क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है?

डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है?
इसे हम नीचे दिए गए चित्र के माध्यम से आसानी से समझ सकते हैं।

Who is a Block Chain Developer, डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? जानिये कौन होता है ब्लॉक चेन डेवलपर

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का ग्लोबल मार्किट साल 2025 तक लगभग 20 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की आशा की जा रही है. आज सैमसंग, कैपजेमिनी, आईबीएम जैसे विभिन्न आईटी जायंट ब्लॉकचैन प्रोफेशनल्स को शानदार कैरियर के मौके प्रदान कर रहे हैं. अगर आप भी एक ब्लॉकचेन डेवलपर बनना चाहते हैं तो यह मुनासिब समय है कि जब इस फील्ड में आप अपने सफल और उद्देश्यपूर्ण करियर बनाने की दिशा में विचार कर सकते हैं.

हेलो दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि ब्लॉक चेन क्या होता है ? आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे ब्लॉक चेन के विभिन्न पहलुओं के बारे में. तो आइए शुरू करते हैं. वास्तव में ब्लॉकचैन, वर्तमान परिदृश्य में आईटी वर्ल्ड के शीर्ष उभरते हुए टेक्नोलॉजी डोमेन में से एक है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का ग्लोबल मार्किट साल 2025 तक लगभग 20 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की आशा की जा रही है. आज सैमसंग, कैपजेमिनी, आईबीएम जैसे विभिन्न आईटी जायंट ब्लॉकचैन प्रोफेशनल्स को शानदार कैरियर के मौके प्रदान कर रहे हैं. अगर आप भी एक ब्लॉकचेन डेवलपर बनना चाहते हैं तो यह मुनासिब समय है कि जब इस फील्ड में आप अपने सफल और उद्देश्यपूर्ण करियर बनाने की दिशा में विचार कर सकते हैं. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
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क्या होता है ब्लॉकचेन ?

ब्लॉकचेन दरअसल एक डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी है जो कि एक विस्तृत ओपन लेजर पर आधारित है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का अविष्कार साल 1991 में शोधकर्ताओं के एक ग्रुप के द्वारा किया गया था.

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परंतु इस टेक्नोलॉजी का सबसे अहम उपयोग साल 2009 में बिटकॉइन के प्रवर्तक सतोशी नाकामोतो ने बिटकॉइन को तैयार करने के लिए किया था. समूचा ब्लॉकचेन पियर टू पियर नेटवर्क से जुड़ा होता है. ब्लॉकचेन का डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल लेजर दुनिया भर के हजारों कंप्यूटरों पर ट्रांजक्शन को सेव करता है. ब्लॉकचेन तकनीक सुरक्षा को बढ़ाने के साथ साथ सूचना के आदान-प्रदान को अधिक पारदर्शी और मूल्यप्रभावी तरीके से गति देता है.

ब्लॉकचेन के महत्व ने जिन विभिन्न क्षेत्रों में आर्गेनाइजेशन्स का ध्यान आकर्षित किया है उसमें बैंकिंग का क्षेत्र सबसे अधिक एक्टिव है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बाद से हजारों नए जॉब्स की स्थिति के साथ साथ मोबाइल पेमेन्ट सोल्यूशन से लेकर हेल्थकेयर एप्लीकेशन तक के नए स्टार्टअप का डेवलपमेंट हुआ है.

Explainer: वेब 3 क्या है, जानिए इससे इंटरनेट यूजर्स को क्या फायदा होगा

क्या है वेब 3.0

क्या है वेब 3.0

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2022,
  • (Updated 18 अप्रैल 2022, 2:07 PM IST)

फेसबुक अपनी मर्जी से कुछ भी नही हटा पाएगी

सोशल मीडिया पर एक शब्द काफी समय से प्रचलित है और ये काफी भ्रमित करने वाला भी है. इसे "वेब 3.0" या "वेब3" भी कहा जाता है. कुछ लोगों द्वारा इस घटना को इंटरनेट के भविष्य के रूप में पेश किया जा रहा है. इससे वेब के विकेंद्रीकरण की शुरुआत होगी. मौजूदा समय में ज्यादातर लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. आज लगभग पूरी दुनिया इस पर निर्भर है. शायद आपने इससे पहले कभी Web 3.0 का नाम न सुना हो. लेकिन आपको बता दें कि यह शब्द काफी समय से सुर्खियां बटोर रहा है और ये इंटरनेट से जुड़ा हुआ है.

आप और हममें से अधिकतर लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. बता दें कि हम जिस इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं वो वेब 2.0 है और इससे पहले पूरी दुनिया वेब 1.0 का इस्तेमाल कर रही थी. ये एप्लिकेशन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलते हैं. जब कोई यूजर किसी ऐप्लिकेशन से बाहर निकलना चाहता है, तो वह सिर्फ लॉग ऑफ करता है, अपने वॉलेट को डिस्कनेक्ट करता है, और अपना डेटा खुद के पास डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? सेव कर लेता है.

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से किसानों को तुरंत मिलेगा लोन, पायलट प्रोजेक्ट को बड़े स्तर पर लागू करने की तैयारी

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से किसानों को तुरंत मिलेगा लोन, पायलट प्रोजेक्ट को बड़े स्तर पर लागू करने की तैयारी

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अभिषेक तिवारी

Updated on: Aug 25, 2021 | 3:05 PM

टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से किसानों की जिंदगी काफी आसान हो गई है. यहीं कारण है कि महाराष्ट्र सरकार अब किसानों के काम को कम समय डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? में और तेजी से पूरा करने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करने की योजना बना रही है. एक पायलट प्रोजेक्ट के जरिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन (MSWC) ने कई किसानों को कमोडिटी फाइनेंस तक तेजी से पहुंचने में मदद की है. अब इसी प्रोजेक्ट को बड़े स्तर पर लागू करने की योजना है.

जटिल और अधिक समय लेने वाला काम होगा आसान

MSWC का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ अधिकारी दीपक तवारे ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने गोदाम रसीदों को बढ़ावा दिया है. ‘फसल के मौसम की शुरुआत में किसानों को पैसे के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और अक्सर उन्हें कम कीमत पर अपनी उपज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है. बाजार में मांग से अधिक आपूर्ति के कारण कीमतें ऊपर नीचे होती रहती हैं. किसान अपनी पूरी फसल को एक बार में बेचने के बजाय अलग-अलग समय पर बेचकर बेहतर कमाई कर सकते हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार कमोडिटी फाइनेंस की प्रक्रिया समय लेने वाली और जटिल दोनों है. किसान अपनी उपज को गोदाम में लाते हैं, जिसके बाद रसीदें बनती हैं. इसे फिर बैंक में ले जाया जाता है, जो स्टॉक को सत्यापित करने के बाद लोन जारी करता है. विशेषज्ञों ने कहा कि इन सब में कम से कम सात से 15 दिन का समय लगता है, जो योजना के पूरे उद्देश्य को विफल कर देता है.

24 घंटे में पूरा हो जाएगा लेनदेन का काम

तवारे ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म का एक्सेस बैंक भी कर सकते हैं और पूरा लेनदेन 24 घंटे में पूरा किया जा सकता है. बैंकों को रियल टाइम में पता चल जाता है डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? कि रसीदें कब जारी की जाती हैं. इसी आधार पर वे किसानों को अपनी कमोडिटी फाइनेंस योजना को बेचने के लिए कहते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में शुरू हुए पायलट प्रोजेक्ट में कम से कम 185 किसानों ने भाग लिया था और कुल लोन की मात्रा 3.63 करोड़ रुपए थी. इस वित्तीय वर्ष में 423 किसानों को पहले ही रसीद मिल चुकी है और 9.75 करोड़ रुपए के लोन जारी किए जा चुके हैं. इस टेक्नोलॉजी का का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए इस सीजन में परियोजना को और बढ़ाया जाएगा.

deepwifi

भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी ने अपने बजट भाषण में देश में डिजिटल करेंसी लाने की बात कही है. आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की यह डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी.भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि इससे डिजिटल इकॉनमी पर काफी बल पड़ेगा.अब जब देश के बड़े बड़े नेता ब्लॉकचेन की बात कर रहे हैं तो अब जानते है कि क्या है ब्लॉक्चेन टेक्नोलॉजी?

क्या है ब्लॉकचेन?

सिर्फ डिजिटल करेंसी ही नहीं बल्कि किसी और अन्य करेंसी डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? को भी डिजिटल कर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ‘ब्लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी’ पर जो भी ट्रांजेक्शन होता है, वो हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है और सभी कंप्यूटर पर दिखाई देता है जो चेन से जुड़े हुए हैं. यानी कि आपका कोई भी ट्रांजैक्शन जो ब्लॉकचेन पर होता है, तो उसका रिकॉर्ड हमेशा के लिए कंप्यूटर पर दर्ज हो जाता है.यही कारण है कि इसे डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड लेजर टेक्‍नोलॉजी कहा गया.

आसानी से इसे ऐसे समझा जा सकता है -

हिसाब किताब रखने वाली बही खाता की बुक तो आपने देखी ही होगी जिसमें सब हिसाब नोट होता है, तो इसे एक वाक्य में कहे तो इस तरह से कहेंगे कि ब्लॉकचेन भी एक डिजिटल सार्वजनिक बही खाता है और इसी डिजिटल बही खाते के जरिए ही क्रिप्टो करेंसी का संचालन होता है. सभी प्रकार लेनदेन को एक सार्वजनिक बही खाते में रिकॉर्ड तथा आवंटित किया जाता है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे कभी बदला नहीं जा सकता अगर इसमें कोई लेनदेन सेव हो गया तो उसमे अब बदलाव नहीं होगा और न ही मिटेगा.

क्यों हैकिंग नहीं हो सकती ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में?

हैकिंग नहीं की जा सकती है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में क्योंकि ये डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी पर आधारित है. ये इतना सिक्योर है कि इसकी खासियत की वजह से एक विश्वसनीय थर्ड पार्टी जैसे-बैंक आदि की जरूरत नहीं होती है उस समय पर जिस समय क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन किया जाता है. आने वाले समय में भारत में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आ सकती है क्योंकि भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीताराम ने कहा है कि ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसका फायदा वित्तीय क्षेत्र में आने वाले कुछ सालो में देखने को मिल सकता है. इससे वित्तीय पारदर्शिता तो बढ़ती है और लेन-देन में होने वाली वाले धोखे से भी छुटकारा मिलेगा.

क्यू डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? माना जाता है इस ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को इतना सुरक्षित क्योंकि ये डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी पर आधारित है.यही कारण है कि इसमें हैकिंग मुमकिन नहीं है,सभी प्रकार लेनदेन को एक सार्वजनिक बही खाते में रिकॉर्ड तथा आवंटित किया जाता है. Blockchain technology की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे कभी बदला नहीं जा सकता अगर इसमें कोई लेनदेन सेव हो गया तो उसमे अब बदलाव नहीं होगा और न ही मिटेगा.भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीताराम ने कहा है कि ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसका फायदा वित्तीय क्षेत्र में आने वाले कुछ सालो में देखने को मिल सकता है. इससे वित्तीय पारदर्शिता तो बढ़ती है और लेन-देन में होने वाली वाले धोखे से भी छुटकारा मिलेगा.

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है ? | ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है ? | Block Chain Kya hai ? | What is Block chain in Hindi ? | How Block chain technology works in Hindi ?

सन 1991 में रिसरचर्स के एक ग्रुप ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को जन्म दिया।

परंतु इस टेक्नोलॉजी का सबसे अहम उपयोग सन 2009 में बिटकॉइन के जनक सतोशी नाकामोतो ने बिटकॉइन को तैयार करने के लिए किया।

ब्लॉकचेन एक डिसेंट्रलाइज्ड अर्थात विकेंद्रित टेक्नोलॉजी है जोकि एक विस्तृत ओपन लेजर या वही खाते पर आधारित है। संपूर्ण ब्लॉकचेन पियर टू पियर नेटवर्क से जुड़ी होती है

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है ? (How Block chain technology works?)

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आपके पास एक डॉक्यूमेंट रखने का एक खाली फोल्डर है जब आप इसमें डॉक्यूमेंट डालते जाएंगे तो एक समय ऐसा आएगा जब यह फोल्डर फुल हो जाएगा।

तब आप एक और नया खाली फोल्डर लाएंगे और उसमें डॉक्यूमेंट रखना शुरु कर देंगे कुछ समय के डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? बाद यह फोल्डर भी भर जाएगा।

इसी तरह से आप तीसरा फोल्डर लाएंगे और उससे भी भरने लगेंगे। इसी तरह कुछ समय में आपके पास फोल्डरो की एक चेन सी बन जाएगी जिसमें प्रथम स्थान में पहला फोल्डर दूसरे स्थान में दूसरा फोल्डर तीसरे में तीसरा फोल्डर आ जाएगा।

ठीक इसी तरह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में फोल्डर की जगह ब्लॉक होते हैं जिसके अंदर डाटा रखा जाता है।

जब यह ब्लॉक भर जाता है तब एक नए ब्लॉक का निर्माण शुरू होता है। पिछला ब्लॉक इस नए ब्लॉक से जुड़ जाता है। और इसी तरह नए ब्लॉकों का निर्माण होता है और वह एक चेन की तरह एक दूसरे डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? से जुड़ते चले जाते हैं।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदे, ब्लॉकचेन के उपयोग (Benefits of Block chain , Usage of Block chain)

चुकी ब्लॉकचेन एक अत्यंत ही सुरक्षित एवं पारदर्शी टेक्नोलॉजी है इस वजह से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी बहुत से क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है।

इसके कुछ उदाहरण निम्न है

  • क्रिप्टो करेंसी जो कि ब्लॉकचेन पर आधारित है के उपयोग से वित्तीय क्षेत्रों में पैसों के लेनदेन में कम समय, कम फीस एवं पारदर्शिता पूर्ण लेनदेन किया जा सकता है।
  • चुनाव में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर चुनाव को पूर्ण रूप से पारदर्शी प्रक्रिया बनाया जा सकता है।
  • शिक्षा के क्षेत्र में ब्लॉकचेन के माध्यम से किसी भी स्टूडेंट का संपूर्ण रिकॉर्ड रखा जा सकता है जिससे शिक्षा एवं नौकरी के क्षेत्र में चीजें आसान हो जाएंगी।
  • न्यायपालिका के क्षेत्र में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके न्यायपालिका को अत्यंत ही पारदर्शी ,मजबूत और तेज बनाया जा सकता है।

ब्लॉकचेन का भविष्य पर प्रभाव (Future of Block Chain)

जिस प्रकार इंटरनेट ने आज के दौर में क्रांति लादी है ठीक उसी प्रकार ब्लॉकचेन भविष्य में क्रांति लाने की क्षमता रखती है।

ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी का भविष्य असीम संभावनाओं से भरा हुआ है इसके कुछ उदाहरण जो हमने आपको बताएं।

आशा करते हैं कि इस विषय के संबंध में आपको संतोषप्रद जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। इस विषय के संबंध में यदि आपके पास कोई प्रश्न या सुझाव है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर अपना संदेश भेज सकते हैं।

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