एक ट्रेडिंग खाता क्या है

What Is Trading Account In Hindi – व्यापार खाता क्या है?
Hello दोस्तों ! Accounting Seekho में आपका स्वागत है। आज के इस article में हम जानेंगे की Accounting में व्यापार खाता (Trading Account) क्या होता है? (What Is Trading Account In Accounting In Hindi) , Definition Of Trading Account In Hindi हम यह भी समझेंगे कि इसे कैसे बनाया जाता है? इसे बनाते वक़्त हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसके अलावा अलग-अलग topic से related बहोत से article पहले से एक ट्रेडिंग खाता क्या है ही हमारी website पर हैं, आप चाहें तो उन्हें भी पढ़ कर अच्छे से समझ सकते हैं, तो आइये सबसे पहले जानते हैं Trading Account Meaning In Hindi के बारे में।
(What Is Trading Account In Hindi ) – व्यापार खाता क्या है?
Trading Account business के Gross Profit या Gross Loss का पता लगाने के लिए बनाया जाता है। इसमें कितनी goods purchase की गई है? कितनी sell हुई हैं? यह सारी detail Trading Account में show की जाती है? इसके अलावा किसी भी company के वो सारे खर्चे जो directly business से related होते हैं या फिर raw material purchase करने के लिए किए जाते हैं, ये सारे खर्चे प्रत्यक्ष व्यय (Direct Expenses) कहलाते हैं।
(Definition Of Trading Account) – व्यापार खाता की परिभाषा?
According to J. R. Batliboi :-
“The Trading Account shows the results of buying and selling of goods. In preparing this account, the general establishment charges are ignored and only the transactions in goods are included.”
Trading Account दो हिस्सों में तैयार किया जाता है। left part डेबिट (Debit) और right part क्रेडिट (Credit) कहलाता है। Debit side में purchase और Credit Side में Sale को show किया जाता है और इस account का जो balance निकल कर आता है वह Debit या Credit दोनों तरह का हो सकता है।
इस account में Credit balance लाभ (Profit) को show करता है जबकि Debit balance हानि (Loss) को दिखाता है। यह Trading Account लाभ-हानि खाता (Profit And Loss Account) का ही एक part है। इस तरह इस account का जो title लिखा जाता है वह “Trading And Profit And Loss Account” लिखा जाता है।
कभी-कभी Trading Account को ‘Goods A/c’ भी कहा जाता है क्योंकि जितने भी goods से related transactions होते हैं वह सब इसमें ही record किये जाते हैं जैसे – Opening Stock, Purchase, Purchase Return, Sales, Sales Return, Closing Stock इसके अलावा वो सारे expenses जो किसी goods की manufacturing के वक़्त incurred होते हैं। इस तरह इन सारे expenses को year के end में summarize करके ‘Trading Account’ में record किया जाता है।
दोस्तों आज के इस article में इतना ही,उम्मीद करता हूँ आपको Meaning Of Trading Account In Hindi के बारे में समझ में आ गया होगा। इसे Facebook या Whatsapp के through अपने दोस्तों को भी Share करें। अगर आप Functions Of Accounting In Hindi या फिर Advantages of Accounting In Hindi के बारे में भी जानना चाहते हैं तो इस पर Click करके आप इसके बारे में भी अच्छे से समझ सकते हैं।
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Demat Account: डीमैट खाता खुलवा रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, फायदे में रहेंगे
Demat Account: शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोला जाता है. बिना डीमैट अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं की जाती है.
By: ABP Live | Updated at : 24 Jan 2022 06:44 AM (IST)
Demat Account:एक ट्रेडिंग खाता क्या है डीमैट अकाउंट (Demat account) के बारे में आपने जरूर सुना होगा, लेकिन बहुत से लोग डीमैट अकाउंट के बारे में नहीं जानते. दरअसल शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोला जाता है. बिना डीमैट अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं की जाती है. आज हम आपको बता रहे हैं कि डीमैट अकाउंट खोलते समय कौन-कौन सी बातों पर ध्यान देना होता है.
ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
- ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं.
- आजकल ज्यादातर मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं.
- इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) की फीस ली जा सकती है.
इन बातों की करें जांच
- डीमैट अकाउंट की फीस, सालाना मेंटेनेंस चार्ज, ट्रांजेक्शन फीस.
- ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है.
अन्य सुविधाएं
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- आपको ब्रोकरेज हाउस क्या-क्या सुविधाएं देगा यह जरूर जान लें.
- कुछ ब्रोकरेज हाउस इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा के अतिरक्त भी कई प्रकार की अन्य सेवाएं देते हैं.
- जैसे कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं. यह रिसर्च आपको सही जगह निवेश करने में मदद करती है.
डीमैट और ट्रेडिंग खाता
- आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता एक ट्रेडिंग खाता क्या है आपको देता हैं तो यह सबसे अच्छा है.
- ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है.
- ध्यान रखें कि डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.
- ट्रेडिंग खाते के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.
पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
- कुछ ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते हैं.
- इससे निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलती है.
कनेक्टिविटी
- कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
- ब्रोकरेज हाउस दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है यह जानना जरूरी है.
- वैसे ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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Published at : 24 Jan 2022 06:43 AM (IST) Tags: Stock Market demat account broker हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
प्रमुख डीमैट अकाउंट कंपनियों की सूचि
दोस्तों, शेयर बाजार के बारें में आप जरूर सुने होंगे। लेकिन क्या आप जानते है की शेयर बाजार में ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ? इसमें ट्रेडिंग के लिए पैसे के अलावा सबसे बुनियादी जरुरत क्या होती है?
डीमैट खाता, जी हां दोस्तों। डीमैट अकाउंट (खाता) शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए सबसे बुनियादी जरुरत है। यह आपके बैंक अकाउंट (खाता) की तरह होता है। जैसे आपको पैसे की लेनदेन के लिए बैंक अकाउंट की जरुरत होती है, उसी तरह से शेयर बाजार में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए डीमैट अकाउंट (खाता) की जरुरत होता है।
शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट (खाता) अनिवार्य होता है। डीमैट को डीमैटरियलाइज़ेशन कहते है, डीमैट इसका संक्षिप्त रूप है। शेयर बाजार में ट्रेडिंग डिजिटल होता है इसलिए डीमैट अकाउंट अनिवार्य है।
दोस्तों, अब आप समझ गए है की डीमैट अकाउंट की आवश्यकता शेयर बाजार में क्यूँ होता है। अब हम विस्तार से जानेंगे, भारत में सबसे प्रमुख कम्पनियाँ कंपनियों के बारे में, जो डीमैट अकाउंट (खाता) खोलती है।
सबसे प्रमुख डीमैट अकाउंट कम्पनियाँ
1. ज़ीरोदा (Zerodha)
ज़ीरोदा, बैंगलोर, कर्नाटक में स्थित एक डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनी है, जो शेयर बाजार में इक्विटी निवेश की निःशुल्क सुविधा देता है। अन्य ट्रेडिंग जैसे इंट्राडे और फ्यूचर और ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग पर एक निश्चित शुल्क 20 या 0.03% रुपये है।
प्रतिदिन ट्रेडो की संख्या के अनुसार, ज़ीरोदा भारत की सबसे बड़ी रिटेल (खुदरा) ब्रोकर है। यह प्रतिदिन 7 मिलियन से अधिक ट्रेड प्रोसेस करता है। ज़ीरोदा के पास 800 करोड़ रुपये से अधिक पूजी है जो किसी भी ब्रोकर कंपनी से ज्यादा है।
ज़ीरोदा ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (खाता) खोलने की सुविधा देती है, कोई एक ट्रेडिंग खाता क्या है भी निवेशक बहुत आसानी से अपना डीमैट अकाउंट (खाता) खोल सकता है। ज़ीरोदा में डीमैट खाता खोलने का कोई शुल्क नहीं लगता है लेकिन खाता का वार्षिक रखरखाव के लिए एक न्यूनतम शुल्क है, जो दूसरे वर्ष से लिया जाता है।
2. अपस्टॉक्स (Upstox)
अपस्टॉक्स मुंबई, महाराष्ट्र में स्थिति भारत की सबसे प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनियों में से एक है जो इक्विटी, कमोडिटी और करेंसी बाजार में ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करती है। उपस्टेक्स के माध्यम से निवेशक स्टॉक्स, म्यूच्यूअल फण्ड, डिजिटल गोल्ड और आईपीओ में आसानी से निवेश या ट्रेड कर सकते है। अपस्टॉक्स में कोई भी निवेशक अपना ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (खाता) आसानी से खोल सकता है और डीमैट अकाउंट खोलने का कोई फीस नहीं लगता है । लेकिन आपके खाता के रखरखाव का एक न्यूनतम वार्षिक शुल्क निवेशक को देना होता है।
अपस्टॉक्स, शेयर निवेशोंको को कम सुविधा शुल्क पर पर NSE, BSE और MCX में ट्रेडिंग की सेवा प्रदान करता है। अपस्टॉक्स में निवेश करने वाली कंपनी और उनकी साझेदरी ईएसएस प्रकार है; टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट – 31.1% हिस्सेदारी, कलारी कैपिटल पार्टनर्स – 15.21% हिस्सेदारी, जीवीके डेविक्स टेक्नोलॉजीज – 2.54% हिस्सेदारी और रतन टाटा – 1.33% हिस्सेदारी
3. 5 पैसा
5 पैसा एक डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनी है जो सभी डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनियों से काम शुल्क पर ट्रेडिंग सुविधा देती है। आईआईएफएल (इंडिया इन्फो लाइन लिमिटेड) ने साल 2015 में एक 5 पैसा कंपनी स्थापित की थी और आज भारत के प्रमुख डीमैट कंपनियों में से एक है। यह इक्विटी, करेंसी, म्यूचुअल फंड्स, बीमा, फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O), आईपीओ (IPO) आदि प्रतिभूति बाजार में ट्रेडिंग की सुविधा देता है। 5 पैसा कमोडिटी में ट्रेडिंग की अनुमति नहीं देता है।
4. शेयरखान
शेयरखान एक फुल-सर्विस स्टॉकब्रोकर है जो स्टॉक, निवेश, म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज, रिसर्च, निवेशक शिक्षा आदि सहित अन्य शेयर बाजार से जुड़े सेवाएं प्रदान करता है। श्री श्रीपाल मोरखिअ द्वारा शेयरखान की स्थापना मुंबई, महाराष्ट्र में सन 2000 में हुआ था। शेयरखान बीएसई, एनएसई, एमसीएक्स, सीडीएसएल और एनएसडीएल का एक सदस्य है। शेयरखान अपनी ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट शेयरखान के माध्यम से ब्रोकरेज सेवाएं प्रदान करता है।
शेयरखान द्वारा कोई डीमैट खोलने का शुल्क नहीं लिया जाता है जबकि दूसरे वर्ष से 400 रुपये का एक निश्चित डीमैट रखरखाव शुल्क लिया जाता है।
5. आईसीआईसीआई डायरेक्ट
आईसीआईसीआईडायरेक्ट, भारत की सबसे बड़ा खुदरा ब्रोकर है। यह निवेशकों को ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (खाता) की सुविधा देता है, जिससे निवेशक निःशुल्क ट्रेडिंग कर सकते है। यह पिछले 2 दशकों में 50+ लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा दे रहा है। इसका 170+ शाखाएं पुरे भारत में फैला हुआ है। आईसीआईसीआईडायरेक्ट इक्विटी, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव्स, फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O), करेंसी, कमोडिटी, ईटीएफ, इंश्योरेंस, आईपीओ, कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट, लोन, एनपीएस, वेल्थ मैनेजमेंट, कॉरपोरेट सर्विसेज, एनआरआई सर्विसेज, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज आदि जैसे 50 से अधिक वित्तीय उत्पादों (Financial Products) और सेवाएं देती है।
6. एचडीएफसी सिक्योरिटीज
एचडीएफसी सिक्योरिटीज एक फुल टाइम सर्विस ब्रोकर है जिसकी शुरुवात सन 2000 में हुआ था। यह एचडीएफसी बैंक का हिस्सा है जो शेयर मार्किट ब्रोकिंग और डीमैट सेवा प्रदान करती है | डिजिटल गोल्ड, इक्विटी, स्टॉक एसआईपी, ईटीएफ, आईपीओ,, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, डेरिवेटिव, म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed Deposit ), एनपीएस (NPS), ऋण, बीमा तथा अन्य सेवाएं देती है।
वे पहले वर्ष से INR 999 का ट्रेडिंग खाता खोलने का शुल्क और INR 750 का डीमैट खाता रखरखाव शुल्क लेते हैं।
7. मोतीलाल ओसवाल
मोतीलाल ओसवाल एक फुल टाइम ब्रोकर है, इसकी शुरुवात सन 1987 में वित्तीय सेवा (Financial Service) के रूप में हुआ था जो आज वित्तीय बाजार में जाना माना नाम हो गया है। शायद ही कोई निवेशक मोतीलाल ओसवाल से परिचित नहीं हो। आज यह इक्विटी, डेरिवेटिव, कमोडिटीज, करेंसी, म्यूचुअल फंड, आईपीओ, डिजिटल गोल्ड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, बॉन्ड और कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट आदि में सेवा देता है। मोतीलाgraल ओसवाल के पास 9 लाख से अधिक ग्राहक है और इसके 2200 से ज्यादा शाखा है।
खाता खोलने के लिए उनके पास कोई शुल्क नहीं है, लेकिन दूसरे वर्ष से सभी डीमैट खाताधारकों से 441 का वार्षिक रखरखाव शुल्क लिया जाता है।
दोस्तों, आप यहाँ शेयर बाजार में डीमैट खाता के जरुरत को समझा। डीमैट अकाउंट निवेशक के प्रतिभूति (Security) को जमा रखता है और अगर कोई निवेशक शेयर बाजार में अपने प्रतिभूति (Security) को खरीदना या बेचना चाहता है तो डीमैट खाता दे द्वारा खरीद या बेच सकता है। साथ ही भारत की प्रमुख डीमैट खाता खोलने वाली कंपनी के बारे और उनके विशेषतावों को विस्तार जानकारी प्राप्त किये है।
दोस्तों, अगर आपके पास डीमैट खाता है और शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश के लिए रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर चाहते है तो आप कॅपिटलविआ (CapitalVia) ग्लोबल रिसर्च लिमिटेड कमपनी को संपर्क कर सकते है।
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What Is Trading Account ( व्यापार खाता ) In Accounting In Hindi
एकाउंटिंग में व्यापार खाता ( Trading Account ) क्या है ? What Is Trading Account In Accounting In Hindi
हेल्लो दोस्तों , कैसे है आप ? आज के इस लेख में हम बात करेंगे की एकाउंटिंग में ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है ? ( What Is Trading Account In Accounting In Hindi ) , यह कैसे बनाया जाता है तथा इसको बनाते समय हमें किन बातो का ध्यान रखना आवश्यक होता है ! तो आइये शुरू करते है Trading Account Meaning In Hindi
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? ( Trading Account Kya Hai )
ट्रेडिंग अकाउंट वह अंतिम अकाउंट ( Final Account ) होता है जिससे हमें किसी व्यापार के बारे में यह पता चलता है कि एक निश्चित ट्रेडिंग अवधि में माल के क्रय ( Purchase ) , विक्रय ( Sales ) , प्रारंभिक रहतिया ( Opening Stock ) तथा अंतिम रहतिया ( Closing Stock ) कितना रहा , तथा क्रय और उत्पादन पर कितना खर्च हुआ और सकल लाभ ( Gross Profit ) अथवा सकल हानी ( Gross Loss ) कितनी हुई !
इस अकाउंट में माल सम्बन्धी खातो के बैलेंस दिखाए जाते है ! ट्रेडिंग अकाउंट दो हिस्सों में तैयार किया जाता है ! बाया हिस्सा डेबिट ( Debit ) साइड तथा दाया हिस्सा क्रेडिट ( Credit ) साइड कहलाता है ! डेबिट साइड में जो माल ख़रीदा जाता है उसे दिखाया जाता है जबकि क्रेडिट साइड में जो माल बेचा जाता है उसे दिखाया जाता है ! इस अकाउंट का शेष डेबिट या क्रेडिट दोनों तरह का हो सकता है ! इस खाते में क्रेडिट बैलेंस लाभ ( Profit ) प्रकट करता है जबकि डेबिट बैलेंस हानी ( Loss ) को प्रकट करता है ! ट्रेडिंग अकाउंट , लाभ – हानी खाते का ही एक भाग माना जाता है ! अतः इस अकाउंट का शीर्षक ट्रेडिंग एंड प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट लिखा जाता है !
Trading Account Format
ट्रेडिंग अकाउंट के डेबिट पक्ष में निम्न हैड आते है –
प्रारंभिक रहतिया ( Opening Stock ) : वर्ष के प्रारंभ में जो माल पिछले वर्ष का बचा हुआ होता है , वह ओपनिंग स्टॉक कहलाता है ! इसमें जब व्यापार को प्रारंभ किया जाता है तब प्रथम एक ट्रेडिंग खाता क्या है वर्ष में कोई ओपनिंग स्टॉक नहीं होता है !
क्रय ( Purchase ) : पुनः परचेस के लिए अथवा उत्पादन में प्रयोग के लिए जो माल नगद या उधार में ख़रीदा जाता है उसे Purchase कहते है ! यदि ख़रीदे हुए माल में से कुछ माल रिटर्न कर दिया जाता है तो उसे Purchase Return कहते है ! यदि कुछ माल दान में दिया जाता है या निजी खर्च हेतु निकल लिया जाता है तो उसे कुल ख़रीदे हुए माल में से घटा दिया जाता है !
प्रत्येक्ष खर्चे ( Direct Expenses ) : माल को खरीदने अथवा ख़रीदे हुए माल को बिक्री योग्य बनाने के लिए उसे सुरक्षित रखने में जो खर्च होते है , वे Direct Expenses कहलाते है ! इन खर्चो के अंतर्गत उत्पादन खर्च , मजदूरी , ढुलाई व् भाडा , बिजली , कोयला व् इंधन , आगत वाहन खर्च , रेल तथा गाड़ी भाडा , मार्ग बिमा खर्च , सरकारी टैक्स जैसे आयात कर , उत्पति कर तथा चुंगी आदि आते है !
सकल लाभ ( Gross Profit ) : यदि ट्रेडिंग अकाउंट के डेबिट साइड का योग क्रेडिट साइड के योग से कम होता है तब वह अंतर सकल लाभ कहलाता है ! यह ट्रेडिंग खाते में डेबिट साइड की और ग्रॉस प्रॉफिट आगे लाकर लिखा जाता है ! इस ग्रॉस प्रॉफिट को प्रॉफिट एंड लोस अकाउंट में ट्रान्सफर कर दिया जाता है ! जहाँ इसे ग्रॉस प्रॉफिट आगे ला कर लिखा जाता है !
ट्रेडिंग अकाउंट के क्रेडिट साइड में निम्न हैड आते है –
विक्रय ( Sales ) : ट्रेडिंग अकाउंट में क्रेडिट साइड की और बिक्री को लिखा जाता है ! इसमें कैश तथा क्रेडिट दोनों तरह की बिक्री शामिल होती है ! यदि कुछ बेचा हुआ माल वापस आ जाता है तब उसे Sale Return कहते है ! इसे कुल बिक्री में से घटाकर दिखाते है !
अंतिम रहतिया ( Closing Stock ) : वर्ष के अंत में जो माल सेल होने से बचा रहता है उसे क्लोजिंग स्टॉक कहते है ! इसे ट्रेडिंग अकाउंट के क्रेडिट साइड की और लिखा जाता है !
सकल हानी ( Gross Loss ) : जब डेबिट साइड का योग क्रेडिट साइड से ज्यादा होता है तब उसका अंतर ग्रॉस लोस कहलाता है ! इसे ट्रेडिंग अकाउंट के डेबिट पक्ष की और लिखा जाता है ! इस ग्रॉस लोस को प्रॉफिट एंड लोस अकाउंट में ट्रान्सफर कर दिया जाता है !
दोस्तों उम्मीद करता हूँ ? What Is Trading Account In Accounting In Hindi लेख आपको जरुर पसंद आया होगा ! अगर Trading Account Meaning In Hindi आपको अच्छा लगा है तो प्लीज इसे शेयर जरुर करे !
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I Am Adv. Jagdish Kumawat. Founder of Financeplanhindi.com . Here We Are Share Tax , Finance , Share Market, Insurance Related Articles in Hindi.