समाचार के लिए पूर्व स्थिति विदेशी मुद्रा व्यापार

Breaking News In Hindi: देश-दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज
Breaking News Headlines In Hindi (आज की ताजा खबरें): संसद और राज्य विधानसभाओं के सजायाफ्ता सदस्यों को आजीवन चुनाव लड़ने से रोकने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। कांग्रेस ने डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने जर्मन विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक के साथ व्यापक प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। देश-दुनिया की हर खबर के लिए बने रहिए नवभारत टाइम्स ऑनलाइन (www.nbt.in) के साथ.
हाइलाइट्स
दिल्ली: भारत की G20 अध्यक्षता से संबंधित पहलुओं पर चर्चा करने के लिए 5 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई थी। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की और इसमें विभिन्न मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया।
कांग्रेस पार्टी ने कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ का महासचिव, शक्ति सिंह गोहिल को हरियाणा के अलावा दिल्ली का प्रभारी और सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान समाचार के लिए पूर्व स्थिति विदेशी मुद्रा व्यापार का प्रभारी नियुक्त किया है।
दिल्ली में हिट एंड रन की घटना में दो लोगों की मौत का मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया कि ‘हिट एंड रन’ के संदिग्ध मामले में एक अज्ञात वाहन ने कथित तौर पर एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान समीर (21) और मोहम्मद इस्लाम खान (19) के तौर पर की गई है। दोनों दरियागंज के रहने वाले थे।
BJP और गुजरात के लोगों ने नया इतिहास लिखना तय किया है। पिछले 27 सालों से चल रहा ये संबंध आने वाले दिनों में और बेहतरीन होने जा रहा है। ये चुनाव सत्ता की जीत के लिए नहीं बल्कि संबंधों के इतिहास के लिए है। गुजरात में कमल खिलेगा
अमृतसर सेक्टर में तैनात BSF जवानों ने 3-4 दिसंबर की रात को पाकिस्तान की तरफ से आ रहे एक ड्रोन को गोली मारकर नीचे गिराया। हमने इलाके की छानबीन की और आज सुबह हमें ड्रोन और उसके साथ 1-1 किलो के 2 पैकेट में हेरोइन और 200 ग्राम अफ़ीम मिली
हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए जी न्यूज और BARQ के एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है। BJP को 38 तो कांग्रेस को 23 सीटें मिलने का अनुमान है । AAP को 2 और अन्य के खाते में 5 सीटों का अनुमान है।
एबीपी-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक, उत्तर गुजरात की 32 सीटों में से बीजेपी को 21 से 25 सीटें, कांग्रेस को 6 से 10 सीटें, आप को 0 से 1 सीट, अन्य को 0 से 2 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं दक्षिण गुजरात की 35 में बीजेपी को 24 से 28, कांग्रेस को 4 से 8, आप को 1 से 3 सीटें जबकि अन्य को 0 से 2 सीटें मिलती दिख रही हैं। उत्तर गुजरात में बीजेपी को 48 प्रतिशत वोट, कांग्रेस को 40 प्रतिशत और आप को 8 प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के परिणाम कई मायनों में महत्वपूर्ण होने वाले हैं। जीत-हार और सरकार बनाने या मुख्य विपक्षी दल बनने की होड़ के इतर आप के पास इन दो राज्यों के चुनावों से एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने का मौका है। वह है 'राष्ट्रीय राजनीतिक दल' का दर्जा प्राप्त करने का। अभी भारतीय जनता पार्टी (BJP), अखिल भारतीय कांग्रेस (INC), भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI), भारतीय कम्युनिस्टी पार्टी-मार्क्सवादी (CPI-M), अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC), बहुजन समाज पार्टी (BSP), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और राष्ट्रीय पीपुल्स पार्टी (NPP), यानी कुल आठ दलों को राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा मिला हुआ है। एनपीपी को पूर्वोत्तर के चार राज्यों में 'प्रादेशिक राजनीतिक दल' का दर्जा हासिल होने के कारण 2019 में राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा दिया गया। तब से अब तक राष्ट्रीय दलों की लिस्ट में कोई बदलाव नहीं आया है। अब 8 दिसंबर के चुनाव परिणाम बताएंगे कि क्या आप अपना ताकत दिखाकर इस लिस्ट को बदल पाएगी या नहीं।
आम आदमी पार्टी (AAP) तेजी से राष्ट्रीय पटल पर उभरी है। वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विकल्प के तौर पर पैर जमाने की कोशिश में जुटी है। यही कारण है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) ने इस बार राष्ट्रीय महत्व हासिल किया। आप को दिल्ली की सत्ता में आए काफी समय बीत चुका है। एमसीडी चुनाव में वह अपने प्रदर्शन के आधार पर जीत की बाट जोह रही है। चुनाव से ऐन पहले सीएसडीएस-लोकनीति ने एक सर्वे किया था। इसमें जो ट्रेंड सामने आए वो दिलचस्प थे। इससे चुनाव रुझानों के बारे में थोड़ा अंदाज लगाया जा सकता है। सरकार के प्रदर्शन और लोगों की प्राथमिकताओं के आधार पर यह सर्वे हुआ था। इसमें कुछ मोटे सवालों के जवाब तलाशे गए थे। मसलन, दिल्ली किसके लिए वोट करेगी? दलित, मुस्लिम और ओबीसी वोट किस तरफ जा सकते हैं? महिलाओं के लिए प्राथमिकताएं क्या हैं? सर्वे में जिस तरह के जवाब मिले, उससे पता चलता है कि दिल्ली का एमसीडी चुनाव बीजेपी बनाम आप है। इसमें कांग्रेस कहीं दूर तक नहीं है। सबसे दिलचस्प यह है कि आप का पलड़ा भारी है। लोगों का मिजाज बदला है। लोगों को लगता है कि एमसीडी में भी आप होनी चाहिए। ऐसा न होने के कारण दिल्ली सरकार और एमसीडी में रस्साकशी रहती है। इससे कामों में अड़ंगा लगता है। एमसीडी की सत्ता पर सालों से भगवा पार्टी काबिज है। 7 दिसंबर को साफ हो जाएगा कि बीजेपी एमसीडी की सत्ता में कायम रहेगी या फिर आप उलटफेर करेगी।
अधिकांश एक्जिट पोल में यह देखने को मिल रहा है कि हिमाचल में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। 1-2 जगह ऐसी हैं जहां कांटे की टक्कर दिखाई जा रही है, तो मुझे लगता है कि हमें 8 तारीख तक इंतजार करना चाहिए जब तक नतीजे नहीं आ जाते हैं
Good News: अफ्रीका में रहने वाला अरबपति बेटा अपने पिता की तरह महाराष्ट्र में हजारों को खिलाता है खाना
अफ्रीका से घर वापस आने की अपनी लगातार यात्राओं पर, वह अपने पिता की रोज की आदत रोटियां बांटना या यह सलाह कभी नहीं भूलते कि किसी को भी दरवाजे से खाली हाथ नहीं जाने दो और इस सलाह को आगे ले जाने के लिए कुछ करने का फैसला किया.
यवतमाल (महाराष्ट्र), 4 दिसंबर: दशकों पहले, महाराष्ट्र राज्य रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एमएसआरटीसी) के यवतमाल जिले में चालक अब्दुल नरसिंहनी को अपने काम के अलावा एक अजीब आदत थी. हर सुबह वह अपनी पत्नी फातिमा को कुछ रोटियां पैक करने का निर्देश देते थे, उन्हें अपनी जेब में रखते और बस में सवार होकर अपने रूट पर रवाना हो जाते और अलग-अलग स्टॉप पर वे कुछ गरीब लोगों के बीच रोटियां बांट देते थे. Clean Air Survey: यूपी की लखनऊ शहर की हवा सबसे साफ, स्वच्छ वायु सर्वे में मिला पहला स्थान
उनके छोटे बच्चे- बेटों अमन, असलम और बेटी फरीदा को उनकी उस आदत के बारे में पता था. उन्हें अक्सर अपने पिता की दूसरों के लिए चिंता करने पर ताज्जुब होता था, जबकि वह खुद यावतमल में 200 वर्ग फुट की एक झुग्गी में रहते थे, वह भी किराये पर ली हुई.
सालों बाद अमन की उम्र 45 और असलम की उम्र 43 हो चुकी है और वह कांगो (पूर्व में जैरे), अफ्रीका में सफल व्यवसायी हैं, और फरीदा बुधवानी मुंबई में एक गृहिणी हैं और अब वह अपने पिता की तरह ही गरीब बच्चों की मदद करते हैं.
अमन ने आईएएनएस को बताया, "हम भाइयों ने उच्च माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 12) को पूरा किया और युगांडा में नौकरी मिली, हम 1998 में वहां चले गए. सिर्फ तीन साल (2000) में हमें आस-पास के देश, कांगो में एक दवा व्यवसाय शुरू करने का प्रस्ताव मिला, और हमने इस मौके का फायदा उठाया."
यह नरसिंहनी भाइयों के लिए मोड़ था, और वह कांगो में व्यवसाय शुरू करने वाले पहले भारतीय बन गए और उनके उद्यम को सारा फार्मास्यूटिकल्स नाम दिया गया. अमन ने कहा, कई अफ्रीकियों के पास हर चीज के लिए दवाओं में पॉप करने के लिए एक बुत है..हमने भारत या चीन से विभिन्न प्रकार की दवाओं का आयात किया और फिर उन्हें वहां बेच दिया..धीरे-धीरे, छोटे व्यवसाय में 1,200 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के कारोबार के साथ एक फार्मा-कम-इलेक्ट्रॉनिक्स साम्राज्य में वृद्धि हुई है.
अफ्रीका से घर वापस आने की अपनी लगातार यात्राओं पर, वह अपने पिता की रोज की आदत रोटियां बांटना या यह सलाह कभी नहीं भूलते कि किसी को भी दरवाजे से खाली हाथ नहीं जाने दो और इस सलाह को आगे ले जाने के लिए कुछ करने का फैसला किया.
अमन ने कहा, "2009 से हमने एक सामुदायिक रसोई लॉन्च की जो दोपहर के भोजन के लिए लगभग 750 लोगों को खिलाते हैं और लगभग 250 लोगों को रोजाना रात का खाना खिलाया जाता है..98 प्रतिशत लाभार्थी स्थानीय गरीब लोग हैं, धर्म या स्थिति के बावजूद सभी का समान रूप से स्वागत है. "
'खिदमत-ए-खलक' (निस्वार्थ सेवा) के माध्यम से रोजाना लोगों को अच्छी गुणवत्ता वाले चावल-शाकाहारी, सब्जी और चिकन बिरयानी और अन्य खाद्य पदाथ दिए जाते हैं, और यवतमाल में कुछ स्थानों पर पूरे साल वितरित किया जाता है. इसने कोविड-19 महामारी (2020-2021) में लॉकडाउन के दौरान लाखों वंचित लोगों के लिए सही मूल्य और उपयोगिता साबित की, विशेष रूप से प्रवासी लोग जो घर से दूर फंसे हुए थे, उन्हें खाना खिलाया.
असलम ने कहा, कड़े लॉकडाउन के पहले छह महीनों में हमने 1.50 करोड़ से अधिक लोगों को खिलाया, असहाय लोगों को जो अपनी नौकरी खो चुके थे, 2 करोड़ रुपये के लगभग 25 किलोग्राम के राशन किट वितरित किए. अक्टूबर 2020 में लॉकडाउन के बाद नरसिंहनी भाइयों ने स्थानीय श्री वासान्त्रो नाइक गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया, जहां उन्होंने एक वर्ष से अधिक के लिए सभी रोगियों को मुफ्त भोजन परोसा.
जैसा कि मध्य अफ्रीका में फार्मा व्यवसाय फला-फूला, उन्होंने प्रगति की, अपने 200-वर्गफुट किराए के घर को बदल दिया से अपग्रेड किया. यवतमाल में 10,000 वर्ग फुट की हवेली में रहने लगे, जहां वह सबसे सम्मानित नागरिकों में गिने जाते हैं. अब्दुल नरसिंहनी, जिन्होंने अपने बच्चों को अन्य लोगों की देखभाल के लिए अमूल्य सीख दी, खुशी और गर्व के साथ सब कुछ देखा. साल 2015 में उनका निधन हो गया, जबकि 71 वर्षीय उनकी मां फातिमा ने अपने दो बेटों का मार्गदर्शन और साथ देना जारी रखा.
अफ्रीका में व्यापार करना हर किसी के लिए आसान नहीं है, वहां कई देशों में राजनीतिक उथल-पुथल को देखते हुए साथ ही सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषा की बाधाएं हैं, लेकिन नरसिंघानी भाई केवल कुछ वर्षो में सबकुछ सीखने में कामयाब रहे और उन्हें युगांडा, कांगो और मध्य अफ्रीकी क्षेत्र के अन्य देशों में स्वीकार किया गया.
अमन ने कहा, "हालांकि हमने पिछले 25 वर्षो में बहुत सारे सामाजिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक उथल-पुथल को देखा है, लेकिन सौभाग्य से, भारतीय समुदाय को किसी भी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा और हमें संभवत: बाकी लोगों के बीच 'समान से अधिक' माना जाता है."
फार्मा व्यवसाय धीरे-धीरे अफ्रीका के भीतर विस्तारित हो गया है और हाल ही में जोड़ी ने इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेडिंग में विविधता की है. नरसिंगनिस स्वीकार करते हैं, "हमारे माता-पिता ने हमें जो कहा है, हमें जो सिखाया है, हम अपने छोटे से तरीके से सभी चीजों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं."
भारत के साथ एफटीए ऑस्ट्रेलियाई संसद से मंजूर
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई संसद (Australian Parliament) ने मंगलवार को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) (एफटीए-FTA) को मंजूरी दे दी। अब दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री (Australian Prime) एंथनी अल्बनीज (Anthony Albanese) ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘बड़ी खबर: भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है।’ भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (एआई-ईसीटीए) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता थी। भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ‘खुशी है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पारित कर दिया है।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘हमारी गहरी दोस्ती के चलते, यह हमारे लिए व्यापार संबंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मंच तैयार करता है।’ एक अधिकारी ने कहा कि अब दोनों पक्ष आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा। सीमा शुल्क अधिकारी इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करेंगे।
एफटीए लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में समाचार के लिए पूर्व स्थिति विदेशी मुद्रा व्यापार शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी। समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद ऐसे हैं, जिस पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है।
वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात तथा 16.75 अरब डॉलर का आयात किया था। (भाषा)
आयातित तेल के दाम टूटना जारी, तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में तेल-तिलहनों के दाम टूटना जारी रहने के कारण में देशी तेल तिलहनों के भाव प्रभावित हुए, जिससे दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ), बिनौला और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली। देशी तेल तिलहनों की पेराई महंगा बैठने और सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले इन तेलों के भाव बेपड़ता होने के बीच सरसों और मूंगफली तेल-तिलहन तथा सोयाबीन तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
बाजार सूत्रों ने कहा, ‘‘विदेशी तेलों में आई गिरावट हमारे देशी तेल तिलहनों पर कड़ा प्रहार कर रहा है जिससे समय रहते नहीं निपटा गया तो स्थिति संकटपूर्ण होने की संभावना है। विदेशी तेलों के दाम धराशायी हो गये हैं और हमारे देशी तेलों के उत्पादन की लागत अधिक बैठती है। अगर स्थिति को संभाला नहीं गया तो देश में तेल तिलहन उद्योग और इसकी खेती गंभीर रूप से प्रभावित होगी। सस्ते आयातित तेलों पर आयात कर अधिकतम करते हुए स्थिति को संभाला नहीं गया तो किसान तिलहन उत्पादन बढ़ाने के बजाय तिलहन खेती से विमुख हो सकते हैं क्योंकि देशी तेलों के उत्पादन की लागत अधिक होगी। देश के आयात पर पूर्ण निर्भरता होने के कारण भारी मात्रा में विदेशीमुद्रा का अपव्यय बढ़ सकता है।’’
सूत्रों ने कहा कि सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और बिनौला जैसे देशी तेल तिलहन की हमें बिजाई हर साल करनी होती है। इसके अलावा खाद, पानी, बिजली, डीजल, मजदूरी जैसी लागत हर साल वहन करना होता है लेकिन पाम और पामोलीन के मामले में यह स्थिति भिन्न है क्योंकि एक बार इनके पेड़ लगाने के बाद मामूली देखरेख खर्च के साथ बगैर बड़ी लागत के अगले लगभग कई सालों तक ऊपज प्राप्त होती रहती है।
सूत्रों ने कहा कि कई तेल तिलहन विशेषज्ञ, पूर्वोत्तर राज्यों सहित देश के कुछ अन्य भागों में पाम की खेती बढ़ाने की सलाह देते हैं और इस दिशा में सरकार ने प्रयास भी किये हैं। ऐसा करना एक हद तक सही समाचार के लिए पूर्व स्थिति विदेशी मुद्रा व्यापार है लेकिन यदि हमें पशुचारे, डीआयल्ड केक (डीओसी) और मुर्गीदाने की पर्याप्त उपलब्धता और आत्मनिर्भरता चाहिये तो वह सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और बिनौला जैसे देशी फसलों से ही प्राप्त हो सकता है। निजी उपयोग के अलावा इसका निर्यात कर देश के लिए विदेशीमुद्रा भी अर्जित किया जा सकता है। तेल तिलहन के संदर्भ में इन वास्तविकताओं को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लिया जाना चाहिये।
सूत्रों ने कहा कि देश के प्रमुख तेल संगठनों को सरकार को जमीनी हकीकत भी बताना चाहिये कि सस्ते खाद्यतेलों के आयात से देश के तेल तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य गंभीर रूप से प्रभावित होगा और इस स्थिति को बदलने के लिए इन सस्ते आयातित तेलों पर पहले की तरह और हो सके तो अधिकतम सीमा तक आयात शुल्क लगा दिया जाना चाहिये। अगर खाद्य तेलों के दाम कम रहे तो खल की भी उपलब्धता कम हो जायेगी।
सस्ते आयात के मद्देनजर सीपीओ, पामतेल, बिनौला और सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट आई। जबकि शादी विवाह के मौसम की मांग के बीच देशी तेलों का भाव बेपड़ता बैठने के कारण सरसों और मूंगफली तेल तिलहन और सोयाबीन दाना एवं सोयाबीन लूज (तिलहन) के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।
शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 7,100-7,150 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।