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कॉमर्स का कार्य

कॉमर्स का कार्य
ई कॉमर्स का पूरा नाम या E Commerce Ka Full Form “Electronic Commerce (इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य)” है। E Commerce Ka Matlab इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या इंटरनेट कॉमर्स व्यापार की एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमे हम इंटरनेट के माध्यम से सामान खरीद और बेच सकते है और साथ ही पैसे व डाटा भी ट्रांसफर कर सकते है। कॉमर्स का कार्य इसमें ना दो लोगों के स्थान की बाध्यता होती है और ना समय की।

What is E-commerce | ई-वाणिज्य | E-commerce business in Hindi

ई-वाणिज्य/कोमर्स या ई-व्यवसाय इंटरनेट के कॉमर्स का कार्य माध्यम से होने वाला व्यापार है, जिसमें वस्तु खरीदी एवं बेची जा सकती है। इसके साथ-साथ ग्राहकों को मिलने वाली सेवाएं भी इंटरनेट के माध्यम से समय पर पहुंचाई जा सकती हैं। इस प्रकार इंटरनेट वर्तमान युग में एक कोर बन गया है। मतलब बिना इंटरनेट के जीवन मानो रुक सा जाएगा।

वर्तमान समय में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी एवं दूरसंचार से संबंधित टेलीविजन के व्यवसाय में बड़े पैमाने पर और कॉमर्स का कार्य विश्व स्तर पर काफी बदलाव हो रहे हैं। 1990 से कॉमर्स व्यवसाय ने विज्ञापन, बिक्री और दुनिया भर में अपने उत्पादों का प्रसार करने के लिए इंटरनेट को एक संभावित साधन के रूप में देखा था। भारत ने 1991 के LPG (Liberalization, Privatization, Globalization) सुधारों (Reforms) के बाद कंप्यूटर क्षेत्र में काफी तरक्की की, जिसका कॉमर्स का कार्य फायदा सबसे ज्यादा ई-कॉमर्स वेबसाइट को पहुंचा। जो अपने उत्पाद प्रत्यक्ष रूप से मार्केट में बेचते थे। ऑनलाइन शॉपिंग करना वाणिज्य विभाग में सबसे ज्यादा ई-कॉमर्स को कॉमर्स का कार्य कॉमर्स का कार्य बढ़ावा देता है।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म किस प्रकार के हैं?

ऑनलाइन स्टोर को जनता के लिए सुलभ बनाने के लिए, आपके पास एक होस्टिंग होना चाहिए। होस्टिंग आपकी जानकारी को एक सर्वर पर संग्रहीत करता है, जो इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को आपकी साइट पर जाने और सभी सामग्री को देखने की अनुमति देता है।

हर वेबसाइट को कहीं न कहीं होस्ट किया जाता है, जिसका अर्थ है कि इसमें एक प्रदाता से सर्वर स्पेस समर्पित है। कुछ ईकॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म में निर्मित होस्टिंग हैं, जबकि अन्य की आवश्यकता है कि आप स्वयं-होस्टिंग या ओपन-सोर्स होस्टिंग का उपयोग करें।

होस्ट करवाना

कुछ वेबसाइट निर्माता एक होस्ट किए गए प्लेटफ़ॉर्म की पेशकश करते हैं। इस मामले में, आपको स्वयं या तृतीय-पक्ष होस्टिंग की गड़बड़ी और अतिरिक्त शुल्क संलग्न करने के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

ई-कॉमर्स कितने प्रकार के हैं?

ई-कॉमर्स के चार प्रकार हैं:

  1. बी 2 सी (बिजनेस-टू-कंज्यूमर)
  2. बी 2 बी (बिजनेस-टू-बिजनेस)
  3. सी 2 बी (कंज्यूमर-टू-बिजनेस)
  4. सी 2 सी (कंज्यूमर-टू-कंज्यूमर)

बी 2 सी। यह एक व्यवसाय से एक व्यक्तिगत उपभोक्ता को ऑनलाइन बिक्री को संदर्भित करता है। आपने लोगों को B2C ई-कॉमर्स के लिए डीटीसी, या डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर के रूप में भी सुना होगा।

बी 2 बी। जब एक व्यवसाय किसी अन्य व्यवसाय को ऑनलाइन बेचता है, तो वह बी 2 बी ईकॉमर्स है। इन लेन-देन में थोक खरीद शामिल है, जब क्रय व्यवसाय एक लाभ पर पुनर्विक्रय करना चाहता है, साथ ही व्यावसायिक उपयोग के लिए – कॉमर्स का कार्य कार्यालय की आपूर्ति और उपकरण जैसी चीजें।

आपके लिए कौन सा माध्यम ठीक रहेगा

ई-कॉमर्स यानी बिजनेस को ऑनलाइन ले जाने के लिए सबसे पहले यह देखना होता है कि आपका बिजनेस किस चीज का है और आपके ग्राहक कौन लोग हैं। इसके बाद माध्यम का चुनाव करना ठीक रहता है।

जैसे बी2बी बिजनेस में कारोबारी सीधे ग्राहक से डील करते हैं। तो इसके लिए फ्लीपकार्ट, अमेज़न जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपयोग करना ठीक रहता है। क्योंकि, यहां पर आपकी मार्केटिंग कास्ट बच जाता है। जो लोग उस ई-कॉम प्लेटफॉर्म पर आयेंगे, उनको आपका भी प्रोडक्ट दिखेगा। पसंद आने पर ग्राहक ऑर्डर भी करेगा।

वहीं, बी2बी यानी बिजनेस 2 बिजनेस सेगमेंट में आपका बिजनेस है कॉमर्स का कार्य तो, आपको ग्राहक से डील न करके बिजनेस से डील करना होता है। दूसरे बिजनेस को कुछ चाहिए, तो वह आपकी वेबसाइट पर आयेगा। इसलिए इस सेगमेंट में खुद की वेबसाइट बनवाकर, खुद की होस्टिं लेना ज्यादा सही होता है। इससे आपके बिजनेस की पहचान कायम होती है।

Commerce Ke Bare Mein Jankari

E-commerce Ki Shuruaat वर्ष 1991 से की गई थी, जब पहली बार इंटरनेट को व्यापार के लिए खोला गया था। 1979 में माइकल एल्ड्रिच (Michael Aldrich) ने “Teleshopping” नाम का एक सिस्टम तैयार किया, जिससे सामान की एडवरटाइजिंग टेलीविज़न पर हो और घर बैठे सामान ख़रीदा जा सकें। यहीं से Ecommerce का बीज माना जाता है।

जैसे-जैसे इंटरनेट विकसित होता गया टेलीशॉपिंग भी विकसित होता गया और ई कॉमर्स में परिवर्तित हो गया। अमेज़न और eBay ने ई कॉमर्स को उसके उस मुकाम तक पहुंचाया, जहाँ वो अभी है कॉमर्स का कार्य क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसक्शन्स को मंज़ूर करने वाली ये पहली इंटरनेट कंपनियों में से थी।

Types of E-Commerce in Hindi

ई-कॉमर्स मुख्यतः चार प्रकार के होते है आईये बताते है उनके बारे में:

  • Business-To-Business (B2B):- इसमें एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय यानि एक कंपनी से दूसरी कंपनी से लेन-देन किया जाता है। व्यवसाय से व्यवसाय ई-कॉमर्स में उपभोक्ता का कोई रोल नहीं है। इसमें आमतौर पर कच्चे माल, सॉफ़्टवेयर, या संयुक्त उत्पाद जैसे उत्पाद शामिल होते है। निर्माता बी2बी ईकॉमर्स के माध्यम से सीधे खुदरा विक्रेताओं (Retailers) को भी बेचते है।
  • Business-To-Consumer (B2C):- B2C ई-कॉमर्स सबसे लोकप्रिय ई-कॉमर्स मॉडल है। जिसमें उद्योगपति अपने प्रोडक्ट या सर्विस इंटरनेट के माध्यम से सीधा ग्राहक को बेचता है। बिजनेस टू कंज्यूमर का मतलब है कि बिक्री एक व्यवसाय और एक उपभोक्ता के बीच होती है। ऑनलाइन स्टोर जैसे कि अमेज़न, फ्लिपकार्ट पर सेलर अपने सामान ग्राहकों तक पहुंचता है और उसका उचित मूल्य लेता है।

इ कॉमर्स बिज़नेस कैसे स्टार्ट करे

यदि आप E Commerce Business Kaise Start Kare के बारे में जानना चाहते है तो इसके लिए आपको निचे बताये गए बिंदुओं को पढ़े।

अपने व्यवसाय का नाम दें

व्यावसायिक नाम हमेशा महत्वपूर्ण होते है क्योंकि यह मार्केट में आपको पहचान दिलाता है कि आप क्या बेचना चाहते है। यह आपके व्यवसाय की कानूनी पहचान होगी। आपके द्वारा चुना गया नाम सरल और अद्वितीय होना चाहिए।

डोमेन नाम सेट करें

आप अपने व्यवसाय के नाम पर एक डोमेन नेम यानि वेबसाइट भी बना सकते है। यह आपके और आपके ग्राहकों के बीच संपर्क के रूप में कार्य करता है। यह सुविधाजनक है क्योंकि यहां पर ग्राहक आपके प्रोडक्ट को डायरेक्ट देख सकते है और अगर उन्हें आपका प्रोडक्ट पसंद आता है तो वे उसे यहां से खरीद भी सकते है।

व्यवसाय के प्रकार की पहचान करें और रजिस्टर करें

कॉमर्स का कार्य

E-commerce kise kahate hain | ई-कॉमर्स किसे कहते हैं, थता इसके लाभ।

यदि आप ई-कॉमर्स के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़े जिसमे हमने बिलकुल सरल शब्दों में विस्तार से बताया है, की E-commerce kise kahate hain थता ई-कॉमर्स के प्रकार क्या हैं।

E से अर्थ है (इलेक्ट्रॉनिक) और commerce यानि व्यापार। आज के ऑनलाइन युग में इंटरनेट द्वारा लगभग कॉमर्स का कार्य सभी कार्य किए जा रहे हैं, और जिन कार्यों को ऑनलाइन करना संभव नहीं हो पा रहा है, उनके भी ऑनलाइन विकल्प तलाशे जा रहे हैं।

इसी प्रकार आज व्यापार भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यानि इंटरनेट के द्वारा किया जा रहा है, और इंटरनेट द्वारा किया जा रहा कोई भी व्यापार जिसमे उत्पाद या सेवाओं का खरीदना या बेचना शामिल हो वह E-commerce केहलाता है।

E-commerce kise kahate hain

ई-कॉमर्स को electronic commerce या Internet commerce भी कहा जाता है। यह एक बिज़नेस मॉडल है, जिसमे उत्पाद या सेवाओं को खरीदने या बेचने के लिए इंटरनेट को एक माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता है।

यानि जब इंटरनेट का उपयोग कर उत्पाद या सेवाओं को बेचा या खरीदा जाता है, उसे E-commerce कहते हैं।

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, आप जो भी ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, जैसे कपड़े, जूते, घर का सामान, फर्नीचर या इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद इत्यादि यानि वह हर एक प्रोडक्ट जिसे आप इंटरनेट के द्वारा खरीदते हैं, या फिर बेचते हैं, वह सब ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है।

जिस प्रकार हमारे आस पड़ोस में दुकाने होतीं हैं, जहाँ हम जाते हैं, और अपनी आवश्यकता और पसंद के अनुसार सामान खरीदते हैं, ठीक उसी प्रकार ऑनलाइन या इंटरनेट जगत में भी Ecommerce platforms होते हैं, जैसे Flipkart, Amazon, Shopify, Mintra इत्यादि, यह कॉमर्स का कार्य भारत में कुछ प्रचलित Ecommerce platforms हैं।

ई-कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध

भूमिका : आजकल लोग प्राचीन तरीकों को बहुत ही कम अपनाते है वे प्राचीन तरीकों को अपनाने की जगह पर आधुनिक तरीकों को अधिक अपनाते हैं। पुराने तरीकों में काम बहुत ही समय में होता है लेकिन आधुनिक तरीकों से काम बहुत ही जल्दी हो जाता है।

ई-कॉमर्स का अर्थ : ई कॉमर्स का अर्थ होता है इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या हम कह सकते हैं इंटरनेट द्वारा व्यापार करना। आज के समय में इटरनेट के व्यापार में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। सन् 1998 में इस मिडिया से कॉमर्स का कार्य 43 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। यह आज तक बहुत उन्नति कर रहा है।

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