके 26 मिलियन विक्रेताओं के अपने नेटवर्क से आइटम खरीदने की अनुमति देता है।
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2010 से अब तक बिटकॉइन का हाल : – अगस्त 2010 में बिटकॉइइन के दाम 0.3 डॉलर पर थे।
– नवंबर 2013 में पहली बार बिटकॉइन ने 1000 डॉलर के स्तर को पार किया था।
– दिसंबर 2017 को बिटकॉइन के दाम 19800 डॉलर पर आ गए थे।
– उसके बाद बिटकॉइन में लगातार उतार चढाव आता रहा और मार्च 2020 में बिटकॉइन के दाम क्रैश होकर 3870 डॉलर पर आए थे।
– यहां से फिर बिटकॉइन की अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? शुरुआत हुई और एक साल में बिटकॉइन की कीमत यानी अप्रैल 2021 में 65000 डॉलर के आसपास पहुंच गई।
– उसके बाद बिटकॉइन करीब तीन महीने में 53 फीसदी तक टूट गया।
– करीब एक हफ्ते में बिटकॉइन के दाम में 32 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।
क्या बिटकॉइन में निवेश करने में बहुत देर हो चुकी है? : क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज बिटबन्स के संस्थापक और सीईओ गौरव दहाके के अनुसार हालिया तेजी में, बिटकॉइन में विकसित निवेशकों से धन की अधिक आमद देख रहे हैं। यदि यह जारी रहता है, तो हम जल्द ही साल के अंत तक रिकॉर्ड उच्च स्तर को पार कर सकते हैं। लेकिन इस बात को बता पाना संभव नहीं है कि इसमें निवेश करने अभी सही समय है या नहीं। बिटकॉइन, अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी की तरह, सबसे अधिक अस्थिर निवेश है।
समय-समय पर कीमत के गिरने के दौरान एकमुश्त राशि का निवेश करें, क्योंकि वे लंबे समय में आकर्षक रिटर्न दे सकते हैं। जब कीमतों में अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? 5 फीसदी, 10 फीसदी और इसी तरह की गिरावट आती है तो क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वॉल्ड आपको एक सूचना भेजते हैं। मोबाइल ऐप पर अपडेट के लिए आपको कीमत में गिरावट की सूचना को प्रतिशत के साथ सेट करना होगा। यदि आप अपना नुकसान कम करना चाहते हैं और बाहर निकलना चाहते हैं तो यह आपको सचेत करता है।
बिटकॉइन में कर सकते हैं एसआईपी : वैकल्पिक रूप से, आप बिटकॉइन में निवेश करने के लिए एक व्यवस्थित निवेश योजना यानी एसआईपी का ऑप्शन चुन सकते हैं। जोखिम को कम करने के लिए कई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में विविधता लानी होगी। कुल मिलाकर, आपको अपने पोर्टफोलियो का 5 फीसदी से अधिक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश नहीं करना चाहिए।
अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए?
डिजिटल डेस्क, हरियाणा। भारतीय सौर स्टार्ट-अप Su-vastika ने 10 KVA से 250 KVA तक की परिवर्तन क्षमता वाले ESS (Energy Storage System) लॉन्च किए हैं, जिन्हें क्षमता के अनुरूप बढ़ाने के लिए श्रृंखला में रखा जा सकता है; उदाहरण के लिए, 100 KVA की पांच इकाइयां 500 KVA आकार के ईएसएस का उत्पादन कर सकती हैं। Su-vastika’s Founder Khushboo Sachdev के नेतृत्व वाली एक कंपनी है और इसके पास अनुभवी इंजीनियरों की एक मजबूत टीम है। Su-Kam ब्रांड के संस्थापक Mr Kunwer Sachdev का इस स्टार्ट-अप में मार्गदर्शक और वास्तविक शक्ति हैं। भारत का भविष्य सौर भंडारण और इलेक्ट्रिक वाहन है। यह स्टार्ट-अप भारतीय तकनीक को सबसे आगे लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों के लिए बनाया गया है और भारतीय गर्मी, धूल और बिजली की स्थिति का सामना कर सकता है।
चूंकि पिछले 5 वर्षों में भारतीय शहरों में बिजली कटौती में भारी कमी आई है, सामान्य उपयोग के लिए 2 घंटे निरंतर बैकअप समय की आवश्यकता होती है। ईएसएस बहुत तेजी से चार्ज हो जाता है, इसलिए यह आपको बैकअप देता रह सकता है, और तेज चार्जिंग क्षमता के साथ, यह अलग-अलग अवधि में बिजली की विफलता के मामले में 4 से 6 घंटे का बैकअप प्रदान कर सकता है। डीजी सेट पुरानी तकनीक है जो Pollution उत्पन्न करती है, और आपको कुछ दिनों के लिए ईंधन को स्टोर करने की आवश्यकता होती है, जिसके लिए अतिरिक्त भंडारण और सावधानियों की आवश्यकता होती है। वहीं, ईएसएस को ग्रिड या सोलर सिस्टम के जरिए चार्ज किया जा सकता है। इसलिए ईएसएस की रनिंग कॉस्ट डीजी सेट का लगभग एक-चौथाई है, और डीजल प्राप्त करना और उसका भंडारण करना, जो कि उपयोगकर्ता के लिए एक बड़ी चुनौती है, से भी बचा जा सकता है। प्रारंभिक निवेश डीजी की तुलना में अधिक है। फिर भी, समग्र रूप से, उपयोगकर्ताओं को पैसे की बचत के मामले में लाभ मिलता है क्योंकि ईएसएस बैटरी किसी विशेष स्थान पर ईएसएस के उपयोग के आधार पर 7 से 10 वर्षों तक चलती है।
चूंकि बैटरी बैंक लिथियम LIFEPO4 तकनीक है, जिसने एक दशक से अधिक समय तक सफलतापूर्वक परिणाम दिखाए हैं, यह सुरक्षित है। इसलिए, एक जीवन चक्र की उम्मीद की जा सकती है कि एक दशक से अधिक उपयोग के लिए कोई अन्य बैटरी तकनीक साबित नहीं हुई है। इसलिए बैटरी बैंक के आकार के माध्यम से बैकअप समय बढ़ाया जा सकता है। यदि हमें और अधिक समय की आवश्यकता है, तो हम आवश्यकता अनुसार बैटरी बैंक का आकार बढ़ा सकते हैं। ईएसएस उपयोगकर्ता के लिए पैसा कमाना शुरू कर देता है अगर चार्ज करने के लिए सौर पैनल लगाए जाते हैं क्योंकि यह बिजली कटौती नहीं होने की स्थिति में ग्रिड में बिजली खिलाना शुरू कर देता है। सौर उस विशेष समय पर उपलब्ध है, जैसा कि भारत में हमें 360 दिनों में से 300 दिनों से अधिक सौर ऊर्जा मिलती अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? है। अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? तो, Su-vastika एक बिजली जनरेटर के साथ आई है जो सौर पैनलों से मुफ्त बिजली का उत्पादन करती है जिसका जीवन 25 वर्ष है। सौर भंडारण वह वास्तविक शक्ति है जिसका उपयोग किसी भी स्थिति में उद्देश्यपूर्ण ढंग से किया जा सकता है।
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एक Photographer के रूप मे शुरू किया था काम, आज है करोड़ों के साम्राज्य Harpanx का मालिक Harshit Pandey
डिजिटल डेस्क, भोपाल। Harshit Pandey एक युवा उद्यमी और सोशल मीडिया विज्ञापनों और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखने वाली मार्केटिंग एजेंसी Harpanx के संस्थापक हैं। उनकी मार्गदर्शन में कंपनी ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी उपस्थिति बनाकर विभिन्न व्यवसायों को उनकी बिक्री बढ़ाने में मदद करके बाजार में अपनी प्रमुख उपस्थिति स्थापित की है। Harpanx हर्षित के अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? दिमाग अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? की उपज है, जिन्होंने एक Photographer के रूप में अपनी यात्रा शुरू की और Lucknow शहर के कैफे में वेटर के रूप में अंशकालिक काम किया। बाईस वर्षीय संस्थापक, एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिन्होंने बड़े सपने देखने की हिम्मत की। उन्होंने साल 2018 में एक किराए के कमरे से काम करना शुरू किया, जब उन्हें फेसबुक विज्ञापन और जैविक विकास जैसे शब्द मिले। इस विचार से प्रभावित होकर, हर्षित ने एक पेज बनाया और धीरे-धीरे इसे अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? एक सौ पचास मिलियन लोगों तक बढ़ाया, जिन्होंने व्यावसायिक घरानों और फॉर्च्यून जैसे 500 कंपनियों के संपर्क के लिए दरवाजे खोल दिए।
इससे पहले, विज्ञापनों पर सात आंकड़े खर्च करने के बाद, हर्षित ने बहुत सी तरकीबें सीखीं, जिससे उन्हें ग्राहक प्राप्त करने की लागत कम करने में मदद मिली और फेसबुक और इंस्टाग्राम विज्ञापनों का उपयोग करके अपने ग्राहकों को लाभदायक बना दिया। सफलता का मार्ग सीधा नहीं था, हालांकि, हर्षित के दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत ने उनके जीवन में अवसरों का मार्ग प्रशस्त किया जिसने उन्हें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। जिन व्यवसायों पर उन्होंने हाथ आजमाया, वे सभी लाभदायक साबित हुए, लेकिन किसी तरह चीजें उनके पक्ष में काम नहीं करतीं और हर्षित 2018 में गंभीर अवसाद से पीड़ित हो गए। यह वही वर्ष था जब उन्होंने अपनी दादी को खो दिया था, जिसने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और वह अंततः अपने व्यवसाय को छह अंकों तक बढ़ाने में सक्षम था। हर्षित का मानना है कि इन सभी चुनौतियों ने उन्हें एक मजबूत इंसान बनाया है। उनकी कंपनी, Harpanx ने एक लाख चौतीस हजार से अधिक लीड उत्पन्न की हैं और अपने ग्राहकों के लिए उनके राजस्व को कई गुना बढ़ाने में मदद करके विकास की प्रक्रिया में सहायता की है। Harpanx मूल्य और संबंध पर ध्यान केंद्रित करता है और एक ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण का अनुसरण करता है, जो एक मुख्य पहलू पर ध्यान केंद्रित करता है जो सोशल मीडिया विज्ञापनों और मार्केटिंग रणनीतियों का उपयोग करके अपने सभी ग्राहकों के लिए भारी राजस्व उत्पन्न कर रहा है।
सोशल मीडिया मार्केटिंग ने पूरी दुनिया में व्यापार मानक की गतिशीलता को बदल दिया है और अभूतपूर्व वृद्धि और उन्नति के लिए एक मंच तैयार किया है। नेटवर्किंग अधिक आसान और प्रभावी हो गई है क्योंकि आकर्षक सामग्री व्यवसायों को अपने लक्षित दर्शकों से जुड़ने और अपने ब्रांड की जागरूकता बढ़ाने में मदद करती है। हर्षित ने बेचने की कला में महारत हासिल की है और युवा पीढ़ी को अपने लक्ष्य की ओर कदम उठाने की सलाह दी है। वह उनसे दिन-ब-दिन अपने कौशल में सुधार करने की कोशिश करते हैं क्योंकि सफलता कभी भी नाटकीय मोड़ ले सकती है। वह आगे Harpanx के ग्राहकों का विस्तार करने और मार्केटिंग व्यवसाय की दुनिया में बड़े बदलाव लाने के लिए अन्य प्रमुख परियोजनाओं पर काम करने की योजना बना रहा है। पारंपरिक रणनीतियों से परिवर्तन की इस लहर ने उपभोक्ता और ब्रांड के बीच बातचीत की प्रक्रिया को बदल दिया है जिसने उपभोक्ता व्यवहार को काफी प्रभावित किया है।
रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है
डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है. The post रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है appeared first on The Wire - Hindi.
डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो: पीटीआई)
पुणे: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कहीं अधिक मजबूती से खड़ा रहा है.
डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिर जाने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय रुपये की स्थिति पर लगातार करीबी नजर रखे हुए हैं.
सीतारमण ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘अगर मुद्राओं के उतार-चढ़ाव की मौजूदा स्थिति में किसी एक मुद्रा ने अपनी स्थिति को काफी हद तक बनाए रखा है तो यह भारतीय रुपया ही है. हमने काफी अच्छी तरह इस स्थिति का सामना किया है.’
उन्होंने रुपये की गिरती कीमत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की जरूरत है.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81.09 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था. पिछले कुछ महीनों में रुपये की कीमत में लगातार गिरावट आई है.
गुरुवार को रुपया अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? एक अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? ही दिन में 83 पैसे तक लुढ़क गया जो पिछले सात महीनों में आई सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है.
यह लगातार तीसरा दिन था जब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखी गई. इन तीन दिनों में रुपये की कीमत 124 पैसे प्रति डॉलर तक गिर गई थी.
जानकारों का मानना है कि साल की शुरुआत में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बढ़े भू-राजनीतिक तनाव ने डॉलर की तुलना में दूसरी मुद्राओं की स्थिति को कमजोर किया है. इसके अलावा बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिका समेत कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में वृद्धि की है जिससे मुद्राओं पर दबाव बढ़ा है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा एवं सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया कहना है, ‘इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार नए निचले स्तर की तरफ बढ़ा है. हालांकि दुनिया की अधिकतर मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले दबाव का रुख बना हुआ है.’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसंधान विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘भारतीय रुपये ने अप्रैल 2021 के बाद एक मजबूत डॉलर सूचकांक के बीच सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की है….’
इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.72 प्रतिशत चढ़कर 112.15 पर पहुंच गया था.
विपक्ष ने साधा था मोदी सरकार पर निशाना
गुरुवार को कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपये के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और भारतीय रिजर्व बैंक के एक कथित परिपत्र (सर्कुलर) का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने कदमों से स्थिति सुधारने की बजाय आग में घी डाल रही है.
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया था कि मोदी सरकार के उस फैसले से रुपया लगातार नीचे की ओर जा रहा है जिसमें मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को एक अरब डॉलर के मूल्य तक की भारतीय मुद्रा को अमेरिकी मुद्रा में तब्दील करवाने की अनुमति दी गई है.
वल्लभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘मोदी जी आप कहते थे कि रुपया गिरता है तो सरकार की साख गिरती है, अब आप बताइए कि कितनी साख गिरेगी?’’
उनका कहना था, ‘रिजर्व बैंक ने एक 22 अगस्त को एक परिपत्र जारी किया जिसके अनुसार, पिछले तीन साल तक मुनाफे में रहने वाली कंपनी एक अरब डॉलर तक की कीमत में रुपये को अमेरिकी मुद्रा में बदलवा सकती है. इससे मध्यवर्ग पर असर पड़ेगा, उपचार महंगा होगा, पेट्रोल-डीजल महंगा हो जाएगा.’
वल्लभ ने सवाल किया, ‘मोदी जी, हम जवाब जानते हैं कि आपने रुपये की गिरती कीमत में आग में घी डालने का काम क्यों किया? यह बताइए कि इस परिपत्र से किसे फायदा मिला?’
हिन्दी वार्ता
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डॉलर रुपया विनिमय- कैसे निश्चित होता है 1 डॉलर = कितने रुपए
डॉलर और रुपए के मूल्य अक्सर हमें परेशन करते रहते हैं. आए दिन आप न्यूज़ पढ़ते होंगे कि कैसे डॉलर का मूल्य रुपए की अपेक्षा उपर चला गया! आख़िर ये सब कैसे काम करता है? कैसे तय होती है भारतीय रुपए की कीमत? आइए आज एक सरल सी कहानी के माध्यम से हम हिन्दी वार्ता पर आपको यह समझाने की कोशिश करते हैं!
सोनू एक 12 साल का होनहार बच्चा था जो अपने दादा जी के साथ रहता था!
आज सोनू ने दादा जी बड़ा ही जटिल प्रश्न किया! कि दादाजी ये रुपए और डॉलर का मूल्य कैसे तय होता है?
दादाजी ने कहा- बेटे, इससे पहले कि मैं तुम्हें यह समझाऊं, तुम मेरे कुछ प्रश्नों के उत्तर दो!
ठीक है दादाजी, सोनू ने कहा!
दादाजी – सोचो तुम्हारे पास सिर्फ़ 10 रुपए वाले नोट हैं और तुम्हें बाज़ार से 20 रुपए वाला सामान खरीदना है तो तुम क्या करोगे?
सोनू- मैं दुकान पर जा कर 10 रुपए वाले दो नोट दूँगा और सामान खरीद लूँगा
दादाजी- वहाँ एक और दुकान है जहाँ 50 रुपए वाली चॉकलेट मिल रही है. अगर तुम्हें वो चॉकलेट चाहिए तो क्या करोगे?
सोनू- मैं उस दुकान पर जा कर 5 नोट दूँगा और चॉकलेट खरीद लूँगा!
दादाजी– अब यदि एक और दुकान है जहाँ चॉकलेट का मूल्य 500 रुपए है और दुकानदार सिर्फ़ 100 का नोट ही स्वीकार करता है! और वहाँ सबसे अच्छी चॉकलेट मिल रही है! तो क्या करोगे?
सोनू- मैं 50 नोट दूँगा
दादाजी– पर दुकानदार तो सिर्फ़ 100 के नोट ही लेता है. वो तो तुम्हारे 10 के नोट नही लेगा ना?
सोनू- ओह
दादाजी- अब सोचो वहाँ पास में ही एक दुकानदार 10-10 के नोटों के बदले 100 नोट दे (एक्सचेंज) रहा है तो?
सोनू- अगर डॉलर गिरता है तो मुझे क्या निवेश करना चाहिए? अरे वाह, फिर तो मैं उससे 50 नोटो के बदले 100-100 के 5 नोट ले लूँगा और अपनी चॉकलेट खरीद लूँगा
दादाजी– अब चूँकि बाजार में खड़ा हर इंसान उससे नोट एक्सचेंज करना चाहता है तो एक्सचेंज करने वाला बोलता है कि मैं 10-10 के 50 नही बल्कि 60 नोट लूँगा तभी 500 रुपए दूँगा! (500 की बजाए 600 रुपए देने होंगे). अब तुम क्या करोगे?
सोनू- मुझे वो चॉकलेट किसी भी हाल में चाहिए. मैं ज़्यादा पैसे दे कर उससे नोट लूँगा और चॉकलेट खरीद लूँगा!
दादाजी- अब सोचो, तुम्हें चॉकलेट खरीदना था पर एक्सचेंज करने वाले ने अपने नोट की कीमत बढ़ा दी थी और यदि तुम जल्दी से एक्सचेंज नही करते तो वो अपने नोटों की वेल्यू और बढ़ा देता क्यूकी उसके नोटों की डिमांड बहुत ज़्यादा थी!
सोनू- सही कहा आपने
दादाजी– अब मुझे ये बताओ कि क्या चॉकलेट की कीमत बढ़ी?
सोनू- नही
दादाजी– क्या तुम्हारे पास पैसे कम थे?
सोनू- नही
दादाजी- फिर क्या हुआ?
सोनू- सबकुछ ठीक था पर १०० रुपए के नोटों का मूल्य बढ़ गया!
दादाजी-बहुत अच्छे!
दादाजी- ठीक इसी प्रकार से डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट काम करता है! सोचो वह चॉकलेट की दुकान अमेरिका है, और वो 100 रुपए का नोट डॉलर है! तुम्हारे 10-10 रुपए के नोट भारतीय करेन्सी हैं जिससे तुम्हें अमेरिका से कुछ खरीदना है परंतु अमेरिका सिर्फ़ डॉलर (100-100 के नोट) ही स्वीकार करता है!
तथ्य- अंतरराष्ट्रीय बाजार में किसी भी वस्तु की खरीद बिक्री डॉलर में ही होती है! डॉलर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा है!
अब डॉलर के लिए तुम्हें अपने रुपए को डॉलर में बदलना पड़ेगा! तुम एक्सचेंज करोगे और एक्सचेंज के समय अगर डॉलर की वैश्विक माँग ज़्यादा है तो डॉलर का भाव बढ़ जाएगा! चूँकि तुम्हे अपने ज़रूरत का सामान खरीदना है तो मजबूरी में तुम्हें ज़्यादा पैसे देने पड़ेंगे और ऐसे डॉलर का मूल्य तुम्हारी मुद्रा की अपेक्षा बढ़ता जाएगा!
सोनू को बात समझ आ चुकी थी! आशा है कि आपको भी डॉलर और रुपए के बीच का अंतर समझ आगया होगा! यदि आपके पास इस लेख से जुड़े प्रश्न हैं तो कृपया कॉमेंट के मध्यम से हमें अवगत करायें!
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