Rsi indicator कैसे काम करता है

MACD को इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे विश्वसनीय और सर्वश्रेष्ठ इंडिकेटर में से एक माना जाता हैं। यह इंडिकेटर प्रवृत्ति दिशा , गति और अवधि के बारे में जानकारी प्रदान करता है। MACD में सफ़ेद और लाल रंग की लाइन होती है | अगर सफ़ेद लाइन लाल लाइन को क्रोस करके उपर होती है तो समजिये की शेयर में बुलिश सेंटिमेंट है | थिस उससे विपरीत अगर लाल लाइन सफ़ेद लाइन को क्रॉस करके ऊपर रहती है तो सम्जिये की bearish sentiment है |
Which indicators is best with Bollinger Bands?
हर वह व्यक्ति जो शेयर बाजार में काम करना चाहता है या कर रहा है वह हमेशा ऐसे टूल के पीछे समय देता रहता है जिससे कि वह बाजार का पूर्वानुमान लगा सके कि कहां से बाजार ऊपर जाएगा और कहां से बाजार नीचे चला आएगा इस तरीके के भावनाओं के साथ अलग-अलग टूल्स का उपयोग करने के लिए उसे ढूंढता रहता है उसी क्रम में आज हम एक टूल की बात करेंगे जिसका नाम है Bollinger Bands।
जैसा कि हम सभी जानते हैं बाजार हमेशा ऊपर और नीचे होता रहता है यह कभी भी स्थिर नहीं होता और इस स्थिति में हम सभी बाजार का सही प्राइस ढूंढने की प्रयास करते रहते हैं ताकि हम अच्छे जगह पर एंट्री लेकर अपना प्रोफिट बना सके इस जगह की तलाश करने के लिए हम ना जाने कितने इंडिकेटर प्राइस एक्शन टेंडर्स अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
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हम सभी जो बाजार में काम कर रहे होते हैं सारे लोग मार्केट का भविष्य बताने का काम करते रहते हैं और इस क्रम में हम यह भूल जाते हैं कि भविष्य का वर्णन सटीकता से किया जा सकता है या नहीं।
शेयर बाजार में शेयर का प्राइस को पता लगाने के लिए ही अलग-अलग टूल्स में से Bollinger Bands भी एक टूल्स है। हम इसी टूल्स के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं इसके साथ किस तरीके के ट्रेडिंग करने के लिए कौन से और दूसरे इंडिकेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं सारी बातों की चर्चा करेंगे।
Bollinger Bands Indicator
Bollinger Bands आमतौर पर वोलेटिलिटी इंडिकेटर होता है। जिसकी खोज 1980 के दशक में जॉन बोलिंजर नामक व्यक्ति ने किया था। इसमें सामान्य तौर पर 20 दिनों का मूविंग एवरेज लगे होते हैं जिससे दो स्टैंडर्ड डेविएशन ऊपर और नीचे लिया जाता है। जो एक चैनल की जैसा दिखता है।
Bollinger Bands काम कैसे करता है?
Bollinger Bands का इस्तेमाल टारगेट और एंट्री के लिए कैसे करें।
जैसा कि हम लोगों ने बात करा की Bollinger Bands में तीन लाइन बने होते हैं एक अपर लाइन दूसरा मिडिल लाइन और तीसरा लोअर Rsi indicator कैसे काम करता है लाइन जैसा की fig- में दिया गया है।
Fig.- 1
सामान्य तौर पर Bollinger Band में निचली लाइन से प्राइस अपर साइड मूव करती है और मिडिल लाइन जो 20 दिन के एवरेज को दिखता है वहा तक जाने के कोशिश करता है। उसी तरह से अगर 20 दिन के एवरेज प्राइस से प्राइस ऊपर के साइड मूव करता है तो वह अपने ऊपरी बैंड के लाइन तक जाने का कोशिश करता है।
Bollinger Bands की मुटाई कभी फैलती है तो कभी सिकुड़ती है अगर बाजार में कीमत बढती है तो वॉलेटिलिटी भी बढ़ती है और बैंड के बीच की दूरी भी चौड़ी हो जाती है, जबकि कम वॉलेटिलिटी के दौरान बैंड सिकुड़ जाती है। इसे बैंड का एक्सट्रैक्शन और कांट्रेक्शन कहते हैं। जब बैंड कंस्ट्रक्शन पीरियड में होता है तो उस दौरान मार्केट की वोलैटिलिटी कम होती है और प्राइस 1 रेंज में ट्रेड करता रहता है, जबकि बैंड जब एक्सट्रैक्शन पीरियड में होता है तो प्राइस का मूवमेंट डायरेक्शनल होता है और प्राइस उस निश्चित डायरेक्शन में मूव करती है।
Fig .- 2
Which indicators used with Bollinger Bands?
अगर आप Bollinger Bands के साथ और भी दूसरे इंडिकेटर का उपयोग करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको यह डिसाइड करना होगा कि, आप किस तरीके के ट्रेडर हैं अगर आप इंट्राडे में ट्रेड करना चाहते हैं तो उसके लिए हम अलग इंडिकेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि इंट्राडे का मूवमेंट को अच्छे से बताने का कोशिश करता है साथ ही अगर आप स्विंग ट्रेडर है तो उसके लिए आप दूसरे इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं।
Strategy for Swing trading
जब हम बात करते हैं स्विंग ट्रेडिंग की तो सुन ट्रेडिंग में एंट्री लेने के बाद हम अपने पोजीशन को 3 से 7 दिन या 7 से 15 दिन या 15 से 30 दिन तक के लिए अपने पास रखते हैं और उसके बाद प्रोफिट मिलने के बाद अपने पोजीशन से एग्जिट करते हैं। और इस तरीके के ट्रेडिंग के लिए Bollinger Bands के साथ हम RSI ( Relative Strength Index ) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Fig. – 3
ऊपर के Fig.-3 में RSI 20 के पास आ गया और Bollinger Bands में प्राइस लोअर बैंड के पास आ कर होल्ड किया तो यहा एक बाइंग का एंट्री का सिग्नल मिल रहा है और प्राइस ऊपर भी गया। इस तरह के चार्ट अगर आप तलाशते है तो एक सही एंट्री आपको बाइंग साइड का मिल सकता है और आप बाय कर के एक अच्छा ट्रेड कर सकते है।
Fig.- 4
अब अगर सेलिंग के लिए एंट्री की बात करे तो उसके लिए आप fig.- 4 को देख सकते हैं जहा आप देख पा रहे होंगे की प्राइस Bollinger Bands के उपरी बैंड में टच किया और हमारा RSI भी 80 को टच कर चुका था। अब अगर बात करे तो RSI और Bollinger Bands दोनो सेलिंग जोन में आ गया है और अब प्राइस को नीचे आना पड़ता है। तो इस तरह से आप देख सकते है की Bollinger Bands और RSI के मदद से बाय और सेल कैसे किया जा सकता है।
Bollinger Bands for intraday with VWAP
सबसे पहले इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए हम टाइम फ्रेम को छोटे टाइम ड्यूरेशन में लेकर जाएंगे जैसे 5 और 15 मिनट का टाइम फ्रेम। जिसके बाद अपने चार्ट पर Bollinger Bands के साथ VWAP इंडिकेटर का उपयोग करेंगे। VWAP सामान्य तौर पर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए उपयोग में लाया जाने वाला सबसे आसान इंडिकेटर है इस इंडिकेटर के ऊपर अगर प्राइस जाता है तो बाइक किया जाता है और अगर इंडिकेटर VWAP के नीचे प्राइस जाता है तो सेल किया जाता है।
जब Bolllinger Bands का मध्य लाइन 20 पीरियड मूविंग एवरेज और VWAP के पास प्राइस आता हुआ और पहले से बैंड सिकुड़ा हुआ है तो VWAP का इस्तेमाल करते हुए बाय या सेल जो भी सिग्नल मिलता है उसका ट्रेड करते है जैसा की Fig.- 5 में दिखाया गया है।
Fig.- 5
इसी तरीके से बाइंग साइड के लिए भी हम पोजीशन बना सकते हैं अगर Bollinger Bands कॉन्ट्रैक्ट हो तथा VWAP के ऊपर प्राइस क्लोज करना स्टार्ट कर दे तो हम बाइंग का पोजीशन इंट्राडे में बना सकते हैं जोकि Fig.- 6 में आपको दिखाया गया है।
Fig.- 6
अड्डामार्केट वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी विभिन्न प्रकार के तथ्य सभी विश्लेषण अनुमान बाजार अध्ययन या अन्य सामान्य मूल्यांकन या जानकारी प्रदान करता है कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले कृपया अपने सेबी रजिस्टर्ड एडवाइजर से सलाह मशवरा कर ले यहां पर प्रदान की गई जानकारी के आधार पर ट्रेड या इन्वेस्ट करने पर होने वाले प्रोफिट या लॉस का जिम्मेदार आप खुद होंगे अतः कोई भी ट्रेड पूरी तरह जिम्मेदारी से करें।
Renko Trading Strategy हिंदी में – मूविंग एवरेज और RSI के साथ।
Renko Trading Strategy in Hindi
Table of Contents
Renko Trading Strategy – Moving Average और RSI.
Moving Average with RSI इस रेंको ट्रेडिंग स्ट्रैटर्जी में २१ Day की simple moving average का इस्तेमाल किया हैं, चाहे तो आप Exponential moving average का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
हर एक ट्रेडर के लिए चाहे Intraday Trader, Swing Trader या Positional Trader अलग-अलग दिनों की मूविंग एवरेज अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं।
मूविंग एवरेज से हमें ट्रेंड का पता चलेगा और कन्फर्मेशन के लिए हम rsi indicator की मदत लेंगे ।
Renko Chart Trading Strategy – moving average strategy Renko Chart Trading Strategy – RSI strategy
जब renko bars मूविंग एवरेज के ऊपर जाते हैं, तब हमें शेयर Buy करना हैं और कन्फर्मेशन के लिए rsi इंडिकेटर भी देखना हैं।
जब renko bars मूविंग एवरेज के निचे जाये तब हमें स्टॉक को Sell करना हैं।
अगर आप किसी शेयर का रेंको चार्ट के आधार पर विश्लेषण करना चाहते हैं तो आप Tradingview.com और Investing.com पे कर सकते हैं।
निष्कर्ष
Renko trading काफी आसान हैं, कैंडलस्टिक ट्रेडिंग और अन्य ट्रेडिंग के मुकाबले क्योंकि रेंको चार्ट time और volume के आधार पर काम नहीं करता हैं, वह सिर्फ भाव के आधार पर काम करता हैं।
भाव याने के Price के आधार पर काम करने की वजह से renko chart काफी साधारण और समज़ने में काफी आसान होते हैं।
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Q.1.क्या renko trading कैंडलस्टिक ट्रेडिंग से आसान हैं ?
Ans: Renko trading काफी आसान हैं, कैंडलस्टिक ट्रेडिंग और अन्य ट्रेडिंग के मुकाबले क्योंकि रेंको चार्ट time और volume के आधार पर काम नहीं करता हैं, वह सिर्फ भाव के आधार पर काम करता हैं।
भाव याने के Price के आधार पर काम करने की वजह से renko chart काफी साधारण और समज़ने में काफी आसान होते हैं।
Q.1.Renko trading Strategy क्या हैं ?
Ans: इस आर्टिकल में आप को Renko trading Strategy Moving Average और RSI के साथ बताई हैं।
मूविंग एवरेज से हमें ट्रेंड का पता चलेगा और कन्फर्मेशन के लिए हम rsi indicator की मदत लेंगे ।
Forex Trading में महारथ हासिल करना चाहते है तो इन 10 टेक्निकल इंडिकेटर को अच्छे से समझ लें
Technical Indicator for Forex Trading: अगर आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको कुछ फॉरेक्स इंडिकेटर के बारे में पता होना चाहिए। यहां टॉप 10 Forex Indicators बताए गए हैं जो प्रत्येक व्यापारी को पता होना चाहिए।
Forex Indicators: फॉरेक्स मार्केट में ट्रेड करते समय इंडीकेटर्स को आवश्यक माना जाता है। कई फॉरेक्स ट्रेडर्स प्रतिदिन इन इंडिकेटर का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि वे Forex Market में कब खरीद या बेच सकते हैं। इन इंडिकेटर को टेक्निकल एनालिसिस के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में जाना जाता है, और प्रत्येक ट्रेडर्स को इन टेक्निक या फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में पता होना चाहिए। यहां टॉप 10 Forex Indicators हैं जो प्रत्येक व्यापारी को पता होना चाहिए।
1) मूविंग एवरेज (Moving Average - MA)
मूविंग एवरेज (MA) एक महत्वपूर्ण फॉरेक्स इंडिकेटर है जो किसी विशेष अवधि में एवरेज प्राइस को इंडीकेट करता है जिसे चुना गया है।
अगर प्राइस ट्रेड Moving Average से ऊपर हैं, तो इसका मतलब है कि खरीदार कीमत को कंट्रोल कर रहे हैं, और अगर प्राइस ट्रेड मूविंग एवरेज से नीचे हैं, तो इसका मतलब है कि सेलर प्राइस को कंट्रोल कर रहे हैं।
इसलिए ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में अगर प्राइस मूविंग एवरेज से ऊपर है, तो ट्रेडर को Buy पर ध्यान देना चाहिए। मूविंग एवरेज सबसे अच्छे फॉरेक्स इंडिकेटर्स में से एक है जिसे हर ट्रेडर को पता होना चाहिए।
2) बोलिंगर बैंड (Bollinger Bands)
जब किसी विशेष सुरक्षा की कीमत की अस्थिरता को मापने की बात आती है, तो बोलिंगर बैंड इंडिकेटर का उपयोग किसी ट्रेड के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
बोलिंगर बैंड तीन भागों में आते हैं, अपर, मिडिल और लोवर ब्रांड। इन बैंडों का उपयोग अक्सर ओवरबॉट और ओवरसोल्ड स्थितियों को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
इस इंडिकेटर के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह एक Rsi indicator कैसे काम करता है फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट के समय के साथ कीमत और अस्थिरता को चिह्नित करने में मदद करता है।
3) एवरेज ट्रू रेंज (Average True Range - ATR)
एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर का उपयोग बाजार की अस्थिरता को मापने के लिए किया जाता है। इस इंडिकेटर में प्रमुख एलिमेंट रेंज है, और Periodic Low और हाई के बीच के अंतर को रेंज कहा जाता है।
रेंज को किसी भी ट्रेडिंग पीरियड पर लागू किया जा सकता है, जैसे इंट्राडे या मल्टी-डे। एवरेज ट्रू रेंज में ट्रू रेंज का इस्तेमाल होता है।
4) मूविंग एवरेज कन्वर्जेन्स/डाइवर्जेंस या एमएसीडी (Moving average convergence/divergence or MACD)
यह उन इंडीकेटर्स में से एक है जो फॉरेक्स मार्केट में चल रहे फोर्स को बताते हैं। इसके अलावा यह इंडिकेटर यह पहचानने में मदद करता है कि बाजार किसी विशेष दिशा में कब रुकेगा और सुधार के लिए जाएगा।
MACD को शॉर्ट-टर्म EMA से लॉन्ग टर्म के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज को घटाकर निकाला जाता है।
EMA एक प्रकार का मूविंग एवरेज है जहां वर्तमान डेटा को अधिक महत्व मिलता है। हालांकि, MACD का फार्मूला
MACD = 12 पीरियड EMA - 26 पीरियड EMA है।
● इस स्कीम का लाभ केवल बालिकाएं ही उठा सकती हैं।
● बालिका दस वर्ष की आयु को पार नहीं कर सकती है। एक वर्ष की छूट अवधि प्रदान की जाती है, जो माता-पिता को दस वर्ष की आयु की बालिकाओं के एक वर्ष के साथ निवेश करने की अनुमति देती है।
● निवेशक को बेटी की उम्र का प्रमाण देना होगा।
5) फिबोनैकी (Fibonacci)
फिबोनैकी एक और बढ़िया फॉरेक्स इंडिकेटर है जो बाजार की सटीक डायरेक्शन को इंडीकेट करता है, और यह गोल्डन रेश्यो है जिसे 1.618 कहा जाता है।
कई Forex Trader इस टूल का उपयोग उन सेक्टर और उलटफेरों की पहचान करने के लिए करते हैं जहां लाभ आसानी से लिया जा सकता है। फिबोनैकी लेवल की गणना तब की जाती है जब बाजार ने एक बड़ा कदम ऊपर या नीचे किया है और ऐसा लगता है कि यह कुछ विशिष्ट मूल्य स्तर पर चपटा हो गया है।
फिबोनैकी के रिट्रेसमेंट लेवल को उन सेक्टर को खोजने के लिए प्लॉट किया जाता है जहां बाजार उस फ्रीक्वेंसी पर वापस जाने से पहले वापस आ सकता है जो पहली कीमत में मूवमेंट ने बनाया है।
6) रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (Relative Strength Index - RSI)
RSI एक अन्य फॉरेक्स इंडिकेटर है जो Oscillator कैटेगरी से संबंधित है। यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला फॉरेक्स इंडिकेटर के रूप में जाना जाता है और बाजार में एक ओवरसोल्ड या ओवरबॉट स्थिति को प्रदर्शित करता है जो अस्थायी है।
70 से अधिक का RSI वैल्यू एक अधिक खरीदे गए बाजार को दर्शाता है, जबकि 30 से कम का वैल्यू एक ओवरसोल्ड बाजार को दर्शाता है। इस प्रकार, कई व्यापारी 80 RSI वैल्यू का उपयोग अधिक खरीद की स्थिति के लिए रीडिंग के रूप में करते हैं और 20 RSI वैल्यू ओवरसोल्ड बाजार के लिए।
7) पाइवोट पॉइंट (Pivot Point)
यह फॉरेक्स इंडिकेटर करेंसी की एक जोड़ी के डिमांड सप्लाई बैलेंस लेवल को इंडीकेट करता है। अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल तक पहुंच जाती है, तो उस विशेष भुगतान की डिमांड और सप्लाई समान स्तर पर होती है।
अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल को पार करती है, तो यह करेंसी जोड़ी के लिए हाई डिमांड को दर्शाता है, और अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल से नीचे आती है, तो यह करेंसी जोड़ी के लिए हाई सप्लाई को दर्शाती है।
8) स्टोकेस्टिक (Stochastic)
स्टोचस्टिक को टॉप फॉरेक्स इंडिकेटर में से एक माना जाता है जो व्यापारियों को मूवमेंट और ओवरबॉट/ओवरसोल्ड सेक्टर की पहचान करने में मदद करता है।
फॉरेक्स ट्रेडिंग में Stochastic Oscillator किसी भी ट्रेंड को पहचानने में मदद करता है जो उलट होने की संभावना है। एक स्टोकेस्टिक इंडिकेटर एक निश्चित अवधि में क्लोजिंग प्राइस और ट्रेडिंग रेंज की तुलना करके मूवमेंट को माप सकता है।
9) डोनचियन चैनल (Donchian Channels)
यह इंडिकेटर कई फॉरेक्स ट्रेडर्स को हाई और लो प्राइस एक्शन वैल्यू का निर्धारण करके बाजार की अस्थिरता को समझने में मदद करता है।
डोनचियन चैनल आमतौर पर तीन अलग-अलग लाइनों से बने होते हैं जो मूविंग एवरेज से संबंधित गणनाओं द्वारा बनाई गई हैं।
Median के चारों ओर अपर-लोवर बैंड होते हैं। अपर और लोवर बैंड के बीच का एरिया डोनचियन चैनल है।
10) Parabolic SAR
Parabolic stop and reverse (PSAR) एक फॉरेक्स इंडिकेटर है जिसका उपयोग फॉरेक्स ट्रेडर्स द्वारा एक ट्रेंड को डायरेक्शन में आने के लिए किया जाता है, यह एक प्राइस के शॉर्ट टर्म रिवर्स पॉइंट का आकलन करता है।
यह इंडिकेटर मुख्य रूप से स्पॉट एंट्री और एक्जिट पोजीशन को खोजने के लिए उपयोग किया जाता है। PSAR किसी एसेट की कीमत के नीचे या ऊपर चार्ट पर डॉट्स के सेट के रूप में दिखाई देता है।
अगर डॉट कीमत से नीचे है, तो यह इंडीकेट करता है कि कीमत बढ़ रही है। इसके विपरीत अगर डॉट कीमत से अधिक है, तो यह इंडीकेट करता है कि कीमत नीचे जा रही है।
Best technical indicators for day trading - best indicator for buy and sell signal
शेयर मार्केट में आप स्टॉक ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग करते है तो आपको कुछ indicators के बारेमे जानना चाहिए | शेयर मार्केट में Technical Indicators आपके रिस्क को कम करने में मदद करता है और बाज़ार की एक दिशा को समजने में आपको मदद करता है | आज हम " Top Technical Indicators For Trading in Share Market " टॉपिक पर बात करने वाले है |
What is technical indicators in share market :
दोस्तों शेयर मार्केट में स्टॉक ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में indicators का काफी महत्व होता है | हर एक इंडिकेटर का अलग अलग काम होता है | इंडिकेटर के ज़रिये आप बाज़ार में होने वाली गति को Rsi indicator कैसे काम करता है समज सकते है और share market में होने वाली दिशा का एक अनुमान लगा सकते है |
स्टॉक ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग इंडीकेटर्स कैसे मदद करते हैं ?
ट्रेडिंग संकेतक ऐसे उपकरण हैं जो अधिक लाभ करने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका के रूप में उपयोग किए जाते हैं। ये उपकरण व्यापारियों को बेहतर और सूचित निर्णय लेने में मदद करते हैं। यह संकेत निम्नलिखित जानकारी प्रदान करने में मदद करते हैं:
- जिस दिशा में प्रवृत्ति बढ़ रही है उसका एक अनुमान आपको देता है
- अगर निवेश बाजार में कोई गति मौजूद है तो उसका संकेत
- शेयर बाजार में अस्थिरता के कारण लाभ क्षमता
- वोलुम की मदद से डिमांड का निर्धारण
Moving Average Indicator :
Moving Average Indicator शेयर के बारे Rsi indicator कैसे काम करता है में उसकी गति दर्शाता है मतलब की वो कितने टाइम पीरियड में शेयर में कितनी गति हुए है | सरल भाषा में संजय तो Moving Average Indicator को चार्ट पर लगाया जता है और देखा जाता है की शेयर कितने दिनों में कितना आगे गया है , मतलब की अगर हमने 20 dma लगा या है तो उसका मतलब है की यह मूविंग एवरेज 20 दिनों के शेयर की एक रेंज दिखाएगा |
मूविंग एवरेज इंट्राडे व्यापारियों के बीच सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले इंट्राडे ट्रेडिंग संकेतक में से एक है। इस पद्धति में , एक विशेष अवधि में स्टॉक चार्ट पर एक लाइन पर औसत समापन दर रखी जाती है। आमतौर पर , स्टॉक की अवधि जितनी लंबी होती है , उतना ही विश्वसनीय औसत चलती है। यह सूचक स्टॉक के मूल्य आंदोलन को समझने में मदद करता है , क्योंकि स्टॉक अस्थिर हैं।
बोलिंगर बैंड ( Bollinger Bands) :
बोलिंजर बैंड मूविंग एवरेज से एडवांस इंडिकेटर है। इसमें , एक विशेष अवधि में स्टॉक चार्ट पर 3 अलग-अलग लाइनों पर औसत समापन दर , एक ऊपरी सीमा और एक निचली सीमा रखी जाती है। ये बैंड स्टॉक के मानक विचलन का प्रतिनिधित्व करते हैं , अर्थात , इसकी औसत से कीमत में वृद्धि या कमी को दर्शाता है |
Momentum Oscillators :
दोस्तों शेयर बाजार बहुत अस्थिर है , कीमतें लगातार उतार - चढ़ाव होता रहता हैं। जब शेयर बाजार कम अवधि के चक्र का अनुभव करता है , इसके बावजूद बाजार में मंदी या तेजी नहीं है। Momentum Rsi indicator कैसे काम करता है Oscillators यह जानने में मदद करता है की बाज़ार का रुख किस तरह चल रहा है |
RSI Indicator :
ट्रेडर यह इंडिकेटर का उपयोग तब करता है जब वह शेयर की कीमत और लाभ की तुलना करना चाहता है। आरएसआई स्कोर 0 से 100 तक होता है। आमतौर पर , विश्लेषकों ने व्यापारियों को आरएसआई 70 तक पहुंचने और 30 के पार पहुंचने पर बेचने की सलाह देते हैं। इसलिए यह हमेशा आपके शोध को अग्रिम रूप से करने का सुझाव दिया जाता है। जिसमे 30 के निचे अगर rsi रहता है तो समजना चाहिए की शेयर में ज्यादा बिकवाली हुई है और 70 के उपर अगर rsi रहता है तो समजना चाहिए की शेयर में ज्यादा खरीददारी हुई है |
MACD Indicator :
MACD को इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे विश्वसनीय और सर्वश्रेष्ठ इंडिकेटर में से एक माना जाता हैं। यह इंडिकेटर प्रवृत्ति दिशा , गति और अवधि के बारे में जानकारी प्रदान करता है। MACD में सफ़ेद और लाल रंग की लाइन होती है | अगर सफ़ेद लाइन लाल लाइन को क्रोस करके उपर होती है तो समजिये की शेयर में बुलिश सेंटिमेंट है | थिस उससे विपरीत अगर लाल लाइन सफ़ेद लाइन को क्रॉस करके ऊपर रहती है तो सम्जिये की bearish sentiment है |
Volume :
वॉल्यूम एक माप है कि किसी दी गई कितने समय में कारोबार किया है। स्टॉक के लिए , वॉल्यूम को ट्रेड किए गए शेयरों की संख्या में मापा जाता है
Super Trend :
सुपरट्रेंड एक ट्रेंडिंग इंडिकेटर है और यह सभी ट्रेंडिंग इंडिकेटर्स की तरह है। यह अपट्रेंड और डाउनट्रेंड में अत्यधिक ट्रेंडिंग मार्केट में अच्छा काम करता है । यह share market के बारे में सटीक रीडिंग देता है। इसका निर्माण दो मापदंडों , अवधि और गुणक के साथ किया गया है जिसमें सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले 10 और 3 हैं।
Best technical indicators for day trading - best indicator for buy and sell signal Reviewed by ShareMarketHelp on मार्च 27, 2021 Rating: 5
TECHNICAL INDICATORS KE PRAKAR?
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हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिरसे आप सभीको internet sikho में बहुत बहुत स्वागत है.आज हाम इस पोस्ट में जानेंगे की technical chart में कितने प्रकार के indicators होते है और उस अलग अलग indicators के क्या क्या काम है उसके बारे में भी जानेंगे.
TECHNICAL INDICATORS की पूरी जानकारी
technical indiactors को दो भाग में भाग किया गया है.
तोह यह दोनों indicators के बारे बारे में निचे उल्लेख करने जा राहा हु.
- LEADING INDICATORS– यह सुचोक नाम की तरह बर्ताब करता है.मार्केट overbought या oversold है इसकी सूचना सुचोको को देता है.वोग गति के बिना किसी स्थर पार आटके हुए बाजार में आछा काम करते है.यह सुचोक जोह कम कालाबधि की खरीदी या बिक्री करते है उनके लिए बहुत हु उपोयोगी है.यह अधिक trending signal देता है और ट्रेडर ने जाग्रति रहकर काम किया तोह बहुत ही आछा मुनाफ़ा कामा सकते है.
LEADING INDICATORS के भी 2 बिभाग में भाग किया गया है जैसे
LEADING INDICATORS इस्तेमाल करने का क्या फ़ायदा है?
खरीदी और बिक्री का मिलनेवाला पुर्बो संकेत यह इसका आसली फ़ायदा होता है.leading सुचोक यह अधिक trending संकेत निर्मान करते है जोह अधिक trading का मौका देता है.बड़ते बाजार में oversold होकर आपको खरीदी करने का मौका मिलता है.
घटते बाजार में overbought होकर आपको बिक्री करने का मौका देता है.पार इसका एक घटा यह है की Rsi indicator कैसे काम करता है अधिक संख्या में संकेत और पुर्बो संकेत wipshaw की संभाबना में बढोतरी करते है जिसमे खतरा बढ़ता है.
- LAGGING INDICATORS – lagging सुचोक यह ट्रेंड के अनुसार चलनेवाले सुचोक है.उनकी रचना इसीलिए होता है की स्थापित ट्रेंड में ट्रेडर या निवेशक ट्रेंड के साथ निवेशित रहते है और ट्रेंड जब तक स्थापित होते है तबतक वोह उनमे शामिल होते है. ऐसे सूचक दीर्घो कलाबधि में निर्मान होनेवाला ट्रेंड में बहुत ही आछा काम आता है.यह भबिस्य में आनेवाले भाव का अंदाजा नहीं दे सकते पार बाताते है की बाजार की दिशा कोनसा है.एकसमान तेजी के कालाबधी में समय के अनुसार काहापर सपोर्ट लेते है वोह स्पष्ट करते है.हर निवेशक दीर्घो कालाबधि के लिए शांत मन से कोई भी शेयर्स में निवेशित रह सकते है.
lagging indicators को भी 2 प्रकार में बिभाग किया गया है
Lagging indicators इस्तेमाल करने का फ़ायदा और नुक्सान क्या है?
lagging सुचोको का एक फ़ायदा उनकी ट्रेंड पकड़ने की एक खमता होता है.यह सुचोक एकसमान बढ़ते या घटते बाजार में आछा काम है.इन सुचोक में बहुत ही कम ट्रेडिंग signal तोह मिलते ही है और जब मिलते है तब थोड़े बहुत मिलते है.पड़े रहनेवाला शांत बाजार में यह आछा काम नहीं देते है.leading और lagging सुचोक अलग अलग प्रकार के भूमिका निभाते है.
दोस्तों यह था TECHNICAL INDICATORS की पूरी जानकारी जिसमे आप अलग अलग indicators के अलग अलग भूमिका के बारे में जान सकते है.उम्मीद करता हु की आपको हामारे technical analysis series से हर दिन कुछ ना कुछ सिखने को मिल राहा होगा.और हामारे आनेवाले हर एक पोस्ट की जानकारी इ mail box में प्राप्त करने के लिए internet sikho को subscribe करना ना भूले.