फाइनेंस कितने प्रकार का होता है?

फाइनेंस कितने प्रकार का होता है?
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड.
(भारत सरकार का उपक्रम )
एक आईएसओ 9001 : 2015 प्रमाणित कंपनी
Power Finance Corporation Ltd.
(A Government of India Undertaking)
An ISO 9001:2015 Certified Company
आईपीओ अलॉटमेंट स्टेटस कैसे चेक करें | IPO Allotment Status Kaise Check Kare
अगर आपने IPO में अप्लाई किया है, IPO Allotment भी हो गया है लेकिन यह नहीं जानते है कि IPO Allotment Status कैसे पता करें तो इस पोस्ट में मैं बताने वाला हूँ कि आप किसी कंपनी का IPO Allotment Status कैसे चेक कर सकते है |
आपने चाहे किसी भी कंपनी के आईपीओ में अप्लाई किया हो, कोई सा भी रजिस्ट्रार (kfintech, LinkIntime etc.) हो | इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप IPO Allotment Status चेक करना सीख जायेंगे |
Photo : GettyImages
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IPO Allotment Status कैसे चेक करें (IPO Allotment Status Kaise Check Kare )
अगर आपने किसी कंपनी के आईपीओ में अप्लाई किया है तो उस कंपनी का एक रजिस्ट्रार होता है जो उस कंपनी के आईपीओ से संबंधित डाटा, इन्फोर्मेशन, इन्वेस्टर्स के आईपीओ एप्लीकेशन फॉर्म्स कलेक्ट करता है | invalid एप्लीकेशन को रिजेक्ट करता है, valid एप्लीकेशन का लिस्ट तैयार करता है, फिर आईपीओ अलॉटमेंट का प्रोसेस पूरा करता है और यह भी ध्यान रखता है कि जिनको आईपीओ अलॉटमेंट मिला है उनके डीमैट खाते में शेयर सही से पंहुचा है और जिनको आईपीओ अलॉटमेंट नहीं मिला है उनके खाते में पैसा वापस चला गया है | यह सारे काम रजिस्ट्रार करता है |
ये रजिस्ट्रार अलग – अलग कंपनी के आईपीओ के लिए अलग – अलग हो सकते है | अब अगर आपको आईपीओ अलॉटमेंट स्टेटस चेक करना है तो उन कंपनी के रजिस्ट्रार के वेबसाइट में जाना होगा, कुछ रजिस्ट्रार का वेबसाइट लिंक और चेक करने का पूरा प्रोसेस मैंने नीचें बता दिया है ताकि आपको ज्यादा खोजना न पड़े |
IPO Allotment Status चेक करने के लिए क्या चाहिए
आईपीओ अलॉटमेंट स्टेटस चेक करने के लिए दो चीज बहुत जरुरी होता है – पहला पैन नंबर और दूसरा एप्लीकेशन नंबर | जब भी आप किसी आईपीओ में अप्लाई करते है तो प्रोसेस पूरा होने के बाद उसमें एक फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? Application नंबर मिलता है | यही दोनों चीज IPO Allotment Status चेक करने के लिए चाहिए |
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KFintech Private Limited
- स्टेप 1 Select IPO में उस आईपीओ का नाम सेलेक्ट करना है जिसमें अप्लाई किया है
- स्टेप 2 Query by के विकल्प में से PAN चुन लेना है, आप DPID या एप्लीकेशन नंबर भी चुन सकते है
- स्टेप 3 PAN वाले बॉक्स में अपना PAN Numberडालना है
- स्टेप 4 Captcha वाले बॉक्स में उसके ऊपर दिया कोड डालना है
- स्टेप 5 Submit बटन पर क्लिक करके स्टेटस चेक कर लेना है
Link Intime India Private Ltd
- स्टेप 0 Linkintime का वेबसाइट खोलना है Investor Services में जाकर Public Issues पर क्लिक करना है
- स्टेप 1 Select IPO में उस आईपीओ का नाम सेलेक्ट करना है जिसमें अप्लाई किया है
- स्टेप 2 विकल्प में से PAN चुन लेना है, आप DPID या एप्लीकेशन नंबर भी चुन सकते है
- स्टेप 3 PAN वाले बॉक्स में अपना PAN Numberडालना है
- स्टेप 4 Submit बटन पर क्लिक करके स्टेटस चेक कर लेना है
BSE India Website
- स्टेप 0 BSE India का वेबसाइट खोलना है Investor Services में जाकर Status of Issue Application पर क्लिक करना
- स्टेप 1 Issue type में equity चुनना है
- स्टेप 2 Select IPO में उस आईपीओ का नाम सेलेक्ट करना है जिसमें अप्लाई किया है
- स्टेप 3 एप्लीकेशन नंबर डालना अनिवार्य है
- स्टेप 4 PAN वाले बॉक्स में अपना PAN Number डालना अनिवार्य है
- स्टेप 5 I’m not a robot पर टिक लगाना है
- स्टेप 6 Search बटन पर क्लिक करके स्टेटस चेक कर लेना है
अब मैं उम्मीद करता हूँ कि आप यह जान गए होंगे कि IPO Allotment Status कैसे पता करें | अगर आपको इस पोस्ट से IPO Allotment Status चेक करने में मदद मिली है, तो इसे अन्य लोगों तक भी शेयर करें | और आपका कुछ सुझाव है तो नीचें कमेंट करके जरुर बताये
फाइनेंस कंपनी कैसे शुरू करे | How To Open Finance Company In Hindi
How To Open Finance Company In Hindi-भारत एक उभरता हुआ बाजार है जो कि उधमिता और निवेश के लिए आदर्श स्थिति प्रदान करता है। भारत के अंदर वित्तिय यानी कि फाइनेंस सेक्टर तेजी से विकास की और बढ़ रहा है, और जो कि अवसरों को खोलता जा रहा है।
फाइनेंस क्षेत्र लगभग 8 प्रतिशत प्रति वर्ष की तेजी से आगे बढ़ रहा है, जो कि फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? एक बहुत अच्छा संकेत है। अगर आप अपनी खुद की फाइनेंस कंपनी खोलना चाहते हो तो यह बिल्कुल सही समय है।
आज हम आपको पूरी प्रकिर्या बताएंगे कि आप एक फाइनेंस कंपनी कैसे शुरू करे | ।
फाइनेंस कंपनी क्या है?
एक फाइनेंस कंपनी बैंक से बहुत अलग होती है, एक फाइनेंस कंपनी ग्राहकों को लोन प्रदान करती है जिससे बदले में उनसे कुछ ब्याज भी लेती है।
एक फाइनेंस कंपनी ग्राहकों से कुछ सामान जैसे कि सोना, घर इत्यादि को गिरवी रख कर लोन प्रदान करती है।
एक फाइनेंस कंपनी मूल रूप से उन लोगो की सेवा करती है जो मुख्यधारा से बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तक नही पोहच पाते है। एक फाइनेंस कंपनी मूल रूप से लोगो की मदद करती है, और उनकी जरूरतों को पूरा करती है।
फाइनेंस कंपनियां क्या करती हैं?
व्यवसाय शुरू करने से पहले, यह अच्छी तरह समझ लें कि फाइनेंस कंपनियां वास्तव में क्या करती हैं। कुछ फाइनेंस कंपनियां उपभोक्ताओं को उधार देती हैं, और कुछ कंपनी व्यवसायों को उधर देती हैं। । फाइनेंस कंपनियां बैंकों की तुलना में अलग संस्थाएं हैं क्योंकि वे जनता से जमा नहीं लेती हैं और सख्त बैंकिंग नियमों के अधीन नहीं हैं।
वित्त कंपनी का प्राथमिक उद्देश्य (Primary objective of Finance Company)
वित्त कंपनियां वे कंपनियां हैं जो अपने ग्राहकों को उधार देती हैं, जबकि कुछ व्यवसायों को ऋण देती हैं या ग्राहकों को निर्मित उत्पादों की बिक्री का वित्तपोषण करती हैं। वित्त कंपनियां बैंक की पूरक हैं लेकिन बैंकों की तुलना में अलग संस्थाएं हैं क्योंकि जनता से जमा वित्त कंपनियों द्वारा नहीं लिया जाता है और साथ ही कंपनियां सख्त बैंकिंग नियमों के अधीन नहीं होती हैं।
वित्त कंपनियां उन संपत्तियों के मूल्य पर ऋण का आधार बनाती हैं जो उधारकर्ता सुरक्षा के रूप में प्रदान करते हैं। धन कंपनी या मूल निगमों के स्वयं के उधार के माध्यम से उधार देने के लिए प्राप्त किया जाता है।
फाइनेंस कंपनी कैसे शुरू करे | How To Open Finance Company In Hindi
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1. बिज़नेस प्रकार चुने
फाइनेंस कंपनी शुरू करने से पहले बिज़नेस का प्रकार चुने देखे की आप किस तरह की कंपनी खोलना चाहते हो, एक फाइनेंस कंपनी के बहुत सारे प्रकार होते है।
फाइनेंस कंपनी के प्रकार।
अगर आप नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी की शुरुआत करना चाहते हो तो आपको इस कंपनी को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया न्यूनतम 2 करोड़ से 5 करोड़ पूंजी की अनुमति देता है, आरबीआई लाइसेंस लेने में और बाकी प्रकिर्या पूरा करना में 5 से 6 महीने का समय लगता है।
अगर आप छोटे स्तर पर फाइनेंस कंपनी की शुरुआत करना चाहते हो तो क्रेडिट कोऑपरेटिव कंपनी आपके लिए सबसे अच्छी है।
क्रेडिट कोऑपरेटिव कंपनी छोटे स्तर यानी कि शहर के अंदर डील करती है।
निधि कंपनी एक पूरी तरह से अलग बिज़नेस मॉडल है जिसके लिए आपको कोई भी अलग लाईसेंस लेने की आवश्यकता नही होती है।
निधि कंपनी 5 लाख की पूंजी के साथ लॉच होगी और इसमें पंजीकरण के लिए 15 से 20 दिन का समय लगता है।
माइक्रो फाइनेंस कंपनी के लिए भी आपको आरबीआई से लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है, माइक्रो फाइनेंस कंपनी की आप 5 करोड़ पूंजी के साथ शुरू कर सकते हो।
निर्माता कंपनी पूर्ण रूप से फाइनेंस कंपनी नही है बल्कि यह किसानों के लिए एक उपयोगी अवधारणा है। निर्माता कंपनी की शुरुआत करने के लिए आपको कम से कम 10 व्यक्ति की आवश्यकता है।
लोकल फाइनेंस कंपनी वह कंपनी होती है जो कि उच्च ब्याज दर पर धनराशि प्रदान करती है। इस बिज़नेस की शुरुआत करने के लिए आपको अपने राज्य और शहर के नियम और कानून के हिसाब से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
2. जीएसटी के लिए आवदेन करे
एक फाइनेंस कंपनी के लिए जीएसटी के लिए आवदेन करना बहुत ही आवश्यक होता है, इसीलिए जीएसटी नंबर कर लिए आवदेन करे।
3. लीगल डॉक्यूमेंट ले
एक फाइनेंस कंपनी शुरू करने के बहुत सारी दस्तावेज की आवश्यकता पड़ती है, आप अपने आस पास के वकील से परामर्श कर सकते हो और आवश्यकताओ के अनुसार कानूनी दस्तावेज तैयार कर सकते हो।
4. इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी प्राप्त करे
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी यानी कि बौद्धिक संपदा प्राप्त करना करना बहुत ही आवश्यक होता है ताकि आपसे से जुड़ी जानकारी जैसे आपका नाम इत्यादि को कॉपी ना कर सके।
5. लाइसेंस प्राप्त करे
एक फाइनेंस कंपनी को कोई भी सेवा प्रदान करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है, इसीलिए एक कंपनी के लिए लाइसेंस लेना बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है।
माइक्रो फाइनेंस कंपनी खोलने के लिए पंजीकरण शुल्क क्या है?
माइक्रोफाइनेंस कंपनी के लिए प्रारंभिक पंजीकरण शुल्क रु . 1,90,000 / – है।
भारत में माइक्रो फाइनेंस की शुरुआत कब हुई?
भारत में माइक्रो फाइनेंस कंपनी की शुरुआत 1970 में हुई थी
माइक्रो फाइनेंस क्या हैं?
माइक्रो फाइनेंस एक वित्तीय सेवा है जो उद्यमियों और छोटे व्यवसाय मालिकों को ऋण, बचत और बीमा देती है, जिनके पास बैंकों या निवेशकों जैसे पूंजी के पारंपरिक स्रोतों तक पहुंच नहीं है।
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ग्वार का भाव मंडी रिपोर्ट 2022-23: चालू सीजन के दौरान देश में ग्वार का उत्पादन कमजोर बताया जा रहा है। ग्वार का उत्पादन मुख्यत: राजस्थान हरियाणा, गुजरात में होता है। कुल उत्पादन का 70 प्रतिशत से अधिक अकेले राजस्थान में होता है। पिछले कई वर्षों से ग्वार व ग्वार गम की कीमतों में आई गिरावट के कारण किसानों का रुझान ग्वार की फसल की तरफ से घट गया है।