टेक्निकल एनालिसिस का आधार

Dow Theory in Technical Analysis
अगर शेयर मार्किट में जब भी टेक्निकल एनालिसिस कर के पैसे कमाने की बात आती है तो सबसे पहले Dow Theory सबसे महत्वपूर्ण है, जिसके आधार पर ही पूरा Technical Analysis आधारित है !
Dow Theory कहती है किसी भी शेयर की वर्तमान में जो कीमत है उस पर सारी चीजें कंपनी का फंडामेंटल, लोगों का सेंटीमेंट, आने वाली कोई भी न्यूज़, ग्लोबल मार्केट का प्रभाव और भविष्य में जो होने वाला है उन सारी चीजों को मिलाकर बनता है, अगर किसी की शेयर में अच्छी खबर आने वाली है तो उसकी कीमत पहले भी बढ़ जाएगी और अगर कोई खराब खबर या न्यूज़ आने वाली है तो उसकी कीमत पहले ही कम हो जाएगी, Market में जब आप Price Action करते है to तो भविष्य में क्या होने वाला है उसे शेयर के बारे में पता कर सकते हैं! जब हम किसी शेयर के किसी Time Frame में Analysis करते हैं तो हर Time Frame में जो Pattern बनते हैं वह उस Time Frame में अपने आप को पूरा करता है!
Dow के इसी Theory आधार पर ही पूरा टेक्निकल एनालिसिस आधारित है, मार्केट में हमें जो भाव दिखाया जा रहा होता है उसे सारी चीजें पता होती है कब किस कंपनी में कौन सी न्यूज़ आने वाली है मार्केट हर चीज को पहले से ही Discount कर के चलती है!
कैसे पकड़ें शेयर बाजार की नब्ज व जानिए टेक्निकल एनालिसिस का अर्थ
दरअसल अनिश्चितता से भरे शेयर ट्रेडिंग में भावों के उतार-चढ़ाव को समझना ही सबसे बड़ी चुनौती होती है। जो ट्रेडर यह समझते हैं कि मुनाफा कमाना बड़ा लक्ष्य है, वे अक्सर घाटा खाते हैं, जबकि भावों की भाषा को पढ़ने वाले कुल मिलाकर फायदे में रहते हैं, क्योंकि किसी भी शेयर के भावों में ही छिपा रहता है उसका भूत, वर्तमान और भविष्य, बस इसे पढ़ने के लिए सधी और पैनी नजर चाहिए। अब सवाल है कि भावों की भाषा पढ़ी कैसे जाए। इसका एक प्रमुख माध्यम है टेक्निकल एनालिसिस।
टेक्निकल एनालिसिस का अर्थ है किसी स्टॉक के मार्केट डाटा का सूक्ष्म अध्ययन करके उसकी संभावित कीमत का अनुमान लगाना। इसमें मुख्य रूप से दो बातों पर गौर किया जाता है। भाव और ट्रेडिंग की मात्रा यानी वॉल्यूम। सरल शब्दों में कहा जाए तो टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी स्टॉक की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया। इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। यदि किसी स्टॉक में औसतन रोजाना एक लाख शेयर ट्रेड होते हैं और अगर किसी एक दिन अचानक इनकी तादाद बढ़कर एक लाख 70 हजार हो जाए तो इसका मतलब है कि जरूर उस स्टॉक में कोई हलचल मची है।
टेक्निकल से अलग फंडामेंटल: आगे बढ़ने से पहले हम आपको बता दें कि टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस से अलग है। फंडामेंटल एनालिसिस में जहां हम लंबे निवेश के नजरिए से कंपनी के अतीत और वर्तमान को कसौटी पर कसने की कोशिश करते हैं, वहीं टेक्निकल एनालिसिस मूल रूप से भावों की तात्कालिक गणना पर आधारित पद्धति है। इसका उद्देश्य ट्रेडर की मदद करना होता है। फिर चाहे वह ट्रेडर इंट्रा डे हो या फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडर। फंडामेंटल एनालिसिस में हम कंपनी की आय, उसके द्वारा दिए गए लाभांश और शोध जैसी बातों को अपने अध्ययन का आधार बना सकते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस में इनमें से कुछ संकेतकों का उपयोग किया जा सकता है लेकिन इसमें मुख्य रूप से कुछ विशेष टूल्स और तकनीक का इस्तेमाल किया जता है। इन विशेष साधनों में एक है चार्ट का अध्ययन। चाटरें के जरिए टेक्निकल एनालिसिस करने वाला ट्रेडर दो अहम चीजों पर ध्यान देता है- पहला प्राइस मूवमेंट और दूसरा शेयर का ट्रेंड। अगर कोई शेयर आपके द्वारा निर्धारित कीमत से दो फीसदी गिर भी जाता है तो मुमकिन है कि वह अपट्रेंड हो। यानी उसमें मुनाफा वसूली या किसी और वजह से थोड़े वक्त के लिए करेक्शन आया हो लेकिन वह जल्द ही फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। टेक्निकल एनालिसिस के जरिए हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि किस सीमा के बाद कोई शेयर अपनी दिशा बदल सकता है।
टेक्निकल एनालिसिस को समझने व ट्रेड के लिए चार्ट पैटर्न की मदद कैसे ली जाती है: टेक्निकल एनालिसिस में काम आने वाले चार्ट पैटर्न भी कई तरह के होते हैं। जैसे- हेड एंड शोल्डर, डबल टॉप या बॉटम वगैरह। इसके अलावा जो चीज टेक्निकल एनालिसिस में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, वह है मूविंग एवरेज। मूविंग एवरेज पर अलग से चर्चा करेंगे, फिलहाल हम आपको उसका एक परिचय देते चलें। मूविंग एवरेज का अर्थ है कि कोई शेयर किसी खास अवधि में किस औसत भाव के साथ मूव कर रहा था। इसका आकलन लगाने में हम कुछ और तकनीकी बिंदुओं पर गौर कर करते हैं, जैसे, सपोर्ट और रेजिस्टेंस।
आगे की पोस्टो में हम टेक्निकल एनालिसिस के एक एक पहलू पर विस्तार से गौर करेंगे। हम इसके जरिए शेयर के भावों का अर्थशास्त्र समझने की कोशिश करेंगे। लेकिन ये याद रखिए कि एक सफल ट्रेडर के लिए टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना जरूरी टेक्निकल एनालिसिस का आधार है तो फंडामेंटल एनालिसिस की समझ भी आवश्यक है। शेयर बाजार में कीमतें किसी एक सिद्धांत के आधार पर तय नहीं होती हैं। यहां सबसे बड़ा नियम है अनिश्चितता का। इसलिए आप बाजार के विश्लेषण की जितनी ज्यादा विधाओं को समझेंगे, आपका एप्रोच और एक्शन उतना ही सटीक होगा।
शेयर ट्रेडिंग में किसी भी ट्रेडर को नुकसान क्यों होता है? सीधा जवाब है- वह एंट्री और एक्जिट के सही भाव का अनुमान लगाने में विफल रहा। अगर सही प्राइस प्वाइंट मिल गया तो फिर समझिए कि मंजिल आधी फतह हो गई।
टेक्निकल एनालिसिस के फैन हुए भारतीय निवेशक
[ आशुतोष आर श्याम | ईटीआईजी ]ऐसा लग रहा है कि भारतीय निवेशक टेक्निकल एनालिसिस के बड़े फैन हो गए हैं। यह बात उन लोगों को हैरान कर सकती है, जो मानते .
[ आशुतोष आर श्याम | ईटीआईजी ]
ऐसा लग रहा है कि भारतीय निवेशक टेक्निकल एनालिसिस के बड़े फैन हो गए हैं। यह बात उन लोगों को हैरान कर सकती है, जो मानते हैं कि शेयर बाजार पर सबसे ज्यादा असर सेंटीमेंट का होता है। चार्ट्स सर्च करने वाले 10 बड़े शहरों में 8 भारतीय शहर शामिल हैं। इनमें मुंबई पहले नंबर पर है। यह जानकारी गूगल ट्रेंड्स डेटा से मिली है, जिसकी पड़ताल ईटीआईजी ने की है। इस लिस्ट में बाकी के दो शहर सिंगापुर और मलेशिया के हैं।
गूगल ट्रेंड्स के मुताबिक, पिछले एक साल में मुंबई को 'टेक्निकल एनालिसिस' जैसे कीवर्ड्स के साथ सर्च करने के लिए मामले में 100 नंबर मिले हैं। इसके बाद हैदराबाद का 60, अहमदाबाद का 59, बेंगलुरु का 58, चेन्नई का 58 स्कोर है। 100 स्कोर का मतलब उस टर्म की पीक पॉपुलैरिटी है। वहीं, अगर स्कोर 50 है तो उसका मतलब है कि पीक के मुकाबले पॉपुलैरिटी आधी है। फरवरी में 'टेक्निकल एनालिसिस' की पीक पॉपुलैरिटी थी। उसके बाद से इसमें कमी आई है।
इससे पता चलता है कि भारत में यंग इनवेस्टर्स और छोटे बिजनेसमेन अपने टेक्निकल एनालिसिस बेहतर करने के लिए इंटरनेट की मदद ले रहे हैं और देश में ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिये कम समय में अच्छा पैसा बनाने की सोच बढ़ रही है। ऑनलाइन ट्रेडिंग की कॉस्ट में आई कमी इसमें बड़ा फैक्टर है। इंट्रा-डे ट्रेड्स के लिए आज कॉस्ट 0.01 पर्सेंट रह गई है, जो साल भर पहले 0.40 पर्सेंट थी।
टेक्निकल एनालिसिस कोर्स के लिए ज्यादा लोग दाखिला भी ले रहे हैं। शेयरखान में हेड ऑफ एजुकेशन राजेश वोरा ने बताया, '25-35 साल की उम्र वाले लोग टेक्निकल एनालिसिस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स में बड़ी संख्या में आ रहे हैं। वहीं, अमेरिका में हमने देखा है कि ऐसे कोर्स में आमतौर पर 45-55 साल के लोग दाखिला लेते हैं।' शेयरखान एक ऑनलाइन ट्रेडिंग एकेडमी चलाती है। शेयरखान के टेक्निकल एनालिसिस सेमीनार में 75,000 लोग शामिल हो चुके हैं। वोरा ने बताया, 'फुल टाइम कोर्सेज में पिछले पांच साल में एनरॉलमेंट 25 पर्सेंट सीएजीआर (कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ा है। अब तक शेयरखान ने 10,000 लोगों को ट्रेनिंग दी है और अगले पांच साल में हम 2 लाख लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।'
ट्रेनर हेमंत काले ने बताया कि यंग इनवेस्टर्स टेक्निकल एनालिसिस की मदद से स्टॉक्स में निवेश करने का फैसला करते हैं। उन्होंने कहा, 'पहले अफवाहों और स्टॉक टिप्स के आधार पर वे निवेश और ट्रेडिंग करते थे।' ज्यादातर लोग मोमेंटम बेस्ड टेक्निक- जैसे पैटर्न, वॉल्यूम और एवरेज इंडिकेटर्स को समझने के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स करते हैं। दूसरी तरफ, लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स स्ट्रक्चर बेस्ड टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करते हैं। मोतीलाल ओसवाल में क्वॉन्टिटेटिव रिसर्च के हेड शुभम अग्रवाल ने बताया कि टेक्निकल एनालिसिस के लिए उतनी स्टडी नहीं करनी पड़ती, जितनी फंडामेंटल एनालिसिस के लिए। फंडामेंटल एनालिसिस में आपको बैलेंस शीट, सेक्टर और दूसरे वैल्यूएशन मॉडल्स के बारे में जानकारी जुटानी पड़ती है।
Technical Analysis क्या है? और इसे कैसे सीख सकते है? 2022
Finance तथा सिक्योरिटी टेक्निकल एनालिसिस का आधार मार्केट मे 2 तरीकों के analysis का अध्ययन किया जाता है। जिसे fundamental analysis तथा technical analysis कहते हैं। जहां fundamental analysis का उपयोग कंपनी में विभिन्न प्रकार के आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखकर long term investment के अनुसार किया जाता है वहीं technical analysis का उपयोग शेयर बाजार के साथ इस इंडस्ट्री में trading के लिए किया जाता है। आज के इस आर्टिकल में आपको बताया जाएगा की technical analysis होता क्या है इसके क्या आधार होते हैं तथा आप इसे कैसे सीख सकते हैं।
Technical analysis क्या होता है
Technical analysis मार्केट में उस तकनीकी विश्लेषण को कहते हैं जिसके आधार पर आप मार्केट में उपस्थित विभिन्न प्रकार के टूल्स का उपयोग कर मार्केट के price movement को ध्यान में रखकर अनुमान लगाते हैं की मार्केट भविष्य में किस प्रकार का प्रदर्शन कर सकता है ।
Technical analysis का उपयोग भूतकाल में हुए प्राइस movement तथा ट्रेडिंग एक्टिविटी के आधार पर किया जाता है टेक्निकल एनालिसिस में कंपनी के financial records को नहीं बल्कि आगे हुए price pettern और stock trends को देखकर की जाती है। इसका उपयोग मार्केट मैं मूवमेंट के आधार पर opportunity खोजने तथा अपने trading में हुए investment को calculate करने में किया जाता है।
Technical analysis की मदद से आप शेयर बाजार में तथा अन्य trading platforms पर मार्केट की हर एक चाल पर नजर रख सकते हैं। Technical analysis के अध्ययन में विभिन्न प्रकार के chart patterns, indicators , time frames , trendlines, तथा अन्य टूल्स का उपयोग किया जाता है।
Technical analysis का आधार केंद्र demad और supply पर आधारित होता है ।मार्केट का उतार चढ़ाव भी इसी पर आधारित होता है । विभिन्न चार्ट पैटर्न्स तथा इंडिकेटर्स के द्वारा आप मार्केट में डिमांड सप्लाई को समझ सकते है
Technical analysis का उपयोग
Finance तथा सिक्योरिटी मार्केट में अनेकों इसे researcher हुए हैं जिन्होंने अनेकों trading instruments,tools तथा indicators का आविष्कार किया है तथा अनेकों therories बनाई है जिसकी मदद से मार्केट की चाल अर्थात उसके price movement,price volume , volatility को समझ सकते हैं।
प्रोफेशनल ट्रेडर्स,रिसर्चर्स , तथा market analyst in tools का उपयोग मार्केट स्ट्रैटजी को बनाने ,मार्केट रिसर्च करने तथा trading में करते हैं। वहीं retail traders इसका अध्ययन करके प्राइस मूवमेंट के आधार पर ट्रेड प्लान करते हैं।
Tecnical analysis का उपयोग शेयर बाजार के अलावा अन्य security markets जैसे commodity market, forex market, crypto market इत्यादि में भी किया जाता है। जहां मार्केट की विभिन्न conditions को ध्यान में रखकर short term में ट्रेडिंग की जाती है ।
Technical analysis कैसे सीखें?
टेक्निकल एनालिसिस को सीखने से पहले इसे समझना जरूरी है की टेक्निकल एनालिसिस किन मापदंडों पर कार्य करता है । तथा इसके अध्ययन में किन किन चीजों को समझना जरूरी है । तथा इसके अलावा आपको मार्केट के basics पता होने चाहिए तथा यह भी की मार्केट किस तरह काम करता है । तो जानते हैं टेक्निकल analysis मे कौन कौन सी चीजें होती हैं।
चार्ट technical analysis का प्रमुख भाग होता है।चार्ट के बिना technical analysis का कोई अस्तित्व नहीं है। क्योंकि चार्ट में मार्केट का सारा विवरण उपस्थित होता है। मार्केट में आए उतार चढ़ाव को तथा प्राइस की चाल को चार्ट के द्वारा ही समझा जाता है तथा उसी के अनुसार मार्केट को pridict करने की कोशिश की जाती है। मार्केट में बहुत सारे चार्ट उपलब्ध है जिन्हें candlistick chart,bar chart,line chart,hekinashi chart इत्यादि के नाम से जाना जाता है।
Indicators tecnical analysis मे दिशा सूचक यंत्र (campus) की तरह कार्य करता है। जो मार्केट की दशा और दिशा को बताता है । Indicators की सहायता से किसी शेयर में प्राइस मूवमेंट में बदलाव की जो प्रक्रिया होती है उसी के आधार पर आगामी समय में अनुमान लगाता है कि शेयर का भाव किस तरफ जाएगा।
मार्केट में सैकड़ों तरह के इंडिकेटर हैं जो हमें चार्ट के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराते हैं जिससे हम मार्केट की औसत चाल उसके ट्रेंड उसकी वॉल्यूम तथा अन्य चीजों के बारे में सीख सकते हैं तथा उसके आधार पर भविष्य में अनुमान लगा सकते हैं।
अगर आप टेक्निकल एनालिसिस कर रहे हैं तो आप को कैंडल्स का ज्ञान होना आवश्यक है क्योंकि इसी के आधार पर विभिन्न प्रकार के चार्ट पैटर्नों का निर्माण होता है। कैंडल्स का टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग जापान की देन है। इंटरनेट से पहले के समय में टेक्नोलॉजी इतनी अच्छी नहीं थी इसलिए पहले कैंडल्स की जगह लाइन चार्ट का उपयोग किया जाता था। परंतु आज के समय में कैंडल्स ही चार्ट का आधार है।
कैंडल्स तीन प्रकार की होती है
bullish candle मार्केट में हुए प्राइस की बढ़ोतरी को दर्शाती है यह कैंडल मार्केट में तेजी को प्रदर्शित करती है। साधारणतः यह कैंडल ग्रीन कलर की होती है परंतु आप चार्ट सेटिंग में जाकर इसको modify कर सकते हैं।
यह कैंडल मार्केट में प्राइस movement मे आई गिरावट को दर्शाती है।तथा long term मे मार्केट में आई मंदी का प्रतीक है। इसको रेड कलर से प्रदर्शित किया जाता है ।
– न्यूट्रल कैंडल को उदासीन कैंडल के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह मार्केट में उदासीनता को दर्शाती है जिससे हम समझ सकते हैं कि मार्केट में किस प्रकार का प्राइस मूवमेंट है।
इसके अलावा भी मार्केट मे bullish, bearish ,neutral candle के भी बहुत से प्रकार हैं जिनका अध्ययन हम आने वाले आर्टिकल मे करेंगे।
Time frame बाजार में समय अवधि को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है। आप जितने समय का data देखना चाहते हैं यह आपको उतने समय का data दिखा देता है ।कैंडल्स तथा चार्ट patterns के बनने का आधार भी टाइम फ्रेम है । आप जितने समय के लिए प्राइस के उतार चढ़ाव को देखना चाहते है वह आप टाइम फ्रेम दर्ज़ करते ही देख सकते हैं। इसका उपयोग आप analysis करने से लेके trade करने तक कर सकते हैं।
मार्केट में 1 मिनिट से लेकर 1 month candle time frame तथा 1दिन से लेकर ytd (year to date) तक का टाइम फ्रेम देखने को मिल जाता है ।
What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए
What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए: कोई भी निवेशक स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस जरूर करता है। यदि स्टॉक मार्केट का बिना टेक्निकल एनालिसिस किए निवेशक निवेश करता है, तो उसे घाटे का सामना करना पड़ता है। तो चलिए दोस्तों आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) क्या होता है और निवेश करने से पहले निवेशकों को टेक्निकल एनालिसिस करना क्यों जरूरी है इसके फायदे क्या है जानते हैं सब-कुछ आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
तकनीकी विश्लेषण यानी टेक्निकल एनालिसिस क्या है- (What is technical analysis in hindi)
टेक्निकल एनालिसिस द्वारा शेयर मार्केट में हुए उतार-चढ़ाव के बारे में पता लगाया जाता है। निवेशक टेक्निकल एनालिसिस का आधार टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) का उपयोग ट्रेडर्स कम समय में ट्रेडिंग करके ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए करते हैं। हम आपको बता दें कि शॉर्ट टर्म में किसी भी शेयर की प्राइस बहुत तेजी से टेक्निकल एनालिसिस का आधार कम ज्यादा होता रहता है। ऐसे में निवेशक आइडिया लेने के लिए की किस प्राइस में हम शेयर को खरीदें तो हमें मुनाफा होगा। इसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए जिस तकनीकी का उपयोग होता है। उसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस निवेशकों के लिए उपयोगी क्यों है- (Why technical analysis is useful for investors)
कम समय के लिए निवेश और ट्रेडिंग के मामले में टेक्निकल एनालिसिस निवेशकों के लिए उपयोगी होता है। क्योंकि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) निवेशकों को यह बताता है कि ट्रेडिंग में कब पैसा लगाने से आपको मुनाफा ज्यादा हो सकता है। टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से निवेशक किसी भी स्टॉक को उचित मूल्य पर खरीद या बेच सकते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस करने की प्रक्रिया (Process of Technical analysis)
टेक्निकल एनालिसिस करने की प्रक्रिया
टेक्निकल एनालिसिस करने के निम्नलिखित पैरामीटर का उपयोग किया जाता है-
चार्ट (Chart)
टेक्निकल एनालिसिस यानी तकनीकी विश्लेषण (Technical analysis) में चार्ट का इस्तेमाल स्टॉक के पास्ट प्राइस (Past price) गतिविधियों को जानने के लिए किया जाता है। चार्ट के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि किस स्टॉक का प्राइस ऊपर या नीचे जाने वाला है।
मूल्य कार्यवाही (Price action)
प्राइस एक्शन टेक्निक द्वारा केवल स्टॉक के कीमतों का विश्लेषण किया जाता है। क्योंकि शॉर्ट टर्म (short term) में ट्रेडिंग करते के समय निवेशक प्राइस को ज्यादा महत्त्व देते हैं।
चार्ट पैटर्न (Chart pattern)
किसी भी शेयर या स्टॉक की प्राइस एक सीधी रेखा में आगे की तरफ नहीं बढ़ती बल्कि वह ऊपर नीचे होती रहता है। इसी ऊपर नीचे होने की प्रक्रिया में चार्ट में छोटे-बड़े कई पैटर्न बन जाते हैं। जिस चार्ट पैटर्न (Chart pattern) को देखकर निवेशक समझ जाते हैं कि कब स्टॉक खरीदना है और बेचना है।
सूचक (Indicator)
इंडिकेटर एक तरह का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम (Software program) होता है, जो किसी भी शेयर के पास्ट प्राइस, या वैल्यू को देखकर एनालिसिस करता है कि आने वाले भविष्य में इस शेयर का ट्रेड क्या होगा। इससे निवेशक अच्छा लाभ कमा पाएंगे कि नहीं।
शेयर वॉल्यूम (Share volume)
शेयर वैल्यू से यह पता चलता है कि किसी शेयर के स्टाक एक्सचेंज पर कितना खरीद-बिक्री हो रहा है। इसे आसान शब्दों में कहें तो Share volume से यह पता चलता है कि उस स्टॉक की खरीद-बिक्री कितनी है। जिसके आधार पर स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करना आसान हो जाता है।
निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना क्यों जरूरी है (Why it is important to do technical analysis before investing)
- एक सफल निवेशक बनने के लिए टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) करना बेहद जरूरी है। क्योंकि आप स्टॉक का जितना टेक्निकल एनालिसिस टेक्निकल एनालिसिस का आधार करेगे उतना ही सफल निवेशक बनेंगे।
- शॉर्ट टर्म में स्टॉक कितना बेहतरीन प्रदर्शन करेगा इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस (technical analysis) करना जरूरी होता है। ऐसे में स्टॉक, इंडेक्स, इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट, में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस जरूरी करे।
- शेयर बाज़ार में तुक्का काम नहीं करता। शेयर मार्केट में बिना टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) किए निवेश करना शराब पीकर गाड़ी चलाने के बराबर है। इसलिए शेयर बाज़ार में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना आवश्यक होता है।
- बगैर जानकारी के शेयर बाज़ार में निवेश करना, घाटे का सौदा होता है। इसलिए शेयर मार्केट (Share market) में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस अवश्य करना चाहिए। ताकि आपको शेयर मार्केट के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल सके और आप अपने निवेश पर अच्छा लाभ प्राप्त कर सके।
टेक्निकल एनालिसिस करने के फायदे (Benefits of technical analysis)
टेक्निकल एनालिसिस करने के फायदे (Benefits of technical analysis)
- निवेशकों द्वारा टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि निश्चित अंतराल में बाज़ार के रुझान का पता चलता है। इसके अलावा चार्ट एनालिसिस द्वारा ऊपर, नीचे एवं साइड के रुझानों के बारे में पता चलता है।
- टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) के आधार पर किए गए ट्रेड की अवधि 1 मिनट से लेकर 1 हफ्ते के लिए भी हो सकती है। लेकिन कम समय के अवधि के लिए टेक्निकल एनालिसिस करना काफी फायदेमंद साबित होता है।
- शॉर्ट टर्म निवेश के लिए टेक्निकल एनालिसिस उपयोगी होता है। हम आपको बता दें कि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) का उपयोग शॉर्ट टर्म ट्रेड की पहचान करने के लिए की जाती है।
- टेक्निकल एनालिसिस चार्ट पैटर्न, इंडिकेटर जैसे अन्य टेक्निकल टूल्स प्रदान करता है, जो ट्रेडिंग करने वाले को प्राइस मोमेंट एनालिसिस करने एवं महत्त्वपूर्ण ट्रेडिंग निर्णय लेने में मदद करता है।
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अंतिम शब्द
दोस्तों हमने इस आर्टिकल (What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए) के माध्यम बताया है कि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) क्या होता है शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए। इसके फायदे क्या है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा।
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